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Nag Panchami kyu Manayi Jati Hai: क्यों मनाई जाती है, नाग पंचमी? क्या है नाग पंचमी की कहानी और परंपराएं? जाने इस लेख में

Nag Panchami kyu Manayi Jati Hai
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नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है (Nag Panchami kyu Manayi Jati Hai): नाग पंचमी (Nag Panchami) – एक प्राचीन त्योहार जो सदियों से हिंदू धर्म में मनाया जा रहा है। यह पर्व सर्पों के प्रति श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। 

हर साल सावन महीने में नाग पंचमी (Nag Panchami) का उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस वर्ष नाग पंचमी कब है? नाग पंचमी के पीछे छिपी पौराणिक कथाएं और मान्यताएं क्या हैं? त्योहार का हमारे जीवन में क्या महत्व है? नाग पंचमी (Nag Panchami) हमें प्रकृति और उसके रहस्यों के प्रति विनम्र होने की सीख देती है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारे आसपास के जीव-जंतु, चाहे वो कितने भी छोटे या डरावने क्यों न हों, सभी का अपना महत्व है। नाग देवता की आराधना करके हम अपने जीवन में सुख, समृद्धि और संतुलन लाने का प्रयास करते हैं।तो आइए, इस लेख में हम नाग पंचमी (Nag Panchami) के बारे में विस्तार से जानते हैं…

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Table Of Content :-Nag Panchami kyu Manayi Jati Hai

S.NOप्रश्न
1नाग पंचमी 2024
2नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है?
3नाग पंचमी की कहानी
4नाग पंचमी का महत्व क्या है?
5नाग पंचमी 2024 की तिथि एवं मुहूर्त
6नाग पंचमी से जुड़ीं मान्यताएँ

नाग पंचमी 2024 (Nag Panchami 2024)

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हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 09 अगस्त को मध्य रात्रि 12 बजकर 36 मिनट पर आरंभ होगी और 10 अगस्त की देर रात 03 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार, इस वर्ष नाग पंचमी (Nag Panchami) का पर्व 09 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस विशेष दिन पर नाग पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 47 मिनट से 08 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इस अवसर पर भक्तजन श्रद्धा और आस्था के साथ नाग देवता की पूजा करेंगे, ताकि उनके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास हो।

नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है? (Nag Panchami kyu Manayi Jata Hai)

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा और उन्हें दूध अर्पित करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में, सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु शेषनाग पर विराजमान होते हैं, जबकि नाग देवता भगवान शिव के प्रिय गणों में से एक हैं। 

इस शुभ दिन पर भगवान शिव (Bhagwan Shiva) और नाग देवता की आराधना करने से जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। ब्रह्म पुराण के अनुसार, ब्रह्मा जी ने सांपों को नाग पंचमी के दिन पूजे जाने का वरदान दिया था, इसलिए इस दिन नाग देवता की पूजा का विशेष विधान है। लोग नाग देवता की मिट्टी या धातु की मूर्तियों की स्थापना कर उन्हें दूध, चावल, और फूलों से पूजा करते हैं। यह पर्व भक्तों को नाग देवता की कृपा और आशीर्वाद पाने का अवसर प्रदान करता है, जिससे उनके जीवन में शांति और समृद्धि बनी रहती है। नाग पंचमी का यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट करता है, बल्कि सांपों के प्रति सम्मान और श्रद्धा का भी प्रतीक है, जो प्रकृति और जीवन के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

नाग पंचमी की कहानी (Nag Panchami Story)

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एक समय की बात है, एक राजा के सात पुत्र थे, जिनमें से छह को तो संतान सुख मिल चुका था, पर सबसे छोटे पुत्र और उसकी पत्नी के भाग्य में यह सुख नहीं था। बांझ होने का ताना उनकी जेठानियों ने रोजमर्रा का हिस्सा बना लिया था। सबसे छोटे पुत्र की पत्नी, जिनके मन में संतान न होने का दुख पहले से था, अब सास-ननद और जेठानियों के तानों से और भी व्यथित रहने लगी। उसकी हालत देखकर उसका पति उसे समझाता, “प्रिय, संतान का होना न होना भाग्य के अधीन है। इस पर क्यों परेशान होती हो?” पर वह दुखी होकर कहती, “सुनते हो, सब मुझे बांझ कहकर अपमानित करते हैं।” पति उसे सांत्वना देता, “लोग जो कहना चाहते हैं, कहने दो। मेरे लिए तो तुम ही सब कुछ हो। प्रसन्न रहो और इन तानों पर ध्यान मत दो।” पति की बातें उसे थोड़ी शांति देतीं, पर फिर भी तानों से उसका मन टूट जाता।

चौथ की रात उस नि:संतान महिला ने, रात्रि में सोते समय सपने में पांच नागों को देखा। उनमें से एक ने कहा, “पुत्री, कल नाग पंचमी है। यदि तुम हमारा पूजन करोगी तो तुम्हें पुत्र का वरदान मिलेगा।” यह सुनकर वह जागी और तुरंत अपने पति को जगाकर स्वप्न की बात बताई। पति ने कहा, “पांच नागों की आकृति बनाकर उनकी विधिवत पूजा करो।  और इस बात का ध्यान रखना की नाग देवता को कच्चा दूध प्रसाद के रूप में चढ़ाना।”

अगले दिन उसने ठीक वैसा ही किया। नाग पंचमी के दिन, पांच नागों का पूजन किया और उन्हें कच्चे दूध से प्रसन्न किया। नौ महीने बाद, उसकी गोद में एक सुंदर पुत्र खिलखिलाने लगा। उसका दुख अंततः समाप्त हो गया और पूरे घर में खुशियों की बयार बहने लगी।

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नाग पंचमी का महत्व क्या है? (Nag Panchami ka Mahatva Kya Hai)

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नाग पंचमी (Nag Panchami kyu Manayi Jati Hai) का महत्व निम्नलिखित तीन बिंदुओं में विस्तार से समझाया जा सकता है:

  • सांपों का पूजन और संरक्षण: नाग पंचमी (Nag Panchami) के दिन विशेष रूप से सांपों का पूजन किया जाता है। इस दिन लोग नाग देवता की पूजा कर उन्हें दूध, चावल, और फूल अर्पित करते हैं। इसका उद्देश्य सांपों को सम्मान देना और उनके संरक्षण का संदेश फैलाना है। सांप पर्यावरण के संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उनकी पूजा के माध्यम से लोग उनके महत्व को समझते और उनकी रक्षा का संकल्प लेते हैं।
  • कृषि और फसल सुरक्षा: नाग पंचमी (Nag Panchami) का पर्व खेती-बाड़ी और फसल सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। किसान इस दिन नाग देवता की पूजा कर उनसे अपनी फसलों की सुरक्षा की कामना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि नाग देवता की कृपा से फसलें कीड़ों और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रहती हैं। इस प्रकार, नाग पंचमी किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है जो कृषि उत्पादन में वृद्धि और समृद्धि का प्रतीक है।
  • धार्मिक महत्व: नाग पंचमी (Nag Panchami) का त्योहार भारतीय संस्कृति और धर्म में गहरा महत्व रखता है। यह दिन भगवान शिव और नाग देवता के प्रति श्रद्धा और भक्ति प्रकट करने का अवसर होता है। शिवलिंग (Shivling) पर नाग देवता की माला चढ़ाकर और नागों का पूजन कर, लोग अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की कामना करते हैं। इसके अलावा, इस दिन से जुड़े विभिन्न धार्मिक कथानक और लोक कथाएं भी समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को सुदृढ़ करती हैं।

नाग पंचमी 2024 की तिथि एवं मुहूर्त (Nag Panchami 2024 ki Tithi Aur Muhurat)

नाग पंचमी (Nag Panchami) 2024 की तिथि व शुभ मुहूर्त निम्नलिखित है-

S.NOतिथि वि मुहूर्त शुभ समय 
1पंचमी तिथि9 अगस्त की मध्य रात्रि 12:36 से लेकर देर रात 10 अगस्त को 3:14 तक 
2अभिजीत मुहूर्तदोपहर 12:00 से दोपहर 12:53 मिनट तक
3अमृत कालरात को 7:57 से रात 9:45 तक
4विजय मुहूर्तदोपहर के 2:39 से लेकर दोपहर के 3:33 तक 

नाग पंचमी से जुड़ीं मान्यताएँ (Nag Panchami Se Judi Maanytayein)

मान्यताओं के अनुसार, पंचमी तिथि पर नाग देवता का विशेष प्रभाव होता है। इस दिन विशेष रूप से अष्ट नागों की पूजा की जाती है, जिनके नाम हैं: अनन्त, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख। नाग पंचमी पर व्रत रखने वाले लोग चतुर्थी के दिन केवल एक बार भोजन करते हैं और पंचमी के दिन उपवास करके शाम को अन्न ग्रहण करते हैं। पूजा विधि के अनुसार, नागों के चित्र या मूर्ति को लकड़ी के पाट पर स्थापित किया जाता है। मूर्ति पर हल्दी, कंकू, रोली, चावल और फूल चढ़ाकर पूजा की जाती है। इसके बाद, कच्चा दूध, घी और चीनी मिलाकर नाग मूर्ति को अर्पित किया जाता है। पूजन के उपरांत, सर्प देवता की आरती उतारी जाती है और अंत में नाग पंचमी की कथा अवश्य सुनी जाती है। 

कई भक्त शिव मंदिर में जाकर भी नाग देवता की पूजा करते हैं, जिससे उन्हें भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सांपों के महत्व को भी उजागर करता है।

Conclusion:-Nag Panchami kyu Manayi Jati Hai

नाग पंचमी (Nag Panchami kyu Manayi Jati Hai) हिंदू संस्कृति में एक महत्वपूर्ण पर्व है जो नाग देवताओं के सम्मान में मनाया जाता है। इस दिन नागों की मूर्ति या चित्र बनाकर उनकी पूजा की जाती है और उन्हें दूध, फल आदि अर्पित किए जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने और कठिन व्रत रखने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। नाग पंचमी के पावन त्योहार से संबंधित या बेहद खास लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे अन्य सभी व्रत एवं त्योहार से संबंधित लेख भी जरूर पढ़िए और हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर भी रोजाना विजिट करिए। 

FAQ’s:-Nag Panchami kyu Manayi Jati Hai

Q. नाग पंचमी की धार्मिक मान्यताएं क्या हैं? 

Ans. नाग पंचमी पर नाग देवताओं की पूजा करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है और जीवन कल्याण की ओर अग्रसर होता है। भगवान शिव को नागों का स्वामी माना जाता है। वेदों, पुराणों में भी नागों का उल्लेख मिलता है।

Q. नाग पंचमी पर क्या किया जाता है? 

Ans. नाग पंचमी के पावन अवसर पर नाग देवता का आशीर्वाद पाने के लिए भक्तगण व्रत और पूजा करते हैं। अन्न, दूध, घी, मिठाई आदि से नागों की पूजा की जाती है। कई मंदिरों में भी नाग पंचमी का उत्सव मनाया जाता है और नाग मूर्तियों को दूध, घी, फूल चढ़ाए जाते हैं।

Q. नाग पंचमी का महत्व क्या है? 

Ans. मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत रखने और दान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। नागों को अमरत्व का प्रतीक माना जाता है।

Q. नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है? 

Ans. नाग पंचमी मनाने के पीछे कई धार्मिक और सांस्कृतिक कारण हैं। कृषि के लिए सर्प लाभकारी होते हैं क्योंकि वे चूहों और कीटों को नियंत्रित करते हैं। नाग पंचमी के माध्यम से लोग सर्पों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।

Q. नाग पंचमी का वैज्ञानिक महत्व क्या है? 

Ans. नाग पंचमी सर्पों के पारिस्थितिक महत्व को रेखांकित करती है। सर्प कृषि के लिए लाभदायक होते हैं क्योंकि वे कीट-पतंगों की संख्या को नियंत्रित करते हैं। साथ ही कुछ सर्प विषैले होते हैं जिनका उपयोग दवाइयों और शोध में किया जाता है।

Q. नाग पंचमी पर क्या नहीं करना चाहिए? 

Ans. नाग पंचमी के दिन सर्पों को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। इस दिन तामसिक भोजन और नशीले पदार्थों का सेवन वर्जित माना जाता है। साथ ही क्रोध, लोभ, ईर्ष्या जैसी नकारात्मक भावनाओं से दूर रहना चाहिए।