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हिन्दू कैलेंडर अगस्त 2025 में कौन-कौन से व्रत, त्यौहार, और तिथियां हैं? पूरी डेट लिस्ट पढ़ें | August Festival List 2025

August Festival List 2025
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अगस्त कैलेंडर 2025 (August Calendar 2025): अगस्त 2025 में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्यौहार आने वाले हैं, जो हमारे जीवन में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखते हैं। इन त्यौहारों में वाराह जयंती, सोमवार व्रत, रोहिणी व्रत, गोगा नवमी, सिंह संक्रांति, पूर्णिमा व्रत, पूर्णिमा, रक्षाबंधन, नराली पूर्णिमा, सत्य व्रत, अंगारकी चतुर्थी, कजरी तीज, और संकष्टी गणेश चतुर्थी शामिल हैं। इन त्यौहारों का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी है।

ये त्यौहार हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं को समझने और समृद्ध बनाने में मदद करते हैं। इन त्यौहारों के दौरान, लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं, और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं। हम आपको अगस्त 2025 में आने वाले विशेष व्रत और त्यौहारों की संपूर्ण सूची प्रदान करेंगे, साथ ही हम आपको इन त्यौहारों के महत्व, उनके पीछे की कहानियों, और उनके आयोजन के तरीकों के बारे में भी बताएंगे। 

इस लेख के जरिए हम आपको बताएंगे कि ये त्यौहार क्यों मनाए जाते हैं और उनके पीछे की पौराणिक कथाएं क्या हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े….

तारीखदिनत्यौहार 
01-08-2025शुक्रवारदुर्गाष्टमी व्रत
03-08-2025रविवारमित्रता दिवस
05-08-2025मंगलवारश्रावण पुत्रदा एकादशी
06-08-2025बुधवारप्रदोष व्रत
08-08-2025शुक्रवारवरलक्ष्मी व्रत
09-08-2025शनिवारपूर्णिमा व्रत, पूर्णिमा, रक्षाबंधन, नराली पूर्णिमा, सत्य व्रत
12-08-2025मंगलवारअंगारकी चतुर्थी, कजरी तीज, संकष्टी गणेश चतुर्थी
13-08-2025बुधवाररक्षा पंचमी
14-08-2025बृहस्पतिवारहल षष्ठी
15-08-2025शुक्रवारश्री कृष्ण जन्माष्टमी
16-08-2025शनिवारकालाष्टमी
17-08-2025रविवाररोहिणी व्रत, गोगा नवमी, सिंह संक्रांति
19-08-2025मंगलवारअजा एकादशी
20-08-2025बुधवारप्रदोष व्रत
21-08-2025गुरुवारमासिक शिवरात्रि
23-08-2025शनिवारअमावस्या
24-08-2025गुरुवारचंद्र दर्शन
25-08-2025सोमवारवाराह जयंती , सोमवार व्रत
26-08-2025मंगलवारहरतालिका तीज
27-08-2025बुधवारवरद चतुर्थी , गणेशोत्सव
28-08-2025बृहस्पतिवारऋषि पंचमी
29-08-2025शुक्रवारषष्टी
31-08-2025रविवारदुर्गाष्टमी व्रत , महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ,  राधाष्टमी

हिन्दू कैलेंडर अगस्त, 2025 | August 2025 Hindu Calendar

ऊपर हम आपको अगस्त महीने के सभी त्योहारों की लिस्ट इमेज के माध्यम से प्राप्त करा रहे हैं जिसमें आप देख सकते हैं कि कौनसा त्यौहार किस तारीख को है और उसका शुभ मुहूर्त क्या है। आप इस इमेज को डाउनलोड कर सकते है और अपन मित्रो को शेयर कर सकते हैं।

1. दुर्गाष्टमी व्रत 

हिंदू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का विशेष महत्व है, जिसे हर महीने अष्टमी तिथि पर श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दिन मां दुर्गा की आराधना की जाती है, और ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से देवी की कृपा से समस्त पापों का नाश होता है। मां दुर्गा के आशीर्वाद से भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति आती है। वर्ष 2025 में, मासिक दुर्गाष्टमी 1 अगस्त को पड़ रही है, जो भक्तों के लिए पूजा और व्रत का विशेष अवसर लेकर आएगी।

  • दिनांक- 1 अगस्त  2025
  • दिन- शुक्रवार 

2. पुत्रदा एकादशी । Putrada Ekadashi 

श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाने वाली श्रावण पुत्रदा एकादशी का विशेष महत्व है। यह व्रत विशेष रूप से संतान सुख की कामना करने वाले श्रद्धालुओं द्वारा रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत के पालन से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि तथा धन-धान्य का वास होता है। श्रीहरि नारायण और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा भी इस व्रत से प्राप्त होती है। कहा जाता है कि इस व्रत से मृत्यु के बाद वैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। वर्ष 2025 में श्रावण पुत्रदा एकादशी का पावन पर्व 5 अगस्त को मनाया जाएगा, जो भक्तों के लिए अत्यंत शुभ दिन होगा।

  • दिनांक- 5 अगस्त  2025
  • दिन- मंगलवार 
  • प्रारंभ तिथि – 4 अगस्त को सुबह 11:42 बजे से 
  • समापन तिथि – 5 अगस्त को दोपहर 1:12 बजे तक है.

3. प्रदोष व्रत । Pradosh Vrat 

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित एक अत्यंत पवित्र व्रत माना जाता है। यह व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत के पालन से सभी प्रकार के दोष समाप्त हो जाते हैं और शिव धाम की प्राप्ति होती है। यह व्रत पापों का नाश करता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है, जो विवाहित महिलाओं और कुवांरी कन्याओं के लिए अनेक शुभ फलों को प्रदान करता है। 2025 में, अगस्त माह में प्रदोष व्रत 6 तारीख को मनाया जाएगा, जो शिवभक्तों के लिए एक अद्वितीय अवसर लेकर आएगा।

  • दिनांक- 6 अगस्त  2025
  • दिन- बुधवार 

4. वरलक्ष्मी व्रत । Varalakshmi Vrat 

सावन महीने के अंतिम शुक्रवार को मनाए जाने वाला वरलक्ष्मी व्रत (Varalakshmi Vrat 2025) मां लक्ष्मी को समर्पित एक पवित्र और शुभ पर्व है। इस व्रत की महिमा अद्वितीय मानी जाती है, क्योंकि इसे करने से साधकों को जीवन में आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है। साथ ही, वरलक्ष्मी कथा का पाठ करने से व्यापार में आ रही रुकावटें भी दूर होती हैं। यह व्रत सुख-समृद्धि और धन-धान्य का प्रतीक माना जाता है। वर्ष 2025 में, यह व्रत सावन माह के 8 अगस्त को मनाया जाएगा, जो भक्तों के लिए मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का विशेष अवसर होगा।

  • दिनांक- 8 अगस्त  2025
  • दिन- शुक्रवार 

5. रक्षाबंधन । Rakshabandhan 

रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के अटूट स्नेह और विश्वास का प्रतीक है। इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर तिलक करती है और उसकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है, जिसे राखी कहा जाता है। यह त्योहार न केवल हिंदू बल्कि जैन धर्म में भी विशेष महत्व रखता है और हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। श्रावण मास में आने के कारण इसे श्रावणी या सलूनो भी कहा जाता है। 2025 में यह पवित्र त्योहार 9 अगस्त को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।

  • दिनांक- 9 अगस्त  2025
  • दिन- शनिवार 

6. नारली पूर्णिमा । Narali Purnima 

नारली पूर्णिमा महाराष्ट्र के हिंदू मछुआरा समुदाय के लिए एक विशेष और शुभ दिन है, जिसे विशेष रूप से मुंबई और कोंकण तट के क्षेत्रों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो आमतौर पर जुलाई या अगस्त में आता है। नारली पूर्णिमा समुद्र की पूजा और कृतज्ञता का प्रतीक है, जिसमें नारियल अर्पित कर समुद्र से सुरक्षा और समृद्धि की कामना की जाती है। वर्ष 2025 में यह पवित्र पर्व 9 अगस्त को मनाया जाएगा।

  • दिनांक- 9 अगस्त  2025
  • दिन- शनिवार 

7. पूर्णिमा व्रत । Purnima Vrat 

पूर्णिमा व्रत, जिसे पौर्णमी व्रत भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह उपवास चंद्र मास के शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन रखा जाता है, जब चंद्रमा अपने पूर्ण रूप में होता है और आसमान अपनी उज्ज्वल आभा से आलोकित होता है। पूर्णिमा का यह दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। श्रद्धालु इस दिन व्रत रखते हैं और चंद्र देवता की पूजा करते हैं। अगस्त 2025 में यह शुभ पूर्णिमा 9 तारीख को आएगी, जो भक्तों के लिए विशेष अवसर होगा।

  • दिनांक- 9 अगस्त  2025
  • दिन- शनिवार 

8. अंगारकी चतुर्थी। Angarki chaturthi 

अंगारकी चतुर्थी, मंगलवार को आने वाली संकष्टी चतुर्थी का विशेष नाम है, जो भगवान गणेश को समर्पित एक पवित्र दिन है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना से मंगल दोष का नाश होता है और जीवन के सभी कष्ट एवं बाधाएं दूर हो जाती हैं। इसे संकटहर चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है और हिंदू पंचांग के अनुसार, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन व्रत रखकर गणेश जी और मंगल देव की कृपा प्राप्त करने का विशेष महत्व है। गणेश जी को दूध से स्नान कराना, सिंदूर मिश्रित घी अर्पित करना, चांदी का वर्क चढ़ाना और जनेऊ अर्पित करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। 2025 में यह पावन पर्व 12 अगस्त को पूरे भक्तिभाव से मनाया जाएगा।

  • दिनांक- 12 अगस्त  2025
  • दिन- मंगलवार 

9. कृष्ण जन्माष्टमी । Krishna Janmashtami 

कृष्ण जन्माष्टमी, जिसे गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है, भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का पावन पर्व है, जिसे हर वर्ष बड़ी श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह पर्व श्रावण महीने की अष्टमी तिथि को पड़ता है। भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी में यह दिन भक्तिभाव और उल्लास के साथ मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह त्योहार अक्सर अगस्त या सितंबर के महीने में आता है। वर्ष 2025 में, कृष्ण जन्माष्टमी का यह शुभ पर्व 15 अगस्त को मनाया जाएगा, जब भक्त भगवान के जन्म की लीलाओं का स्मरण करेंगे और विशेष पूजा-अर्चना करेंगे।

  • दिनांक- 15 अगस्त  2025
  • दिन- शुक्रवार 

10. कालाष्टमी। Kalashtami 

कालाष्टमी, हिंदू धर्म में भगवान काल भैरव की पूजा का विशेष पर्व है, जो हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है जो भय, संकट, रोग और शत्रु से मुक्ति की कामना करते हैं। भगवान काल भैरव को भगवान शिव के रौद्र रूप के रूप में पूजा जाता है। इस दिन, श्रद्धालु व्रत रखते हैं और भगवान काल भैरव की पूजा करके उनकी कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पूजा-पाठ और दान-पुण्य से भगवान काल भैरव प्रसन्न होते हैं। मार्गशीर्ष मास में आने वाली कालाष्टमी को “कालभैरव जयंती” के रूप में भी मनाया जाता है। 2025 में यह पवित्र पर्व 16 अगस्त को मनाया जाएगा।

  • दिनांक- 16 अगस्त  2025
  • दिन- शनिवार 

11. रोहिणी व्रत । Rohini Vrat 

रोहिणी व्रत, जैन धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे विशेष रूप से रोहिणी नक्षत्र में प्रारंभ किया जाता है और यह मार्गशीर्ष नक्षत्र के आगमन तक चलता है। इस व्रत को कम से कम पांच वर्षों तक निरंतर रखना चाहिए और इसका उद्यापन भी आवश्यक माना जाता है। इस व्रत का पालन करने से विशेष लाभ होते हैं। जैन धर्म के अनुसार, महिलाओं को इस व्रत से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है, और साथ ही पति की लंबी उम्र और परिवार में सुख-शांति का संचार होता है। इसके अलावा, यह व्रत आर्थिक समस्याओं से भी मुक्ति दिलाता है। 2025 में, यह पुण्य व्रत 17 अगस्त को मनाया जाएगा, जब श्रद्धालु इसके प्रभावशाली लाभों को प्राप्त करने के लिए इसे श्रद्धा भाव से करेंगे।

  • दिनांक- 17 अगस्त  2025
  • दिन- रविवार 

12. अजा एकादशी। Aja ekadashi 

अजा एकादशी व्रत भगवान विष्णु की उपासना का एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली अवसर है। इस विशेष दिन भगवान विष्णु की पूजा और उपवासी रहकर व्रत रखने से श्रद्धालुओं को उनके सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। यह व्रत व्यक्ति की आत्मा को शुद्ध करता है और जीवन में शांति और सुख का संचार करता है। 2025 में अजा एकादशी का व्रत 19 अगस्त को मनाया जाएगा, जब भक्तगण इस दिन भगवान विष्णु के प्रति अपनी आस्था और श्रद्धा व्यक्त करेंगे।

  • दिनांक- 19 अगस्त  2025
  • दिन- मंगलवार 
  • प्रारंभ तिथि – 18 अगस्त को शाम 5:23 बजे से 
  • समापन तिथि – 19 अगस्त को दोपहर 3:33 बजे तक

13. प्रदोष व्रत । Pradosh Vrat 

प्रदोष व्रत, हिन्दू धर्म में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है, जिसे हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। इस विशेष व्रत के माध्यम से भक्त अपने जीवन के सभी दोषों को दूर करने और शिव धाम की प्राप्ति की दिशा में कदम बढ़ाते हैं। यह व्रत पापों के नाश का कारण बनता है और मोक्ष की प्राप्ति के लिए एक पवित्र मार्ग प्रदान करता है। विशेष रूप से इस दिन भगवान शिव की उपासना करने से विवाहित महिलाएं और अविवाहित कन्याएं भी अनेक प्रकार के आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। 2025 में प्रदोष व्रत का आयोजन अगस्त माह में 20 तारीख को किया जाएगा।

  • दिनांक- 20 अगस्त  2025
  • दिन- बुधवार 

14. मासिक शिवरात्री । Masik Shivratri 

मासिक शिवरात्रि, हिंदू धर्म में भगवान शिव और देवी पार्वती के परम मिलन का उत्सव है, जिसे हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित होता है, जिसमें भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए शंकर की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। मासिक शिवरात्रि को शिव-पार्वती के दिव्य विवाह का प्रतीक माना जाता है, और इस दिन भगवान शिव अपनी प्रसन्नता से भक्तों की इच्छाओं को पूर्ण करते हैं। इस व्रत को करने से सभी पापों का नाश होता है और जीवन में शुभता का वास होता है। भक्त इस दिन भक्ति, तप, और समर्पण के साथ भगवान शिव की पूजा करते हैं। 2025 में मासिक शिवरात्रि का पर्व 21 अगस्त को मनाया जाएगा।

  • दिनांक- 21 अगस्त  2025
  • दिन- गुरुवार 

15. अमावस्या । Amavasya 

अमावस्या, हिंदू पंचांग के अनुसार, वह विशेष दिन है जब चंद्रमा पूरी तरह से गायब हो जाता है और उसकी छाया नहीं दिखाई देती। इस दिन चंद्रमा की ऊर्जा मंद पड़ जाती है, जबकि पितरों का प्रभाव और आशीर्वाद अधिक महसूस होता है। यही कारण है कि अमावस्या को पितरों की पूजा और श्रद्धांजलि देने का दिन माना जाता है। इस दिन चंद्रमा और सूर्य का मिलन होता है, जिससे अंतर शून्य हो जाता है। हिंदू धर्म में यह दिन अत्यंत महत्व रखता है, और इसे विशेष रूप से पितृ तर्पण और पिंडदान के लिए पूजा जाता है। अमावस्या के दिन स्नान करने, बुरे आचरणों से बचने और पितरों की याद में तर्पण करने का महत्व है। 2025 में, मासिक शिवरात्रि के साथ 23 अगस्त को अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा।

  • दिनांक- 23 अगस्त  2025
  • दिन- शनिवार 

16. चन्द्र दर्शन । Chandra Darshan 

धार्मिक ग्रंथों में चंद्रमा को शांति, समृद्धि और मानसिक संतुलन का प्रतीक माना गया है। हर महीने की अमावस्या के बाद, जब चंद्रमा अपनी पहली रोशनी से रात को आकाश को आलोकित करता है, वह समय विशेष महत्व रखता है। इस दिन चंद्र दर्शन करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है, जो जीवन में सुख और समृद्धि को आमंत्रित करता है। यह एक विशेष अवसर है, जब चंद्रमा की दिव्य ज्योति से जीवन में नई आशा और समृद्धि का संचार होता है। 2025 में, यह शुभ चंद्र दर्शन 24 अगस्त को मनाया जाएगा।

  • दिनांक- 24 अगस्त  2025
  • दिन- रविवार 

17. वराह जयंती । Varaha Jayanti 

वराह जयंती भगवान विष्णु के तीसरे अवतार, वराह रूप के जन्म का पर्व है, जो हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, खासकर उनके वराह अवतार की महिमा का गान किया जाता है। यह विशेष पर्व भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। भगवान विष्णु ने वराह रूप में पृथ्वी को अधिग्रहण कर धर्म की स्थापना की थी, जिसे श्रद्धा भाव से श्रद्धालु हर साल मनाते हैं। 2025 में यह पवित्र दिन 25 अगस्त को मनाया जाएगा।

  • दिनांक- 25 अगस्त  2025
  • दिन- सोमवार 

18. हरतालिका तीज । Hartalika Teej

हरतालिका तीज, भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाने वाला एक अत्यधिक महत्वपूर्ण पर्व है, जो विशेष रूप से शिव और शक्ति की उपासना के लिए समर्पित होता है। इस दिन विवाहित महिलाएं और अविवाहित युवतियां अपने पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य के लिए व्रत रखती हैं। यह पर्व न केवल व्रति की आस्था और भक्ति को दर्शाता है, बल्कि प्रेम और समर्पण की भावना को भी प्रगट करता है। इस श्रद्धालु पर्व की महत्वपूर्ण तिथि 2025 में 27 अगस्त को है, जब यह पूजा और अनुष्ठान किया जाएगा।

  • दिनांक- 27 अगस्त  2025
  • दिन- बुधवार 

19. गणेशोत्सव । Ganeshotsav 

गणेशोत्सव, हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और खुशी से भरा त्योहार है, जो भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इसे गणेश चतुर्थी, विनायक चतुर्थी या विनयगर चतुर्थी भी कहा जाता है। यह पर्व भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से प्रारंभ होता है और चतुर्दशी तिथि को समाप्त होता है। इस खास अवसर पर घरों और पंडालों में भगवान गणेश की भव्य मूर्तियों की स्थापना की जाती है और उनकी श्रद्धापूर्वक पूजा की जाती है। 2025 में यह पर्व 27 अगस्त को मनाया जाएगा, जब हर स्थान पर भक्तिभाव और उमंग से गणेश जी का स्वागत किया जाएगा।

  • दिनांक- 27 अगस्त  2025
  • दिन- बुधवार 

20. ऋषि पंचमी । Rishi Panchami 

ऋषि पंचमी का पर्व विशेष रूप से सप्त ऋषियों की पूजा करने का दिन होता है, जब लोग इन महान ऋषियों के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए श्रद्धापूर्वक उनका वंदन करते हैं और अपने पापों की क्षमा की प्रार्थना करते हैं। शास्त्रों के अनुसार, इन सप्त ऋषियों के नाम कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और वशिष्ठ हैं। यह दिन पवित्रता और आत्मशुद्धि के अवसर के रूप में मनाया जाता है। 2025 में ऋषि पंचमी 28 अगस्त को मनाई जाएगी, जब हर घर में इन ऋषियों के प्रति श्रद्धा और समर्पण के भाव जागृत होंगे।

  • दिनांक- 28 अगस्त  2025
  • दिन- गुरुवार 

21. श्री राधाष्टमी । Shree Radha Ashtami 

भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री राधाष्टमी के रूप में मनाया जाता है, जो सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता है। शास्त्रों के अनुसार, यह वह पवित्र दिन है जब श्री राधा का प्राकट्य हुआ था। श्री राधाजी का जन्म वृषभानु महाराज की यज्ञ भूमि से हुआ था, जो उन्हें एक दिव्य और अद्वितीय स्थिति प्रदान करता है। यह महान पर्व 2025 में 31 अगस्त को मनाया जाएगा, जब श्रद्धालु श्री राधा के अद्वितीय रूप और भक्ति की महिमा का गान करेंगे।

  • दिनांक- 31 अगस्त  2025
  • दिन- रविवार 

22. महालक्ष्मी व्रत । Mahalaxmi Vrat 

महालक्ष्मी व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होकर 16 दिनों तक चलता है, जो अश्विन माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को समाप्त होता है। इस दौरान मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है। व्रत की शुरुआत के लिए भक्तों को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और साफ कपड़े पहनने चाहिए। पूजा में मां लक्ष्मी को लाल फूल, कमल के फूल, दीप, नैवेद्य, सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करनी चाहिए। व्रत के दौरान मांसाहारी भोजन से बचना चाहिए और आखिरी दिन कलश की पूजा की जाती है। 2025 में यह व्रत 31 अगस्त को मनाया जाएगा।

  • दिनांक- 31 अगस्त  2025
  • दिन- रविवार

इन्हें भी देखे:– हिन्दू कैलेंडर जनवरी 2025 | फरवरी 2025 | मार्च 2025 अप्रैल 2025 | मई 2025 | जून 2025 |

Conclusion:-August Festival List 2025

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (अगस्त 2025 के व्रत एवं त्यौहार) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद

FAQ’s

Q. दुर्गाष्टमी व्रत कब मनाया जाता है?

Ans. दुर्गाष्टमी व्रत हर महीने की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है, और वर्ष 2025 में यह 1 अगस्त को पड़ेगा।

Q. पुत्रदा एकादशी व्रत का मुख्य उद्देश्य क्या है?

Ans. पुत्रदा एकादशी व्रत संतान सुख की प्राप्ति के लिए किया जाता है, और इस व्रत से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

Q. प्रदोष व्रत किसकी पूजा के लिए है?

Ans. प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए है, और यह व्रत त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।

Q. वरलक्ष्मी व्रत कब मनाया जाता है?

Ans. वरलक्ष्मी व्रत सावन महीने के अंतिम शुक्रवार को मनाया जाता है, और वर्ष 2025 में यह 8 अगस्त को पड़ेगा।

Q. रक्षाबंधन का पर्व किसे समर्पित है?

Ans. रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के अटूट स्नेह और विश्वास को समर्पित है, जिसे श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।

Q. नारली पूर्णिमा क्या है?

Ans. नारली पूर्णिमा महाराष्ट्र में मछुआरा समुदाय द्वारा मनाया जाता है, जिसमें समुद्र की पूजा कर नारियल अर्पित किया जाता है।