जून कैलेंडर 2025 (June Calendar 2025): जून 2025 में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्यौहार आने वाले हैं, जो हमारे जीवन में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखते हैं। इन त्यौहारों में मिथुन संक्रांति पितृ दिवस, संकष्टी गणेश चतुर्थी, पूर्णिमा, कबीर जयंती, पूर्णिमा, सत्य व्रत, गंगा दशहरा, विश्व पर्यावरण दिवस, और कई अन्य महत्वपूर्ण त्यौहार शामिल हैं। ये त्यौहार न केवल हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं से जोड़ते हैं, बल्कि हमें आध्यात्मिक ज्ञान और शांति की प्राप्ति भी कराते हैं। इन त्यौहारों के महत्व और उनके पीछे की कहानियों को जानने से हमें अपनी जड़ों को समझने और अपनी संस्कृति को समृद्ध बनाने में मदद मिलती है।
यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि ये त्यौहार क्यों मनाए जाते हैं और उनके पीछे की पौराणिक कथाएं क्या हैं। इन त्यौहारों के दौरान, लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं, और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं। इन त्यौहारों का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी है। ये त्यौहार हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं को समझने और समृद्ध बनाने में मदद करते हैं।
इस लेख में, हम आपको जून 2025 में आने वाले विशेष व्रत और त्यौहारों की एक पूरी लिस्ट प्रदान करेंगे, साथ ही हम आपको इन त्यौहारों के महत्व, उनके पीछे की कहानियों, और उनके आयोजन के तरीकों के बारे में भी बताएंगे….
तारीख | दिन | त्यौहार |
01-06-2025 | रविवार | षष्टी |
02-06-2025 | सोमवार | सोमवार व्रत |
03-06-2025 | मंगलवार | दुर्गाष्टमी व्रत , धूमावती जयंती , वृषभ व्रत |
04-06-2025 | बुधवार | महेश नवमी |
05-06-2025 | बृहस्पतिवार | गंगा दशहरा, विश्व पर्यावरण दिवस |
06-06-2025 | शुक्रवार | निर्जला एकादशी |
07-06-2025 | शनिवार | बकरीद |
08-06-2025 | रविवार | प्रदोष व्रत |
10-06-2025 | मंगलवार | पूर्णिमा व्रत |
11-06-2025 | बुधवार | कबीर जयंती |
14-06-2025 | शनिवार | संकष्टी गणेश चतुर्थी |
15-06-2025 | सोमवार | मिथुन संक्रांति, पितृ दिवस |
18-06-2025 | बुधवार | बुधाष्टमी व्रत , कालाष्टमी |
21-06-2025 | शनिवार | योगिनी एकादशी |
22-06-2025 | रविवार | वैष्णव योगिनी एकादशी |
23-06-2025 | सोमवार | सोम प्रदोष व्रत |
24-06-2025 | मंगलवार | रोहिणी व्रत |
25-06-2025 | बुधवार | अमावस्या |
26-06-2025 | बृहस्पतिवार | गुप्त नवरात्र, प्रारंभ चंद्र दर्शन |
27-06-2025 | शुक्रवार | पूरी जगन्नाथ रथ यात्रा |
28-06-2025 | शनिवार | वरद चतुर्थी |
30-06-2025 | रविवार | कौमार षष्ठी , सोमवार व्रत |
हिन्दू कैलेंडर जून, 2025 | June 2025 Hindu Calendar
ऊपर हम आपको जून महीने के सभी त्योहारों की लिस्ट इमेज के माध्यम से प्राप्त करा रहे हैं जिसमें आप देख सकते हैं कि कौनसा त्यौहार किस तारीख को है और उसका शुभ मुहूर्त क्या है। आप इस इमेज को डाउनलोड कर सकते है और अपन मित्रो को शेयर कर सकते हैं।
1. षष्ठी । Shashthi
षष्ठी (Shashthi) का अर्थ है किसी पक्ष का छठा दिन, और हिंदू धर्म में इन्हें महादेवी का स्थान प्राप्त है। भगवती के रूप में पूजित षष्ठी देवी को बच्चों की रक्षक और कल्याणकारी शक्ति माना जाता है। उनकी आराधना हर शुक्रवार को की जाती है, लेकिन विशेष रूप से छठ पर्व के दौरान इनकी पूजा का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। षष्ठी देवी को वनस्पति और प्रजनन की देवी के रूप में भी जाना जाता है। उन्हें माता षष्ठी और मातृ देवी के नाम से संबोधित किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, वे ब्रह्मा की मानस पुत्री मानी जाती हैं। प्रतीकात्मक रूप से षष्ठी देवी को कई रूपों में दर्शाया गया है, जैसे मिट्टी का घड़ा, बरगद के वृक्ष या उसकी शाखा, या फिर ऐसे वृक्ष के नीचे रखे गए लाल पत्थर के रूप में। उनकी यह विविधता प्रकृति और जीवन की गहराइयों से उनके गहरे संबंध को दर्शाती है। जून 2025 में यह पाव 1 जून को मनाया जाएगा।
- दिनांक- 1 जून 2025
- दिन- रविवार
2. धूमावती जयंती । Dhumavati Jayanti
मां धूमावती को हिंदू परंपरा में विधवा, वृद्ध और कुरूप महिला के रूप में दर्शाया गया है, जो अपने विशिष्ट स्वरूप के लिए जानी जाती हैं। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को, हिंदू कैलेंडर के अनुसार, धूमावती जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस दिन को मां धूमावती की उत्पत्ति का शुभ अवसर माना जाता है। दस महाविद्याओं में स्थान पाने वाली मां धूमावती सातवीं देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं। वर्ष 2025 में, यह जयंती (Dhumavati Jayanti) 3 जून, मंगलवार को मनाई जाएगी, जो भक्तों के लिए विशेष आध्यात्मिक महत्व रखती है।
- दिनांक- 3 जून 2025
- दिन- मंगलवार
3. महेश नवमी । Mahesh Navami
महेश नवमी (Mahesh Navami) भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित एक पावन पर्व है, जिसे हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया जाता है। हर वर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मनाया जाने वाला यह उत्सव भक्तों के लिए आनंद और श्रद्धा का अवसर लेकर आता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है, जिससे जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वर्ष 2025 में, महेश नवमी का यह शुभ अवसर 4 जून को मनाया जाएगा।
- दिनांक- 4 जून 2025
- दिन- बुधवार
4. गंगा दशहरा । Ganga Dussehra
गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) का पर्व भारत की पवित्र नदी गंगा को देवी के रूप में पूजने का विशेष अवसर है। हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर मनाया जाने वाला यह उत्सव भक्ति और श्रद्धा से परिपूर्ण होता है। इस दिन भक्त ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान करके मां गंगा की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं, जिससे पापों का नाश और जीवन में शुद्धता का अनुभव होता है। वर्ष 2025 में गंगा दशहरा का यह पावन पर्व 5 जून को उत्साहपूर्वक मनाया जाएगा।
- दिनांक- 5 जून 2025
- दिन- गुरुवार
5. निर्जला एकादशी । Nirjala Ekadashi
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है, जिसे साल भर में चौबीस बार मनाया जाता है। यदि अधिकमास या मलमास हो तो यह संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को “निर्जला एकादशी” (Nirjala Ekadashi) के रूप में जाना जाता है। इस व्रत का नाम ही इसकी विशेषता दर्शाता है—इस दिन जल का सेवन पूरी तरह वर्जित होता है। यही कारण है कि इसे निर्जला एकादशी कहा जाता है। वर्ष 2025 में यह पावन एकादशी 6 जून को श्रद्धापूर्वक मनाई जाएगी।
- दिनांक- 6 जून 2025
- दिन- शुक्रवार
- प्रारंभ तिथि – 06 जून 2:16 पूर्वाह्न से
- समापन तिथि – जून 07 4:48 पूर्वाह्न तक
6. बकरीद पर्व । Bakrid Festival
बकरीद (Bakrid), जिसे ईद-उल-अजहा भी कहा जाता है, इस्लाम धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्याग और समर्पण का प्रतीक है और हजरत इब्राहिम की अल्लाह के प्रति अटूट आस्था की याद में मनाया जाता है। इस दिन मुसलमान अल्लाह की खुशी के लिए जानवरों, जैसे बकरा, ऊंट या भेड़ की कुर्बानी देते हैं। कुर्बानी का मांस तीन हिस्सों में बांटा जाता है – एक हिस्सा परिवार के लिए, दूसरा रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए, और तीसरा जरूरतमंदों के लिए। यह पर्व इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार ज़िल-हिज्जा महीने की 10वीं तारीख को मनाया जाता है। बकरीद पर सुबह विशेष नमाज अदा की जाती है और सभी लोग आपसी प्रेम, एकता और भाईचारे का संदेश फैलाते हैं। यह त्योहार न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि समाज में समानता और दान के महत्व को भी उजागर करता है। इस अवसर पर लोग नए कपड़े पहनते हैं और एक-दूसरे को मुबारकबाद देते हैं। इस वर्ष बकरीद 2025 में 7 जून को मनाई जाएगी
- दिनांक- 7 जून 2025
- दिन- शनिवार
7. प्रदोष व्रत । Pradosh Vrat
प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखने वाला व्रत है, जिसे हर महीने दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है। इस पवित्र दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है, और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए प्रदोष काल को पूजा-अर्चना का सर्वश्रेष्ठ समय माना गया है। इसे त्रयोदशी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत से व्यक्ति के कष्टों का निवारण होता है और जीवन में सुख-शांति का आगमन होता है। प्रदोष व्रत जून 2025 में यह पवित्र पर्व 8 जून को मनाया जाएगा। इस दिन भक्तजन भगवान शिव को बेलपत्र, गंगाजल, और भस्म अर्पित कर उनकी कृपा की कामना करते हैं। प्रदोष व्रत केवल धार्मिक आस्था ही नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक भी है, जो श्रद्धालुओं के जीवन में नई ऊर्जा का संचार करता है।
- दिनांक- 8 जून 2025
- दिन- रविवार
8. कबीर जयंती । Kabir jayanti
कबीर जयंती (Kabir jayanti) हर साल हिंदी पंचांग के ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है, जो आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर के मई या जून महीने में पड़ती है। मान्यता है कि 1398 ई. में इसी पवित्र दिन पर संत कबीर साहेब काशी के लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर शिशु रूप में प्रकट हुए थे। नीरू-नीमा नामक जुलाहा दंपति ने उन्हें अपना लिया और अपने घर पर उनकी परवरिश की। कबीर साहेब के विचार और रचनाएं आज भी मानवता को प्रेरित करती हैं। उनके दोहे, जैसे “चलती चक्की देख के दिया कबीरा रोय” और “मोको कहां ढूंढे रे बंदे, मैं तो तेरे पास में,” अमर हैं। वर्ष 2025 में यह पवित्र जयंती 11 जून को मनाई जाएगी। यह दिन न केवल संत कबीर की आध्यात्मिक शिक्षाओं को याद करने का अवसर है, बल्कि उनके जीवन के संदेशों से प्रेरणा लेने का भी समय है।
- दिनांक- 11 जून 2025
- दिन- बुधवार
9. संकष्टी चतुर्थी । Sankashti Chaturthi
संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश की आराधना के लिए रखा जाता है, जिससे जीवन के सभी कष्ट और संकट दूर हो जाते हैं। ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को ‘एकदंत संकष्टी चतुर्थी’ के रूप में जाना जाता है। इस वर्ष मई माह की यह अंतिम चतुर्थी है, जिसमें श्रद्धालु विघ्नहर्ता गणपति की पूजा कर चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करते हैं। वहीं, जून 2025 में संकष्टी गणेश चतुर्थी का शुभ पर्व 14 जून को मनाया जाएगा।
- दिनांक- 14 जून 2025
- दिन- शनिवार
10. मिथुन संक्रांति । Mithun Sankranti
मिथुन संक्रांति (Mithun Sankranti) के पावन दिन भगवान सूर्य की विशेष पूजा की जाती है। इस वर्ष यह शुभ अवसर ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि, अर्थात 15 जून 2025 को मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान सूर्य को विधिपूर्वक अर्घ्य अर्पित करने और पूजा-अर्चना करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं। साथ ही, करियर में सफलता के द्वार खुलते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह दिन भक्तों के लिए सकारात्मक ऊर्जा और उन्नति का प्रतीक है।
- दिनांक- 15 जून 2025
- दिन- रविवार
11. बुधाष्टमी । Buddha Ashtami
बुधाष्टमी व्रत (Buddha Ashtami) का अत्यधिक महत्व मां दुर्गा और भगवान शिव की शक्ति से जुड़ा हुआ है, जो इसे खास बनाता है। इस दिन की ऊर्जा जीवन में शक्ति का संचार करती है और व्यक्ति को विपत्तियों से पार पाने की क्षमता प्रदान करती है। जब बुधाष्टमी का अवसर आता है, तो यह सिद्धि के योग की स्थिति उत्पन्न करता है, जो किसी भी कार्य में सफलता की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। इस तिथि में विजय प्राप्ति का अवसर सर्वोत्तम माना जाता है। बुधाष्टमी 18 जून 2025 को मनाई जाएगी, जो विशेष रूप से सफलता और समृद्धि की ओर बढ़ने का दिन है।
- दिनांक- 18 जून 2025
- दिन- बुधवार
12. योगिनी एकादशी । Yogini Ekadashi
आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) के नाम से जाना जाता है, जो विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा और आराधना के लिए समर्पित है। यह दिन विशेष रूप से आशीर्वाद और पुण्य का प्रतीक माना जाता है, क्योंकि इस व्रत को करने से सभी पापों का नाश होता है। इसके साथ ही यह व्रत किसी व्यक्ति द्वारा दिए गए श्राप के निवारण का भी मार्ग खोलता है। 2025 में योगिनी एकादशी 21 जून को मनाई जाएगी, और यह दिन विशेष रूप से शांति, सद्गति और दिव्य कृपा का प्रतीक बनता है।
- दिनांक- 21 जून 2025
- दिन- शनिवार
- प्रारंभ तिथि – 21 जून सुबह 7:19 से
- समापन तिथि – 22 जून सुबह 4:28 तक।
13. सोम प्रदोष व्रत । Som Pradosh Vrat
सोम प्रदोष व्रत (Yogini Ekadashi) भगवान शिव की आराधना के लिए एक विशेष दिन है, जो शिव भक्तों द्वारा श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाता है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और कई भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव मंदिरों में जाकर रुद्राभिषेक करते हैं। यह माना जाता है कि जो लोग इस कठिन व्रत को पूरी निष्ठा से करते हैं, उन्हें अपने सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। 2025 में सोम प्रदोष व्रत 23 जून, सोमवार को मनाया जाएगा, जो विशेष रूप से शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक उत्तम अवसर है।
- दिनांक- 23 जून 2025
- दिन- मंगलवार
14. रोहिणी व्रत । Rohini Vrat
जैन धर्म की परंपरा में रोहिणी व्रत (Rohini Vrat) का विशेष महत्व है, जिसे सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की सुख-शांति के लिए करती हैं। इस व्रत को पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से करने से महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति करती हैं। साथ ही, यह व्रत व्यक्ति की आर्थिक स्थिति को भी सुधारता है, क्योंकि इससे धन की कमी नहीं होती। साल 2025 में यह पवित्र व्रत 24 जून, मंगलवार को मनाया जाएगा, जो एक अत्यंत शुभ अवसर होगा।
- दिनांक- 24 जून 2025
- दिन- बुधवार
15. अमावस्या । Amavasya
अमावस्या, हिंदू चंद्र कैलेंडर का एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है, जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य की स्थिति ऐसी होती है कि चंद्रमा पूरी तरह से अदृश्य हो जाता है। यह दिन पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए समर्पित होता है। विशेष रूप से पितृ तर्पण और अन्य धार्मिक विधियों का आयोजन इस दिन किया जाता है। वर्ष 2025 में अमावस्या 25 जून को पड़ेगी, जो श्रद्धा, आस्था और पूर्वजों के प्रति सम्मान व्यक्त करने का विशेष अवसर होगी।
- दिनांक- 25 जून 2025
- दिन- गुरुवार
16. गुप्त नवरात्रि । Gupt Navratri
गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र पर्व है, जो नौ दिनों तक चलता है और इस दौरान विशेष रूप से मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की गुप्त पूजा की जाती है। यह व्रत श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक होता है, जिसमें मां दुर्गा की आराधना से सभी दुखों का निवारण होता है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। गुप्त नवरात्रि में विशेष तंत्र साधनाएं, हवन, तांत्रिक मंत्रों का जाप, शाबर मंत्रों का उच्चारण, ध्यान, और हठ योग जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं। इस दौरान अघोरी तांत्रिक भी गुप्त महाविद्याओं को सिद्ध करने के लिए विशेष पूजा करते हैं। साल 2025 में गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ 26 जून से होगा, जो एक अद्वितीय और दिव्य अवसर होगा।
- दिनांक- 26 जून 2025
- दिन- शुक्रवार
17. पूरी जगन्नाथ रथ यात्रा । Puri Jagannath Rath Yatra
हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है, जो एक अद्भुत धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव होता है। इस महापर्व में लाखों श्रद्धालु भगवान की रथ यात्रा में सम्मिलित होते हैं, जो श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक बनती है। भगवान जगन्नाथ के रथ के साथ इस यात्रा में उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्राजी के रथ भी होते हैं, जो इस यात्रा को और भी खास बना देते हैं। साल 2025 में पुरी की रथ यात्रा 27 जून से शुरू होगी, जो भक्तों के लिए आस्था और दिव्यता का अद्वितीय अवसर होगा।
- दिनांक- 27 जून 2025
- दिन- शनिवार
18. कुमार षष्ठी । Kumar Shashthi
कुमार षष्ठी (Kumar Shashthi), जिसे ‘स्कंद षष्ठी’ के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो भगवान कार्तिकेय को समर्पित है, जो भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र हैं। भगवान कार्तिकेय को विभिन्न नामों से पूजा जाता है, जैसे ‘कुमार’, ‘मुरुगा’, और ‘सुब्रमण्य’, और इन नामों के कारण ही इस दिन को ‘कुमार षष्ठी’ के नाम से मनाया जाता है। यह विशेष दिन भगवान कार्तिकेय की आराधना के माध्यम से भक्तों को आशीर्वाद और सिद्धि प्राप्त होती है। जून 2025 में यह पवित्र पर्व 30 जून को मनाया जाएगा, जो भक्तों के लिए एक आस्था और श्रद्धा का महापर्व होगा।
- दिनांक- 30 जून 2025
- दिन- मंगलवार
Conclusion:-June Festival list 2025
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (जून 2025 के व्रत एवं त्यौहार) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s:-June Festival list 2025
Q. षष्ठी देवी किसके रूप में पूजित होती हैं?
Ans. षष्ठी देवी को बच्चों की रक्षक और कल्याणकारी शक्ति के रूप में पूजा जाता है। वे वनस्पति और प्रजनन की देवी भी मानी जाती हैं।
Q. धूमावती जयंती कब मनाई जाती है?
Ans. धूमावती जयंती ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है, और 2025 में यह 3 जून को होगी।
Q. महेश नवमी किस देवी-देवता को समर्पित होती है?
Ans. महेश नवमी भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित एक विशेष पर्व है, जो 4 जून 2025 को मनाया जाएगा।
Q. गंगा दशहरा का महत्व क्या है?
Ans. गंगा दशहरा पर गंगा नदी की पूजा की जाती है, जो पापों का नाश करती है और जीवन में शुद्धता का अनुभव कराती है। यह 5 जून 2025 को मनाया जाएगा।
Q. निर्जला एकादशी का व्रत कब होता है?
Ans. निर्जला एकादशी ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को होती है, इस दिन जल का सेवन वर्जित होता है। यह 6 जून 2025 को मनाई जाएगी।
Q. बकरीद का पर्व किसे समर्पित होता है?
Ans. बकरीद हजरत इब्राहिम की अल्लाह के प्रति आस्था की याद में मनाया जाता है। यह 7 जून 2025 को मनाई जाएगी।