मौनी अमावस्या के दिन क्या करें क्या ना करें (Mauni Amavasya ke Din kya Kare kya Na kare): मौनी अमावस्या, भारतीय सांस्कृतिक कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण दिन है, जो भक्तों और आध्यात्मिक साधकों के दिलों में विशेष स्थान रखता है। यह दिन, जो अमावस्या की रात को आता है, केवल एक खगोलीय घटना नहीं है, बल्कि आत्मनिरीक्षण, ध्यान और आध्यात्मिक नवीनीकरण का एक गहरा अवसर है।
“मौनी” शब्द का अर्थ है मौन, और इस दिन कई लोग अपने भीतर के आत्मा और दिव्यता से जुड़ने के लिए मौन का पालन करते हैं। 2025 में मौनी अमावस्या को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाएगा, जो उन लोगों का ध्यान आकर्षित करेगा जो अपनी आध्यात्मिक प्रथाओं को गहरा करना चाहते हैं। यह दिन अक्सर पवित्र नदियों में स्नान करने जैसे धार्मिक अनुष्ठानों से जुड़ा होता है, जो आत्मा को शुद्ध करने और शांति लाने का विश्वास दिलाता है। हालांकि, मौनी अमावस्या केवल अनुष्ठानों के बारे में नहीं है; यह आत्म-अनुशासन और जागरूकता के महत्व की भी याद दिलाती है। जबकि कई लोग इस दिन को भक्ति के साथ अपनाते हैं, यह भी महत्वपूर्ण है कि कुछ कार्यों से बचा जाए, ताकि इस दिन की पवित्रता को बनाए रखा जा सके।
इस लेख में, हम मौनी अमावस्या के महत्व, इस दिन किए जाने वाले कार्यों और उन बातों पर चर्चा करेंगे, जिन्हें इस दिन से बचना चाहिए…..
मौनी अमावस्या क्या होती है | Mauni Amavasya kya Hoti Hai
मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya), माघ महीने की अमावस्या को एक विशेष महत्व प्रदान करती है, जिसे योग पर आधारित महाव्रत माना गया है। इस पावन दिन को भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) की पूजा और पवित्र नदियों में स्नान के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मौन धारण करने से न केवल पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि ग्रह दोषों का नाश भी होता है। इसे आत्मशुद्धि और मन की शांति का दिन कहा जा सकता है। मौनी अमावस्या के अवसर पर हजारों श्रद्धालु पवित्र गंगा, यमुना और संगम जैसे तीर्थस्थलों पर एकत्रित होकर स्नान, दान और साधना में लीन होते हैं। यह दिन व्यक्ति को आत्मसंयम और आध्यात्मिक उन्नति का संदेश देता है, जो जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का मार्ग प्रशस्त करता है।
मौनी अमावस्या 2025 कब है | Mauni Amavasya 2025 kab Hai
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष माघ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 28 जनवरी की शाम 7:35 बजे से प्रारंभ होकर 29 जनवरी की शाम 6:05 बजे समाप्त होगी। ऐसे में मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) का पावन पर्व 29 जनवरी को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और ध्यान-योग का विशेष महत्व होता है। मौनी अमावस्या पर मौन रहकर आत्मचिंतन और ईश्वर साधना करने से मन की शुद्धि होती है। भक्त इस शुभ दिन पर व्रत रखते हैं और पवित्र नदियों में स्नान कर अपने जीवन को मंगलमय बनाने की प्रार्थना करते हैं।
मौनी अमावस्या के दिन क्या करें क्या ना करें | Mauni Amavasya ke Din kya karen kya Na karen
मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन क्या करें-
- पवित्र स्नान: मौनी अमावस्या के दिन गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यदि यह संभव न हो, तो स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। यह शरीर और आत्मा की शुद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।
- सूर्य को अर्घ्य: स्नान के बाद सूर्य देवता को अर्घ्य देना चाहिए। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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- मौन व्रत: इस दिन मौन रहना चाहिए। मौन व्रत से मन की शांति और आत्मिक विकास होता है। गृहस्थ लोग पूजा-पाठ के बाद मौन व्रत खोल सकते हैं।
- दान: मौनी अमावस्या पर दान का विशेष महत्व है। जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, और अन्य आवश्यक चीजें दान करें। यह पितरों की कृपा प्राप्त करने का एक तरीका है।
- ध्यान और प्रार्थना: इस दिन ध्यान, प्रार्थना और अन्य धार्मिक क्रियाएं अधिक से अधिक करें। यह आत्मिक शांति और सुख-समृद्धि के लिए लाभकारी होता है।
- पितृ तर्पण: पितरों को याद करते हुए पवित्र नदी में स्नान करें और सूर्यदेव को जल देकर पितरों के नाम का तर्पण करें। यह पितरों की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है।
- पीपल की पूजा: पीपल के वृक्ष की पूजा करें और 108 बार परिक्रमा करें। यह शुभ फलदायी माना जाता है और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करता है।
- शिवलिंग की पूजा: शिवलिंग पर काले तिल और 5 लौंग अर्पित करें। यह कालसर्प दोष निवारण के लिए किया जाता है और जीवन में शांति और समृद्धि लाता है।
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मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन क्या ना करें-
- मांस-मदिरा का सेवन: इस दिन मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। यह तामसिक भोजन से दूर रहने का समय है, जिससे मन और शरीर की शुद्धि होती है।
- झूठ बोलने से बचें: मौनी अमावस्या पर झूठ बोलने से बचना चाहिए। यह दिन सत्य और शांति का पालन करने का है, जिससे जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है।
- देर तक सोना: इस दिन देर तक सोने से बचना चाहिए। सुबह जल्दी उठकर स्नान और पूजा करना शुभ माना जाता है।
- नकारात्मक विचार: नकारात्मक विचारों और भावनाओं को अपने अंदर न आने दें। यह दिन सकारात्मकता और शांति का है.
- अनैतिक कार्य: छल-कपट, धोखाधड़ी आदि अनैतिक कार्यों से बचें। यह दिन नैतिकता और सच्चाई का पालन करने का है.
- सुनसान जगहों पर न जाएं: चंद्रमा के काले साये में नकारात्मक शक्तियां प्रबल हो जाती हैं, इसलिए रात को सुनसान जगहों पर जाने से बचें।
- गरीबों का अपमान: गरीब और जरूरतमंद लोगों का अपमान न करें। ऐसा करने से शनिदेव नाराज हो सकते हैं, जो जीवन में बाधाएं ला सकता है।
- कटु वचन: कटु वचन बोलने से बचें और वाणी और मन पर संयम रखें। यह दिन शांति और संयम का है, जिससे जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
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Conclusion
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FAQ’s:-Mauni Amavasya ke Din kya Kare kya Na kare
Q. मौनी अमावस्या किस महीने में आती है?
Ans. मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) माघ महीने की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है, जो आत्मशुद्धि और धार्मिक कर्मों के लिए विशेष मानी जाती है।
Q. मौनी अमावस्या 2025 में कब है?
Ans. पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या 2025 में 29 जनवरी को मनाई जाएगी।
Q. मौनी अमावस्या पर कौन सा व्रत प्रमुख है?
Ans. मौनी अमावस्या पर मौन व्रत प्रमुख है, जिसे आत्मिक शांति और आत्मसंयम के लिए किया जाता है।
Q. इस दिन स्नान का क्या महत्व है?
Ans. मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश होता है और ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है।
Q. इस दिन कौन-कौन से धार्मिक कार्य किए जाते हैं?
Ans. इस दिन गंगा स्नान, दान, मौन व्रत, पितृ तर्पण, और सूर्य को अर्घ्य देने जैसे धार्मिक कार्य किए जाते हैं।
Q. मौनी अमावस्या पर दान क्यों महत्वपूर्ण है?
Ans. दान को पितरों की कृपा प्राप्त करने और पुण्य अर्जित करने का माध्यम माना जाता है, जो जीवन में सुख-शांति लाता है।
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