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6 Mukhi Rudraksha ke Fayde Aur Nuksan: क्या हैं छह मुखी रुद्राक्ष के फायदे और नुकसान?, जानिए पहनने की विधि, नियम व मंत्र के बारे में

6 Mukhi Rudraksha ke fayde aur nuksan
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छह मुखी रुद्राक्ष के फायदे और नुकसान (6 Mukhi Rudraksha ke Fayde Aur Nuksan): रुद्राक्ष एक पवित्र और आध्यात्मिक रत्न है, जो भगवान शिव का प्रतीक है। यह रत्न व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति लाने में मदद करता है। रुद्राक्ष के विभिन्न प्रकार हैं, जिनमें से 6 मुखी रुद्राक्ष एक विशेष और शक्तिशाली रत्न है। यह रत्न भगवान कार्तिकेय का प्रतीक है, जो इसकी शक्ति और महत्व को दर्शाता है। भगवान कार्तिकेय को ज्ञान, साहस और शक्ति का देवता माना जाता है, और 6 मुखी रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति को इन गुणों की प्राप्ति होती है। 6 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे और नुकसान क्या हैं? इसके पहनने का सही नियम व विधि क्या है? और इसके पहनने का प्रमुख मंत्र क्या है? इन सभी सवालों के जवाब जानने से पहले, यह जानना आवश्यक है कि 6 मुखी रुद्राक्ष क्यों इतना महत्वपूर्ण है। यह रत्न व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है और उनके जीवन को सुखमय बनाता है।

इस लेख में, हम आपको 6 मुखी रुद्राक्ष से जुड़े सभी सवालों के जवाब देंगे। हम आपको बताएंगे कि 6 मुखी रुद्राक्ष क्या है, इसके पहनने के फायदे और नुकसान कौन से हैं, इसके पहनने का सही नियम व विधि क्या है, और इसके पहनने का प्रमुख मंत्र क्या है। 

तो आइए, 6 मुखी रुद्राक्ष के महत्त्व को जानते  हैं और अपने जीवन को सुखमय बनाते हैं….

छह मुखी रुद्राक्ष क्या है? (6 Mukhi Rudraksha kya Hai)

6 मुखी रुद्राक्ष (6 Mukhi Rudraksha) अपनी विशिष्टता उन छह प्राकृतिक सीधी रेखाओं में समाहित रखता है, जो इसकी सतह पर अंकित होती हैं और इसे समस्याओं का समाधान करने वाला एक अनूठा रुद्राक्ष बनाती हैं। इसे भगवान कार्तिकेय का संरक्षण प्राप्त है, जो भगवान शिव और माता पार्वती के ज्येष्ठ पुत्र हैं। तारकासुर राक्षस के आतंक से देवताओं और पृथ्वी की रक्षा के लिए भगवान कार्तिकेय का जन्म हुआ था। विशेष रूप से, यह रुद्राक्ष मंगल ग्रह से संबंधित होते हुए भी शुक्र ग्रह के प्रभाव में आता है और तीन प्रमुख देवियों – सरस्वती, लक्ष्मी, और पार्वती – के स्वरूप का प्रतीक माना जाता है। 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को अद्वितीय आध्यात्मिक आशीर्वाद मिलता है, जो उसकी सभी समस्याओं को दूर कर जीवन में शांति, समृद्धि और सुख का संचार करता है।

छह मुखी रुद्राक्ष के फायदे और नुकसान (6 Mukhi Rudraksha Pehnne ke Fayde Aur Nuksan)

छह मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

  • धन और समृद्धि में वृद्धि: 6 मुखी रुद्राक्ष को पहनने से व्यक्ति के जीवन में धन और समृद्धि का आगमन होता है। इसे विशेष रूप से व्यापार और नौकरी में लाभकारी माना जाता है।
  • शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: यह रुद्राक्ष तनाव, चिंता, और अवसाद को कम करने में मदद करता है। साथ ही, यह मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाता है।
  • वाणी में सुधार: 6 मुखी रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति की वाणी में मिठास आती है और वह प्रभावशाली ढंग से संवाद कर पाता है। इससे सामाजिक और पेशेवर जीवन में सुधार होता है।
  • सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास: इसे पहनने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है। यह मन को स्थिर और संतुलित बनाए रखने में मदद करता है।
  • ग्रह दोषों का निवारण: 6 मुखी रुद्राक्ष को भगवान कार्तिकेय से जुड़ा माना जाता है और इसे पहनने से मंगल ग्रह के दोषों से मुक्ति मिलती है।

छह मुखी रुद्राक्ष पहनने के नुकसान

  • नियमों का पालन करना आवश्यक: छह मुखी रुद्राक्ष पहनते समय कुछ नियमों का पालन करना होता है। इसे साबुन, तेल, रसायनों और धूल से दूर रखना चाहिए। सोते समय इसे पहनना नहीं चाहिए।
  • तामसिक भोजन और बुरी आदतों से बचना: जब आप छह मुखी रुद्राक्ष पहनना चुनते हैं तो तामसिक भोजन और बुरी आदतों से बचना चाहिए।
  • नियमित पूजा की आवश्यकता: छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से पहले इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपको हर दिन पवित्र 6 मुखी की पूजा करने की आवश्यकता है।
  • शराब और मांसाहार से परहेज: रुद्राक्ष पहनने के बाद शराब और मांसाहार का सेवन करने से बचना चाहिए।

छह मुखी रुद्राक्ष पहनने की विधि व नियम (6 Mukhi Rudraksha Pehnne ki Vidhi Aur Niyam)

छह मुखी रुद्राक्ष (6 Mukhi Rudraksha) को धारण करने के लिए सोमवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इसे पहनने से पहले आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए, ताकि शरीर और मन शुद्ध हो सकें। स्नान के बाद, अपने घर की पूर्व दिशा में बैठकर भगवान शिव का ध्यान करें। रुद्राक्ष को अभिमंत्रित करने के लिए “ॐ ह्रीं हं नम:” मंत्र का 108 बार जाप करें। इस प्रक्रिया से रुद्राक्ष में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो धारणकर्ता के जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालती है। जब यह प्रक्रिया पूरी हो जाए, तो रुद्राक्ष को विधि-विधान से पहन लें। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि रुद्राक्ष धारण करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें, ताकि आपको सही मार्गदर्शन मिल सके और रुद्राक्ष आपके लिए अधिक फलदायी सिद्ध हो सके। इस छोटे से उपाय से न केवल आपकी आध्यात्मिक उन्नति होगी, बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव भी महसूस होंगे।

छह मुखी रुद्राक्ष पहनने का मंत्र ( 6 Mukhi Rudraksha Pehnne ka Mantra)

6 मुखी रुद्राक्ष धारण (6 Mukhi Rudraksha) करने के लिए “ॐ ह्रीं हं नम:” मंत्र का उच्चारण किया जाता है। इस पवित्र मंत्र का 108 बार जाप करने से रुद्राक्ष में सकारात्मक ऊर्जा सक्रिय होती है।

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Conclusion:-6 Mukhi Rudraksha ke Fayde Aur Nuksan

आशा करते हैं की (छह मुखी रुद्राक्ष के फायदे और नुकसान) से संबंधित यह बेहद खास लेख आपको पसंद आया होगा अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद

FAQ’s:-6 Mukhi Rudraksha ke Fayde Aur Nuksan

1. 6 मुखी रुद्राक्ष के मुख्य फायदे क्या हैं?

  • मानसिक शांति: 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मानसिक शांति मिलती है और व्यक्ति को तनाव से मुक्ति मिलती है।
  • आत्मविश्वास में वृद्धि: यह रुद्राक्ष आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक होता है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन में बेहतर निर्णय ले सकता है।
  • धन और समृद्धि: ऐसा माना जाता है कि यह रुद्राक्ष व्यक्ति को आर्थिक समृद्धि और सफलता दिलाने में मदद करता है।
  • स्मरण शक्ति और ज्ञान: विद्यार्थियों और पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने वालों के लिए यह रुद्राक्ष बेहद फायदेमंद होता है, क्योंकि यह स्मरण शक्ति और एकाग्रता में सुधार करता है।
  • स्वास्थ्य लाभ: 6 मुखी रुद्राक्ष हृदय, मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करता है।

2. क्या 6 मुखी रुद्राक्ष के कोई नुकसान भी हैं?

6 मुखी रुद्राक्ष के सीधे कोई नुकसान नहीं होते, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है:

  • सही ढंग से पहनना: यदि इसे विधिपूर्वक और शुद्धता के साथ नहीं धारण किया जाता है, तो इसका लाभ नहीं मिल सकता।
  • शुद्धता का ध्यान रखना: इसे धारण करने वाले को अपने विचारों और कार्यों की शुद्धता बनाए रखनी चाहिए। नकारात्मकता से भरा जीवन जीने पर इसके लाभ सीमित हो सकते हैं।
  • संवेदनशील त्वचा पर एलर्जी: कभी-कभी कुछ लोगों को रुद्राक्ष धारण करने से त्वचा पर हल्की जलन या एलर्जी हो सकती है। इसलिए इसे धारण करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।

3. 6 मुखी रुद्राक्ष कौन पहन सकता है?

6 मुखी रुद्राक्ष हर व्यक्ति धारण कर सकता है, चाहे वह किसी भी उम्र का हो। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभदायक है जो मानसिक शांति, आत्म-नियंत्रण और स्वास्थ्य सुधार की इच्छा रखते हैं। विद्यार्थी, शिक्षक और व्यवसायी इससे विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

4. 6 मुखी रुद्राक्ष को कब और कैसे पहनना चाहिए?

  • इसे मंगलवार या शुक्रवार के दिन धारण करना सबसे शुभ माना जाता है।
  • इसे धारण करने से पहले इसे गाय के दूध और गंगाजल से शुद्ध करें।
  • इस दौरान “ॐ ह्रीं हुं नम:” मंत्र का जाप करें और भगवान शिव या भगवान कार्तिकेय से प्रार्थना करें।

5. क्या 6 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लिए किसी विशेष नियम का पालन करना पड़ता है?

  • इसे धारण करने वाले व्यक्ति को संयमित जीवन जीना चाहिए।
  • शराब, मांसाहार और नकारात्मक कार्यों से बचना चाहिए।
  • नियमित रूप से इसकी पूजा और देखभाल करना आवश्यक है।

6. क्या 6 मुखी रुद्राक्ष पहनने से जीवन में आर्थिक लाभ होते हैं?

हां, इसे धारण करने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। यह व्यक्ति को बेहतर निर्णय लेने में सक्षम बनाता है और जीवन में समृद्धि लाने में मदद करता है।