रावण का परिवार (Ravan ka Parivar): रावण (Ravan) – एक ऐसा नाम जो हर किसी के मन में एक विशाष छाप छोड़ जाता है। त्रेता युग का वह महाबली राक्षस राजा जिसने अपनी शक्ति और पराक्रम से देवताओं तक को भयभीत कर रखा था। परंतु क्या आप जानते हैं उस महान राक्षस के पीछे एक पूरा परिवार था? एक ऐसा खानदान जिसमें जन्म लेकर रावण ने अपनी विलक्षण प्रतिभा से अपार सफलता प्राप्त की। आज हम आपको उस अनोखे परिवार से रूबरू करवाएंगे। रावण के माता-पिता से लेकर उसकी पत्नियों और संतानों तक, हम उन तमाम पात्रों से आपका परिचय करवाएंगे जिन्होंने रावण के जीवन में अहम भूमिका निभाई। इस विशेष लेख में हम जानेंगे कि आखिर क्यों थे रावण के दस सिर और उनके क्या नाम थे? कैसे मिली उसे अमरता का वरदान और कौन थे उसके भाई-बहन? तो चलिए, शुरू करते हैं यह रोमांचक लेख! रावण की वंशावली को खंगालने का। तैयार हो जाइए रावण के उस पारिवारिक इतिहास से रूबरू होने के लिए जिसने उसके चरित्र और व्यक्तित्व को आकार दिया।
यह लेख न सिर्फ आपको रावण (Ravan) के बारे में एक नई जानकारी देगी बल्कि उस युग की सामाजिक और पारिवारिक परिस्थितियों पर भी प्रकाश डालेगी। तो देर किस बात की, आइए शुरू करते हैं….
रावण का परिवार:
संबंध | नाम |
माता | कैकसी (निकषा) |
पिता | विश्रवा मुनि |
पितामह | पुलस्त्य मुनि |
भाई | कुंभकर्ण, विभीषण, अहिरावण, खर, दूषण |
बहन | शूर्पणखा |
पत्नी | मंदोदरी, धन्यमालिनी, वज्रज्वाला, रंभा (कुछ कथाओं के अनुसार) |
पुत्र | मेघनाद (इंद्रजीत), अक्षकुमार, अति, त्रिशिरा |
पुत्री | तृशला, सीता (कुछ कथाओं के अनुसार), सोरपणखा (कुछ परंपराओं में) |
रावण के पिता का क्या नाम था? (Ravan ke Pita ka kya Naam Tha)
- रावण के पिता का नाम महर्षि विश्रवा था महर्षि विश्रवा त्रेता युग के बेहद प्रतिष्ठित राशियों में शुमार हैं।
रावण के माता पिता कौन थे? (Ravan ke Mata Pita kaun The)
रावण (Ravan) का जन्म ऋषि विश्वश्रवा और उनकी दूसरी पत्नी कैकसी के घर हुआ था। ऋषि की पहली पत्नी, इलाविडा, से कुबेर ने जन्म लिया, जो रावण के बड़े भाई थे। कुबेर ने आगे चलकर धन के देवता का प्रतिष्ठित पद हासिल किया। इस प्रकार, रावण और कुबेर के बीच न केवल भाईचारे का एक अनोखा बंधन था, बल्कि एक भव्य परिवार की कहानी भी थी, जो त्रेता युग के महत्वपूर्ण पात्रों को जोड़ती है।
कैसा था रावण का बचपन? (Kaisa Tha Ravan ka Bachpan)
रावण (Ravan) का बचपन ज्ञान और विविध विद्याओं की शिक्षा में व्यतीत हुआ। छोटी उम्र में ही उसने चारों वेदों का गहन अध्ययन कर लिया था और आयुर्वेद, ज्योतिष और तंत्र में भी विशेषज्ञता प्राप्त कर ली थी। युवावस्था में कठोर तप के लिए वह जंगलों की ओर निकल गया। अपने परदादा ब्रह्माजी की घोर तपस्या के बाद, वर्षों की तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्माजी ने उसे वरदान मांगने को कहा। रावण ने अमरत्व का वरदान मांगा, जिसे ब्रह्माजी अस्वीकार करते हुए उसे अन्य शक्तियों से संपन्न किया। रावण ने इसे स्वीकार किया और बाद में शिव की तपस्या में लीन हो गया।
रावण के दादा-दादी (Ravan ke Dada-Dadi ka Naam kya Tha)
रावण के दादा का नाम महान ऋषि पुलस्त्य (Rishi Pulastya) था, जबकि उनकी दादी का नाम पवित्र हविर्भुवा देवी था।
रावण की कितनी पत्नियां थी? (Ravan ki kitni Patniya Thi)
रावण (Ravan) की तीन पत्नियों का उल्लेख मिलता है, हालांकि तीसरी पत्नी का नाम अज्ञात है। उसकी पहली पत्नी मंदोदरी (Mandodari) थी, जो राक्षसराज मयासुर और अप्सरा हेमा की पुत्री थीं। मंदोदरी रावण की मुख्य रानी थी। दूसरी पत्नी का नाम धन्यमालिनी था। कहीं-कहीं तीसरी पत्नी का उल्लेख मिलता है, जिसके बारे में कहा जाता है कि रावण ने उसकी हत्या कर दी थी, लेकिन उसका नाम स्पष्ट नहीं है।
रावण का असली नाम क्या था? (Ravan ka Asli Naam kya Tha)
रावण (Ravan) का असली नाम दशग्रीव (Dashgreev) था, और उसे उसके दस सिरों के कारण दशानन के नाम से भी जाना जाता था। अपनी अपार शक्ति और बुद्धिमत्ता के चलते रावण एक महान योद्धा के रूप में प्रसिद्ध हुआ।
रावण के 10 नाम कौन से हैं? (Ravan ke 10 Naam kaun Se Hain)
- दशानन
- रावुला
- लंकापति
- लंकेश्वर
- लंकेश्वरन
- रावणासुर
- रावणेश्वरन
- ईला वेंधर
- दासी रावण
- दासी सक्विथि
महा रावण यह सभी रावण के 10 नाम हैं।
रावण के 10 सिर क्यों थे? (Ravan ke 10 sir kyu The)
रावण (Ravan) के दस सिरों को लेकर दो बेहद प्रमुख मान्यताएं प्रचलित हैं। कुछ जानकारों का मानना है कि असल में लंका के राजा रावण के दस सिर नहीं थे, बल्कि उसके पास दस दिमागों के बराबर बुद्धिमत्ता थी। वहीं, अन्य लोग मानते हैं कि वह चारों वेदों और छह दर्शनों का ज्ञाता था, इसलिए उसे दस सिर वाला कहा गया। रावण के दस सिर बुराई का प्रतीक माने जाते हैं, जिनके अलग-अलग अर्थ हैं – काम, क्रोध, लोभ, मोह, द्वेष, घृणा, पक्षपात, अहंकार, व्यभिचार और धोखा। साथ ही साथ यह अभी मानता है कि रावण अपने सभी शत्रुओं को भ्रमित करने के लिए स्वयं के पास 10 सर होने का छलावा करता था।
रावण के कितने पुत्र और पुत्री थे? (Ravan ke kitne Putra Aur Putri The)
रावण के 6 पुत्र थे और रावण के छह पुत्रों के नाम थे: मेघनाद, अक्षयकुमार, अतिकाय, त्रिशरा, नरान्तक, और देवान्तक। रावण की दो प्रमुख पत्नियां थीं—मंदोदरी और धन्यमालिनी। मंदोदरी से उसे दो पुत्र और धन्यमालिनी से चार पुत्र प्राप्त हुए। कुछ दक्षिण-पूर्व एशियाई रामायणों, जैसे थाईलैंड और कंबोडिया की कथाओं में, रावण की एक पुत्री का भी उल्लेख मिलता है, जिसका नाम स्वर्णमत्स्य या सुवर्णमछा था। हालांकि, वाल्मीकि रामायण में रावण की किसी बेटी का कोई उल्लेख नहीं है, जिससे यह जानकारी केवल इन अलग-अलग संस्कृतियों की रामायणों तक सीमित रहती है।
रावण के कितने भाई और बहन थे? (Ravan ke kitne Bhai – Behen The)
रावण (Ravan) के कुल आठ भाई-बहन थे
- विभीषण (Vibhishan)
- कुंभकरण (Kumbhkaran)
- अहिरावण (Ahiravan)
- खर (Khar) और दूषण (Dushan)
इन पांच भाइयों के साथ-साथ रावण की दो बहनें भी थीं।
- सूर्पनखा
- कुंभिनी
रावण के नाना का क्या नाम था? (Ravan ke Nana ka kya Naam Tha)
रावण (Ravan) के नाना का नाम सुमाली था, जो राक्षसों के शक्तिशाली राजा के रूप में जाने जाते थे। सुमाली रावण की मां, कैकसी के पिता थे। उन्होंने अपनी पुत्री कैकसी का विवाह विश्रवा मुनि से कराया, और इस पवित्र संयोग से रावण, कुंभकर्ण, विभीषण और शूर्पणखा का जन्म हुआ।
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Conclusion:-Ravan ka parivar
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (रावण का परिवार (माता पिता,भाई-बहन,पत्नियां,पुत्र और पुत्री ऐसा था पारिवारिक वृक्ष) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s:-Ravan ka parivar
1. रावण के पिता कौन थे?
रावण के पिता का नाम विश्रवा था, जो महान ऋषि पुलस्त्य के पुत्र थे। विश्रवा एक विद्वान और तपस्वी थे, जिनके आशीर्वाद से रावण और उनके भाइयों को असाधारण शक्तियाँ प्राप्त हुईं।
2. रावण की माता कौन थीं?
रावण की माता का नाम कैकसी था, जो दैत्यों के राजा सुमाली की पुत्री थीं। वह एक राक्षसी थीं, और उनके द्वारा रावण सहित अन्य संतानें उत्पन्न हुईं।
3. रावण के भाई-बहन कौन थे?
रावण के तीन प्रमुख भाई-बहन थे:
- कुंभकर्ण: रावण का छोटा भाई, जो अपनी गहरी नींद और अद्वितीय शक्ति के लिए प्रसिद्ध था।
- विभीषण: रावण का दूसरा भाई, जो धर्म और सत्य के मार्ग पर चला और अंततः श्रीराम का साथ दिया।
- शूर्पणखा: रावण की बहन, जो अपने अपमान और लक्ष्मण द्वारा नाक काटे जाने के बाद, श्रीराम के विरुद्ध रावण को भड़काने का मुख्य कारण बनीं।
4. रावण के कितने पुत्र थे?
रावण के 7 पुत्र थे, जिनके नाम इस प्रकार हैं:
- इंद्रजीत (मेघनाद)
- अक्षयकुमार
- अतिकाय
- नरांतक
- देवांतक
- त्रिशिरा
- प्रहस्त
इनमें से इंद्रजीत, जिसे मेघनाद भी कहा जाता था, सबसे प्रमुख और शक्तिशाली था। वह भगवान इंद्र को पराजित करने वाला योद्धा था।
5. रावण की पत्नी कौन थीं?
रावण की प्रमुख पत्नी मंदोदरी थीं, जो मायासुर और अप्सरा हेमा की पुत्री थीं। मंदोदरी एक अत्यंत बुद्धिमान और धर्मनिष्ठ महिला थीं। वह अपने पति रावण को कई बार सही मार्ग पर चलने की सलाह देती थीं, लेकिन रावण ने उन्हें नज़रअंदाज़ किया।
6. क्या रावण के परिवार में कोई धार्मिक व्यक्ति था?
हां, रावण के भाई विभीषण एक धार्मिक और धर्मपरायण व्यक्ति थे। विभीषण ने अपने भाई रावण को कई बार धर्म और न्याय का पालन करने की सलाह दी। लेकिन जब रावण ने सीता का अपहरण कर धर्म का उल्लंघन किया, तब विभीषण ने श्रीराम का साथ देने का निर्णय लिया।
7. रावण के परिवार के अन्य प्रमुख सदस्य कौन थे?
रावण के परिवार के अन्य प्रमुख सदस्यों में उनके मामा मारीच और सुभाहु का नाम लिया जाता है, जिन्होंने राम के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
8. रावण के परिवार का रामायण में क्या महत्व है?
रावण का परिवार रामायण की कथा में प्रमुख भूमिका निभाता है। उनके परिवार के हर सदस्य की कहानी में खास नैतिक और धार्मिक सीख छिपी है। विभीषण धर्म और सत्य की जीत का प्रतीक हैं, जबकि कुंभकर्ण और शूर्पणखा की कहानियाँ अंहकार और अधर्म के परिणामों को दर्शाती हैं। रावण के परिवार ने रामायण की कथा को गहराई और विविधता दी है।