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Satyanarayan Bhagwan ki Aarti Lyrics: पूर्णिमा तिथि पर जरूर करिए श्री सत्यनारायण जी की आरती, घर आएगी सुख, समृद्धि एवं शांति।

Satyanarayan Bhagwan ki Aarti Lyrics
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सत्यनारायण व्रत कथा आरती (Satyanarayan Bhagwan ki Aarti Lyrics): भगवान सत्यनारायण की कथा और आरती हमारी भारतीय संस्कृति का एक अटूट अंग है। यह कथा हमें सच्चाई, ईमानदारी और भक्ति का संदेश देती है। भगवान सत्यनारायण की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। उनकी आरती गाते हुए भक्त अपने मन की शांति पाते हैं और जीवन में आशा की किरण जगाते हैं। परंतु क्या आप जानते हैं कि भगवान सत्यनारायण कौन हैं? उनकी प्रमुख व प्रसिद्ध आरती कौन सी है और उनकी आरती का क्या महत्व है? इस लेख में हम इन सभी सवालों के जवाब आपको देंगे। हम जानेंगे कि कैसे भगवान सत्यनारायण की भक्ति से जीवन में खुशियां आती हैं और मुश्किलें दूर होती हैं। साथ ही, हम भगवान सत्यनारायण की प्रसिद्ध आरती का विस्तार से वर्णन करेंगे। इस लेख के साथ एक PDF भी शेयर की जा रही है जिसमें आरती के बोल सरल भाषा में लिखे गए हैं। इससे आप आसानी से आरती गा सकेंगे और भगवान सत्यनारायण की कृपा पा सकेंगे।

तो चलिए, इस रोचक एवं ज्ञानवर्धक लेख को शुरू करते हैं और कृपया हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़िएगा…

भगवान सत्यनारायण कौन हैं? (Bhagwan Satyanarayan kaun Hain)

भगवान सत्यनारायण (Bhagwan Satyanarayan) हिंदू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं जो सत्य और धर्म के प्रतीक माने जाते हैं। उन्हें भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का एक रूप माना जाता है और उनकी पूजा मुख्यतः सत्यनारायण व्रत के माध्यम से की जाती है। सत्यनारायण का प्रमुख उद्देश्य सत्य की ओर प्रवृत्त करना और भक्तों को उनके जीवन में सत्य और धर्म का पालन करने की प्रेरणा देना है। उनका पूजा विधि विशेष रूप से पूर्णिमा के दिन की जाती है, जिसमें भक्त घर के आँगन या पूजा स्थल पर सत्यनारायण की पूजा कर उन्हें भोग अर्पित करते हैं। यह व्रत सभी प्रकार की समृद्धि, सुख-समृद्धि और पारिवारिक शांति की प्राप्ति के लिए किया जाता है। भगवान सत्यनारायण की पूजा से भक्तों को सभी दुखों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है और वे सच्चे मार्ग पर अग्रसर होते हैं।

सत्यनारायण भगवान की आरती (Satyanarayan Bhagwan ki Aarti)

जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
सत्यनारायण स्वामी,
जन पातक हरणा ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

रत्‍‌न जडि़त सिंहासन,
अद्भुत छवि राजै ।
नारद करत निराजन,
घण्टा ध्वनि बाजै ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

प्रकट भये कलि कारण,
द्विज को दर्श दियो ।
बूढ़ा ब्राह्मण बनकर,
कंचन महल कियो ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

दुर्बल भील कठारो,
जिन पर कृपा करी ।
चन्द्रचूड़ एक राजा,
तिनकी विपत्ति हरी ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

वैश्य मनोरथ पायो,
श्रद्धा तज दीन्ही ।
सो फल भोग्यो प्रभुजी,
फिर-स्तुति कीन्हीं ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

भाव भक्ति के कारण,
छिन-छिन रूप धरयो ।
श्रद्धा धारण कीन्हीं,
तिनको काज सरयो ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

ग्वाल-बाल संग राजा,
वन में भक्ति करी ।
मनवांछित फल दीन्हों,
दीनदयाल हरी ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

चढ़त प्रसाद सवायो,
कदली फल, मेवा ।
धूप दीप तुलसी से,
राजी सत्यदेवा ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।

श्री सत्यनारायण जी की आरती,
जो कोई नर गावै ।
ऋद्धि-सिद्ध सुख-संपत्ति,
सहज रूप पावे ॥

जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
सत्यनारायण स्वामी,
जन पातक हरणा ॥

सत्यनारायण भगवान की आरती लिरिक्स पीडीएफ (Satyanarayan Bhagwan ki Aarti Lyrics PDF)

सत्यनारायण भगवान की आरती लिरिक्स PDF Download

सत्यनारायण भगवान की आरती (Bhagwan Satyanarayan ki aarti) से संबंधित यह विशेष पीडीएफ हम आपसे साझा कर रहे हैं, इस पीडीएफ को डाउनलोड करने के बाद आप भगवान सत्यनारायण की आरती को सरलता पूर्वक पढ़ सकते हैं। 

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Conclusion:-Satyanarayan Bhagwan ki Aarti Lyrics

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (भगवान सत्यनारायण की आरती) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद

FAQ’s

Q.सत्यनारायण भगवान की आरती का महत्व क्या है?

Ans.सत्यनारायण भगवान की आरती का महत्व यह है कि इसे पढ़ने से भगवान सत्यनारायण की कृपा प्राप्त होती है। यह आरती सत्यनारायण पूजा का अभिन्न हिस्सा होती है, जिसे भक्तों द्वारा घरों और मंदिरों में नियमित रूप से किया जाता है। इसे पढ़ने से व्यक्ति को मानसिक शांति, सुख-समृद्धि और परिवार में खुशहाली प्राप्त होती है।

Q.सत्यनारायण भगवान की आरती किस समय की जाती है?

Ans.सत्यनारायण भगवान की आरती को पूजा के अंत में किया जाता है, जब सत्यनारायण कथा का पाठ पूरा हो जाता है। इसे विशेष रूप से पूर्णिमा के दिन या किसी विशेष अवसर पर करने की परंपरा है। सुबह और शाम के समय भी इसे किया जा सकता है।

Q.सत्यनारायण भगवान की आरती किस प्रकार की जानी चाहिए?

Ans.सत्यनारायण भगवान की आरती को पूरे श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ किया जाना चाहिए। आरती करते समय एक थाल में दीपक, अगरबत्ती, फूल, और नैवेद्य रखा जाता है और भगवान के सामने घुमाया जाता है। आरती के समय भक्त गण सामूहिक रूप से आरती के बोल गाते हैं और भगवान से आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं।

Q.सत्यनारायण भगवान की आरती के बोल कहां से प्राप्त कर सकते हैं?

Ans.सत्यनारायण भगवान की आरती के बोल आप धार्मिक पुस्तकों, ऑनलाइन वेबसाइटों, और मोबाइल ऐप्स से प्राप्त कर सकते हैं। आप इन्हें मंदिरों से भी प्राप्त कर सकते हैं जहाँ सत्यनारायण की पूजा की जाती है।

Q.क्या सत्यनारायण भगवान की आरती के बोल का उच्चारण महत्वपूर्ण है?

Ans.हाँ, सत्यनारायण भगवान की आरती के बोल का सही उच्चारण महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पूजा का प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है। सही उच्चारण से भगवान की कृपा प्राप्त होती है और पूजा का फल प्राप्त होता है।