Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया – एक ऐसा दिन जो अनंत खुशियों और समृद्धि का प्रतीक है। यह वह शुभ तिथि है जब सूरज और चंद्रमा अपनी पूरी क्षमता के साथ चमकते हैं, जब प्रकृति अपने सबसे सुंदर रूप में खिलती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन का महत्व सिर्फ प्राकृतिक सौंदर्य तक ही सीमित नहीं है?
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के पीछे छिपे हैं कई पौराणिक और ऐतिहासिक कारण जो इसे हिंदू और जैन धर्म में सबसे पवित्र और शुभ त्योहारों में से एक बनाते हैं। इस दिन की शुरुआत होती है सुबह के ब्रह्म मुहूर्त से जब सूर्य की पहली किरण धरती को छूती है और दिन भर चलती रहती है शुभ घड़ी। क्या आप तैयार हैं इस रहस्यमयी त्योहार के पीछे छिपे रहस्यों को जानने के लिए? क्या आप जानना चाहते हैं कि आखिर क्यों माना जाता है कि इस दिन किया गया हर काम बन जाता है, हर मनोकामना पूरी हो जाती है?
तो चलिए, शुरू करते हैं अक्षय तृतीया की इस अद्भुत यात्रा और जानते हैं इसके पीछे के कारण और इससे जुड़ी मान्यताएं।
अक्षय तृतीया – Table Of Content
S.NO | प्रश्न |
1 | अक्षय तृतीया क्या है? |
2 | अक्षय तृतीया कब है? |
3 | अक्षय तृतीया का महत्व क्या है? |
4 | अक्षय तृतीया की कथा |
5 | अक्षय तृतीया क्यों मनाई जाती है? |
6 | अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त क्या है? |
अक्षय तृतीया क्या है? (What is Akshaya Tritiya)
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) हिंदुओं और जैनों का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि को मनाया जाता है। ‘अक्षय’ का अर्थ होता है ‘अमर’ या ‘कभी न कम होने वाला’, और ‘तृतीया’ का अर्थ होता है ‘तीसरा चन्द्र दिवस’। इस दिन किए गए किसी भी कार्य को सफलता, समृद्धि और खुशी लाने वाला माना जाता है। यह दिन नई योजनाओं की शुरुआत, नई घर, वाहनों, आभूषणों की खरीदारी, संपत्ति या सोने में निवेश करने के लिए शुभ माना जाता है। भारत (India) और नेपाल (Nepal) में इसे बहुत उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
अक्षय तृतीया कब है? (When is Akshaya Tritiya?)
2024 में, हिन्दू त्योहार अक्षय तृतीया 10 मई को शुक्रवार को मनाया जाएगा। यह दिन धन और समृद्धि के देवताओं, विष्णु और लक्ष्मी की पूजा और नई योजनाओं की शुरुआत के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
अक्षय तृतीया का महत्व क्या है? (Importance of Akshaya Tritiya)
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जिसका विशेष महत्व है। इस पर्व के प्रमुख महत्व इस प्रकार हैं:
अनंत समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक:
- अक्षय का अर्थ है अविनाशी या अनंत। इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य या निवेश भविष्य में बढ़ता और खुशहाली लाता है।
- पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन पांडवों को अक्षय पात्र प्राप्त हुआ था जो अनंत भोजन प्रदान करता था। यह अटूट समृद्धि का प्रतीक है।
- यह दिन सत्ययुग के अंत और त्रेतायुग के प्रारंभ का भी प्रतीक माना जाता है।
शुभ कार्यों और निवेश के लिए सर्वोत्तम समय:
- अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) को नए कार्य आरंभ करने, निवेश करने और सोना-चांदी जैसी कीमती वस्तुएं खरीदने का शुभ दिन माना जाता है।
- इस दिन विवाह जैसे मांगलिक कार्य के लिए विशेष मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती। पूरे दिन अबूझ मुहूर्त रहता है। व्यापारी इस दिन लक्ष्मी और गणेश की पूजा कर समृद्धि और वैभव की कामना करते हैं।
धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व:
- भक्त व्रत रखकर, पूजा और दान-पुण्य करके भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करते हैं। इससे आध्यात्मिक उन्नति होती है।
- पवित्र नदियों में स्नान और ईश्वर को प्रार्थना करना इस दिन के प्रमुख धार्मिक अनुष्ठान हैं।
- जैन धर्म में भी अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान महावीर ने संसार त्याग दिया था।
- इस प्रकार, अक्षय तृतीया का त्योहार हिंदू धर्म और संस्कृति में एक अहम स्थान रखता है। यह पर्व लोगों के जीवन में समृद्धि, खुशहाली और आध्यात्मिक उन्नति का संदेश देता है।
अक्षय तृतीया की कथा (Story of Akshaya Tritiya)
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya), एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार, धर्म, दान, और अन्य धार्मिक क्रियाओं की महत्ता को बढ़ावा देता है। इसकी कथा महोदधि नामक एक धर्मनिष्ठ व्यक्ति के आस्था और दानाचरण की गाथा है।
महोदधि एक धर्मपरायण व्यक्ति था, जिन्होंने अपने जीवन को सत्य, करुणा, और धर्म के नाम समर्पित किया। एक दिन, उन्होंने अक्षय तृतीया के दिन धार्मिक क्रियाओं के अपरिमित फल के बारे में सुना और उन्होंने तय किया कि वे इस दिन व्रत रखेंगे। महोदधि ने गंगा में स्नान किया, अपने पितृओं के लिए तर्पण किया, और फिर घर लौटकर अन्य अनुष्ठानों की तैयारी की। उन्होंने दान के रूप में ब्राह्मणों को दो बर्तनों में पानी, चावल, नमक, गुड़, घी, दही, और अन्य दूध से बने उत्पादों की पेशकश की। महोदधि की पत्नी माया के प्रभाव में थीं और उन्हें इन दानाचरणों से रोकने की कोशिश की, लेकिन महोदधि ने अपने धर्म में दृढ़ता बनाए रखी। अंत में, उन्होंने एक सुखद जीवन बिताया और मृत्यु के बाद उन्हें उच्चतर चेतना प्राप्त हुई। महोदधि के अगले जन्म में, वे कुशावती में एक क्षत्रिय के रूप में पुनर्जन्म ले चुके थे, और वहां उन्हें अत्यधिक धन और समृद्धि मिली। उन्होंने अपनी संपत्ति का उपयोग करके अनेक यज्ञ, होम, और अन्य धार्मिक समारोह आयोजित किए, और स्वर्ण, गाय, भोजन, और अन्य वस्त्रादि का उदार दान किया।
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) की कथा ने इस शुभ दिन पर धर्म, दान, और अन्य धार्मिक क्रियाओं की महत्ता को बल दिया। इसके द्वारा, व्यक्ति अपार पुण्य इकट्ठा कर सकता है और समृद्ध और पूर्ण जीवन का आनंद उठा सकता है।
अक्षय तृतीया क्यों मनाई जाती है?
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष अक्षय तृतीया 10 मई 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन को शाश्वत और अनंत माना जाता है, और इस दिन किए गए शुभ कार्यों का फल भी अक्षय या अविनाशी होता है।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के दिन कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुईं। सतयुग में इसी दिन देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन हुआ था, जिससे अमृत निकला था। त्रेतायुग में भगवान् विष्णु (Lord Vishnu) ने इसी दिन परशुराम अवतार लिया था। द्वापर युग में पांडवों को इसी दिन अक्षय पात्र प्राप्त हुआ था, जो कभी खाली नहीं होता था। अक्षय तृतीया का सबसे बड़ा महत्व यह है कि इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य अक्षय फल देता है। इसलिए लोग इस दिन नए काम की शुरुआत करना, सोने-चांदी का सामान खरीदना, विवाह आदि शुभ कार्य करना पसंद करते हैं। मान्यता है कि इस दिन किया गया दान-पुण्य भी अक्षय होता है। इस दिन लोग विष्णु और लक्ष्मी की पूजा करते हैं और उनसे धन-धान्य की कामना करते हैं। कई लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। मंदिरों में विशेष पूजा और आरती का आयोजन किया जाता है। कुछ जगहों पर इस दिन थोक में विवाह भी होते हैं क्योंकि यह मुहूर्त शुभ माना जाता है।
कुल मिलाकर, अक्षय तृतीया हिंदुओं के लिए एक बेहद पवित्र और शुभ दिन है। इस दिन लोग पुण्य कमाने और अपने जीवन में सुख-समृद्धि लाने का प्रयास करते हैं। यह त्योहार हमें अच्छाई और कर्तव्य के महत्व का संदेश देता है।
अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त क्या है?
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) हिंदू कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जिसे 10 मई 2024 को मनाया जाएगा। अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त का समय कुछ इस प्रकार है-
शुभ मुहूर्त | शुभ मुहूर्त का समय |
लाभ चौघड़िया | सुबह 7:00 से 7:14 बजे तक |
अमृत चौघड़िया | सुबह 8:00 से 8:55 बजे तक |
शुभ चौघड़िया | दोपहर 12:00 से 12:17 |
चल चौघड़िया | शाम 5:00 से 5:20 |
Conclusion:
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) न केवल एक धार्मिक त्यौहार है, बल्कि यह आध्यात्मिक उन्नति और समृद्धि का द्वार भी है। अक्षय तृतीया के पावन त्योहार से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया इस लेख को अपने सभी प्रयोजनों के साथ एक बार अवश्य साझा करें और ऐसे ही अन्य लेख को भी पढ़ने के लिए हमारी इस वेबसाइट https://janbhakti.in पर रोजाना विजिट करें।
FAQ’s: Akshaya Tritiya 2024
Q. अक्षय तृतीया का क्या महत्व है?
Ans. अक्षय तृतीया हिंदू धर्म में एक बहुत ही शुभ दिन माना जाता है। इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य अक्षय फल देता है। इसलिए इस दिन कई शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, वस्त्र, आभूषण, घर, जमीन और वाहन आदि खरीदना शुभ माना जाता है।
Q. अक्षय तृतीया कब मनाई जाएगी ?
Ans. अक्षय तृतीया वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। 2024 में अक्षय तृतीया 10 मई, शुक्रवार को है।
Q. अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने के क्या लाभ हैं?
Ans. अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने से सौभाग्य, धन और समृद्धि मिलने का विश्वास है। यह एक अच्छा निवेश विकल्प भी माना जाता है क्योंकि समय के साथ सोने की कीमत बढ़ती जाती है।
Q. अक्षय तृतीया पर चांदी खरीदने के क्या लाभ हैं?
Ans. अक्षय तृतीया पर चांदी खरीदने से अच्छा स्वास्थ्य, धन और समृद्धि मिलने का विश्वास है। यह भी एक अच्छा निवेश विकल्प माना जाता है क्योंकि समय के साथ चांदी का मूल्य बढ़ता जाता है।
Q. अक्षय तृतीया के दिन क्या करना चाहिए?
Ans. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा स्नान करना चाहिए। भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा करके जौ या गेहूं का सत्तू, ककड़ी और चने की दाल अर्पित करनी चाहिए। ब्राह्मणों को भोजन कराना और दान करना चाहिए।
Q. अक्षय तृतीया पर क्या खरीदना शुभ होता है?
Ans. अक्षय तृतीया पर सोना-चांदी खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। इसके अलावा अन्य चीजें जैसे रसोई के बर्तन, जमीन, संपत्ति, वाहन और नए कपड़े खरीदना भी शुभ होता है।