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Karva Chauth Mata Ki Aarti: करवा चौथ आरती, ओम जय करवा मैया | मंत्र | karva chauth mata ki Aarti PDF

Karva Chauth Mata Ki Aarti
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करवा चौथ की आरती (Karva Chauth ki Aarti): करवा चौथ, हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पर्व विवाहित महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन वे अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। यह व्रत प्रेम, समर्पण और त्याग का प्रतीक है। 

महिलाएं इस दिन निर्जला उपवास रखती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं। इस दिन वे सोलह श्रृंगार करके अपने सौभाग्य को निखारती हैं। करवा चौथ (Karva Chauth) का यह पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस वर्ष यह पर्व कब पड़ रहा है? इस लेख में हम आपको बताएंगे कि साल 2024 में करवा चौथ का व्रत कब रखा जाएगा और इस दिन की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है। साथ ही, हम आपको करवा चौथ (Karva Chauth) के व्रत का महत्व और इस दिन पढ़े जाने वाले प्रमुख मंत्रों के बारे में भी विस्तार से बताएंगे। इसके अलावा, हम आपके साथ करवा चौथ की आरती (Karva Chauth aarti) भी साझा करेंगे, जिससे आप इस पावन अवसर पर अपनी पूजा को और भी अधिक सार्थक बना सकेंगे।

तो चलिए चलिए जानते हैं करवा चौथ व्रत 2024 के इस खूबसूरत पर्व के बारे में सब कुछ… 

यह भी पढ़े:– 1.करवा चौथ कहानी 2. करवा चौथ आरती 3.करवा चौथ व्रत में क्या खाएं क्या ना खाएं 4. करवा चौथ शुभकामनाएं 5. करवा चौथ सामग्री 6. करवा चौथ शुभ मुहूर्त 7. पहली बार करवा चौथ

करवा चौथ क्या है? (Karva Chauth kya Hai)

करवा चौथ (Karva Chauth) एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जिसे मुख्य रूप से विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए मनाती हैं। यह पर्व कार्तिक मास की चतुर्थी को आता है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से चंद्रमा दर्शन तक निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ का नाम “करवा” (मिट्टी का बर्तन) और “चौथ” (चतुर्थी) से लिया गया है। करवे का उपयोग पूजा में जल अर्पित करने और कथा सुनने के लिए किया जाता है। महिलाएं दिनभर व्रत रखकर शाम को सुंदर साज-श्रृंगार करती हैं और पारंपरिक विधि से शिव-पार्वती और गणेश जी की पूजा करती हैं। रात्रि को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया जाता है। इस व्रत के पीछे पति-पत्नी के बीच अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक माना जाता है।

करवा चौथ 2024 कब है? (Karva Chauth 2024 kab Hai)

Karva Chauth 2024 kab Hai

हिन्दू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ (Karva Chauth) का पावन व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2024 में यह शुभ तिथि रविवार, 20 अक्टूबर की सुबह 6 बजकर 46 मिनट से आरंभ होगी और अगले दिन, सोमवार 21 अक्टूबर को सूर्योदय से पहले 4 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी। व्रती महिलाएं इस दिन 20 अक्टूबर को तड़के 6 बजकर 25 मिनट से व्रत का संकल्प लेंगी, जो चंद्रमा के उदय के समय पूजा के साथ संपन्न होगा, जिसमें चंद्रोदय पर व्रत का समापन किया जाएगा।

करवा चौथ की आरती लिखित में (Karva Chauth ki Aarti likhit Mein)

ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।

ओम जय करवा मैया।

सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।
यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी।।

कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।
दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती।।

ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।

जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
होए सुहागिन नारी, सुख संपत्ति पावे।
गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।।

ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।

जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
करवा मैया की आरती, व्रत कर जो गावे।

व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।।
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया

जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।

करवा चौथ माता की आरती पीडीएफ डाउनलोड (Karva Chauth Mata ki Aarti pdf Download)

करवा चौथ व्रत (Karva Chauth Vrat) से संबंधित इस विशेष लेख में हम आपसे ‘करवा चौथ माता की आरती’ का पीडीएफ शेयर कर रहे हैं, इस पीडीएफ (PDF) को डाउनलोड करने के बाद आप करवा चौथ माता की आरती को सरलता एवं श्रद्धा पूर्वक पढ़ सकते हैं।

करवा चौथ के मंत्र (Karva Chauth ke Mantra)

गणेश पूजा का मंत्र
ऊँ एकदंताय नम:
ऊँ वक्रतुंडाय नम:
ऊँ गं गणपतयै नम:

शिवजी की पूजा का मंत्र

ऊँ नम: शिवाय
ऊँ रुद्राय नम:
ऊँ तत्पुरुषाय नम:

करवा चौथ माता का मंत्र

ऊँ चतुर्थी देव्यै नम:,
ऊँ गौर्ये नम:,
ऊँ शिवायै नम: ।।

ये मंत्र बोलकर प्रणाम करें
नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नम:।
नम: प्रकृत्यै भद्रायै नियता: प्रणता: स्मृताम्॥

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Conclusion:-Karva Chauth Mata Ki Aarti

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (करवा चौथ की आरती) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद 

FAQ’s:-Karva Chauth ki Aarti

करवा चौथ क्या है?

करवा चौथ एक पारंपरिक भारतीय त्योहार है, जिसे मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है। यह त्योहार सुहागिन महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए रखती हैं। इस दिन महिलाएं उपवास करती हैं और रात को चंद्रमा को देखकर अपना व्रत तोड़ती हैं।

करवा चौथ की पूजा में माता की आरती का क्या महत्व है?

माता की आरती का महत्व इस पूजा में बहुत अधिक है। यह आरती देवी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए की जाती है। इसे गाते समय महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

करवा चौथ की माता की आरती कैसे की जाती है?

  1. आरती की तैयारी: आरती करने के लिए एक थाली में दीपक, अगरबत्ती और माता की तस्वीर रखें।
  2. आरती गाना: सभी महिलाएं एकत्र होकर माता की आरती गाती हैं। इस समय वे माता के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करती हैं।
  3. आरती का प्रसाद: आरती के बाद, प्रसाद का वितरण किया जाता है और सभी महिलाएं एक-दूसरे के साथ अपनी खुशियों को साझा करती हैं।

करवा चौथ पर आरती का पाठ किस समय करना चाहिए?

करवा चौथ पर आरती का पाठ व्रत समाप्ति के बाद, अर्थात चंद्रमा को देखकर किया जाता है। इसे शुभ समय में करना आवश्यक है, ताकि माता का आशीर्वाद प्राप्त हो सके।

क्या करवा चौथ पर सिर्फ एक आरती होती है?

जी नहीं, करवा चौथ पर महिलाएं कई प्रकार की आरतियाँ गाती हैं। इन आरतियों में माता की महिमा, उनके गुण और उन्हें समर्पित प्रार्थनाएं होती हैं।

क्या करवा चौथ पर कोई विशेष पूजा विधि है?

हाँ, करवा चौथ पर विशेष पूजा विधि होती है जिसमें:

  • सुहागिन महिलाएं अपने पति के नाम से करवा रखती हैं।
  • व्रत के दौरान कथा का पाठ किया जाता है।
  • पूजा के बाद माता की आरती की जाती है।

क्या करवा चौथ पर आरती के अलावा और कुछ किया जाता है?

करवा चौथ पर आरती के अलावा महिलाएं सज-धजकर व्रत करती हैं, सजावट करती हैं, और अपने पतियों को विशेष उपहार देती हैं। यह दिन पति-पत्नी के बीच प्रेम और समर्पण का प्रतीक है।