एकादशी कैलेंडर 2025 (Ekadashi Calendar 2025): हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को एकादशी मनाई जाती है। 2025 में भी कई महत्वपूर्ण एकादशी आने वाली हैं, जिनमें पुत्रदा एकादशी, देवशयनी एकादशी, देवउठनी एकादशी, योगिनी एकादशी, और पापमोचनी जैसी कई एकादशी शामिल हैं, जो कि हर महीने की कृष्ण पक्ष एवं शुक्ल पक्ष को मनाई जाती है। सभी एकादशियों का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी है।
इन एकादशियों के दौरान, लोग उपवास रखते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं, और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं। इन एकादशियों का महत्व इस प्रकार है कि यह हमें अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद करता है और हमें आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने में मदद करता है। इन एकादशियों के दौरान, लोग अपने परिवार और मित्रों के साथ मिलकर पूजा-अर्चना करते हैं और एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं। इन एकादशियों के पीछे कई पौराणिक कथाएं और महत्व हैं, जो हमें हमारी संस्कृति और परंपराओं को समझने में मदद करते हैं। इन एकादशियों का महत्व हमारे जीवन में आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने में भी है।
इस लेख में, हम आपको 2025 में आने वाली एकादशियों की एक पूरी लिस्ट प्रदान करेंगे, साथ ही हम आपको इन एकादशियों के महत्व, उनके पीछे की कहानियों, और उनके आयोजन के तरीकों के बारे में भी बताएंगे…..
ग्यारस / एकादशी 2025 लिस्ट | Gyaras / Ekadashi 2025 list
एकादशी तारीख | दिन | एकादशी |
10 जनवरी 2025 | शनिवार | पुत्रदा एकादशी |
25 जनवरी 2025 | सोमवार | षटतिला एकादशी |
8 फरवरी 2025 | शनिवार | जया एकादशी |
24 फरवरी 2025 | सोमवार | विजया एकादशी |
10 मार्च 2025 | सोमवार | आमलकी एकादशी |
25 मार्च 2025 | मंगलवार | पापमोचनी एकादशी |
8 अप्रैल 2025 | मंगलवार | कामदा एकादशी |
24 अप्रैल 2025 | गुरूवार | वरुथिनी एकादशी |
8 मई 2025 | गुरूवार | मोहिनी एकादशी |
23 मई 2025 | शुक्रवार | अपरा एकादशी |
6 जून 2025 | शुक्रवार | निर्जला एकादशी |
21 जून 2025 | शनिवार | योगिनी एकादशी |
6 जुलाई 2025 | रविवार | देवशयनी एकादशी |
21 जुलाई 2025 | सोमवार | कामिका एकादशी |
5 अगस्त 2025 | मंगलवार | पुत्रदा एकादशी |
19 अगस्त 2025 | मंगलवार | अजा एकादशी |
3 सितंबर 2025 | बुधवार | पार्श्व एकादशी |
17 सितंबर 2025 | बुधवार | इंदिरा एकादशी |
03 अक्टूबर 2025 | शुक्रवार | रमा एकादशी |
17 अक्टूबर 2025 | शुक्रवार | पापांकुशा एकादशी |
2 नवंबर 2025 | रविवार | देवउठनी एकादशी |
15 नवंबर 2025 | शनिवार | उत्पन्ना एकादशी |
1 दिसंबर 2025 | सोमवार | मोक्षदा एकादशी |
31 दिसंबर 2025 | बुधवार | पौष पुत्रदा एकादशी |
ग्यारस / एकादशी 2025 लिस्ट Download PDF | Gyaras / Ekadashi 2025 list Download PDF
ग्यारस / एकादशी 2025 लिस्ट PDF Download | View Ekadashi 2025 listएकादशी 2025 लिस्ट Download Image
1. पुत्रदा एकादशी | Putrada Ekadashi
पौष शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी इस वर्ष 10 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। यह व्रत उन विशेष आशीर्वादों को प्राप्त करने का अवसर है, जो कठिन तपस्या से भी संभव नहीं होते। जो भक्त इस एकादशी का व्रत करते हैं, उन्हें न केवल इस पृथ्वी पर संतान सुख की प्राप्ति होती है, बल्कि मृत्यु के बाद स्वर्ग का आनंद भी मिल जाता है। इस व्रत के माहात्म्य का पाठ या श्रवण करने से अग्निष्टोम यज्ञ के समान पुण्य की प्राप्ति होती है, जो आत्मा को शुद्ध करने और जीवन में शुभ परिणामों को लाने का कारण बनता है।
- दिनांक- 10 जनवरी :- आरंभ – 07:25 अपराह्न, 24 जनवरी
- दिन- शनिवार :-समाप्त – 25 जनवरी, रात्रि 08:31 बजे
2. षटतिला एकादशी | Shattila Ekadashi
25 जनवरी को षटतिला एकादशी का व्रत होगा, जो विशेष रूप से मोक्ष की प्राप्ति और जीवन के कष्टों को दूर करने के लिए माना जाता है। इन व्रतों का पालन करने से व्यक्ति को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।
- दिनांक- 25 जनवरी:- आरंभ – 07:25 अपराह्न, 24 जनवरी
- दिन- शनिवार:-समाप्त – 25 जनवरी, रात्रि 08:31 बज
3. जया एकादशी | Jaya Ekadashi
जया एकादशी का व्रत माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को विशेष रूप से रखा जाता है। इस पावन व्रत का पालन करने से न केवल पापों का नाश होता है, बल्कि मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा भी प्राप्त होती है। जया एकादशी के दिन कथा का पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि का विस्तार होता है और मां लक्ष्मी का स्थायी वास होता है। वर्ष 2025 में, यह शुभ अवसर 8 फरवरी को भक्तिभाव के साथ मनाया जाएगा।
- दिनांक- 8 फरवरी :-प्रारंभ – रात्रि 09:26 बजे, 07 फरवरी
- दिन- शनिवार:-समाप्त – रात्रि 08:15 बजे, फरवरी 08
4. विजया एकादशी | Vijaya Ekadashi
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को सभी व्रतों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को “विजया एकादशी” कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करते हैं, उनकी समस्त इच्छाएं पूर्ण होती हैं। वर्ष 2025 में, यह शुभ तिथि फरवरी माह की 24 तारीख को आएगी, जब श्रद्धालु भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए इस व्रत का पालन करेंगे।
- दिनांक- 24 फरवरी:- प्रारंभ – 01:55 अपराह्न 23 फरवरी
- दिन- सोमवार:-समाप्त:– 01:44 अपराह्न, 24 फरवरी
5. आमलकी एकादशी | Amalaki Ekadashi
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का अत्यधिक महत्व है, जो हर साल 24 बार मनाया जाता है, लेकिन अधिकमास में इसकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। आमलकी एकादशी, जिसे आंवला एकादशी भी कहते हैं, विशेष रूप से भगवान विष्णु और आंवले के पौधे की पूजा का दिन होता है। शास्त्रों में आंवला का वही स्थान है जो गंगा का नदियों में और विष्णु का देवों में। इस दिन आंवले के पौधे की पूजा करने से श्रद्धालुओं को शुभ फलों की प्राप्ति का विश्वास होता है। 2025 में यह पवित्र एकादशी 10 मार्च, सोमवार को मनाई जाएगी।
- दिनांक- 10 मार्च:- प्रारंभ – प्रातः 07:45, मार्च 09
- दिन- सोमवार:-समाप्त – प्रातः 07:44, मार्च 10
6. पापमोचनी एकादशी | Papmochani Ekadashi
पापमोचनी एकादशी, जो हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है, एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर है। इस दिन श्रद्धालु भगवान विष्णु की विशेष पूजा करते हैं, जिससे उनके सभी पाप समाप्त होने का विश्वास होता है। इसके साथ ही, मां लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में सुख और समृद्धि का वास होता है। पापमोचनी एकादशी के व्रत का पालन करने से मानसिक शांति मिलती है, स्वास्थ्य में सुधार होता है, संतान सुख की प्राप्ति होती है, और व्यक्ति के पापों का प्रायश्चित भी होता है। इस दिन व्रति हवन, यज्ञ और अन्य वैदिक कर्मों का पालन करके पुण्य के भागी बनते हैं। व्रत के दौरान, शुद्ध आहार जैसे फल, कुट्टू, आलू, साबूदाना, जैतून, दूध, बादाम आदि का सेवन किया जाता है। इसके साथ ही, पापमोचनी एकादशी की कथा का श्रवण करना भी बेहद लाभकारी माना जाता है। 2025 में, यह विशेष दिन 25 मार्च को आएगा, जब श्रद्धालु भगवान विष्णु की कृपा से अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करेंगे।
- दिनांक- 25 मार्च:-प्रारंभ – प्रातः 05:05, मार्च 25
- दिन- मंगलवार:-समाप्त – प्रातः 03:45, मार्च 26
7. कामदा एकादशी | Kamada Ekadashi
कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi), चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी, भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) की आराधना का पावन पर्व है। इस दिन व्रत रखने से भक्तों को अनेक आध्यात्मिक और सांसारिक लाभ प्राप्त होते हैं। मान्यता है कि इस व्रत के पालन से ब्रह्महत्या जैसे गंभीर पापों और अनजाने में किए गए अपराधों से मुक्ति मिलती है। साथ ही, पिशाचत्व जैसे दोषों का नाश होता है। इस शुभ व्रत के प्रभाव से न केवल सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, बल्कि घर में सुख-समृद्धि का वास भी होता है। कामदा एकादशी का व्रत करने वाला व्यक्ति पुण्यात्मा बनकर जीवन में आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करता है। वर्ष 2025 में कामदा एकादशी 8 अप्रैल दिन मंगलवार को मनाई जाएगी।
- दिनांक- 8 अप्रैल:-प्रारंभ – 08:00 अपराह्न, 07 अप्रैल
- दिन- मंगलवार :-समाप्त – रात्रि 09:12 बजे, अप्रैल 08
8. वरुथिनी एकादशी | Varuthini Ekadashi
वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) का व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है, जिसे करने से मनुष्य को इस लोक में सुख और परलोक में स्वर्ग की प्राप्ति होती है। धर्मग्रंथों के अनुसार, इस व्रत के महात्म्य का पाठ करने मात्र से ही एक हज़ार गोदान के समान फल प्राप्त होता है। वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि पर मनाई जाने वाली यह एकादशी, आमतौर पर अप्रैल या मई में आती है। वर्ष 2025 में वरुथिनी एकादशी 24 अप्रैल, गुरुवार को मनाई जाएगी, जो भक्तों के लिए एक विशेष आध्यात्मिक अवसर होगा।
- दिनांक- 24 अप्रैल 2025:-आरंभ – 04:43 अपराह्न, 23 अप्रैल
- दिन- गुरूवार :-समाप्त – 02:32 अपराह्न, 24 अप्रैल
9. मोहिनी एकादशी | Mohini Ekadashi
मोहिनी एकादशी, जो वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है, विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन का व्रत करने से पापों से मुक्ति और मोहजाल से छुटकारा मिलने की मान्यता है। मोहिनी एकादशी का नाम और महत्व स्कंद पुराण से जुड़ा है, जिसमें कहा गया है कि समुद्र मंथन के दूसरे दिन, यानी द्वादशी तिथि को भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप में अवतार लिया था। यह दिन विष्णु के मोहिनी रूप की उपासना का पर्व है, जो भक्तों को मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि की दिशा में मार्गदर्शन करता है। 2025 में यह विशेष दिन 8 मई को मनाया जाएगा।
- दिनांक- 8 मई 2025:-प्रारंभ – प्रातः 10:19 बजे, 07 मई
- दिन- गुरूवार:-समाप्त – 12:29 PM, 08 मई
10. अपरा एकादशी | Apara Ekadashi
ज्येष्ठ माह की कृष्ण एकादशी को अचला या अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है, जो विशेष रूप से प्रायश्चित और आत्मिक शांति का अवसर प्रदान करती है। इस दिन उपवास और व्रत करने से व्यक्ति की गलतियों का प्रायश्चित होता है, साथ ही उसका यश और नाम भी बढ़ता है। इस व्रत के पुण्य प्रभाव से न केवल व्यक्ति को लाभ होता है, बल्कि उसके पितरों की आत्माओं को भी शांति मिलती है। 2025 में यह व्रत 23 मई को मनाया जाएगा।
- दिनांक- 23 मई 2025:-आरंभ – 01:12 AM, 23 मई
- दिन- शुक्रवार:-समाप्त – रात्रि 10:29 बजे, 23 मई
11. निर्जला एकादशी | Nirjala Ekadashi
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है, जिसे साल भर में चौबीस बार मनाया जाता है। यदि अधिकमास या मलमास हो तो यह संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को “निर्जला एकादशी” (Nirjala Ekadashi) के रूप में जाना जाता है। इस व्रत का नाम ही इसकी विशेषता दर्शाता है—इस दिन जल का सेवन पूरी तरह वर्जित होता है। यही कारण है कि इसे निर्जला एकादशी कहा जाता है। वर्ष 2025 में यह पावन एकादशी 6 जून को श्रद्धापूर्वक मनाई जाएगी।
- दिनांक- 6 जून 2025:-आरंभ – 02:15 पूर्वाह्न, 06 जून
- दिन- शुक्रवार:-समाप्त – प्रातः 04:47, जून 07
12. योगिनी एकादशी | Yogini Ekadashi
आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) के नाम से जाना जाता है, जो विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा और आराधना के लिए समर्पित है। यह दिन विशेष रूप से आशीर्वाद और पुण्य का प्रतीक माना जाता है, क्योंकि इस व्रत को करने से सभी पापों का नाश होता है। इसके साथ ही यह व्रत किसी व्यक्ति द्वारा दिए गए श्राप के निवारण का भी मार्ग खोलता है। 2025 में योगिनी एकादशी 21 जून को मनाई जाएगी, और यह दिन विशेष रूप से शांति, सद्गति और दिव्य कृपा का प्रतीक बनता है।
- दिनांक- 21 जून 2025:-प्रारम्भ – प्रातः 07:18 बजे, 21 जून
- दिन- शनिवार :-समाप्त – प्रातः 04:27, जून 22
13. देवशयनी एकादशी | Devshayani Ekadashi
देवशयनी एकादशी, जिसे हरिशयनी एकादशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक पवित्र दिन है। यह आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आती है। इस दिन से भगवान विष्णु चार महीने के लिए क्षीरसागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं, जिसे चतुर्मास कहा जाता है। इस अवधि में शुभ कार्य, जैसे विवाह या गृह प्रवेश, वर्जित माने जाते हैं। देवशयनी एकादशी का व्रत विशेष महत्व रखता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और भगवान विष्णु की पूजा करने से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। भक्त इस दिन उपवास रखते हैं, श्री विष्णु के मंत्रों का जाप करते हैं और धार्मिक कथा सुनते हैं। यह तिथि न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आत्मिक शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग भी प्रदान करती है। इस वर्ष देवशयनी एकादशी 6 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी।
- दिनांक- 6 जुलाई:-प्रारम्भ – सायं 06:58 बजे, 05 जुलाई
- दिन- रविवार:-समाप्त – रात्रि 09:14 बजे, 06 जुलाई
14. कामिका एकादशी | Kamika Ekadashi
सावन माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को ‘कामिका एकादशी’ कहा जाता है, जो विशेष रूप से धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को अपने सभी पापों से मुक्ति मिलती है और उसके जीवन में सुख, समृद्धि और खुशियों का आगमन होता है। स्कंद पुराण में इस दिन के व्रत का अत्यधिक महत्व बताया गया है, जहाँ यह कहा गया है कि इस व्रत को करने से न केवल पापों का नाश होता है, बल्कि भगवान विष्णु के धाम की प्राप्ति भी होती है। साथ ही, कामिका एकादशी के दिन व्रत रखने से भौतिक सुख, धन, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य जैसे आध्यात्मिक एवं भौतिक लाभ भी प्राप्त होते हैं। इस विशेष दिन, कामिका एकादशी, 21 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी।
- दिनांक- 21 जुलाई:-आरंभ – 12:12 अपराह्न, 20 जुलाई,
- दिन- सोमवार:-समाप्त – प्रातः 09:38 बजे, 21 जुलाई
15. पुत्रदा एकादशी | Putrada Ekadashi
श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाने वाली श्रावण पुत्रदा एकादशी का विशेष महत्व है। यह व्रत विशेष रूप से संतान सुख की कामना करने वाले श्रद्धालुओं द्वारा रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत के पालन से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि तथा धन-धान्य का वास होता है। श्रीहरि नारायण और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा भी इस व्रत से प्राप्त होती है। कहा जाता है कि इस व्रत से मृत्यु के बाद वैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। वर्ष 2025 में श्रावण पुत्रदा एकादशी का पावन पर्व 5 अगस्त को मनाया जाएगा, जो भक्तों के लिए अत्यंत शुभ दिन होगा।
- दिनांक- 5 अगस्त 2025 :-आरंभ – 11:41 पूर्वाह्न, 04 अगस्त
- दिन- मंगलवार:- समाप्त – 01:12 अपराह्न, 05 अगस्त
16. अजा एकादशी | Aja Ekadashi
अजा एकादशी व्रत भगवान विष्णु की उपासना का एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली अवसर है। इस विशेष दिन भगवान विष्णु की पूजा और उपवासी रहकर व्रत रखने से श्रद्धालुओं को उनके सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। यह व्रत व्यक्ति की आत्मा को शुद्ध करता है और जीवन में शांति और सुख का संचार करता है। 2025 में अजा एकादशी का व्रत 19 अगस्त को मनाया जाएगा, जब भक्तगण इस दिन भगवान विष्णु के प्रति अपनी आस्था और श्रद्धा व्यक्त करेंगे।
- दिनांक- 19 अगस्त 2025:-आरंभ – 05:22 अपराह्न 18 अगस्त
- दिन- मंगलवार:-समाप्त – 03:32 अपराह्न, 19 अगस्त
17. पार्श्व एकादशी | Parshv Ekadashi
पार्श्व एकादशी, जो भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी के रूप में मनाई जाती है, को विभिन्न नामों से भी जाना जाता है—परिवर्तिनी एकादशी, जलझूलनी एकादशी, देवझूलनी एकादशी, और वामन एकादशी। इस वर्ष, 2025 में यह पवित्र दिन 3 सितंबर, शनिवार को पड़ रहा है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। मान्यता के अनुसार, यह वही दिन है जब भगवान विष्णु योग निद्रा से जागकर करवट लेते हैं।
- दिनांक- 3 सितंबर 2025:-आरंभ – 03:53 पूर्वाह्न, 03 सितंबर
- दिन- बुधवार :-समाप्त – प्रातः 04:21, सितम्बर 04.
18. इंदिरा एकादशी | Indira Ekadashi
आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है, जो विशेष रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा और व्रत रखने से न केवल सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है, बल्कि यह हर प्रकार के दुख और कष्टों से मुक्ति भी दिलाती है। इंदिरा एकादशी के आयोजन से जीवन में शांति और समृद्धि का वास होता है। वर्ष 2025 में यह महत्वपूर्ण पर्व 17 सितंबर को मनाया जाएगा।
- दिनांक- 17 सितंबर 2025:-आरंभ – 12:21 पूर्वाह्न, 17 सितंबर
- दिन- बुधवार:-समाप्त – रात्रि 11:39 बजे, 17 सितम्बर
- आश्विन, कृष्ण एकादशी
19. पापांकुशा एकादशी | Papankusha Ekadashi
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी, जिसे पापांकुशा एकादशी के नाम से जाना जाता है, भगवान विष्णु के श्री पद्मनाभ स्वरूप की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पावन दिन का व्रत रखने से जीवन के समस्त पापों से मुक्ति प्राप्त होती है। यही कारण है कि इसे पापांकुशा एकादशी कहा जाता है। इस विशेष एकादशी का व्रत श्रद्धालुओं के लिए आत्मिक शुद्धि और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है। वर्ष 2025 में यह शुभ तिथि 3 अक्टूबर को आएगी, जब भक्तजन भगवान विष्णु की आराधना में लीन होकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
- दिनांक- 3 अक्टूबर 2025:-आरंभ – 07:10 अपराह्न, 02 अक्टूबर
- दिन- शुक्रवार:-समाप्त – 06:32 अपराह्न, 03 अक्टूबर
20. रमा एकादशी | Rama Ekadashi
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी के रूप में मनाया जाता है। यह विशेष दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है। 2025 में यह व्रत 17 अक्टूबर को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भक्तों द्वारा पूजा और दान करने से धन-लाभ के अवसर उत्पन्न होते हैं और श्री विष्णु की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। रमा एकादशी का व्रत, विशेष रूप से धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है।
- दिनांक- 17 अक्टूबर:-प्रारम्भ – प्रातः 10:35 बजे, 16 अक्टूबर
- दिन- शुक्रवार:-समाप्त – 11:12 पूर्वाह्न, 17 अक्टूबर
21. देवउठनी एकादशी | Devuthani Ekadashi
देवउठनी एकादशी, जिसे प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा के बाद जागृत होते हैं। इसे चातुर्मास के समापन और शुभ कार्यों के आरंभ का संकेत माना जाता है। इस दिन तुलसी विवाह, व्रत, और पूजा का विशेष आयोजन होता है। भक्त भगवान विष्णु की पूजा कर जीवन में सुख-समृद्धि और कल्याण की कामना करते हैं। यह तिथि विवाह, गृह प्रवेश, और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मानी जाती है। वर्ष 2025 में यह 2 नवंबर को मनाई जाएगी
- दिनांक- 2 नवंबर 2025:-प्रारम्भ – प्रातः 09:11 बजे, 01 नवम्बर
- दिन- रविवार :-समाप्त – प्रातः 07:31 बजे, 02 नवम्बर
22. उत्पन्ना एकादशी | Utpanna Ekadashi
उत्पन्ना एकादशी का व्रत आरोग्य, संतान सुख, और मोक्ष की प्राप्ति के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है। मानसिक समस्याओं से मुक्ति दिलाने में यह व्रत विशेष प्रभावशाली है। मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाए जाने वाला यह पावन व्रत भक्तों को शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है। वर्ष 2025 में, उत्पन्ना एकादशी का शुभ दिन 15 नवंबर को पड़ेगा। इस दिन भक्तजन व्रत और पूजा-अर्चना के माध्यम से भगवान की कृपा प्राप्त कर अपने जीवन को सुखमय और समृद्ध बनाने की कामना करते हैं।
- दिनांक- 15 नवंबर :-आरंभ – 12:49 पूर्वाह्न, 15 नवंबर
- दिन- शनिवार :-समाप्त – 02:37 पूर्वाह्न, 16 नवंबर
23. मोक्षदा एकादशी | Mokshada Ekadashi
मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है, जो मोक्ष प्राप्ति का पावन दिन माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का दिव्य ज्ञान प्रदान किया था। इस विशेष दिन पर की गई पूजा-अर्चना और उपवास से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। वर्ष 2025 में, मोक्षदा एकादशी 15 दिसंबर को मनाई जाएगी, जब भक्तजन भगवान की कृपा पाने के लिए व्रत और भक्ति में लीन रहेंगे।
- दिनांक- 15 दिसंबर :-आरंभ – 06:49 अपराह्न, 14 दिसंबर
- दिन- सोमवार :-समाप्त – रात्रि 09:19 बजे, 15 दिसम्बर
24. पौष पुत्रदा एकादशी | Pausha Putrada Ekadashi
पौष पुत्रदा एकादशी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। यह पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन व्रत और पूजा-अर्चना का आयोजन विशेष रूप से संतान की प्राप्ति और उनकी उन्नति के लिए किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को पूर्ण श्रद्धा और भक्ति से रखने पर भगवान विष्णु की कृपा से संतान से जुड़ी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। इसे संतान सुख और उनके कल्याण का प्रतीक माना जाता है। भक्तजन भगवान विष्णु की पूजा कर परिवार की समृद्धि और सुख-शांति की कामना करते हैं। पांच पुत्रदा एकादशी 2025 में 31 दिसंबर को मनाई जाएगी।
- दिनांक- 31 दिसंबर 2025:-प्रारम्भ – प्रातः 07:50 बजे, 30 दिसम्बर
- दिन- बुधवार :-समाप्त – प्रातः 05:00 बजे, 31 दिसम्बर
एकादशी व्रत लिस्ट 2025 पीडीएफ (Ekadashi Vrat list 2025)
इस विशेष लेख के जरिए हम आपको एकादशी व्रत लिस्ट 2025 पीएफ के जरिए सजा कर रहे हैं इस वीडियो को डाउनलोड करने के बाद आप एकादशी व्रत 2025 की पूरी लिस्ट देख सकते हैं।
चार बड़ी एकादशी कौन-कौन सी है | Char Badi Ekadashi Kaun si Hain
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को अत्यधिक पवित्र और फलदायी माना जाता है। इसमें विशेष रूप से चार बड़ी एकादशियां हैं, जो अपनी अनूठी विधियों और धार्मिक महत्व के लिए जानी जाती हैं। इनमें निर्जला एकादशी, मोक्षदा एकादशी, कामिका एकादशी, और देवउठनी एकादशी प्रमुख हैं:
1. निर्जला एकादशी
निर्जला एकादशी को सभी एकादशियों में सबसे कठिन और कठोर व्रत के रूप में जाना जाता है। इस दिन व्रती को जल तक का सेवन नहीं करना होता, इसलिए इसे “निर्जला” नाम दिया गया है। यह एकादशी ग्रीष्म ऋतु में आती है और संयम, धैर्य, तथा आत्मनियंत्रण की पराकाष्ठा का प्रतीक मानी जाती है। मान्यता है कि इस व्रत का पालन करने से व्यक्ति को समस्त एकादशियों के समान पुण्य फल प्राप्त होता है।
2. मोक्षदा एकादशी
मोक्षदा एकादशी का नाम ही इसके महत्व को दर्शाता है। इसे मोक्ष प्राप्ति का साधन माना जाता है। यह एकादशी मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष में आती है और इसे भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त करने का अवसर माना जाता है। पुराणों के अनुसार, इस व्रत को श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से व्यक्ति को जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है।
3. कामिका एकादशी
कामिका एकादशी का महत्व पापों के नाश और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति में निहित है। श्रावण मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली इस एकादशी को व्रती विशेष श्रद्धा और समर्पण के साथ मनाते हैं। यह एकादशी जीवन के दोषों को दूर करने और आत्मशुद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है। इसे व्रत करने वाले व्यक्ति को विष्णु लोक में स्थान प्राप्त होता है, ऐसी मान्यता है।
4. देवउठनी एकादशी
देवउठनी एकादशी, जिसे हरि प्रबोधिनी एकादशी या देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है, कार्तिक शुक्ल पक्ष की महत्वपूर्ण तिथि है। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं। इसी के साथ मांगलिक कार्यों, जैसे विवाह और अन्य शुभ कार्यों का शुभारंभ होता है। यह एकादशी धर्म और अध्यात्म के प्रति समर्पण का प्रतीक मानी जाती है।
यह भी पढ़े:- देवउठनी एकादशी | रमा एकादशी | पापांकुशा एकादशी | एकादशी | कामिका एकादशी | देवशयनी एकादशी | योगिनी एकादशी | निर्जला एकादशी | अपरा एकादशी मोहिनी एकादशी | मोक्षदा एकादशी
यह भी पढ़े हिन्दू कैलेंडर 2025:- हिन्दू कैलेंडर जनवरी 2025 | फरवरी 2025 | मार्च 2025 | अप्रैल 2025 | मई 2025 | जून 2025 | अक्टूबर 2025
Conclusion
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (ग्यारस / एकादशी 2025 लिस्ट) यह लेख आपको पसंद आया होगा। तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s
Q. पुत्रदा एकादशी का हिंदू धर्म में क्या महत्व है?
Ans. पुत्रदा एकादशी व्रत से संतान सुख की प्राप्ति होती है और यह अग्निष्टोम यज्ञ के समान पुण्यफल प्रदान करता है।
Q. 2025 में षटतिला एकादशी कब मनाई जाएगी?
Ans. षटतिला एकादशी 25 जनवरी 2025 को शनिवार के दिन मनाई जाएगी।
Q. जया एकादशी का व्रत रखने से क्या लाभ मिलता है?
Ans. जया एकादशी का व्रत पापों का नाश करता है, मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा दिलाता है और घर में समृद्धि लाता है।
Q. विजया एकादशी किस दिन मनाई जाएगी और इसका महत्व क्या है?
Ans. विजया एकादशी 24 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी। इसे रखने से भक्तों की समस्त इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
Q. आमलकी एकादशी की विशेषता क्या है?
Ans. आमलकी एकादशी पर आंवले के वृक्ष और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, जिससे गंगा स्नान के समान पुण्य प्राप्त होता है।
Q. पापमोचनी एकादशी से जुड़ी मुख्य मान्यता क्या है?
Ans. पापमोचनी एकादशी व्रत सभी पापों से मुक्ति दिलाता है और स्वास्थ्य, समृद्धि एवं आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।