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7 Famous Temples Of Ajmer: राजस्थान के हृदय में बसे हैं ये 7 प्रसिद्ध हिंदू मंदिर, जानिए अजमेर के इन मंदिरों के बारे में 

7 Famous Temples Of Ajmer
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7 Famous Temples Of Ajmer: अजमेर- राजस्थान (Rajasthan) का हृदय, जो न केवल अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक विरासत के लिए जाना जाता है, बल्कि अपने प्राचीन और प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों के लिए भी। यह नगर सदियों से श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता रहा है, जो यहाँ की आध्यात्मिक ऊर्जा और दिव्यता का अनुभव करने आते हैं। 

अजमेर के पास स्थित पुष्कर (Pushkar), हिंदू धर्म (Hindu religion) के सबसे पवित्र तीर्थों में से एक है। यहाँ स्थित ब्रह्मा मंदिर, भगवान ब्रह्मा को समर्पित दुनिया का एकमात्र मंदिर है, जहाँ पवित्र सरोवर में स्नान करना और ब्रह्मा मंदिर में पूजा-अर्चना करना अनिवार्य माना जाता है। अजमेर शहर में स्थित नारेली जैन मंदिर, दिगंबर जैनों का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यह मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला और कलाकृतियों के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा, सोनी जी की नसियां भी जैन धर्म के पहले तीर्थंकर ऋषभदेव को समर्पित एक महत्वपूर्ण चैत्यालय है। अजमेर के आसपास के क्षेत्र में कई प्राचीन और ऐतिहासिक हिंदू मंदिर हैं, जो अपनी अद्वितीय कलाकृतियों और वास्तुकला के लिए जाने जाते हैं। इनमें से कुछ मंदिर सदियों पुराने हैं और उनसे जुड़ी कई रोचक पौराणिक कथाएं और किंवदंतियां हैं। इन मंदिरों की यात्रा करना न केवल आध्यात्मिक रूप से संतोषजनक है, बल्कि इतिहास और संस्कृति के प्रति हमारी समझ को भी समृद्ध करता है। 

तो आइए, हम अजमेर (Ajmer) की इस अद्भुत यात्रा पर निकलते हैं और इस नगर के प्रसिद्ध और ऐतिहासिक हिंदू मंदिरों की खोज करते हैं। इस लेख में हम कुछ ऐसे 7 Famous Temples Of Ajmer के बारे में जानेंगे, जो अपनी दिव्यता, कला और वास्तुकला के लिए जाने जाते हैं। तो तैयार हो जाइए एक रोमांचक और ज्ञानवर्धक सफर के लिए!

अजमेर के प्रसिद्ध मंदिर की सूची (List Of Famous Temples Of Ajmer)

S.NOमंदिरों के नामस्थान (अजमेर)
1.अजमेर जैन मंदिरपृथ्वी राज मार्ग, डुमाडा, दरगाह बाजार, अजमेर, राजस्थान 305001
2.नारेली जैन मंदिर अजमेरश्री ज्ञानोदय तीर्थ क्षेत्र, ज्ञानोदय नगर, नारेली, राजस्थान 305024
3.श्री रंगनाथ मंदिरपुष्कर, राजस्थान 305022
4.सावित्री मंदिरखरेखरी रोड, गनाहेड़ा, पुष्कर, राजस्थान 305022
5.श्री गायत्री शक्तिपीठ चामुंडा माता मंदिरमेहरों को बास, गुलाब सागर, जोधपुर, राजस्थान 342001
6.सरस्वती मंदिर सावित्री मंदिर ट्रेल, पुष्कर 305022
7.ब्रह्मा मंदिर पुष्करब्रह्मा मंदिर रोड, पुष्कर, राजस्थान 305022

1. अजमेर जैन मंदिर (Ajmer Jain Temple)

अजमेर (Ajmer) का सोनी जी की नसियां ​​जैन मंदिर (Nasiyan Jain Temple) अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर 19वीं शताब्दी के अंत में बनाया गया था। 

मंदिर का मुख्य कक्ष, जिसे “स्वर्ण नगरी” के नाम से जाना जाता है, में जैन (Jain) धर्म के कई पात्रों को दर्शाते हुए सोने से मढ़ी लकड़ी की कई आकृतियाँ हैं। मंदिर के इस स्वर्णिम कक्ष में अयोध्या (Ayodhya) का चित्रण करने के लिए 1,000 किलोग्राम सोने का उपयोग किया गया है। 

साढ़े पांच सौ एकड़ के परिसर में जैन (Jain) धर्म से जुड़े कई मंदिर और मूर्तियाँ हैं। मंदिर के अंदर भगवान महावीर (Lord Mahavir) की वर्तमान, भूत और भविष्य की तीन मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं। अजमेर (Ajmer) में कई जैन (Jain) धर्मशालाएं भी मौजूद हैं जो श्रद्धालुओं के ठहरने की सुविधा प्रदान करती हैं। यह मंदिर जैन (Jain) धर्म के इतिहास और कला का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है और अजमेर की सांस्कृतिक विरासत का एक अभिन्न अंग है।

अजमेर जैन मंदिर के बारे में (About Ajmer Jain Temple)

मंदिर का फोन नंबर09999822493
मंदिर का पतापृथ्वी राज मार्ग, डुमाडा, दरगाह बाजार, अजमेर, राजस्थान 305001
मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट https://www.sonijaintemple.org/ 
जयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी140 किलोमीटर 
जयपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी130 किलोमीटर 
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी132 किलोमीटर 
Google Map 

2. नारेली जैन मंदिर अजमेर (Nareli Jain Temple Ajmer)

नरेली जैन मंदिर (Nareli Jain Temple Ajmer) अजमेर (Ajmer) से लगभग 7 किलोमीटर दूर स्थित एक नया जैन मंदिर है। यह दिगंबर जैनों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। मंदिर परिसर में 24 छोटे जिनालय हैं जो 24 तीर्थंकरों को समर्पित हैं। 

इस मंदिर का निर्माण आरके मार्बल्स के अशोक पटनी ने किया था। मंदिर अरावली (Aravalli) पर्वत श्रेणी पर स्थित है। मंदिर का निर्माण लगभग 50 करोड़ रुपये की लागत से होने का अनुमान था, लेकिन अंततः लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत आई। मुख्य मंदिर का निर्माण दिन्नाथ जी जैन ने किया था, उनके बाद दीपक जैन और उनके परिवार ने निर्माण पूरा किया। मंदिर पूरी तरह से संगमरमर (marble) से बना है और इसकी खूबसूरत वास्तुकला और जटिल पत्थर की नक्काशी के लिए जाना जाता है, जो पारंपरिक और समकालीन शैलियों को दर्शाता है। मंदिर परिसर 21 एकड़ भूमि में फैला हुआ है और इसके चारों ओर चार सुंदर बगीचे हैं, जिससे यह एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल बन गया है।

मुख्य मंदिर की पहली मंजिल पर गुरु आदिनाथ (Guru Adinath), पहले जैन (Jain) तीर्थंकर की 22 फीट ऊंची प्रतिमा है, और ऊपर की पहाड़ियों पर अन्य तीर्थंकरों को समर्पित 24 छोटे मंदिर हैं। 

नारेली जैन मंदिर अजमेर के बारे में (About Nareli Jain Temple Ajmer)

मंदिर का फोन नंबर09784206110 
मंदिर का पताश्री ज्ञानोदय तीर्थ क्षेत्र, ज्ञानोदय नगर, नारेली, राजस्थान 305024
मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट https://www.jainmandir.org/
जयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी135 किलोमीटर 
जयपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी130.4 किलोमीटर 
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी133 किलोमीटर
Google Map https://maps.app.goo.gl/s6HM7TihYVmmZTEm7

3. श्री रंगनाथ मंदिर (Shri Rangnath Swami Temple)

श्री रंगनाथ मंदिर (Shri Rangnath Swami Temple) अजमेर (Ajmer), राजस्थान (Rajasthan) में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के अवतार श्री रंगनाथ स्वामी (Shri Rangnath Swami) को समर्पित है। इस मंदिर की वास्तुकला उत्तर और दक्षिण भारतीय मंदिर वास्तुकला का एक अद्वितीय मिश्रण है, जो पारंपरिक दक्षिण भारतीय शैली में बनाया गया है।

मुख्य मंदिर पाँच समकेंद्रीय आयताकार (Concentric Rectangle) परिसरों से घिरा हुआ है, जिसमें पूर्व और पश्चिम में दो सुशोभित पत्थर के प्रवेश द्वार हैं। मंदिर के पश्चिमी भाग के बाहर 50 फीट ऊँचा एक लकड़ी का रथ है जिसे साल में केवल एक बार ब्रह्मोत्सव के दौरान निकाला जाता है।

मंदिर का इतिहास 18वीं शताब्दी तक जाता है जब दक्षिण भारत के प्रमुख संत श्री जगन्नाथ दास (Shri Jagannath Das) बाबाजी महाराज द्वारा मूर्ति की स्थापना की गई थी। बाद में श्री गोविंद रंगाचार्य महाराज (Shri Govind Rangacharya Maharaj) ने मूर्ति की पूजा की, जो श्री जगन्नाथ दास बाबाजी महाराज के उत्तराधिकारी थे। वर्तमान में मंदिर का प्रबंधन श्री रंगजी मंदिर ट्रस्ट बोर्ड और गोवर्धन पीठ द्वारा किया जाता है, जो मंदिर के संस्थापकों की विरासत को जारी रखता है। श्री रंगनाथ मंदिर (Shri Rangnath Temple) अजमेर (Ajmer) भारत के सबसे बड़े और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला और समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है। इसकी स्थापना से लेकर आज तक, यह भक्तों के लिए आस्था और भक्ति का केंद्र रहा है।

श्री रंगनाथ मंदिर के बारे में (About Shri Rangnath Swami Temple)

मंदिर का फोन नंबरमंदिर का कोई आधिकारिक फोन नंबर नहीं है
मंदिर का पतापुष्कर, राजस्थान 305022
मंदिर में प्रवेश शुल्कमंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है
जयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी144.5 किलोमीटर 
जयपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी140.9 किलोमीटर 
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी143.9 किलोमीटर
Google Map

4. सावित्री मंदिर (Savitri Temple)

Savitri Temple, Pushkar

सावित्री मंदिर (Savitri Temple) राजस्थान (Rajasthan) के पवित्र तीर्थस्थल पुष्कर (Pushkar) में स्थित है। यह मंदिर भगवान ब्रह्मा (Lord Brahma) की पत्नी सावित्री देवी को समर्पित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सृष्टि के आरंभ में ब्रह्मा जी ने पुष्कर (Pushkar) में एक यज्ञ का आयोजन किया था। यज्ञ के समय उनकी पत्नी सावित्री वहां उपस्थित नहीं थीं। शुभ मुहूर्त बीतने के डर से ब्रह्मा जी ने एक गाय के मुख से गायत्री को प्रकट कर उन्हें सावित्री की जगह बिठा दिया। जब सावित्री को इस बात का पता चला तो वह नाराज हो गईं और पुष्कर की एक पहाड़ी पर जाकर तपस्या करने लगीं। 

इसी स्थान पर 1687 ईस्वी में सावित्री मंदिर (Savitri Temple) का निर्माण किया गया था। यह मंदिर रत्नागिरी पहाड़ी के शिखर पर करीब 650 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए पहाड़ी पर बनी सैकड़ों सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, जिसमें लगभग एक घंटे का समय लगता है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रोपवे की भी व्यवस्था की गई है। मंदिर के गर्भगृह में सावित्री माता (Savitri Mata) की मूर्ति के साथ उनकी बाईं ओर सरस्वती माता की प्रतिमा भी विराजमान है। भक्त माता को रोली, मोली, सुहाग की सामग्री और चुनरी आदि अर्पित करते हैं तथा सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करते हैं। मंदिर का शिखर केसरिया रंग में रंगा हुआ है। 

प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) पर यहां पुष्कर (Pushkar) मेला भारी उत्साह के साथ आयोजित होता है, जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। सावित्री मंदिर से पुष्कर (Pushkar) का सुंदर नजारा दिखाई देता है।

सावित्री मंदिर के बारे में (About Savitri Temple)

मंदिर का फोन नंबर8179943842 
मंदिर का पताखरेखरी रोड, गनाहेड़ा, पुष्कर, राजस्थान 305022
मंदिर में प्रवेश शुल्कमंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है
जयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी147.8 किलोमीटर 
जयपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी144.2 किलोमीटर 
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी147 किलोमीटर 
Google Maphttps://maps.app.goo.gl/HpRvZepaW4i4bi7W8

5. श्री गायत्री शक्तिपीठ चामुंडा माता मंदिर (Gayatri Shaktipeeth Shri Chamunda Mata Temple)

Gayatri Shaktipeeth

श्री गायत्री शक्तिपीठ चामुंडा माता मंदिर (Gayatri Shaktipeeth Shri Chamunda Mata Temple) अजमेर (Ajmer), राजस्थान (Rajasthan) में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर अरावली पर्वत श्रृंखला की पहाड़ियों पर बना हुआ है और माता चामुंडा देवी को समर्पित है। 

इस मंदिर का निर्माण लगभग 1200 वर्ष पूर्व चौहान वंश के शासक सम्राट पृथ्वीराज चौहान (Emperor Prithviraj Chauhan)  द्वारा करवाया गया था। पृथ्वीराज चौहान माता चामुंडा (Mata Chamunda) के परम भक्त थे और युद्ध पर जाने से पहले हमेशा इस मंदिर में माता के दर्शन करते थे। कहा जाता है कि एक बार माता ने प्रसन्न होकर पृथ्वीराज को अपनी खड्ग (तलवार) भेंट में दी थी। मंदिर परिसर में मुख्य चामुंडा माता मंदिर (Chamunda Mata Temple) के अलावा भगवान शिव, हनुमान जी और भैरव बाबा के मंदिर भी हैं। यहाँ एक छोटा सा कुंड भी है जिसका पानी कभी खत्म नहीं होता। इसकी वजह आज तक किसी को पता नहीं है। साल भर श्रद्धालु यहाँ माता के दर्शन के लिए आते हैं, परंतु नवरात्रि के दौरान यहाँ भक्तों की विशेष भीड़ उमड़ती है। मान्यता है कि माता चामुंडा (Mata Chamunda) अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं। 

यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि अपने स्थापत्य सौंदर्य और प्राकृतिक नजारों के लिए भी जाना जाता है। मंदिर से अजमेर (Ajmer) शहर और आसपास की झीलों का खूबसूरत दृश्य दिखता है।

श्री गायत्री शक्तिपीठ चामुंडा माता मंदिर के बारे में (About Gayatri Shakti Peeth Shri Chamunda Mata Temple)

मंदिर का फोन नंबर
मंदिर का पताChamunda Mata Mandir, Boraj Kazipura, Ajmer, Rajasthan 305003
मंदिर में प्रवेश शुल्कमंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है
जयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी140.4 किलोमीटर 
जयपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी136.8 किलोमीटर 
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी139.8 किलोमीटर 
Google Maphttps://maps.app.goo.gl/7s4uYghHj4wDPQm19

6. सरस्वती मंदिर (Saraswati Temple, Ajmer)

Saraswati Temple Puskar

सरस्वती मंदिर (Saraswati Temple), अजमेर (Ajmer) की धरती पर ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती (Maa Saraswati) का एक प्राचीन और पवित्र स्थल है। यह मंदिर अजमेर शहर से कुछ ही दूरी पर पुष्कर में स्थित है, जो अपने प्रसिद्ध ब्रह्मा मंदिर (Brahma Temple) के लिए जाना जाता है। 

स्थानीय मान्यता के अनुसार, यह वह स्थान है जहां से गुप्त सरस्वती (Saraswati) नदी बहती है। मंदिर परिसर में एक शिवलिंग भी है, जिसे स्वयंभू माना जाता है। श्रद्धालु इस शिवलिंग के दर्शन के लिए एक गुफा में जाते हैं। कहा जाता है कि पहाड़ों से होकर आने वाला पानी यहां पहुंचता है और इसी पानी को गुप्त सरस्वती (Saraswati) नदी का जल माना जाता है। सरस्वती मंदिर (Saraswati Temple) में मां सरस्वती (Saraswati) की मूर्ति विराजमान है। उनके भक्त यहां आकर अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की प्रार्थना करते हैं। विशेष रूप से छात्र और शिक्षा व कला क्षेत्र से जुड़े लोग इस मंदिर में विशेष आस्था रखते हैं। वसंत पंचमी के दिन यहां विशेष पूजा होती है और भक्त बड़ी संख्या में उमड़ते हैं। 

इस मंदिर का इतिहास काफी प्राचीन माना जाता है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि यह मंदिर लगभग 1000 वर्ष पुराना हो सकता है। समय के साथ इसका जीर्णोद्धार भी होता रहा है। आसपास के सुंदर पहाड़ और प्राकृतिक वातावरण इस मंदिर की शोभा को और बढ़ा देते हैं। मंदिर परिसर में रेत के टीले भी हैं, जहां आगंतुक ट्रेकिंग का आनंद ले सकते हैं।

सरस्वती मंदिर के बारे में (About Saraswati Mandir)

मंदिर का फोन नंबरमंदिर का कोई आधिकारिक फोन नंबर नहीं है
मंदिर का पतासावित्री मंदिर ट्रेल, पुष्कर 305022
मंदिर में प्रवेश शुल्कमंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है
जयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी131.8 किलोमीटर
जयपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी128.2 किलोमीटर
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी131.2 किलोमीटर
Google Maphttps://maps.app.goo.gl/JmUTspKreGxMyvFj9

7. ब्रह्मा मंदिर पुष्कर (Brahma Temple, Puskar)

राजस्थान (Rajasthan) के अजमेर (Ajmer) जिले में स्थित पुष्कर (Pushkar) का ब्रह्मा मंदिर (Brahma Temple) हिंदू धर्म के सृष्टिकर्ता भगवान ब्रह्मा (Lord Brahma) को समर्पित भारत का एकमात्र मंदिर है। 

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने यहाँ यज्ञ किया था और इसी कारण इस स्थान को पवित्र माना जाता है। मंदिर की स्थापना 14वीं शताब्दी में हुई थी। मंदिर में भगवान ब्रह्मा (Lord Brahma) की चतुर्मुखी प्रतिमा है जो उनकी सर्वव्यापकता का प्रतीक है। उनके चार हाथों में वेद हैं जो मानव जाति को ज्ञान प्रदान करने की भूमिका दर्शाते हैं। 

मंदिर के निर्माण की कहानी भगवान ब्रह्मा (Lord Brahma) की एक राक्षस वज्रनाश से लड़ाई से जुड़ी है। राक्षस को मारने के बाद भगवान ब्रह्मा (Lord Brahma)  ने शांति और समृद्धि बहाल करने के लिए यज्ञ किया। परंतु उनकी पत्नी सावित्री समय पर यज्ञ में शामिल नहीं हो पाईं और भगवान ब्रह्मा (Lord Brahma)  को यज्ञ पूरा करने के लिए गायत्री से विवाह करना पड़ा। इससे क्रोधित सावित्री ने श्राप दिया कि पुष्कर (Pushkar) के अलावा भारत में कहीं भी भगवान ब्रह्मा (Lord Brahma) की पूजा नहीं होगी।  मंदिर का निर्माण अरावना वंश के एक राजा द्वारा शुरू किया गया था जिन्हें स्वप्न में मंदिर के महत्व का संकेत मिला था। आज यह मंदिर “जगत पिता ब्रह्मा” मंदिर के नाम से जाना जाता है और श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है। 

हालांकि सावित्री के श्राप के कारण भगवान ब्रह्मा (Lord Brahma) को अन्यत्र पूजा नहीं मिलती, परंतु यह मंदिर हिंदू संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) पर यहाँ एक विशाल मेला लगता है जो हजारों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है।

ब्रह्मा मंदिर के बारे में  (About Brahma Temple)

मंदिर का फोन नंबरकोई आधिकारिक फोन नंबर नहीं है 
मंदिर का पताब्रह्मा मंदिर रोड, पुष्कर, राजस्थान 305022
मंदिर में प्रवेश शुल्कमंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है
जयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी145.9 किलोमीटर
जयपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी131 किलोमीटर
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी134.4 किलोमीटर 
Google Map https://maps.app.goo.gl/NkhKiCXrcMDVu3ux8

Conclusion:

अजमेर के हिंदू मंदिर, धार्मिक श्रद्धा और सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत संगम हैं। ये मंदिर न केवल भक्तों को आकर्षित करते हैं, बल्कि पर्यटकों को भी अपनी ओर खींचते हैं। अजमेर के प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे अन्य सभी आर्टिकल्स को भी एक बार जरूर पढ़िए और इसलिए को पढ़ने के बाद अगर आपके मन में कोई प्रश्न उत्पन्न हुआ हो तो उन प्रश्नों को आप कमेंट बॉक्स में जरूर लिखिए हम आपके सभी प्रश्नों के हर संभव जवाब देने का प्रयास करेंगे ऐसी और भी खास और रोचक लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट https://janbhakti.in पर रोजाना विजिट करें।

FAQ’S 

Q. अजमेर का नाम कैसे पड़ा? 

Ans. अजमेर का नाम “अजय मेरु” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “अजेय पहाड़ी”। माना जाता है कि इसका नाम अजयपाल चौहान के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने 7वीं शताब्दी में इस शहर की स्थापना की थी।

Q. अजमेर किन धर्मों के लिए पवित्र शहर है? 

Ans.  अजमेर हिंदुओं और मुसलमानों दोनों के लिए एक पवित्र शहर है। यह सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती की मृत्यु की वर्षगांठ मनाने के लिए सालाना आयोजित होने वाले “उर्स उत्सव” के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है।

Q. अजमेर शरीफ दरगाह क्या है? 

Ans. अजमेर शरीफ दरगाह संत मोइनुद्दीन चिश्ती को समर्पित एक सूफी मजार है और सभी धर्मों के लोगों द्वारा पवित्र स्थल माना जाता है। यह मजार इस्लामी, हिंदू और राजपूत शैलियों के तत्वों को जोड़ने वाली अपनी सुंदर वास्तुकला के लिए जाना जाता है।

Q. तारागढ़ किला क्या है? 

Ans. तारागढ़ किला अजमेर शहर पर नजर रखने वाली एक पहाड़ी पर स्थित एक ऐतिहासिक किला है। यह 14वीं शताब्दी में बनाया गया था और चौहान वंश के लिए एक सैन्य गढ़ के रूप में काम करता था। किला अपनी प्रभावशाली वास्तुकला के लिए जाना जाता है, जिसमें कई द्वार, टावर और महल शामिल हैं।

Q. अजमेर किन कृषि उत्पादों के लिए जाना जाता है? 

Ans. अजमेर में गेहूं, जौ, चना, सरसों, तिल, बाजरा, मक्का, कपास और ग्वार जैसी फसलों सहित कृषि उपज के लिए जाना जाता है। 

Q. अकबरी मस्जिद किसने बनवाई? 

Ans. अकबरी मस्जिद अजमेर के केंद्र में स्थित एक सुंदर मस्जिद है। इसका निर्माण 16वीं शताब्दी में सम्राट अकबर ने करवाया था और यह इस्लामी और हिंदू शैलियों के तत्वों को जोड़ने वाली अपनी शानदार वास्तुकला के लिए जानी जाती है।