Home मंदिर जानिए द्वारका के नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  के बारे में, Know about...

जानिए द्वारका के नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  के बारे में, Know about Nageshwar Jyotirlinga of Dwarka

Join Telegram Channel Join Now

Nageshwar Jyotirlinga:नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर भारत के गुजरात राज्य में स्थित भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित एक प्राचीन हिंदू मंदिर है। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिन्हें भगवान शिव का सबसे पवित्र निवास माना जाता है। नागेश्वर मंदिर को लेकर भक्तों में विशेष आस्था है, प्रतिवर्ष लाखों-करोड़ों श्रद्धालु मंदिर में माथा टेकने आते हैं । आज के इस विशेष लेख के जरिए हम आपको नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे । हम आपको बताएंगे कि नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  का इतिहास क्या है?, नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  की वास्तुकला कैसी है?, नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  का महत्व क्या है?, इत्यादि इसीलिए हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़िए ।

Nageshwar Jyotirlinga overview

टॉपिक जानिए द्वारका के नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  के बारे में, Know about Nageshwar Jyotirlinga of Dwarka
लेख प्रकार आर्टिकल 
मंदिरनागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga) 
स्थानद्वारका (गुजरात) 
देवता भगवान शिव
वास्तु कला पश्चिमी वास्तुकला शैली
महत्व 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक
मंदिर की ऊंचाई लगभग 80 फीट

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  मंदिर का इतिहास, History of Nageshwar Jyotirlinga Temple

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  मंदिर का इतिहास प्राचीन है, इसकी उत्पत्ति पौराणिक कथाओं में छिपी हुई है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, दारुका (Daruka) नाम का एक राक्षस (Demon) था जो लोगों और देवताओं को पीड़ा दे रहा था, और ऋषियों के यज्ञ एवं अनुष्ठान में भी बढ़ाएं पैदा कर रहा था। राक्षस ने अपार शक्ति हासिल कर ली थी और दुनिया में तबाही मचा रहा था। देवताओं ने भगवान शिव (Lord Shiva) की मदद मांगी, जो एक ज्योतिर्लिंग, प्रकाश के उज्ज्वल स्तंभ के रूप में प्रकट हुए। भगवान शिव ने राक्षस को हराया और अपने भक्तों की रक्षा और आशीर्वाद देने के लिए नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  (Nageshwar Jyotirlinga) के रूप में निवास किया।

मंदिर का उल्लेख शिव पुराण (Shiva Purana) और द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम (Dwadash Jyotirlinga Stotra) सहित विभिन्न हिंदू ग्रंथों में किया गया है। ऐसा माना जाता है कि प्राकृतिक आपदाओं और आक्रमणों के कारण सदियों से इसका कई बार पुनर्निर्माण और नवीनीकरण किया गया है।

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  मंदिर की वर्तमान संरचना एक आधुनिक और विशाल परिसर है जिसे 20वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह सौराष्ट्र क्षेत्र (Saurashtra region) के तट के पास, द्वारका शहर (Dwarka city) qके करीब स्थित है। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में लिंगम है, जो नागेश्वर के रूप में भगवान शिव का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसा माना जाता है कि लिंग स्वयंभू है।

मंदिर बड़ी संख्या में भक्तों को आकर्षित करता है, खासकर महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के त्योहार के दौरान, जब विशेष समारोह और अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। मंदिर में जाना और नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  पर भगवान शिव की पूजा करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  मंदिर की वास्तुकला, Architecture of Nageshwar Jyotirlinga Temple

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  (Nageshwar Jyotirlinga) को मानव शरीर को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया था और वास्तुशास्त्र सिद्धांतों का पालन करते हुए पश्चिमी वास्तुकला शैली में बनाया गया था। इसे पाँच प्रमुख खंडों या भागों में विभाजित किया गया है:

  • उपासक मंदिर के मुख्य द्वार, जिसे महाद्वार (पैर) के नाम से जाना जाता है, से होकर आते हैं।
  • प्रवेश द्वार पोर्च (हाथ): यह भगवान हनुमान और भगवान गणेश की दो पवित्र मूर्तियों के बीच स्थित है, जो दोनों हाथों के लिए खड़े हैं।
  • पेट और छाती, या सभा मंडप: ऐसा कहा जाता है कि मुख्य प्रार्थना कक्ष की प्रार्थना सीटें मानव पेट और छाती का प्रतिनिधित्व करती हैं।
  • यहां अंतराला में भगवान शिव (Lord Shiva) के रथ नंदी की पूजा की जाती है।
  • प्राथमिक शिव लिंग गर्भगृह में स्थित है, जो मानव शरीर के सिर के बराबर है

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  मंदिर में दर्शन करने का समय, Timings to visit Nageshwar Jyotirlinga Temple

मंदिर दर्शन के लिए सुबह 6 बजे खुलता है और दोपहर 12.30 बजे तक दर्शन के लिए खुला रहता है। सुबह का समय वह समय होता है जब भक्त शिवलिंग पर दूध चढ़ाते हैं। मंदिर शाम को 5 बजे दर्शन के लिए खुलता है और रात 9:30 बजे तक दर्शन के लिए खुला रहता है। शाम का समय वह समय होता है जब भक्त संध्या आरती की सुंदरता में खो जाते हैं।

यदि आप मंदिर को उसके पूर्ण वैभव में देखना चाहते हैं तो आप पूर्णिमा की शाम को इसके दर्शन कर सकते हैं। इसके अलावा, महा शिवरात्रि पर मंदिर में कई विशेष गतिविधियां होती हैं, जिसके लिए मंदिर पूरे दिन और रात खुला रहता है। नागेश्वर जाने और दर्शन के बाद पूजा करने का यह सबसे शुभ समय है

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  की विभिन्न पूजाएं, Various pujas of Nageshwar Jyotirlinga

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  मंदिर (Nageshwar Jyotirlinga Temple) में किए जाने वाले दैनिक अनुष्ठान (Daily rituals) और पूजा भक्तों के लिए आध्यात्मिक अनुभव का एक अभिन्न अंग हैं। मंदिर के पुजारी पीढ़ियों से चली आ रही परंपराओं का पालन करते हुए, पूजा के एक निर्धारित पैटर्न का सावधानीपूर्वक पालन करते हैं।

  • मंगला आरती: दिन की शुरुआत अक्सर मंगला आरती (Mangala Aarti) से होती है, जो सुबह-सुबह भगवान शिव की पूजा और भजन करने की एक रस्म है। ऐसा माना जाता है कि यह पवित्र समारोह दैवीय आशीर्वाद का आह्वान करता है और शेष दिन के लिए सकारात्मक माहौल तैयार करता है।
  • श्रृंगार पूजा: श्रृंगार पूजा में शिवलिंग (Shivling) को फूल, चंदन पेस्ट और पवित्र राख सहित विभिन्न पवित्र वस्तुओं से सजाना शामिल है। यह अनुष्ठान अत्यंत भक्ति के साथ किया जाता है और वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ किया जाता है।
  • बिल्व अर्चना: भगवान शिव की पूजा में बिल्व पत्र, जिन्हें बेल के पेड़ की पवित्र पत्तियां भी कहा जाता है, इसको चढ़ाना अत्यधिक शुभ माना जाता है। भक्त अक्सर अपनी श्रद्धा व्यक्त करने और भगवान का आशीर्वाद पाने के लिए बिल्व अर्चना में भाग लेते हैं।
  • रुद्राभिषेक: रुद्राभिषेक एक विशेष पूजा है जहां शिव लिंग को दूध, शहद, घी और पानी सहित विभिन्न पदार्थों से स्नान कराया जाता है। यह विस्तृत अनुष्ठान बड़ी भक्ति के साथ किया जाता है और माना जाता है कि यह भक्त को पापों से मुक्त करता है और दिव्य कृपा प्रदान करता है।
  • शाम की आरती: शाम की आरती एक भव्य समारोह है, जो दीपक की रोशनी, घंटियाँ बजाने और भक्ति गीतों के गायन से चिह्नित होती है। भक्त इस आध्यात्मिक दृश्य को देखने के लिए इकट्ठा होते हैं, भगवान शिव के प्रति अपनी प्रार्थना और कृतज्ञता व्यक्त करते हैं

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  मंदिर कैसे पहुंचे? How to reach Nageshwar Jyotirlinga Temple

  • निकटतम हवाई अड्डा – नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा जामनगर हवाई अड्डा (Jamnagar Airport) (IATA: JGA) है। यह हवाई अड्डा भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
  • टैक्सी/कैब – जामनगर हवाई अड्डे पर टैक्सियाँ और कैब आसानी से उपलब्ध हैं। आप सीधे नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  मंदिर तक पहुंचने के लिए टैक्सी किराए पर ले सकते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन
  • रेलवे स्टेशन – नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन द्वारका रेलवे स्टेशन (Dwarka Railway Station) (कोड: DWK) है। द्वारका भारत के प्रमुख शहरों से रेल मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है

Summary

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  मंदिर भक्ति और आध्यात्मिकता के प्रतीक के रूप में खड़ा है, जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से लोगों को भगवान शिव की दिव्य उपस्थिति का अनुभव करने के लिए आकर्षित करता है। समृद्ध इतिहास, विस्मयकारी वास्तुकला और सावधानीपूर्वक किए गए अनुष्ठान हिंदू धार्मिक परिदृश्य में मंदिर के महत्व में योगदान करते हैं । नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  मंदिर से संबंधित यह लेख अगर आपको पसंद आया हो तो इसे अपने मित्रों के साथ जरूर साझा करें साथ ही हमारे अन्य आर्टिकल्स को भी जरूर पढ़ें।

FAQ’S 

Q. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  कहाँ स्थित है?

Ans. यह गुजरात राज्य के द्वारका जिले में स्थित है।

Q. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  का क्या महत्व है?

Ans. यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो भगवान शिव के सबसे पवित्र निवास स्थानों में से एक माना जाता है।

Q. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  जाने का सबसे अच्छा समय कब है?

Ans. अक्टूबर से मार्च के बीच का समय नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  जाने का सबसे अच्छा समय माना जाता है।

Q. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  से जुड़ी क्या पौराणिक कथा है?

Ans. पौराणिक कथा के अनुसार, दारुकावन में भगवान शिव ने रावण का वध किया था।

Q. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  कैसे पहुंचें?

Ans. द्वारका से नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)  17 किलोमीटर दूर है। यहां टैक्सी, बस या ऑटो रिक्शा द्वारा पहुंचा जा सकता है।