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Marwadi Ganesh Ji ka Bhajan: भगवान गणेश के मारवाड़ी भजन सुनकर आप भी हो जाएंगे मन्त्रमुग्ध, मिलेगा गजानन का आशीर्वाद

Marwadi Ganesh ji ka bhajan
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मारवाड़ी गणेश जी का भजन (Marwadi Ganesh ji ka Bhajan): भगवान गणेश (Lord Ganesh) की आराधना करने के लिए भजन एक प्रभावी माध्यम है, जो हमें उनके प्रति समर्पित करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करता है। मारवाड़ी भजन, जो राजस्थान की संस्कृति में गहराई से जुड़े हुए हैं, भगवान गणेश की महिमा को व्यक्त करने का एक सुंदर तरीका है। इन भजनों में गणेश जी की विनम्रता, बुद्धिमत्ता और सौभाग्य की पूजा की जाती है, जो हमें जीवन के सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है। इस लेख में, हम भगवान गणेश (Lord Ganesh) के कुछ प्रमुख मारवाड़ी भजनों को साझा करेंगे, जो आपको उनके प्रति समर्पित करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करेंगे। ये भजन न केवल आपको गणेश जी के प्रति जुड़ने में मदद करेंगे, बल्कि आपके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति भी लाएंगे। 

तो आइए, भगवान गणेश (Lord Ganesh) के इन सुंदर मारवाड़ी भजनों के साथ अपने जीवन को धन्य बनाएं और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करें…

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Table Of Content 

S.NOभजन
1घुमतड़ा घर आवो ओ म्हारा प्यारा गजानन भजन
2में थाने सिमरु गजानंद देवा
3सेवा मारी मानो गणपति देवा
4मात गवरजा आपरी ,जग रा पालनहार।
5श्री गणेश काटो – रजी दरबार में करता सरकार में

नीचे हमने आपको गणेश जी के टॉप फाइव गणेश जी के भजन दिए हैं जिन्हें सुनकर आपका मन प्रसन्न हो जायेगा।

अगर आपको ये गाने पसंद आएं तो अपने प्रियजनों को और मित्रों को जरूर भेजें।

1. घुमतड़ा घर आवो ओ म्हारा प्यारा गजानन भजन 

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।। दोहा ।।

विघ्न हरण मंगल करण, श्री गणपति महाराज।

प्रथम निमंत्रण आपको, मेरे पूरण करिये काज।

घूमतडा घर आवो गजानंद ,

म्हारा प्यारा ओ गजानंद।

खेलतडा घर आवो जी।

मुषे असवारी गणपति पधारो ,

संग में रिद्धि – सिद्धि लावो जी।

ब्रह्मा पधारो विष्णुजी पधारो ,

संग में सरस्वती लावो जी।

घूमतडा ….

खोल जटा शिवशंकर पधारो ,

संग में पार्वती लावो जी।

राम पधारो लक्ष्मण पधारो,

संग सिया सती लावो जी।

घूमतडा ….

राम दास हनुमान पधारो,

संग में भेरू लावो जी।

मुरली बजावत कृष्ण पधारो,

संग में राधा रानी लावो जी।

घूमतडा ….

नीले असवरी बाबा रामदेवजी पधारो,

संग में नेतल रानी लावो जी।

बाई मीरा कहे प्रभु गिरधर नागर ,

हरक हरक गुण गावो जी।

घूमतडा ….

2. में थाने सिमरु गजानंद देवा, 

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में थाने सिमरु गजानंद देवा, में थाने सिमरु विनायक देवा वचनों रा पालन हारा जियो

सरस्वती माँ शारदा ने सिमरु, हिवड़ा में करो उजला जियो निंद्रा निवारो भोला नाथ की | | टेर | |

जननी नहीं जायो, उदर नहीं आयो गवारो रो पुत्र केह वायो जियो

में थाने सिमरु गजानंद देवा, में थाने सिमरु विनायक देवा वचनों रा पालन हारा जियो

सरस्वती माँ शारदा ने सिमरु, हिवड़ा में करो उजला जियो निंद्रा निवारो भोला नाथ की

पानी सु पातलो पवन सु है झिनो, सोभा वर्णी नहीं जावे जियो

में थाने सिमरु गजानंद देवा, में थाने सिमरु विनायक देवा वचनों रा पालन हारा जियो, निंद्रा निवारो भोला नाथ की || टेर । |

हाथ रे घालू तो हीरो हाथ में नहीं आवे, मुठिया में नहीं रे सामवे जियो

में थाने सिमरु गजानंद देवा, में थाने सिमरु विनायक देवा मारे वचनों रा पालन वारा जियो, निंद्रा निवारो भोला नाथ की || टेर||

बोलिया गोरख नाथ, मचंदर नाथ रा छेला भक्ति रे पांडवो वाली राखो जियो

में थाने सिमरु गजानंद देवा, में थाने सिमरु विनायक देवा हो गजानंद देवा, मारे वचनों रा पालन वाला जियो

सरस्वती माँ शारदा ने सिमरु, हिवड़ा में करो उजला जियो निंद्रा निवारो भोला नाथ की | | टेर | |

|| बोलिए श्री गजानंद महाराज की जय हो ||

3. सेवा मारी मानो गणपति देवा

सेवा मारी मानो गणपति देवा, पूजा मारी मानो गणपति देवा, खोलो मारा हिरदा का ताला वो।।

दुध चड़ाओं देवा नही है अछुता, दुध न तो बछड़ो बटोलियो वो।।

जल चड़ाओं देवा नही है अछुता, जल न तो मछलियां बटोलियो वो।।

भोजन चड़ाओं देवा नही है अछुता, भोजन न तो मक्खियां बटोलियों वो।।

फुल चड़ाओं देवा नही है अछुता, फुल न तो भंवरो बटोलियो वो।।

सेवा मारी मानो गणपति देवा, पूजा मारी मानो गणपति देवा, खोलो मारा हिरदा का ताला वो।।

4. मात गवरजा आपरी ,जग रा पालनहार।

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मात गवरजा आपरी ,जग रा पालनहार।

सुखकारी सब लोक ने ,थारो ही आधार।

~ गाइए गणपति जग वंदन ~

गाइए गणपति जग वंदन ,

शंकर सुवन भवानी के नंदन।

सिद्धि सदन जग वदन विनायक ,

कृपा सिंधु सुन्दर सब लायक।

गाइए गणपति जग वंदन ,

शकर सुवन भवानी के नंदन।

मोदक प्रिय मुद में मंगल का दाता ,

विद्या वारिधि बुद्धि प्रदाता।

गाइए गणपति जग वंदन ,

शकर सुवन भवानी के नंदन।

माँगत तुलसी दास कर जोरि ,

बसहु राम सिया मानस मोरी।

गाइए गणपति जग वंदन ,

शकर सुवन भवानी के नंदन।

5. श्री गणेश काटो – रजी दरबार में करता सरकार में

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श्री गणेश काटो रजी दरबार में करता सरकार में

अरजी करां दरबार में- मनावा थाने अरजी दरबार में करता सरकार में, श्री गणेश काटो….!!

दुंद दुंदाला देवा, शेंड शेंडाला मोटा मूँड लम्बी शृंड भरके ढूंद !! ध्यावा थाघ्ने…..!!१!!

पुष्पन माला नयन विशाला चढ़े सिन्दूर बरसे नूर, दुश्मन दूर !! ध्यावा थाने….!!२!!

रिद्धि सिद्धि नारी देवा, लागै पियारी ! रिद्धि सिद्धि नार, भरया भंडार, सेवा अपार !! ध्यावा थाने……!!३!!

दास मोती सिंह तेरा गुण गावे, गुरू चरणा मे शीश नवावें ! द् यो वरदान, मांगु दान, करो कल्याण !! ध्यावा थाने….!!४!!

Conclusion:-Marwadi Ganesh ji ka Bhajan

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया भगवान गणेश के मारवाड़ी भजन यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद

FAQ’s:-Marwadi Ganesh ji ka Bhajan

Q. भगवान गणेश का जन्म कैसे हुआ था?

Ans. भगवान गणेश का जन्म देवी पार्वती के संकल्प से हुआ था। उन्होंने गणेश को अपने शरीर की रचना की और उनकी पूजा की ताकि वह एक संतान के रूप में जन्म ले सकें।

Q. भगवान गणेश के हाथों में कौन-कौन सी वस्तुएं होती हैं?

Ans. भगवान गणेश के हाथों में एक हाथ में मोदक, एक हाथ में अक्षय पात्र, एक हाथ में पंजे और एक हाथ में एक हुक के साथ खड़ा रहता है।

Q. गणेश चतुर्थी पर कौन सा व्रत किया जाता है?

Ans. गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करने के लिए व्रत किया जाता है, जिसमें विशेष रूप से गणेश की मूर्ति की स्थापना की जाती है और 10 दिन तक उनकी पूजा होती है।

Q. गणेश जी की कौन सी विशेषता उन्हें अन्य देवताओं से अलग बनाती है?

Ans. गणेश जी की विशेषता उनके हाथी के सिर की है, जो उन्हें अन्य देवताओं से अलग बनाती है और ज्ञान, समृद्धि और विघ्नों को नष्ट करने का प्रतीक मानती है।

Q. गणेश जी की पूजा का मुख्य उद्देश्य क्या है?

Ans. गणेश जी की पूजा का मुख्य उद्देश्य विघ्नों को दूर करना, बुद्धि और समृद्धि प्राप्त करना और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करना होता है।

Q. गणेश जी को कौन सा पर्व मनाया जाता है?

Ans. गणेश जी को गणेश चतुर्थी पर्व के दौरान विशेष रूप से पूजा जाता है, जो उनके जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।