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Shivling Par Jal Kaise Chadhaye: क्या आप जानते हैं शिवलिंग पर जल कैसे चढ़ाएं? अगर नहीं! तो जानिए सही तरीका, विधि व मंत्र 

Shivling Par Jal Kaise Chadhaye
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शिवलिंग पर जल कैसे चढ़ाएं (Shivling par jal kaise chadhaye) : शिवलिंग (Shivling) पर जल चढ़ाना हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण और पवित्र कर्म माना जाता है। भगवान शिव (Lord Shiva) को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए भक्त बड़े श्रद्धा और भक्ति भाव से शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने का एक सही तरीका और विधि होती है? क्या आपको पता है कि शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि शिवलिंग (Shivling) पर जल कैसे चढ़ाना चाहिए। शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय हमें किस दिशा की ओर मुंह करके बैठना या खड़ा होना चाहिए। शिवलिंग (Shivling) पर चढ़ाया गया जल किस दिशा में बहना चाहिए। साथ ही हम यह भी जानेंगे कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने का क्या महत्व है और इससे क्या लाभ मिलते हैं।

तो चलिए जानते हैं शिवलिंग (Shivling) पर जल चढ़ाने के इन रोचक रहस्यों के बारे में विस्तार से…

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Table Of Content 

S.NOप्रश्न
1शिवलिंग पर जल कैसे चढ़ाएं?
2शिवलिंग पर जल बैठकर चढ़ाएं या खड़े होकर?
3शिवलिंग पर जल चढ़ाने के पांच तरीके
4शिवलिंग पर जल चढ़ाने का मंत्र
5शिवलिंग पर जल किस दिशा में होकर चढ़ाना चाहिए?
6शिवलिंग पर सबसे पहले जल कहां चढ़ाना चाहिए?
7शिवलिंग का पानी किस दिशा में गिरना चाहिए?

शिवलिंग पर जल कैसे चढ़ाएं? (Shivling Par Jal Kaise Chadhayein)

Shivling Par Jal Kaise Chadhayein

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शिवलिंग (Shivling par jal kaise chadhaye) पर जल चढ़ाने की विधि सरल और महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, तांबे के लोटे में गंगाजल लें और शिवलिंग की जलहरी के दाईं ओर चढ़ाएं, जो भगवान गणेश (Lord Ganesh) का स्थान है। फिर बाईं ओर, कार्तिकेय (Lord Kartikeya) के स्थान पर जल चढ़ाएं। इसके बाद, जलहरी के बीच में अशोक सुंदरी (Goddess Ashok Sundari) के स्थान पर और गोलाकार हिस्से में माता पार्वती (Goddess Parvati) के स्थान पर जल अर्पित करें। अंत में, शिवलिंग पर धीरे-धीरे जल चढ़ाएं।

शिवलिंग पर जल चढ़ाने के पांच तरीके (Shivling Par Jal Chadhane ke 5 Tarike)

Shivling Par Jal Chadhane ke 5 Tarike

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शिवलिंग (Shivling) पर जल चढ़ाने के 5 सही तरीके:

  • सही दिशा में मुख करके जल चढ़ाएं: शिवपुराण के अनुसार, शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय आपका मुख उत्तर या पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जल चढ़ाना शुभ नहीं माना जाता।
  • बैठकर धीरे-धीरे जल चढ़ाएं: शिवलिंग (Shivling par jal kaise chadhaye) पर जल खड़े होकर या तेज़ी से चढ़ाना ठीक नहीं। हमेशा बैठकर या कमर झुकाकर धीमी गति से जल चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से जल पूर्ण रूप से शिवलिंग को समर्पित होता है।
  • तांबे या चांदी के पात्र का प्रयोग करें: शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए तांबे या चांदी के लोटे का प्रयोग करना शुभ माना जाता है। स्टील या प्लास्टिक के बर्तनों से बचना चाहिए। हालांकि दूध चढ़ाते समय तांबे के पात्र का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • जल को ना लांघें: शिवलिंग से बहते हुए जल को कभी भी लांघना नहीं चाहिए। ऐसा करने से वास्तुदोष हो सकता है। जल चढ़ाने के बाद शिवलिंग की परिक्रमा भी नहीं करनी चाहिए।
  • सही विधि से जल चढ़ाएं: सबसे पहले शिवलिंग के दाएं भाग पर जल चढ़ाएं जो भगवान गणेश (Lord Ganesh) का स्थान माना जाता है। फिर बाएं भाग पर जो कार्तिकेय का स्थान है। उसके बाद बीच में अशोक सुंदरी का स्थान है। अंत में शिवलिंग के गोल भाग पर माता पार्वती के स्थान पर जल चढ़ाएं।

शिवलिंग पर जल बैठकर चढ़ाएं या खड़े होकर? (Shivling Par Jal Baithe kar Chadayein Ya Khade Hokar)

Shivling Par Jal Baithe kar Chadayein Ya Khade Hokar

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शिवलिंग (Shivling) पर जल चढ़ाने का सही तरीका बैठकर जल अर्पित करना है। कभी भी खड़े होकर शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए। हमेशा तांबे, चांदी या पीतल के पात्र से जल चढ़ाएं, स्टील के बर्तन से नहीं। शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय ‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करें।

शिवलिंग पर जल चढ़ाने का मंत्र (Shivling Par Jal Chadhane ka Mantra)

Shivling Par Jal Chadhane ka Mantra

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शिवलिंग पर जल चढ़ाने के समय कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है। यहां तीन ऐसे ही मंत्र दिए गए हैं:

S.NOमंत्र
1“ॐ नम: शिवाय”
2“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्”
3“नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्…”

शिवलिंग पर जल किस दिशा में बैठकर चढ़ाना चाहिए? (Shivling Par Jal kis Disha Me Baith kar Chadhana Chahiye)

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शिवलिंग (Shivling) पर जल चढ़ाने का क्रम एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान है जिसे निर्धारित नियमों के अनुसार करना चाहिए। इसे करते समय, भक्त को अपना मुख उत्तर या दक्षिण दिशा में रखना चाहिए। जल को धीरे-धीरे और सूक्ष्म धारा में चढ़ाना चाहिए, इसे ज़ोर से नहीं डालना चाहिए।

शिवलिंग पर सबसे पहले जल कहां चढ़ाना चाहिए? (Shivling Par Sabse Pahle Jal Kahan Chadhana Chahiye)

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शिवलिंग (Shivling par jal kaise chadhaye) पर जल चढ़ाने का एक विशेष क्रम है जिसका पालन करना चाहिए। सबसे पहले, जलहरी के दाईं ओर जल चढ़ाएं, जो भगवान गणेश का स्थान माना जाता है। फिर बाईं ओर भगवान कार्तिकेय के स्थान पर जल चढ़ाएं। इसके बाद, जलहरी के बीचोंबीच अशोक सुंदरी के स्थान पर और गोलाकार भाग में माता पार्वती के स्थान पर जल चढ़ाएं। अंत में, धीरे-धीरे स्वयं शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। ध्यान रहे कि जल चढ़ाते समय हमेशा तांबे का लोटा प्रयोग करें और बैठकर ही जल चढ़ाएं, कभी खड़े होकर नहीं।

शिवलिंग का पानी किस दिशा में गिरना चाहिए? (Shivling ka Pani kis Disha Me Girna Chahiye)

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शिवलिंग (Shivling) की पूजा एक विशेष क्रम में की जाती है। जब जलाभिषेक करते हैं, जल की दिशा महत्वपूर्ण होती है। शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद, जल उत्तर दिशा की ओर बहना चाहिए। इसके अलावा, शिवलिंग को ऐसे रखना चाहिए कि इसका गीला हिस्सा दक्षिण दिशा की ओर और सूखा हिस्सा उत्तर दिशा की ओर हो। जब जल चढ़ाते हैं, तो उत्तर दिशा की ओर मुँह करना चाहिए। इस प्रक्रिया का पालन करते समय, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि जल धीरे-धीरे और स्थिरता के साथ चढ़ाया जाए।

Conclusion:-Shivling par jal kaise chadhaye

शिवलिंग (Shivling par jal kaise chadhaye) पर जल चढ़ाने के ये नियम हमारे प्राचीन धर्मग्रंथों में वर्णित हैं। इन नियमों का पालन करके भगवान शिव की विधिवत पूजा की जा सकती है। सही विधि से जल चढ़ाने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। शिवलिंग पर जल चढ़ाने की नियम व विधि से संबंधित यह बेहद खास लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया इस लेख को अपने सभी प्रिय मित्रों वी शिव भक्तों के साथ साझा करें। ऐसे ही और भी धार्मिक, व्रत एवं त्योहार से संबंधित और भी लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करें।

FAQ’s:-Shivling par jal kaise chadhaye

Q. शिवलिंग पर जल कैसे चढ़ाना चाहिए?  

Ans. शिवलिंग पर जल चढ़ाने का सबसे सही तरीका है – पहले गणेश जी, फिर कार्तिकेय, अशोक सुंदरी और अंत में शिवलिंग पर जल चढ़ाना। शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय धीमी धार से जल गिराना चाहिए।

Q. शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय किस दिशा में खड़े होना चाहिए? 

Ans. शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय हमेशा दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके खड़े होना चाहिए। पूर्व, पश्चिम या उत्तर दिशा में मुंह करके जल नहीं चढ़ाना चाहिए।

Q. शिवलिंग पर जल किस दिशा से गिरना चाहिए? 

Ans. शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय जल उत्तर दिशा की ओर से गिरना चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव और माता पार्वती दोनों प्रसन्न होते हैं।

Q. शिवलिंग पर खड़े होकर जल चढ़ाना चाहिए या बैठकर? 

Ans. पुराणों के अनुसार शिवलिंग पर बैठकर ही जल चढ़ाना चाहिए। खड़े होकर जल चढ़ाने से वह महादेव को पूर्णतः समर्पित नहीं होता और उसका पूरा लाभ नहीं मिलता।

Q. शिवलिंग पर जल किस बर्तन से चढ़ाना चाहिए? 

Ans. शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए तांबे का लोटा या कलश सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। स्टील या प्लास्टिक के बर्तन का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

Q. शिवलिंग पर जल चढ़ाने की विधि क्या है?

Ans. शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय धीमी धार से जल चढ़ाना चाहिए। तेज धार से जल चढ़ाना शुभ नहीं माना जाता। शिवलिंग पर चढ़ाया गया जल कभी भी नहीं लांघना चाहिए।