Gangaur ke geet : गणगौर (gangaur) राजस्थान (rajasthan) की महिलाओं के लिए सबसे प्रतीक्षित और जीवंत त्योहारों में से एक है। यह पूरे राज्य में बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। यह विवाहित महिलाओं और युवा युवतियों दोनों के लिए फसल, वसंत, वैवाहिक सद्भाव और बच्चे पैदा होने का जश्न मनाने के लिए एक बड़ा स्थानीय त्योहार है। पूरे राजस्थान और भारत के कई अन्य राज्यों में, गणगौर के दौरान शिव और पार्वती के दिव्य वैवाहिक बंधन की पूजा की जाती है। देवी पार्वती को वैवाहिक प्रेम, साहस, शक्ति, शक्ति और उत्कृष्टता का प्रतीक माना जाता है। इस प्रकार, गणगौर के दौरान, विवाहित महिलाएं अपने पतियों की भलाई, लंबी उम्र, स्वास्थ्य और धन और विवाह के लिए पार्वती की पूजा करती हैं, जबकि युवा युवतियां एक स्मार्ट, समझदार, उपयुक्त जीवन साथी और भावी वैवाहिक समृद्धि पाने के लिए प्रार्थना करती हैं।
गणगौर शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, “गण” या “गण” भगवान शिव का पर्याय है और “गौर” जिसका अर्थ गौरी या पार्वती है। उन्हें एक आदर्श जोड़ा माना जाता है और गणगौर पूजा “सौभाग्य” या वैवाहिक आनंद का
प्रतीक है। विवाहित और अविवाहित लड़कियां त्योहार के हर दिन दूर्वा घास, साफ और ताजे पानी से भरे कलश, फूल और फलों के साथ गणगौर की पूजा करती हैं और इस शुभ अवसर पर आशीर्वाद मांगते हुए उपवास रखती हैं। “गौरी” का अर्थ पकी हुई फसल का प्रतीक “पीला” भी है।
गणगौर पूजा (gangaur pooja) भगवान शिव और पार्वती के वैवाहिक बंधन का प्रतीक है। उनके कठोर समर्पण और ध्यान ने उन्हें शिव का दिल जीतने में मदद की। ऐसा कहा जाता है कि गणगौर के दौरान, गौरी वैवाहिक सुख बढ़ाने के लिए अपने माता-पिता के घर वापस आई थी। इसलिए इस विशेष अवसर पर लोग गणगौर के गीत गाते हैं और खुशी के साथ त्योहार मनाते हैं। इस ब्लॉग में, हम गणगौर गीत | gangaur geet, गणगौर गीत लिरिक्स | gangaur ke geet lyrics, न्यू गणगौर गीत | new gangour geet इत्यादि के बारे में बताएंगे, तो इसे जरूर पढ़ें।
गणगौर का क्या अर्थ है? | Gangaur meaning
गणगौर का नाम गण यानी भगवान शिव और गौरी या पार्वती के नाम पर रखा गया है, जिनकी त्योहार के दौरान पूजा की जाती है। यह त्यौहार हिंदू महिला भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है, जो दिव्य जोड़े से सुखी वैवाहिक जीवन के लिए आशीर्वाद मांगती हैं।
गणगौर का त्यौहार क्यों मनाया जाता है? | Gangaur kyun manaya jata hai
महिलाएं गणगौर (gangaur) का त्योहार बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाती हैं, देवी पार्वती/गौरी से प्रार्थना करती हैं कि उन्हें भरपूर वसंत ऋतु का आशीर्वाद दें जो फसल से भरपूर हो और साथ ही वैवाहिक सद्भाव भी हो। वे देवी से उनके पतियों को अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र का आशीर्वाद देने का भी आग्रह करती हैं।
गणगौर गीत | gangaur geet
1 | टीकी के गीत |
2 | चोपड़ा के गीत |
3 | किवाड़ी खुलवाने के |
गणगौर गीत इन हिंदी | gangaur geet in hindi
1 | चुनड़ी के गीत |
2 | गौर गौर गोमती |
3 | ऊँचो चवरो चोकुंठो |
4 | हिंडा के गीत |
गणगौर गीत लिरिक्स इन हिंदी | gangaur ke geet lyrics in hindi
1. गौर ए गणगौर माता खोल ए किवाड़ी
बाहर ऊबी थारी पूजण वाली।
पूजो ए पूजो बाईयां , काई काई मांगों
म्हे मांगा अन्न धन , लाछर लक्ष्मी।
जलहर जामी बाबुल मांगा, राता देई मायड़
कान कंवर सो बीरो मांगा , राई सी भौजाई।
ऊँट चढयो बहनोई मांगा , चूंदड़ वाली बहना
पूस उड़ावन फूफो मांगा , चूड़ला वाली भुवा।
काले घोड़े काको मांगा , बिणजारी सी काकी
कजल्यो सो बहनोई मांगा , गौरा बाई बहना।
भल मांगू पीहर सासरो ये भल मांगू सौ परिवार ये
गौर ए गणगौर माता खोल ए किवाड़ी।
2. चम्पा री डाली , हिन्डो माण्डयो , रेशम री गज डोर।
जी ओ म्हे हिन्डो माण्डयो।
म्हारे हिंडोल इशरदास जी पधारया , ले बाई गवरा ने साथ।
जी ओ म्हे हिन्डो माण्डयो।
होले से झोटो दिया ओ पातलीया डरप लो नाजूक जीव।
जी ओ म्हे हिंडो मण्डियों।
चम्पल री डाली हिंडो मांडियो ,रेशम री गज डोर।
जी ओ म्हे हिंडो मंड्यो।
( बेटी जवाई के नाम लेते जाएँ )
3. चमकण घाघरो चमकण चीर ,
बोलबाई रोवां कुण थारा बीर
बड़ो बड़ो म्हारो ईशरदास बीर
बांसयुं छोटो कानीराम बीर
चुनरी ओढावे म्हारो ईशरदास बीर
माय स्यु मिलावे म्हारो छोटो कानीराम बीर।
चमकण लागे घाघरा चमकण चीर …
( भाई का बहन का नाम लेते हैं )
4. अम्बो तो जाम्बा टीकी , पाना तो पल्ला टीकी
हरो नगीनों टीकी सोना की
या टीकी गौरा बाई ने सोवे
ईशरदास जी बैठ घडावे टीकी
अम्बो तो जाम्बा
न्यू गणगौर गीत | new gangour geet
- चल्यो जा रे मूरख अज्ञान, तुझे मेरी क्या पड़ी रे।
- माथा ने भांवर सुहाय, तो रखड़ी जड़ाव की रे।
- तन पे सालू रंगीलो, तो अंगिया जड़ाव की रे।
- सिर पर लम्बे-लम्बे केश, गले में फूलों की माला पड़ी रे।
- मुखड़ा ने भेसर सुहाय, तो मोतीड़ा जड़ाव का रे।
गणगौर के गीत लिखे हुए | gangaur geet lyrics
1. गौर थारो चोपडो माणक मोती छायो ऐ
माणक मोती छायो ऐ यो तो सच्चा मोती धायो ऐ
ब्रह्मदास जी रा ईसरदास जी रोली रंग लाया ऐ
ईसरदास जी रा कानीराम जी परण पधराया ऐ
परण पधारया वाकी माया टीका काड़या ऐ
रोली का वे टीका काड़या ऊपर चावल चेपया ऐ
गौर थारो चोपडो माणक मोतिया छायो ऐ
माणक मोतिया छायो ऐ वो तो सच्चा मोती छायो ऐ।
(ब्रह्मदास जी की जगह दादा ससुर जी का ,
ईसरदास की जगह पति का और
कानीराम जी की जगह पुत्र का नाम लेना चाहिए )
2. म्हारा हरिया जंवारा ओ राज लंबा-तिखा सरस बदृया
म्हारा लुणीया जंवारा हो लांबा-तिखा सरस बदृया…
ये तो सुरजीरा बाया हो राज, रेणा दे जी सिंच लिया
ये तो इसरजीरा बाया ओ राज, गोरा दे जी सिंच लिया
ये तो सासु बहुरा सिंच्या ओ राज, गहुडा पिला पड रह्या
बाईसा तो गड सिंच्या ओ राज, लांबा-तिखा सरस बदृया
म्हारो दूध भरो कटोरो ओ राज, बाई रोवा पीव लिया
म्हारो गेना भरीयो डाबो ओ राज, बाई सोवा पेर लिया
म्हारी पचरंगी चुंदडी ओ राज, बाई गोरां ओढ लिया
म्हारा हरिया जंवारा …
3. एल खेल नदी बेव ओ पाणी कठ जासी रे,
आधो जासी अल्या गल्या आधो इसर न्हासी रे,
इसरजी न्हाया धोया गोरा बाई न्हासी रे,
गोराबाई क बेटो हुयो भुवा बधाई ल्यासी रे,
अरदा ताणों परदा ताणों बांदरबाल बंधाओ रे,
सार केरी सुई ल्याओ पाट करा बांगा रे,
आवो रे भतीजा थांकी भुवा ल्याई बागा रे,
भुवाक भरोसे जी भतीजा रेग्या नागा रे,
4. पाटो धोये पाटो धो , भायां को बहन पाटो धो, पाटा ऊपर पीलो पान , महे जाश्या बीरा की
जान,
जान जाश्या पाँ खास्या, बीरा ने परंणाशयां
थाली में खाजा, म्हारो बीरो राजा थाली में पताशा बीरो करे तमाशा
चूडो धो ये चूडो धो, भायां को बहन चूडो धो, पाटा ऊपर पीलो पान,
म्हे जाश्या बीरा को जान,
जान जाश्या पान खाश्या, बीरा ने परंणाशयां
थाली में खाजा, म्हारो बीरो राजा थाली में पताशा बीरो करे तमाशा
गणगौर के गीत mp3 | gangaur ke geet mp3
- म्हारी चुनरी जयपुर की मंगवा दे
- गौर माता री आरती
- मोर बोले रे
- केसरिया बालम पधारो म्हारे देश
- कानुदा रे थारे बिना बालम
- घुघरियो
- मैं तो तेरी दीवानी रे
गणगौर के गाने | gangor ke gane
- म्हारो राजस्थान
- गणगौर गीत
- चिरमी रा डाला चार
- केसरिया बालम पधारो म्हारे देश
- गौर माता री आरती
- म्हारी चुनरी जयपुर की मंगवा दे
- कानुदा रे थारे बिना बालम
- गणेश वंदना
- मोर बोले रे
गणगौर का गीत | Gangaur ka geet
- चिरमी रा डाला चार
- गणगौर गीत
- म्हारी चुनरी जयपुर की मंगवा दे
- गौर माता री आरती
- मोर बोले रे
- केसरिया बालम पधारो म्हारे देश
- कानुदा रे थारे बिना बालम
- घुघरियो
- मैं तो तेरी दीवानी रे
गणगौर गीत राजस्थानी | gangaur geet rajasthani
1 | केसरिया बालम पधारो म्हारे देश |
2 | कानुदा रे थारे बिना बालम |
3 | मैं तो तेरी दीवानी रे |
4 | ओजी रे घूघरा मैं |
5 | घुघरियो |
6 | सावरियो रे मारो |
गणगौर सॉन्गस डाउनलोड | gangaur songs download
- म्हारो राजस्थान
- गणगौर गीत
- चिरमी रा डाला चार
- केसरिया बालम पधारो म्हारे देश
- गौर माता री आरती
- म्हारी चुनरी जयपुर की मंगवा दे
- कानुदा रे थारे बिना बालम
- गणेश वंदना
- मोर बोले रे
गणगौर सॉन्गस लिरिक्स | gangaur song lyrics
1. (माहा राजस्थानी यो म्हारो राजस्थान हैं
सबसू प्यारो न्यारो हें मतवालो राजस्थान हैं) x2
म्हारो राजस्थान हैं म्हारो राजस्थान हैं
खेती माणो खास हैं धंधो नित उठ जावा खेत में
कंधे हल बैला री जोड़ी टाबर लुगाई समेत में
कसमे काम करा मैं दिनभर थापन रोटी खावा ने
निप जावा हा खूब नाचने गीत खुश का गावा रे मैं
केसो किष्णो ऱम्जु हसनो ऐसा राजस्थान हैं
गाया भैसा खूब आपने दूध मज़ा रो आवे हैं
भर भर माटा छाछ फेरा सारो बिलजावे हैं
पीरदेवरे जावा मैं तो अपना देव मनवा मैं
बाजे ढोल चुरमा और नारियल रा भोग लगावा मैं
कोई माने ख्वाजा जी ने और कोई हनुमान ने
कई वीर जन्मा अठे अपनी धरती एडी हैं
महाराणा प्रताप सरीखा धा पन्ना री जेडी हैं
एक हें दुर्गादास वीर एक अमर सिंह राठौड हैं
बैरी आता कर हमलो तो मार गिरता राठौड रे
वीरा री धरती रे विजय आपनी राजस्थान हैं
इन गौरवशाली धरती पे माह सबने अभिमान हैं
2. चिरमी म्हारीं चिरमली चिरमी रा डाला चार,
भोळी म्हारी चिरमी रे
चिरमी बाबो सा री लाडली,
चिरमी बाबो सा री लाडली,
बा तो मोत्यां बिचली लाल
वारी जाऊँ चिरमी ने।।
चिरमी माऊंसा री लाडली।
चिरमी मांऊसा री लाडली।
बा तो काळजिये री कोर.
भोळी म्हारी चिरमी रे।।
ऊंचले डाले म्हे चढ़ा,
म्हारे निचले डाळे जेठ,
वारी जाऊं चिरमी रे
म्हारे निचले डाळे जेठ
वारी जाऊं चिरमी रे।।
उतरो जेठ जी म्हें चढ़ा,
उतरो जेठ जी म्हे चढ़ा
कोई जोऊँ म्हारें बाबोसा री बाट,
भोळी म्हारी चिरमी रे।।
चढ़ती ने दिखे मेड़तों,
चढ़ती ने दिखे मेड़तो,
उतरती ने,
उतरती ने दिखे अजमेर,
वारी जाऊँ चिरमी ने,
उतरती ने दिखे अजमेर,
वारी जाऊँ चिरमी ने।।
चढ़ती रो चमके चुड़लो,
चढती रो चमके चुड़लो,
उतरती रो नौसर हार,
भोळी म्हारी चिरमी रे।।
बाबोसा रे चढ़वा घोड़लों,
बाबोसा रे चढ़बा घोड़लो,
म्हारे बीरो सा रे,
म्हारें बीरो सा रे चढ़वा टौड़,
भोळी म्हारी चिरमी रे
घुड़ले रे बांधण घुघरा,
घुड़ले रे बांधण घुघरा,
कोई टोरड बांधण लूम,
वारी जाऊं चिरमी ने,
चिरमी म्हारीं, चिरमली,
चिरमी रा डाला चार,
भोळी म्हारी चिरमी रे
गौर गौर गोमती लिरिक्स | gor gor gomti lyrics
गोर-गोर गोमती, ईसर पूजूँ पार्वतीजी,
पार्वती का आला-गीला, गोर का सोना का टीका,
टीका दे, टमका दे राणी, बरत करे गोराँदे रानी,
करता-करता आस आयो, मास आयो,
खेरे खाण्डे लाडू आयो, लाडू ले बीरा ने दियो,
बीरो ले गटकाय ग्यो,चूँदडी ओढाय ग्यो,
चूँदड म्हारी इब छल, बीरो म्हारो अम्मर,
राण्याँ पूजे राज मेँ, म्हेँ म्हाँका सवाग मेँ,
राण्याँ ने राज-पाट द्यो, म्हाँने अमर सवाग द्यो,
राण्याँ को राज-पाट तपतो जाय, म्हारो सरब सवाग बढतो जाय
ओल-जोल गेहूँ साठ, गौर बसे फूलाँ कै बास,
म्हेँ बसाँ बाण्याँ कै बासकीडी-कीडी कोडूल्यो, कीडी थारी जात है,
जात है गुजरात हैसाडी मेँ सिँघाडा, बाडी मेँ बिजौराईसर-गोरजा,
दोन्यूँ जोडा, जोड्या जिमाया,जोड जँवारा, गेहूँ क्यारागणमण सोला,
गणमण बीस, आ ए गौर कराँ पच्चीस
गणगौर दोनों के मिलन का जश्न मनाता है और दाम्पत्य एवं वैवाहिक सुख का प्रतीक है। गणगौर राजस्थान के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इसलिए इस विशेष अवसर पर लोग गणगौर के गीत गाते हैं और खुशी के साथ त्योहार मनाते हैं।
Summary-
गणगौर त्यौहार न केवल स्त्री शक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है। यह त्यौहार स्त्री-पुरुष समानता, प्रेम, और भक्ति का संदेश देता है। आज के समय में, जब महिलाओं को सशक्त बनाने पर ज़ोर दिया जा रहा है, गणगौर त्यौहार का महत्व और भी बढ़ जाता है। गणगौर के त्योहार से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो इसे अपने मित्र गणों के साथ अवश्य साझा करें साथ ही हमारे आर्टिकल्स को भी जरूर पढ़ें।
FAQ’s
Q. गणगौर नृत्य शैली क्या है?
गणगौर राजस्थान का लोक नृत्य है। यह राजस्थान में गणगौर पर्व पर मनाया जाता है। यह पूरे राज्य में महिलाओं द्वारा मार्च-अप्रैल के दौरान भगवान शिव की पत्नी गौरी की पूजा बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह फसल, वसंत और वैवाहिक निष्ठा का उत्सव है।
Q. भारत में गणगौर कहाँ मनाया जाता है?
गणगौर भारतीय राज्य राजस्थान और गुजरात मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में मनाया जाने वाला त्योहार है।
Q. गणगौर कितने दिन मनाया जाता है?
गणगौर त्योहार का शुभ जीवंत उत्सव 18 दिनों तक चलता है। जुलूस निकाले जाते हैं और महिलाएं गौरी के रूप में सजकर जुलूस में भाग लेती हैं। वे अन्य महिलाओं के साथ गौरी की सजी-धजी मूर्तियाँ अपने सिर पर रखते हैं और लोक गीत गाते हैं।
Q. गणगौर पूजा कौन कर सकता है?
यह त्यौहार विवाहित और अविवाहित दोनों महिलाओं द्वारा मनाया जाता है, जो सुखी जीवन के लिए देवी गौरी और भगवान शिव की पूजा करती हैं और उपवास करती हैं।
Q. गणगौर उत्सव पर क्या खाते हैं?
खीर, चूरमा, हलवा और पूड़ी राजस्थान में गणगौर उत्सव के मेनू में कुछ पारंपरिक व्यंजन हैं। घेवर, उत्सव का एक अनिवार्य पाक हिस्सा, सबसे प्रसिद्ध राजस्थानी मिठाइयों में से एक है।
Q. कौन हैं गणगौर माता?
निमाड़ लोकमाताओं की माता ‘गणगौर’ का त्यौहार निमाड़ में मनाया जाता है। वह देवियों की देवी महादेवी भी हैं। वह संपूर्ण विश्व की भक्ति को प्रकाशित करने वाली परम शक्ति हैं। गणगौर माता लौकिक एवं लौकिक दोनों देवी हैं।