मां दुर्गा के नौ रूप (Maa Durga ke Nau Rup): शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह पर्व मां दुर्गा (Maa Durga) के नौ रूपों की आराधना का पर्व है, जो देवी शक्ति की विजय का प्रतीक है। हर साल आश्विन माह में मनाया जाने वाला यह उत्सव भक्तों के लिए आध्यात्मिक उत्थान और आंतरिक शांति का अवसर लेकर आता है।
शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) के दौरान माता रानी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है और व्रत रखे जाते हैं। इस दौरान जगह-जगह भव्य पंडालों का आयोजन किया जाता है, जहां माता के भजनों और आरतियों की गूंज सुनाई देती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस वर्ष शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) कब से शुरू हो रहा है? क्या आपको पता है कि नवरात्रि के नौ दिनों में किस दिन किस देवी की पूजा की जाती है? और क्या आप यह भी जानते हैं कि प्रत्येक दिन का प्रमुख रंग क्या होता है? अगर नहीं, तो चिंता की कोई बात नहीं है। इस लेख में हम आपको शारदीय नवरात्रि 2024 के बारे में विस्तार से बताएंगे। हम आपको बताएंगे कि इस बार नवरात्रि कब से शुरू हो रहा है, किस तिथि को कौन सी देवी की पूजा होगी और उस दिन का शुभ रंग क्या होगा।
यह लेख आपके लिए एक पूर्ण गाइड का काम करेगा। तो देर किस बात की, पढ़िए और जानिए शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) के हर पहलू के बारे में…
शारदीय नवरात्रि कब है? (Shardiya Navratri kab Hai)
शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) 2024 में 3 अक्टूबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर तक मनाई जाएगी। यह हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के रूप में मनाया जाता है। शारदीय नवरात्रि का आयोजन शरद ऋतु में होता है, इसलिए इसे “शारदीय” कहा जाता है। यह त्योहार अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होकर नौ दिनों तक चलता है और दशहरे के दिन समाप्त होता है।
नवरात्रि के दौरान, भक्त माता दुर्गा की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं। हर दिन माता के एक अलग रूप की पूजा की जाती है, जिससे सुख-समृद्धि और कल्याण की प्राप्ति होती है। इस दौरान विशेष पूजा, हवन, और कन्या पूजन का आयोजन किया जाता है। शारदीय नवरात्रि का महत्व आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दोनों दृष्टिकोण से अत्यधिक है, और यह पूरे भारत में बड़ी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई जाती है।
नवरात्रि का दिन (दिन, तारीख, तिथि)
S.NO | दिन | तारीख | देवी | तिथि |
1 | गुरुवार | 3 अक्टूबर 2024 | शैलपुत्री | प्रतिपदा |
2 | शुक्रवार | 4 अक्टूबर 2024 | ब्रह्मचारिणी | द्वितीया |
3 | शनिवार | 5 अक्टूबर 2024 | चंद्रघंटा | तृतीया |
4 | सोमवार | 6 अक्टूबर 2024 | कुष्मांडा | चतुर्थी |
5 | मंगलवार | 7 अक्टूबर 2024 | स्कंदमाता | पंचमी |
6 | बुधवार | 8 अक्टूबर 2024 | कात्यायनी | षष्ठी |
7 | गुरुवार | 9 अक्टूबर 2024 | कालरात्री | सप्तमी |
8 | शुक्रवार | 10 अक्टूबर 2024 | महागौरी | अष्टमी |
9 | शनिवार | 11 अक्टूबर 2024 | सिद्धिदात्री | नवमी |
10 | रविवार | 12 अक्टूबर 2024 | – | दशमी |
माँ दुर्गा के नौ रूपों की जानकारी (Maa Durga ke 9 Rupo ki jankari)
प्रथम रुप- शैलपुत्री
पार्वती का यह रूप हिमालय के राजा हिमवत की पुत्री बनकर जन्म लेता है।
- मां का प्रिय रंग- सफेद
- मां का प्रिय भोजन- गाय के घी में बना हुआ भोजन
दुसरा रूप- ब्रह्मचारिणी
पार्वती ने शिवा को अपना पति बनाने के लिए कठोर तपस्या की और यह रूप ब्रह्मचारिणी के रूप में जाना जाता है।
- मां का प्रिय रंग- नारंगी रंग
- मां का प्रिय भोजन- शक्कर
तीसरा रूप- चंद्रघंटा
“शिवा से विवाह के बाद, पार्वती ने अपने माथे पर चंद्रमा की आधी कला सजाई, और इसलिए यह रूप चंद्रघंटा के रूप में जाना जाता है”।
- मां का प्रिय रंग- लाल रंग
- मां का प्रिय भोजन- दूध अथवा दूध से बने हुए भोजन
चौथा रूप- कुष्मांडा
शिवा की पत्नी बनने के बाद, पार्वती ने सूर्य के अंदर निवास किया और ब्रह्मांड की सृष्टि में मदद की, इसलिए इस रूप को कूष्मांडा कहा जाता है।
- मां का प्रिय रंग- नीला रंग
- मां का प्रिय भोजन- मालपुआ
पांचवां रूप- स्कंदमाता
स्कंद (जिसे कार्तिकेय भी कहा जाता है) को जन्म देने के बाद, पार्वती को स्कंदमाता कहा जाता है।
- मां का प्रिय रंग-पीला रंग
- मां का प्रिय भोजन- केला
छठा रूप- कात्यायनी
पार्वती ने शुम्भ और निशुम्भ राक्षसों को मारने के लिए अपनी स्वर्ण त्वचा को हटाया, और इसलिए यह रूप कालरात्रि के रूप में जाना जाता है।
- मां का प्रिय रंग- हरा रंग
- मां का प्रिय भोजन- शहद
सातवा रूप- कालरात्रि
पार्वती ने महिषासुर राक्षस को मारने के लिए कात्यायनी के रूप में अवतरित हुई, और इसलिए यह रूप कात्यायनी के रूप में जाना जाता है।
- मां का प्रिय रंग- ग्रे रंग
- मां का प्रिय भोजन- अच्छा का भोग अथवा गुड से बना हुआ पदार्थ
आठवां रूप- महागौरी
कई वर्षों तक कठोर तपस्या करने के बाद, पार्वती की त्वचा चमकदार और गोरी हो गई, और इसलिए यह रूप महागौरी के रूप में जाना जाता है।
- मां का प्रिय रंग- बैंगनी या मोरपंखी रंग
- मां का प्रिय भोजन- हलवा
नौवां रूप- सिद्धिदात्री
पार्वती सभी सिद्धियों (अलौकिक शक्तियों) की दाता हैं, और इसलिए यह रूप सिद्धिदात्री के रूप में जाना जाता है।
- मां का प्रिय रंग- पीला रंग
- मां का प्रिय भोजन-
आज का नवरात्रि रँग (Aaj ka Navratri Rang)
1. प्रतिपदा (पहला दिन): मां शैलपुत्री की पूजा होती है, शुभ रंग सफेद, शांति और समृद्धि का प्रतीक।
2. द्वितीय दिन: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में नारंगी रंग शुभ होता है, जो ज्ञान और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।
3. तृतीय दिन: मां चंद्रघंटा के लिए लाल रंग शक्ति और साहस का प्रतीक है।
4. चतुर्थ दिन: मां कूष्माण्डा की पूजा में नीला रंग धारण करना समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
5. पंचमी (पांचवा दिन): मां स्कंदमाता की पूजा में पीला रंग शुभ होता है, जो सुख, शांति, और समृद्धि का प्रतीक है।
6. षष्ठी (छठा दिन): मां कात्यायनी के लिए हरा रंग पहनना शुभ है, विशेष रूप से कुंवारी कन्याओं के लिए।
7. सप्तमी (सातवां दिन): मां कालरात्रि की पूजा में ग्रे रंग ज्ञान और प्रचंड शक्ति का प्रतीक है।
8. अष्टमी (आठवां दिन): महागौरी की पूजा में बैंगनी या मोरपंखी रंग शुभ होता है, जो पवित्रता और सहनशक्ति का प्रतीक है।
9. नवमी (नौवां दिन): मां सिद्धिदात्री की पूजा में लाल या पीला रंग धन और सफलता के लिए शुभ माना जाता है।
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Conclusion:-Maa Durga ke Nau Rup
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FAQ’s:-Maa Durga ke Nau Rup
1. माँ दुर्गा के नौ रूप कौन-कौन से हैं?
माँ दुर्गा के नौ रूप इस प्रकार हैं:
- शैलपुत्री (पहला दिन)
- ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन)
- चंद्रघंटा (तीसरा दिन)
- कूष्मांडा (चौथा दिन)
- स्कंदमाता (पाँचवां दिन)
- कात्यायनी (छठा दिन)
- कालरात्रि (सातवां दिन)
- महागौरी (आठवां दिन)
- सिद्धिदात्री (नौवां दिन)
2. नवरात्रि में माँ दुर्गा के किस रूप की पूजा की जाती है?
नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। हर दिन एक विशेष रूप का पूजन होता है, जो जीवन में शक्ति, समृद्धि, और शांति लाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
3. माँ दुर्गा के नौ रूपों का क्या महत्व है?
माँ दुर्गा के प्रत्येक रूप का अपना विशेष महत्व है। ये रूप भक्तों को विभिन्न प्रकार की आशीर्वाद प्रदान करते हैं, जैसे शक्ति, ज्ञान, भक्ति, शांति, और समृद्धि। प्रत्येक रूप जीवन की विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरणा और शक्ति का प्रतीक है।
4. माँ शैलपुत्री कौन हैं?
माँ शैलपुत्री नवरात्रि के पहले दिन की देवी हैं। उनका जन्म हिमालय पर्वत के राजा हिमवान के घर हुआ था। उन्हें पर्वतराज की पुत्री होने के कारण शैलपुत्री कहा जाता है। यह रूप शक्ति और साहस का प्रतीक है।
5. माँ ब्रह्मचारिणी का क्या महत्व है?
दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। यह रूप तपस्या, साधना, और ज्ञान का प्रतीक है। माँ ब्रह्मचारिणी ने कठिन तपस्या करके भगवान शिव को प्राप्त किया था।
6. माँ चंद्रघंटा की पूजा क्यों की जाती है?
माँ चंद्रघंटा तीसरे दिन की देवी हैं। इनके मस्तक पर घंटे के आकार का चंद्र होता है, जिससे इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। यह रूप वीरता और साहस का प्रतीक है और जीवन से भय को दूर करता है।
7. माँ कूष्मांडा का क्या महत्व है?
माँ कूष्मांडा नवरात्रि के चौथे दिन की देवी हैं। ऐसा माना जाता है कि माँ कूष्मांडा ने अपनी मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना की थी। यह रूप समृद्धि और स्वास्थ्य का प्रतीक है।
8. माँ स्कंदमाता कौन हैं?
माँ स्कंदमाता पाँचवे दिन की देवी हैं। वह भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता हैं। यह रूप माँ के वात्सल्य और ममता का प्रतीक है।
9. माँ कात्यायनी की पूजा किसलिए की जाती है?
माँ कात्यायनी छठे दिन की देवी हैं। उनकी पूजा करने से भक्तों को शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। यह रूप शक्ति और युद्ध कौशल का प्रतीक है।
10. माँ कालरात्रि कौन हैं?
माँ कालरात्रि नवरात्रि के सातवें दिन की देवी हैं। यह रूप अत्यंत उग्र और भयानक है, जो अज्ञान और अंधकार को नष्ट करता है।
11. माँ महागौरी का क्या महत्व है?
माँ महागौरी नवरात्रि के आठवें दिन की देवी हैं। इनका रंग अत्यंत गोरा है, जिससे इनका नाम महागौरी पड़ा। यह रूप शांति, पवित्रता और धैर्य का प्रतीक है।
12. माँ सिद्धिदात्री कौन हैं?
माँ सिद्धिदात्री नवरात्रि के नौवें दिन की देवी हैं। यह रूप सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करने वाला है। भक्तों को जीवन में सफलता और समृद्धि प्रदान करती हैं।
13. नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा कैसे की जाती है?
नवरात्रि के दौरान प्रतिदिन प्रातःकाल और सायंकाल माँ दुर्गा के नौ रूपों का पूजन किया जाता है। विशेष मंत्रों का जाप, धूप-दीप, फूल और नैवेद्य अर्पित करना अनिवार्य माना जाता है। साथ ही, प्रत्येक दिन के अनुसार विशेष भोग चढ़ाया जाता है, जैसे पहले दिन गाय का घी, दूसरे दिन चीनी, आदि।
14. माँ दुर्गा के इन नौ रूपों की पूजा करने से क्या लाभ होते हैं?
माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा से जीवन में शांति, समृद्धि, और सफलता प्राप्त होती है। यह पूजा नकारात्मक शक्तियों को दूर करती है और भक्तों को आध्यात्मिक विकास में सहायता प्रदान करती है।