रक्षाबंधन 2024 तिथि, शुभ महुर्त, भद्राकाल का समय और महत्व (Raksha Bandhan 2024): रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का त्योहार हर साल भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को और भी मजबूत बनाने के लिए मनाया जाता है। 2024 में रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2024) का यह शुभ अवसर किस दिन आ रहा है, इसका सभी को बेसब्री से इंतजार है। राखी बांधने का सही समय और शुभ मुहूर्त जानना हर बहन के लिए महत्वपूर्ण होता है, ताकि वे अपने भाई की कलाई पर रक्षा का धागा सही समय पर बांध सकें। साथ ही, भद्रा काल का समय भी ध्यान में रखना जरूरी है,
क्योंकि इस समय राखी बांधना (Raksha Bandhan 2024) शुभ नहीं माना जाता। भद्रा काल में राखी क्यों नहीं बांधनी चाहिए, इसके पीछे की धार्मिक मान्यताओं और कारणों के बारे में जानना भी रोचक है। ऐसे ही कई सवालों के जवाब देने के लिए हम आपके लिए यह लेख लेकर आए हैं, जिसमें 2024 में रक्षाबंधन की तिथि, शुभ मुहूर्त, और भद्रा काल से संबंधित सभी जानकारियां शामिल हैं। इस लेख को पढ़कर आप रक्षाबंधन के त्योहार को सही समय पर और शुभ मुहूर्त में मना सकेंगे।
तो चलिए, जानते हैं 2024 में रक्षाबंधन से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में, ताकि आप और आपके भाई का यह त्योहार और भी खास और यादगार बन सके…
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Table Of Content
S.NO | प्रश्न |
1 | रक्षाबंधन 2024 |
2 | कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन? |
3 | रक्षाबंधन 2024 तिथि |
4 | राखी बांधने का शुभ मुहूर्त |
5 | राखी पूर्णिमा की पूजा-विधि |
6 | राखी बांधने का मंत्र |
7 | भद्राकाल में क्यों नहीं बांधी जाती राखी? |
8 | रक्षा बंधन 2024 भद्रा काल समय |
रक्षाबंधन 2024 (Raksha Bandhan 2024)
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रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का पर्व इस साल 19 अगस्त 2024 (सोमवार) को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त को सुबह 3 बजकर 4 मिनट से शुरू होकर रात 11 बजकर 55 मिनट तक रहेगी। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधेंगी।
कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन? (Kab Manaya Jayega Raksha Bandhan)
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 2024 में रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 202) का पावन पर्व सोमवार, 19 अगस्त को मनाया जाएगा। यह त्योहार प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को आता है, जो भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी दीर्घायु की कामना करती हैं और भाई उन्हें आजीवन सुरक्षा का वचन देते हैं। अत: इस वर्ष 19 अगस्त 2024, सोमवार को पूरे भारत में रक्षाबंधन हर्षोल्लास से मनाया जाएगा।
रक्षाबंधन 2024 तिथि (Rakshabandhan 2024 Date)
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2024 में रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2024) का पावन पर्व सोमवार, 19 अगस्त को बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का शुभारंभ 19 अगस्त की सुबह 3 बजकर 4 मिनट पर होगा और यह रात 11 बजकर 55 मिनट तक विस्तारित रहेगी। यह त्योहार भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा के अटूट बंधन का प्रतीक है, जहां बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं, उनकी लंबी उम्र और सुखद जीवन की प्रार्थना करती हैं। भाई भी इस पवित्र धागे के साथ अपनी बहन की सदैव रक्षा करने का वचन देते हैं। इस दिन का हर क्षण भाई-बहन के बीच की मिठास और बंधन को और भी मजबूत बनाता है, जिसमें भावनाओं का सागर लहराता है।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या है? (Rakhi Bandhne ka Shubh Muhurat kya Hai)
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इस साल 2024 में रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त को मनाया जाएगा और रखी बांधने का समय दोपहर 1:30 से शुरू होकर रात 9:08 तक रहेगा।
रक्षाबंधन 2024 | शुभ मुहूर्त |
तिथि | 19 अगस्त |
शुभ मुहूर्त | दोपहर 1:30 से रात 9:08 तक |
राखी पूर्णिमा की पूजा-विधि ( Rakhi Purnima ki Pooja Vidhi)
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राखी पूर्णिमा (Rakhi Purnima) 2024 की पूजा विधि निम्नलिखित है:
- पूजा का शुभ मुहूर्त: 19 अगस्त 2024, सोमवार को श्रावण पूर्णिमा है। पूजा का शुभ समय प्रारम्भ 19 अगस्त 2024 रात 03:03 बजे से लेकर 19 अगस्त की ही रात 11:55 बजे तक रहेगा।
- गंगा स्नान: इस दिन सुबह उठकर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। स्नान के जल में गंगाजल मिलाएं। स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
- पूजा की तैयारी: पूजा स्थल को साफ कर लें। चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं। भगवान श्री कृष्ण, बलराम और माता यशोदा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- कलश स्थापना: एक कलश में जल भरें और उस पर नारियल रखें। कलश के चारों ओर पंचमेवा (गंगाजल, दूध, दही, शहद और घी) से अभिषेक करें।
- पूजन सामग्री: रोली, अक्षत, कुमकुम, हल्दी, फूल, फल, मिठाई, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, नारियल, दीप, अगरबत्ती, कपूर आदि पूजन सामग्री एकत्रित करें।
- राखी बांधना: पहले भगवान गणेश (Lord Ganesh) या फिर भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) की मूर्ति को राखी बांधें। फिर अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधें। भाई को मिठाई खिलाएं और आशीर्वाद दें।
- आरती और भोग: भगवान की आरती करें। श्रीकृष्ण को मिठाई, फल और पंचामृत का भोग लगाएं। प्रसाद ग्रहण करें।
- दान-पुण्य: इस दिन ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराएं, वस्त्र और दान दें। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
- व्रत कथा: शाम को चन्द्रमा निकलने के बाद व्रत खोलें। भगवान सत्यनारायण की व्रत कथा सुनें।
- चंद्र दर्शन: रात में अमृत वेला में चन्द्रमा का दर्शन करें और अर्घ्य दें। इससे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
राखी पूर्णिमा (Rakhi Purnima) के दिन भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व रिश्तों को मजबूत बनाता है। पूजा-पाठ और दान-पुण्य करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
राखी बांधने का मंत्र ( Rakhi Bandhane ka Mantra)
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रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) के पावन अवसर पर, एक विशेष मंत्र का उच्चारण किया जाता है, जो भाई को उसके दायित्वों और जिम्मेदारियों की याद दिलाता है। मंत्र है:
मंत्र-
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि,रक्षे माचल माचल:।
मंत्र का अर्थ-
इस मंत्र का अर्थ है कि ‘जो रक्षा धागा परम कृपालु राजा बलि को बांधा गया था, वही पवित्र धागा मैं तुम्हारी कलाई पर बाँधती हूं, जो तुम्हें सदा के लिए विपत्तियों से बचाएगा।’ ऐसा माना जाता है कि जब बहन इस मंत्र का जाप करते हुए अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, तो उनका रिश्ता अत्यधिक मजबूत हो जाता है और भाई को लंबी उम्र का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस मंत्र के शुभ प्रभाव से भाई न केवल जीवन में विपत्तियों से सुरक्षित रहता है, बल्कि उसकी तरक्की के रास्ते भी खुल जाते हैं, जिससे वह जीवन में सफलतापूर्वक आगे बढ़ता है।
भद्राकाल में क्यों नहीं बांधी जाती राखी? (Bhadra kal Me kyu Nhi Bandhi Jati Rakhi)
रक्षाबंधन (Raksha Bandhan), भाई-बहन के पवित्र संबंध का उत्सव, श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह उत्सव भद्रा काल, जो अशुभ माना जाता है, को टाल कर मनाया जाता है। भद्रा, सूर्य देव की पुत्री और शनि देव की बहन, अशुभ कार्यों में बाधा डालने के लिए जानी जाती है। ब्रह्मा ने भद्रा से अनुरोध किया था कि वह पृथ्वी पर अपने वास के दौरान किसी भी शुभ कार्य में बाधा नहीं डालें। इसलिए, भद्रा काल में राखी बांधने से बचने की सलाह दी जाती है, ताकि भाई को किसी भी दुर्भाग्य या कठिनाई से बचाया जा सके।
रक्षा बंधन 2024 भद्रा काल समय (Raksha Bandhan 2024 Bhadra kal Samay)
रक्षाबंधन 2024 (Raksha Bandhan 2024) में भद्रा काल का समय सुबह 5:53 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक रहेगा। भद्रा काल को अशुभ माना जाता है और इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है। मान्यता है कि भद्रा काल में राखी बांधने से भाई-बहन के रिश्तों में खटास आ सकती है।
Conclusion:-Raksha Bandhan 2024
रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) भाई-बहन के स्नेह और विश्वास के अविच्छिन्न बंधन का प्रतीक है। यह पर्व हमें परिवार के महत्व और भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की याद दिलाता है। भले ही समय के साथ जीवन की परिस्थितियां बदलती रहें, परंतु भाई-बहन का प्रेम अटूट और शाश्वत रहता है। रक्षाबंधन का यह त्योहार हमें अपने परिवार के साथ समय बिताने और रिश्तों को प्रगाढ़ करने का अवसर प्रदान करता है। रक्षाबंधन के इस पावन त्योहार से संबंधित यह लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे इस लेख को अपने सभी प्रिय जनों के साथ साझा करें और हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर भी रोजाना विजिट करें।
FAQ’s:-Raksha Bandhan 2024
Q. रक्षाबंधन का त्योहार क्यों मनाया जाता है?
Ans. रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी रक्षा का वचन लेती हैं और भाई बहनों की सुरक्षा का संकल्प लेते हैं। यह भाईचारे और प्रेम को बढ़ाने का अवसर है।
Q. रक्षाबंधन पर बहनें भाई को कैसे राखी बांधती हैं?
Ans. रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) पर बहनें सूर्योदय के बाद स्नान करके पूजा की थाली सजाती हैं। इसमें चंदन, रोली, अक्षत, मिठाई और दीपक रखा जाता है। भाई के माथे पर तिलक लगाकर उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा जाता है। आरती उतारकर मिठाई खिलाई जाती है।
Q. रक्षाबंधन पर भाई की क्या भूमिका होती है?
Ans. रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) पर भाई अपनी बहन को उपहार देकर उनकी रक्षा और खुशहाली का वचन देते हैं। वे जीवनभर बहन के सुख-दुख में साथ देने और उनकी सुरक्षा करने का संकल्प लेते हैं।
Q. रक्षाबंधन का महत्व क्या है?
Ans. रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) हिंदू संस्कृति में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह भाई-बहन के पावन रिश्ते को दर्शाता है। यह त्योहार प्रेम, विश्वास और सुरक्षा के भावों को मजबूत करता है। यह हमें परिवार और समाज में एकता और भाईचारे का संदेश देता है।
Q. रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है?
Ans. रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) के दिन बहनें और भाई नए कपड़े पहनकर तैयार होते हैं। बहनें भाई को राखी बांधती हैं, आरती उतारती हैं और मिठाई खिलाती हैं। भाई बहनों को उपहार देते हैं। परिवार एकत्र होकर इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं।
Q. रक्षाबंधन की कथा क्या है?
Ans. एक प्रचलित कथा के अनुसार, जब भगवान कृष्ण की उंगली कट गई थी, तब द्रौपदी ने खून रोकने के लिए अपनी साड़ी का टुकड़ा बांधा था। इस पर कृष्ण ने उनकी रक्षा का वचन दिया था। इसी घटना से रक्षाबंधन की शुरुआत मानी जाती है।