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Akshardham Mandir Delhi: दुनिया भर में क्यों प्रसिद्ध है दिल्ली का अक्षरधाम मंदिर? जानिए इसके इतिहास, वास्तुकला, दर्शन समय, के बारे में।

Akshardham Mandir Delhi
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अक्षरधाम मंदिर दिल्ली (Akshardham Mandir Delhi): दिल्ली (Delhi) की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत में अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Mandir) का विशेष स्थान है। यह भव्य मंदिर परिसर न केवल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, बल्कि अपनी अद्भुत वास्तुकला और कलात्मक सौंदर्य के कारण पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण है। इस मंदिर की स्थापना और निर्माण की कहानी भी उतनी ही रोचक है, जितनी कि इसकी संरचना। अक्षरधाम मंदिर स्वामीनारायण सम्प्रदाय का एक प्रमुख केंद्र है, जो भगवान स्वामीनारायण (Bhagwan Swaminarayan) की शिक्षाओं को प्रसारित करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अक्षरधाम मंदिर का इतिहास क्या है? इसकी वास्तुकला कैसी है? मंदिर में दर्शन का समय क्या है? और यहां कैसे पहुंचा जा सकता है? इस लेख में, हम आपको अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Mandir) के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। हम आपको बताएंगे कि अक्षरधाम मंदिर की विशेषताएं क्या हैं, इसका महत्व क्या है, और यहां क्या देखा जा सकता है।

यह लेख अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Mandir) के जातकों के लिए तो उपयोगी होगा ही, साथ ही अन्य पर्यटकों को भी अक्षरधाम मंदिर के बारे में जानने में मदद करेगा। इस लेख के माध्यम से, आप अक्षरधाम मंदिर के बारे में सभी प्रकार की जानकारी विस्तार से प्रदान करेंगे…

अक्षरधाम मंदिर दिल्ली क्या है? (Akshardham Mandir Kya Hai)

दिल्ली (Delhi) का अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Mandir) एक अद्भुत और विशाल हिंदू मंदिर परिसर है, जो यमुना नदी के किनारे, भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित है। इसे विश्व का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर माना जाता है और यह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है। इसका नाम “अक्षरधाम” का अर्थ है “ईश्वर का दिव्य निवास,” जो भक्ति, पवित्रता और शांति का प्रतीक है। इस भव्य मंदिर का निर्माण बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) ने किया और इसे 6 नवंबर 2005 को आम जनता के लिए खोला गया। अक्षरधाम मंदिर भगवान स्वामीनारायण के साथ-साथ हिंदू धर्म के अन्य देवताओं और महान संतों को समर्पित है। यहां भारत की प्राचीन वास्तुकला और सांस्कृतिक विरासत का एक अनूठा संगम देखने को मिलता है। अपनी भव्यता, कलाकृतियों और आध्यात्मिक वातावरण के लिए अक्षरधाम मंदिर प्रसिद्ध है, जो हर दर्शक को अपनी ओर आकर्षित करता है।

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अक्षरधाम मंदिर का इतिहास क्या है? (Akshardham Mandir Ka Itihas Kya Hai)

दिल्ली का अक्षरधाम या स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर (Swaminarayan Akshardham Mandir) न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह एक साहित्यिक और सांस्कृतिक अनुभव का केंद्र भी है। इस भव्य मंदिर में लाखों हिंदू साहित्य, संस्कृतियों और कलाकृतियों को आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। दिल्ली आने वाले पर्यटकों में से लगभग 70% इस मंदिर के आकर्षण से प्रभावित होते हैं। इसे 6 नवंबर 2005 को भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने औपचारिक रूप से उद्घाटन किया।

यमुना के किनारे स्थित यह मंदिर वास्तु शास्त्र और पंचरात्र शास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार डिज़ाइन किया गया है। मंदिर परिसर में अभिषेक मंडप, सहज आनंद जल प्रदर्शन, थीम गार्डन और तीन महत्वपूर्ण प्रदर्शनियाँ शामिल हैं: सहज आनंद दर्शन, नीलकंठ दर्शन, और संस्कृति दर्शन। अक्षरधाम का अर्थ भगवान के निवास से है, और भक्तों का मानना है कि यह स्थान भगवान का घर हुआ करता था। अक्षरधाम मंदिर का मुख्य आकर्षण इसकी अद्वितीय संरचना है, जो 141 फीट (43 मीटर) ऊँची, 316 फीट (96 मीटर) चौड़ी, और 356 फीट (109 मीटर) लंबी है। इसे जटिल रूप से फूलों, पशुओं, नर्तकों, संगीतकारों और भक्तों के चित्रों से सजाया गया है। इसका निर्माण राजस्थानी गुलाबी पत्थरों और इतालियन कार्रारा मार्बल से किया गया है, और इसे हिंदू शिल्प शास्त्र के अनुसार तैयार किया गया है। इस मंदिर में स्टील और कंक्रीट का उपयोग नहीं किया गया है, जिससे यह और भी खास बनता है।

मंदिर के भीतर 234 खूबसुरती से सजाए गए स्तंभ, 9 गुम्बद और 20,000 साधुओं, अनुयायियों और आचार्यों की मूर्तियाँ हैं। यहाँ गजेन्द्र पीठ और हाथी को श्रद्धांजलि देने वाला एक स्तंभ भी है, जिसमें 148 विशाल हाथियों की आकृतियाँ शामिल हैं, जिनका वजन लगभग 3000 टन है। केंद्र के गुम्बद के नीचे स्वामीनारायण भगवान की 11 फीट (3.4 मीटर) ऊँची अभयमुद्रा में बैठी मूर्ति श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित करती है। स्वामीनारायण मंदिर (Akshardham Mandir) जातिगत गुरुओं की विचारधाराओं से घिरा हुआ है, और यहाँ की सभी मूर्तियाँ पञ्च धातु से निर्मित हैं। इस मंदिर में सीता-राम, राधा-कृष्ण, शिव-पार्वती, और लक्ष्मी-नारायण की भी प्रतिमाएँ हैं। अक्षरधाम मंदिर की स्थापना में BAPS (बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था) की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसके प्रमुख स्वामी महाराज ने इस अद्भुत संरचना को बनाने में मुख्य योगदान दिया।

आज, अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Mandir) दिल्ली के प्रमुख आकर्षणों में से एक बन चुका है, और इसे दिल्ली का अभिन्न हिस्सा मानना बिल्कुल सही है। भारत में ऐसे कई ऐतिहासिक मंदिर हैं, जो हमारी सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक परंपराओं की कहानी सुनाते हैं। हमें गर्व होना चाहिए कि हम एक ऐसे देश में निवास करते हैं, जहाँ लोग सदियों पुरानी परंपराओं का सम्मान और पालन करते हैं।

अक्षरधाम मंदिर की वास्तुकला कैसी है? (Akshardham Mandir Ki Vastukala Kaisi Hai?)

दिल्ली के प्रसिद्ध अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Mandir) की वास्तुकला के प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:

  • वास्तु शैली का संगम: अक्षरधाम मंदिर भारतीय पारंपरिक वास्तुकला और आधुनिक शैलियों का अनोखा मिश्रण है। इसका डिज़ाइन और निर्माण गुलाबी बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से किया गया है, जो इसे भव्यता और चमक प्रदान करता है।
  • आध्यात्मिक केंद्र: मंदिर के आंतरिक गर्भगृह में स्वामीनारायण जी (Swaminarayan ji) की प्रतिमा स्थित है, जो श्रद्धालुओं के लिए ध्यान और भक्ति का स्रोत है। यह स्थान गहरी आध्यात्मिकता को समेटे हुए है और यहाँ आने वाले भक्तों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है।
  • विशेष आकर्षण: अक्षरधाम परिसर में कई अन्य आकर्षण हैं, जैसे यज्ञपुरुष कुंड और दुनिया की सबसे बड़ी बावड़ी। इसके साथ ही, सहज आनंद वॉटर शो, जो केना उपनिषद की एक प्राचीन कहानी को दर्शाता है, दर्शकों को पानी और प्रकाश के अद्भुत प्रदर्शन से मंत्र मुग्ध करता है।

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अक्षरधाम मंदिर में दर्शन का समय क्या है? (Akshardham Mandir Mein Darshan Ka Samay Kya Hai)

दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Mandir) में आरती का आयोजन सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक किया जाता है। यह समय भक्तों के लिए दिव्य अनुभव का हिस्सा है, जब भक्ति और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम होता है।

अक्षरधाम मंदिर में प्रवेश शुल्क क्या है? (Akshardham Mandir Mein Pravesh Shulk Kya Hai)

दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Mandir) में सभी श्रद्धालुओं का स्वागत है, क्योंकि यहाँ प्रवेश पूरी तरह निशुल्क है। यह सभी के लिए एक आध्यात्मिक यात्रा का अनूठा अवसर प्रदान करता है।

अक्षरधाम मंदिर कैसे पहुंचे? (Akshardham Mandir Kaise Pahunche)

दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Mandir Delhi) तक पहुंचने के तीन मुख्य मार्ग हैं:

  • वायु मार्ग: अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Mandir) से निकटतम हवाई अड्डा इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो लगभग 23 किलोमीटर दूर स्थित है। हवाई अड्डे से टैक्सी या बस द्वारा मंदिर आसानी से पहुंचा जा सकता है।
  • रेल मार्ग: दिल्ली रेलवे स्टेशन, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, आनंद विहार स्टेशन और हज़रत निजामुद्दीन स्टेशन से मेट्रो द्वारा अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन तक पहुंचा जा सकता है। मेट्रो स्टेशन मंदिर से मात्र 350 मीटर की दूरी पर स्थित है।
  • सड़क मार्ग: अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Mandir) दिल्ली में प्रमुख स्वामी महाराज मार्ग पर पांडव नगर में स्थित है। ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा, ऐप आधारित टैक्सी सेवाएं (ओला/उबेर) और डीटीसी बसों के माध्यम से भी मंदिर पहुंचा जा सकता है।

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Conclusion:

आशा करते हैं की (Akshardham Mandir Delhi) से संबंधित यह बेहद खास लेख आपको पसंद आया होगा अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद

FAQ’s

Q. अक्षरधाम मंदिर कहाँ स्थित है?

Ans. अक्षरधाम मंदिर भारत की राजधानी दिल्ली में यमुना नदी के किनारे, नोएडा मोड़ के पास स्थित है।

Q. अक्षरधाम मंदिर का निर्माण कब हुआ था?

Ans. अक्षरधाम मंदिर का उद्घाटन 6 नवंबर, 2005 को हुआ था। इसका निर्माण स्वामीनारायण संप्रदाय के आध्यात्मिक नेता, प्रमुख स्वामी महाराज के मार्गदर्शन में हुआ था।

Q. क्या अक्षरधाम मंदिर में प्रवेश निःशुल्क है?

Ans. जी हाँ, अक्षरधाम मंदिर में प्रवेश निःशुल्क है। हालांकि, मंदिर में विभिन्न प्रदर्शनियों और फाउंटेन शो के लिए टिकट की आवश्यकता होती है।

Q. अक्षरधाम मंदिर में कौन-कौन सी प्रमुख चीज़ें देखने को मिलती हैं?

Ans. अक्षरधाम मंदिर में आपको स्वामीनारायण भगवान की भव्य मूर्ति, विभिन्न प्रदर्शनी हॉल, सांस्कृतिक प्रदर्शन, और सुंदर म्यूजिकल फाउंटेन शो देखने को मिलेंगे। यहाँ का आर्किटेक्चर और नक्काशी भी देखने योग्य है।

Q. अक्षरधाम मंदिर तक कैसे पहुँचा जा सकता है?

Ans. अक्षरधाम मंदिर दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन पर अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन के पास स्थित है। मेट्रो स्टेशन से मंदिर तक आसानी से पैदल पहुँचा जा सकता है। इसके अलावा, आप टैक्सी या ऑटो-रिक्शा से भी मंदिर तक पहुँच सकते हैं।

Q. अक्षरधाम मंदिर किसे समर्पित है?

Ans. अक्षरधाम मंदिर भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है, जो स्वामीनारायण संप्रदाय के संस्थापक माने जाते हैं। मंदिर उनके जीवन और शिक्षाओं को दर्शाता है।