अनंत चतुर्दशी के दिन क्या खाना चाहिए क्या नहीं (Anant Chaturdashi Vrat Ke Din kya khana Chahiye kya Nhi): अनंत चतुर्दशी का पावन पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भक्तगण अनंत के रूप में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए निष्ठापूर्वक व्रत रखते हैं।
अनंत चतुर्दशी व्रत का पालन करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। परंतु क्या आप जानते हैं कि इस पवित्र व्रत के दौरान क्या खाना चाहिए और किन चीजों का सेवन वर्जित है? व्रत के दौरान सही आहार का चयन करना अत्यंत आवश्यक होता है। एक ओर जहां कुछ पदार्थ व्रत के महत्व को बढ़ाते हैं, वहीं कुछ ऐसे भी होते हैं जिनका सेवन व्रत के फल को कम कर सकता है। तो आइए जानते हैं कि अनंत चतुर्दशी के शुभ अवसर पर आपको अपनी थाली में क्या शामिल करना चाहिए और किन भोज्य पदार्थों से दूरी बनाए रखनी चाहिए। इस लेख में हम आपको इस विषय पर विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे ताकि आप पूर्ण श्रद्धा और निष्ठा के साथ व्रत का पालन कर सकें।
तो देर किस बात की, चलिए शुरू करते हैं यह रोचक एवं ज्ञानवर्धक लेख…
यह भी पढ़े:- अनंत चतुर्दशी व्रत कथा
अनंत चतुर्दशी व्रत 2024 कब है? (Anant Chaturdashi Vrat 2024 kab Hai)
अनंत चतुर्दशी व्रत (Anant Chaturdashi Vrat) हिन्दू पंचांग के अनुसार विशेष महत्व रखता है और इसे अनंत चौदस भी कहते हैं। यह व्रत भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा के लिए समर्पित है और हर साल शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से अनंत सूत्र (रक्षा सूत्र) बांधने की परंपरा है, जो जीवन की सुख-समृद्धि और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। वर्ष 2024 में अनंत चतुर्दशी व्रत 17 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन भक्तजन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा करके अनंत सूत्र बांधते हैं और व्रत की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। अनंत चतुर्दशी के दिन विशेष रूप से पंडितों द्वारा अनंत भगवान के पूजन की विधि का आयोजन होता है, जिसमें श्रद्धालु व्रति और उपवास करके पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं।
अनंत चतुर्दशी व्रत के दौरान क्या खाना चाहिए? (Anant Chaturdashi Vrat ke Dauran kya Khana Chahiye)
यह भी पढ़े:-अनंत चतुर्दशी कब है
अनंत चतुर्दशी व्रत के दौरान सादा और सात्विक भोजन करना चाहिए। इस दिन व्रत रखने वाले लोग निम्नलिखित चीज़ें खा सकते हैं:
- फल: व्रत के दौरान ताज़े फल जैसे सेब, केला, अंगूर, नाशपाती आदि खाना उचित होता है। फलों का सेवन शरीर को ऊर्जा और पोषण प्रदान करता है।
- दूध और दूध से बने पदार्थ: व्रती दूध, दही, पनीर जैसे दूध से बने पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। ये आहार पौष्टिक होते हैं और व्रत के दौरान शक्ति प्रदान करते हैं।
- धान का आटा: अग्नि पुराण के अनुसार, व्रत करने वाले को धान के एक प्रसर आटे से रोटियां या पूड़ी बनानी चाहिए। इनमें से आधी ब्राह्मण को दान करनी चाहिए और बाकी स्वयं खानी चाहिए।
- सिंघाड़े का आटा: कुछ लोग व्रत के दौरान सिंघाड़े के आटे से बनी चीज़ें जैसे सिंघाड़े की पूरी या खीर भी खाते हैं।
- मेवे और सूखे मेवे: बादाम, अखरोट, काजू, किशमिश आदि मेवे और सूखे मेवे भी व्रत के दौरान खाए जा सकते हैं। ये ऊर्जा के अच्छे स्रोत होते हैं।
अनंत चतुर्दशी व्रत के दौरान क्या नहीं खाना चाहिए? (Anant Chaturdashi Vrat ke Dauran kya Nahi khana Chahiye)
अनंत चतुर्दशी व्रत (Anant Chaturdashi Vrat) के दौरान विशेष आहारी नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण होता है। यहां पांच मुख्य बिंदुओं में उन चीज़ों को उल्लेख किया गया है जिन्हें व्रत के दौरान टालना चाहिए:
- अनाज: व्रत के समय अनाज, दाल और अन्य मुख्य खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। यह चावल, गेहूं और मक्का सहित सभी प्रकार के अनाजों को शामिल करता है।
- मद्य और तंबाकू: व्रत के दौरान किसी भी प्रकार के मद्य पदार्थ और तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए।
- मांसाहारी भोजन: व्रत के समय किसी भी प्रकार के मांसाहारी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
- गहरी गंध वाले भोजन: प्याज, लहसुन और अन्य मजबूत गंध वाले खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- अन्य खाद्य पदार्थ: व्रत के दौरान, व्रती को हल्के खाद्य पदार्थों जैसे कि फल, दूध आदि का सेवन करना चाहिए, और उन्हें अपने आहार में अन्य मुख्य खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए।
Conclusion:-Anant Chaturdashi Vrat Ke Din kya khana Chahiye kya Nhi
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (अनंत चतुर्दशी के दिन क्या खाना चाहिए क्या नहीं) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s
Q. अनंत चतुर्दशी व्रत 2024 कब मनाया जाएगा?
Ans. अनंत चतुर्दशी व्रत (Anant Chaturdashi Vrat) 2024 में 17 सितंबर को मनाया जाएगा। यह व्रत हर साल शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आयोजित किया जाता है।
Q. अनंत चतुर्दशी व्रत के दिन क्या खाना चाहिए?
- फल और दूध: व्रत के दौरान फल और दूध का सेवन किया जा सकता है। यह पाचन के लिए हल्के होते हैं और शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं।
- साबूदाना: साबूदाना व्रत में खाने के लिए सबसे उपयुक्त होता है। इससे बनी खिचड़ी या वड़ा खाना चाहिए।
- सिंघाड़े का आटा: सिंघाड़े के आटे से बने पकवान जैसे पूड़ी या हलवा व्रत में खाए जा सकते हैं।
- आलू और कुट्टू का आटा: कुट्टू के आटे से बनी पूड़ी और आलू की सब्जी व्रत में सेवन के लिए उपयुक्त होते हैं।
- दही और मखाना: दही और मखाना का सेवन भी व्रत के दौरान किया जा सकता है। यह पौष्टिक और हल्का होता है।
Q. अनंत चतुर्दशी व्रत के दिन क्या नहीं खाना चाहिए?
- अनाज और दाल: व्रत के दिन अनाज और दाल का सेवन वर्जित है। इससे पाचन तंत्र पर अधिक भार पड़ सकता है और व्रत का पूरा फल प्राप्त नहीं होता।
- लहसुन और प्याज: लहसुन और प्याज का सेवन व्रत के दौरान नहीं करना चाहिए क्योंकि यह तामसिक भोजन माने जाते हैं।
- नमक: साधारण नमक की जगह व्रत के दौरान सेंधा नमक का प्रयोग करना चाहिए। साधारण नमक व्रत के नियमों के अनुसार नहीं होता।
- मसालेदार भोजन: मसालेदार भोजन, खासकर गरम मसाले और तीखा भोजन, व्रत में नहीं खाना चाहिए क्योंकि यह शरीर में उष्णता बढ़ा सकता है।
- मांसाहारी भोजन और शराब: मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन व्रत के दिन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। यह व्रत की पवित्रता को भंग करता है।
Q. अनंत चतुर्दशी व्रत का क्या महत्व है?
Ans.अनंत चतुर्दशी व्रत का उद्देश्य भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करना और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाना होता है। सही तरीके से व्रत का पालन करने से व्यक्ति को जीवन में आने वाली कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है और वह भगवान की कृपा का पात्र बनता है।
Q. क्या व्रत के दिन व्रत तोड़ना उचित है?
Ans.व्रत को धार्मिक आस्था और नियमों के साथ रखा जाता है, इसलिए बिना किसी गंभीर कारण के व्रत को नहीं तोड़ना चाहिए। यदि स्वास्थ्य कारणों से व्रत तोड़ना पड़े, तो इसके लिए पहले भगवान से प्रार्थना करें और फिर व्रत तोड़ें।