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Akshay Tritiya Upay 2024: अक्षय तृतीया पर कीजिए यह चमत्कारी उपाय जीवन में आएगी अक्षय खुशहाली

Akshay Tritiya Upay 2024
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Akshay Tritiya Upay 2024: अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya) हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जिसे वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को शुभ और पवित्र माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किए गए कार्यों का अक्षय फल मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन त्रेता युग की शुरुआत हुई थी और भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के छठे अवतार परशुराम (Lord Parshuram) का जन्म हुआ था। इसके अलावा इस दिन गंगा नदी पृथ्वी पर उतरी थी और महाभारत ग्रंथ की रचना भी इसी शुभ दिन प्रारंभ हुई थी।

अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya) का दिन नई शुरुआत के लिए सबसे शुभ अवसर माना जाता है। इस दिन विवाह, गृह-प्रवेश, व्यापार शुरू करना या सोने और अन्य कीमती वस्तुओं में निवेश करना शुभ होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन दान-पुण्य और पितरों का तर्पण करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। परंतु अक्षय तृतीया का महत्व सिर्फ धार्मिक कृत्यों तक ही सीमित नहीं है। वास्तु शास्त्र के अनुसार भी इस दिन कुछ सरल उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि और खासकर धन-संपदा की प्राप्ति हो सकती है 

इस लेख में हम अक्षय तृतीया के महत्व के साथ-साथ इन खास वास्तु उपायों पर भी प्रकाश डालेंगे जिनसे आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

अक्षय तृतीया क्या है? (what is akshay tritiya?)

अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya), जिसे अखा तीज के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू पंचांग का महत्वपूर्ण दिन है, जो वैशाख मास के शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन पड़ता है। इस दिन किए गए किसी भी शुभ कार्य के अनंत और ‘अक्षय’ फल की प्राप्ति की मान्यता है। यह दिन विवाह, सोने की खरीदारी और धार्मिक क्रियाओं के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दिन का महत्व सत्य युग की शुरुआत, कई दिव्य व्यक्तित्वों के जन्म और अनंत समृद्धि और आशीर्वाद से जोड़ा गया है।

2024 में अक्षय तृतीया कब है? (When is Akshaya Tritiya in 2024?)

अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya), जिसे अक्षयता का दिन कहा जाता है, यह वैशाख के शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन मनाया जाता है। यह दिवस अनंत, अक्षय और ईश्वरीय आशीर्वाद के प्रतीक के रूप में माना जाता है। वर्ष 2024 में, अक्षय तृतीया शुक्रवार, 10 मई को मनाई जाएगी, जो 04:17 AM पर शुरू होकर 11 मई, 02:50 AM तक चलेगी। इस दिन, भक्तगण भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और गंगा स्नान, दान और उपवास के धार्मिक कर्म करते हैं।

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अक्षय तृतीया क्यों मनाई जाती है? (Why is Akshaya Tritiya celebrated?)

अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya) हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को बेहद शुभ और पवित्र माना जाता है।

मान्यता है कि अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya) के दिन किए गए पुण्य कार्य, दान, जप, तप का फल अक्षय यानी अविनाशी होता है। इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और लक्ष्मी (Goddess Laxmi) की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इसी दिन सतयुग और त्रेता युग का आरंभ हुआ था और भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के अवतार परशुराम का जन्म भी इसी दिन हुआ था। अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya) की एक प्रसिद्ध कथा धर्मदास नाम के एक गरीब वैश्य की है जो अपनी गरीबी के बावजूद इस दिन दान-पुण्य करता था। उसकी इस भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान ने उसे अगले जन्म में एक प्रतापी राजा बनाया । इससे यह सिद्ध होता है कि अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya) पर किया गया दान-पुण्य अक्षय फल देता है।

इस दिन लोग सोना-चांदी खरीदते हैं और नई वस्तुओं में निवेश करते हैं। किसान भी इस दिन से खेती का काम शुरू करते हैं। जैन धर्म में भी अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है और इस दिन व्रत रखा जाता है। कुल मिलाकर अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya) का त्योहार सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और धन-धान्य की वृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

अक्षय तृतीया की व्रत कथा क्या है? (What is the Fasting story of Akshaya Tritiya?)

प्राचीन काल में धर्मदास नामक एक सदाचारी और धार्मिक वैश्य था। उसका परिवार बहुत बड़ा था इसलिए वह हमेशा चिंतित रहता था। एक बार उसने अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya) व्रत के महत्व के बारे में सुना। जब यह पर्व आया, तो उसने गंगा में स्नान किया, देवी-देवताओं की पूजा की और ब्राह्मणों को सोना, चांदी, वस्त्र, अनाज, नमक, घी, दही, चावल, गुड़ आदि दान किया। 

अपनी पत्नी के विरोध, बच्चों की चिंता और बुढ़ापे के बावजूद वह अपने धर्म-कर्म और दान-पुण्य से कभी विचलित नहीं हुआ।

फलस्वरूप, अगले जन्म में धर्मदास राजा कुशावती बना। अक्षय तृतीया व्रत के प्रभाव से वह बहुत धनी और शक्तिशाली बन गया। परंतु वैभव के बावजूद वह विनम्र और उदार बना रहा। माना जाता है कि अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya) के दिन इस कथा को सुनने से अनंत पुण्य और आशीर्वाद मिलते हैं। 

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अक्षय तृतीया व्रत कथा पीडीएफ (Akshaya Tritiya Vrat Katha PDF)

अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya) की व्रत कथा से संबंधित यह विशेष पीडीएफ (PDF) हम आपसे इस लेख में शेयर कर रहे हैं, अगर आप चाहे तो इस पीडीएफ (PDF) को कभी भी डाउनलोड (Download) करके अक्षत तृतीया की व्रत कथा को पढ़ सकते हैं।

अक्षय तृतीया का महत्व  (Significance of Akshaya Tritiya)

अक्षय तृतीया (Akshay Tritiya) हिंदू कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को अमरता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार, इस शुभ दिन शुरू किया गया कोई भी काम समय के साथ बढ़ता और फलता-फूलता रहता है। 

पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान सूर्य (Lord Surya) ने पांडवों को अक्षय पात्र भेंट किया था जो अनंत भोजन प्रदान करता था। एक अन्य कथा में, देवी दुर्गा ने महिषासुर (Mahishasura) राक्षस का वध किया और सत्ययुग का अंत व त्रेतायुग की शुरुआत हुई। भगवान कृष्ण (Lord Krishna) और उनके मित्र सुदामा के पुनर्मिलन की कथा भी इसी दिन से जुड़ी है। 

अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, व्रत रखे जाते हैं और जरूरतमंदों को दान दिया जाता है। व्यापारी इस दिन को बहुत शुभ मानते हैं और समृद्धि व बहुतायत के लिए पूजा-अर्चना करते हैं। पवित्र स्नान, हवन और मंत्रोच्चार भी इस दिन के महत्वपूर्ण अनुष्ठान हैं।

अक्षय तृतीया के अचूक उपाय (Remedies for Akshaya Tritiya)

  • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें: अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे सुख, शांति और समृद्धि मिलती है।
  • सोना या चांदी खरीदें: इस दिन सोना या चांदी खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। इससे धन और समृद्धि आती है।
  • जरूरतमंदों को दान करें: इस दिन जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और अन्य जरूरी चीजें दान करना एक पवित्र कार्य माना जाता है। इससे अच्छा भाग्य और आशीर्वाद मिलता है।
  • यज्ञ करें: यज्ञ या हवन करने से ईश्वरीय कृपा और आशीर्वाद मिलता है।
  • व्रत रखें: इस दिन व्रत रखने से आध्यात्मिक विकास और आशीर्वाद मिलता है।
  • घर की सफाई करें: इस दिन घर की सफाई करने से सकारात्मकता और खुशी आती है।
  • पेड़ लगाएं: इस दिन पेड़ लगाने से अच्छा स्वास्थ्य और समृद्धि मिलती है।
  • दूसरों की मदद करें: इस दिन दूसरों की मदद करना और अच्छे कर्म करने से आशीर्वाद और अच्छा भाग्य मिलता है।
  • बड़ों का सम्मान करें: इस दिन बड़ों का सम्मान करने और उनका आशीर्वाद लेने से खुशी और समृद्धि मिलती है।
  • क्रोध और नकारात्मक विचारों से बचें: इस दिन क्रोध और नकारात्मक विचारों से बचने से शांति और खुशी मिलती है।
  • नए कपड़े पहनें: इस दिन नए कपड़े पहनने से खुशी और समृद्धि मिलती है।
  • जानवरों को भोजन दें: इस दिन जानवरों को भोजन देने से आशीर्वाद और अच्छा भाग्य मिलता है।
  • पवित्र स्थानों पर जाएं: इस दिन पवित्र स्थानों पर जाने से आध्यात्मिक विकास और आशीर्वाद मिलता है।

इस प्रकार, अक्षय तृतीया के दिन इन उपायों को करने से जीवन में खुशियां, शांति, समृद्धि और ईश्वरीय कृपा मिलती है।

धन लाभ के लिए अचूक उपाय (Surefire way to gain money)

“अक्षय तृतीया का दिन विशेष रूप से धन और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण होता है, इस दिन कुछ विशेष कार्य करने से माना जाता है कि धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है. निम्नलिखित हैं वो पांच उपाय:

  • अक्षय तृतीया पर दान करें: इस दिन गरीबों को खाद्य, वस्त्र, या धन दान करने को शुभ माना जाता है, इससे आपको अच्छी भाग्यशाली और धन की प्राप्ति होती है।
  • भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करें: अक्षय तृतीया का दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी (Goddess Laxmi) को समर्पित होता है, इस दिन उनकी पूजा करने से समृद्धि और भाग्यशाली मिलती है।
  • तुलसी का पौधा लगाएं: अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के दिन तुलसी का पौधा लगाना शुभ माना जाता है, इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और समृद्धि मिलती है।
  • सोना या चांदी खरीदें: अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के दिन सोना या चांदी खरीदना शुभ माना जाता है, इससे आपको धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  • मंत्र जपें: अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के दिन मंत्र जपने से भाग्यशाली मिलती है, आप महालक्ष्मी मंत्र, विष्णु सहस्रनाम, या गायत्री मंत्र का जप कर सकते हैं।

अक्षय तृतीया के चमत्कारी टोटके (Miraculous tricks of Akshaya Tritiya)

  • पूजा और दान: अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) को पवित्र तिथि माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और माता लक्ष्मी की पूजा करने और दान करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। 
  • सोना खरीदना: इस दिन सोना या चांदी खरीदने से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है और कभी कमी नहीं होती। 
  • नई शुरुआत: अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) को अबूझ मुहूर्त माना जाता है, इसलिए इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना मुहूर्त के शुरू किया जा सकता है, जैसे नया व्यवसाय, गृह-प्रवेश आदि। 
  • गंगा स्नान: अक्षय तृतीया पर गंगा नदी में स्नान करने और दान करने का विशेष महत्व है। 
  • अक्षत (अखंड चावल) का दान: इस दिन अक्षत का दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। 
  • कनकधारा स्तोत्र का पाठ: धन-धान्य की प्राप्ति के लिए इस दिन आदि शंकराचार्य द्वारा रचित कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। 
  • अन्नदान: अक्षय तृतीया पर अन्न का दान करने से कभी अन्न की कमी नहीं होती। 
  • शुभ कार्यों का आरंभ: इस दिन कोई भी मांगलिक या शुभ कार्य करने से उसका शुभ फल मिलता है।

Conclusion:

अक्षय तृतीया आध्यात्मिकता, दान-पुण्य और शुभ कार्यों का पर्व है। इस दिन भगवान की पूजा-अर्चना, स्नान, दान, तीर्थयात्रा, और नवीन कार्यों का प्रारंभ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह त्यौहार हमें सद्कर्म करने, परोपकार करने, और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग अपनाने की प्रेरणा देता है। अक्षय तृतीया के पावन त्योहार से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो इसे अपने मित्रगणों एवं परिवारजनों के साथ अवश्य साझा करें और हमारे आर्टिकल्स को भी जरूर पढ़ें और अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो उसे कॉमेंट बॉक्स में जाकर जरुर पूछे, हम आपके सभी प्रश्नों का जवाब देने का प्रयास करेंगे। ऐसे ही अन्य लेख को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट janbhakti.in पर रोज़ाना विज़िट करें ।

FAQ’s:

Q. अक्षय तृतीया का पर्व कब मनाया जाता है?

Ans. अक्षय तृतीया का पर्व वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह तिथि साल में कभी-कभी सूर्य ग्रहण के कारण एक दिन आगे भी खिसक सकती है।

Q. अक्षय तृतीया का क्या महत्व है?

Ans. अक्षय तृतीया को हिन्दू धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था और माता सीता को रावण से मुक्ति मिली थी। इस दिन किए गए दान और पुण्य कर्म अक्षय फलदायी होते हैं।

Q. अक्षय तृतीया का नामकरण कैसे हुआ?

Ans. “अक्षय” का अर्थ है “कभी नष्ट न होने वाला”। मान्यतानुसार, इस दिन किए गए कार्य और दान का फल सदैव बना रहता है, इसलिए इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है।

Q. अक्षय तृतीया पर क्या-क्या कार्य किए जाते हैं?

Ans. अक्षय तृतीया पर लोग स्नान, दान, पूजा-पाठ और भगवान विष्णु की आराधना करते हैं। सोना, चांदी और तांबे जैसी धातुओं की खरीद भी इस दिन शुभ मानी जाती है।

Q. क्या अक्षय तृतीया को कोई विशेष व्रत भी रखा जाता है?

Ans. हाँ, अक्षय तृतीया के दिन कुछ लोग गंगा स्नान और सूर्य पूजन के साथ ही अक्षय तृतीया का व्रत भी रखते हैं। इस व्रत में फलाहार ग्रहण किया जाता है।

Q. क्या अक्षय तृतीया का कोई वैज्ञानिक आधार भी है?

Ans. हाँ, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य पृथ्वी के सबसे करीब होता है, जिसके कारण सौर ऊर्जा का प्रभाव भी अधिक होता है।