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Nirjala Ekadashi Vrat Ke Upay: डूब रहा है करियर या घर में फ़ैली है अशांति, तो निर्जला एकादशी के उपाय आपके लिए होंगे रामबाण! अभी आजमाएं

Nirjala Ekadashi Vrat ke Upay
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Nirjala Ekadashi Vrat Ke Upay: निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है जिसे हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और इस दिन उपवास रखकर उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि निर्जला एकादशी का व्रत करने से जीवन की कई समस्याएं दूर हो जाती हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

क्या आप भी जीवन में आ रही परेशानियों से तंग आ चुके हैं? शादी में आ रही बाधाएं, संतान प्राप्ति में देरी, करियर में ठहराव या पितरों की अशांति जैसी समस्याएं आपको परेशान कर रही हैं? चिंता की कोई बात नहीं। निर्जला एकादशी के शुभ अवसर पर कुछ खास उपाय करके आप इन सभी परेशानियों से मुक्ति पा सकते हैं। हमारे इस लेख में हम आपको निर्जला एकादशी के दिन करने वाले कुछ प्रभावशाली उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके जीवन में खुशियां लेकर आएंगे। चाहे आप अविवाहित हों, संतान सुख से वंचित हों, नौकरी या बिजनेस में तरक्की न कर पा रहे हों या फिर पितरों को प्रसन्न करना चाहते हों हमारे बताए गए उपाय आपकी हर मुराद पूरी करने में सक्षम हैं। 

तो देर किस बात की? आइए जानते हैं निर्जला एकादशी के उपाय से आपके जीवन में बदलाव ला सकते हैं…!

निर्जला एकादशी व्रत के उपायTable Of Content 

S.NOप्रश्न
1शादी के लिए निर्जला एकादशी व्रत के उपाय
2नौकरी के लिए निर्जला एकादशी व्रत के उपाय
3घर में शांति के लिए निर्जला एकादशी व्रत के उपाय
4संतान सुख के लिए निर्जला एकादशी व्रत के उपाय
5पृत को खुश करने के लिए निर्जला एकादशी व्रत के उपाय

शादी के लिए निर्जला एकादशी व्रत के उपाय (Nirjala Ekadashi ke Upay for Marriage)

निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के पावन अवसर पर शादी में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। सबसे पहले, भक्ति और समर्पण के साथ भगवान विष्णु  (Lord Vishnu) की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। इसके अलावा, निर्जला एकादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन, वस्त्र और दान देना बहुत पुण्यदायक माना जाता है। इस दिन ‘विष्णु सहस्रनाम’ का पाठ करना भी अत्यंत शुभ होता है। साथ ही, भगवान विष्णु के मंत्र “ओम नमो भगवते वासुदेवाय” और हरे कृष्ण महामंत्र का जाप करना चाहिए। इन उपायों से भगवान प्रसन्न होंगे और शादी में आने वाली सभी बाधाएं दूर होंगी। पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ ये उपाय करने पर विवाह में सफलता अवश्य मिलेगी।

नौकरी के लिए निर्जला एकादशी व्रत के उपाय (Nirjala Ekadashi ke Upay for job)

निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) व्रत के दिन नौकरी में आ रही परेशानियों और रुकावटों को दूर करने के लिए ये दो उपाय कर सकते हैं:

  • शनिदेव की पूजा करें: निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के दिन शनिदेव की विशेष पूजा करने से नौकरी में आ रही बाधाएं दूर हो सकती हैं। इसके लिए शनि मंदिर जाकर तेल का दीपक जलाएं और शनि मंत्र ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ का 108 बार जाप करें। इस दिन काले तिल और सरसों का तेल दान करना भी शुभ माना जाता है। शनिदेव की कृपा से नौकरी में प्रमोशन और सफलता मिल सकती है।
  • हनुमान जी की आराधना करें: हनुमान जी (Lord Hanuman) की पूजा करने से भी करियर संबंधी मुश्किलें दूर हो सकती हैं। निर्जला एकादशी के दिन हनुमान मंदिर जाकर चोला चढ़ाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। साथ ही ‘ॐ हनुमते नमः’ मंत्र का जाप करते हुए प्रार्थना करें कि नौकरी में आ रही बाधाएं खत्म हों। श्रद्धापूर्वक हनुमान जी की पूजा करने से मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं।

इन दोनों उपायों को निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के दिन करने से नौकरी पाने में आ रही दिक्कतें दूर होंगी और करियर में उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। पूजा-पाठ के साथ व्रत भी रखना चाहिए।

घर में शांति के लिए निर्जला एकादशी व्रत के उपाय (Nirjala Ekadashi ke Upay for peace)

निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के शुभ दिन पर घर की अशांति दूर करने के लिए कुछ सरल उपाय किए जा सकते हैं। सबसे पहले, तुलसी के पौधे की 11 बार परिक्रमा करें और भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करते हुए शाम को घी का दीपक अवश्य जलाएं। इससे पारिवारिक जीवन में आ रही समस्याएं दूर होंगी और सुख-शांति बनी रहेगी। इसके अलावा, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी (Goddess Laxmi) को खीर का भोग लगाकर जरूरतमंदों में बांटने से घर में तनाव कम होगा और खुशहाली आएगी। व्रत के दिन तुलसी माता को लाल चुनरी चढ़ाने से भी दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि मिलेगी। इन सरल उपायों से निर्जला एकादशी पर घर में शांति और सौभाग्य का वास होगा।

संतान सुख के लिए निर्जला एकादशी व्रत के उपाय (Nirjala Ekadashi ke Upay for Pregnancy)

संतान प्राप्ति के लिए निर्जला एकादशी का व्रत करना बहुत लाभदायक माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और माता लक्ष्मी (Goddess Laxmi) की पूजा करने से संतान सुख में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान विष्णु को केसर युक्त पीले वस्त्र अर्पित करें। दिन भर निराहार रहें और संध्या समय भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाकर “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का 108 बार जप करें। रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पारणा करें। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं और संतान प्राप्ति में आ रही समस्याओं को दूर करते हैं

पृत को खुश करने के लिए निर्जला एकादशी व्रत के उपाय (Nirjala Ekadashi  ke Upay for Pitra) 

निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  • पितृ तर्पण और श्राद्ध करना: निर्जला एकादशी के दिन सुबह स्नान करके पितरों का तर्पण और श्राद्ध करना चाहिए। इसके लिए ब्राह्मणों को भोजन कराना और दान देना शामिल है।”निर्जला एकादशी को पितरों को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक अवसर माना जाता है।” पितृ तर्पण और श्राद्ध करके हम अपने पितरों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।
  • तुलसी के पौधे का दान और पूजा करना: निर्जला एकादशी के दिन तुलसी का पौधा दान करना और उसकी पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। तुलसी को भगवान विष्णु का प्रिय पौधा माना जाता है और इसका दान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। “इस दिन ब्राह्मणों को भोजन, वस्त्र और धन दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।” अगर आप तुलसी के पौधे का दान करें और उसकी पूजा करें तो पितरों की आत्मा को शांति प्रदान कर सकते हैं।

Also Read: निर्जला एकादशी का व्रत विधि

Conclusion:

निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) का दिन  ईश्वर की  भक्ति और आध्यात्मिकता  के साथ-साथ  पारिवारिक समस्याओं का समाधान  करने का भी  एक  उत्तम अवसर  है। निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के पावन त्यौहार से संबंधित यह लेख अगर आपको पसंद आया हो तो ऐसे ही और भी व्रत एवं त्योहार से संबंधित विशेष लेख हमारी वेबसाइट पर आकर जरूर पढ़ें और हमारी वेबसाइट https://janbhakti.in पर भी रोजाना विजिट करें।

FAQ’s:

Q. निर्जला एकादशी का व्रत कब रखा जाता है?

Ans. निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) का व्रत हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस वर्ष यह व्रत 18 जून 2024 को पड़ रहा है।

Q. निर्जला एकादशी का व्रत क्यों रखा जाता है? 

Ans. निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) का व्रत भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है। इस व्रत को रखने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और पापों का नाश होता है।

Q. निर्जला एकादशी का व्रत कैसे रखा जाता है? 

Ans. निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के व्रत में न केवल अन्न बल्कि जल भी ग्रहण नहीं किया जाता है। इसलिए इसे सबसे कठोर व्रत माना जाता है। 

Q. निर्जला एकादशी के दिन क्या करना चाहिए? 

Ans. निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के पावन त्यौहार के दिन सभी को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए, पीले वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु की पूजा विधिवत करनी चाहिए! साथ ही हरे कृष्ण: महामंत्र का जाप भी करना चाहिए।

Q. निर्जला एकादशी पर क्या नहीं करना चाहिए? 

Ans. निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के दिन घर में मांस, मदिरा और तामसिक भोजन नहीं बनाना चाहिए। दिन में सोना नहीं चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए।

Q. निर्जला एकादशी का महत्व क्या है? 

Ans.  निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) का व्रत सालभर की सभी एकादशियों का फल एक साथ देने की क्षमता रखता है। इस व्रत को विधिपूर्वक रखने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।