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8 Miraculous Hanuman Temples : यह है हनुमान जी के 8 सबसे चमत्कारी मंदिर, दर्शन मात्र से बरसेगी हनुमान जी की कृपा

8 Miraculous Hanuman Temples
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हनुमान जी (Lord Hanuman) हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख और लोकप्रिय देवताओं में से एक हैं। उन्हें भक्ति, शक्ति और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है। हनुमान जी को भगवान श्रीराम का अनन्य भक्त और परम सेवक माना जाता है। मान्यता है कि कलयुग में हनुमान जी (Lord Hanuman) ही एकमात्र ऐसे देवता हैं जो अपने भक्तों की मनोकामनाएं तुरंत पूरी करते हैं। भारत (India) में हनुमान जी के अनेक मंदिर हैं, जो अपने चमत्कारों और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। इनमें से कुछ मंदिर अपनी अनोखी मूर्तियों और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करने के लिए विख्यात हैं। 

आइए आपको भारत के आठ ऐसे चमत्कारी हनुमान मंदिरों की यात्रा पर ले चलते हैं, जहां दर्शन मात्र से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इन मंदिरों में हनुमान जी (Lord Hanuman) की विशाल और दिव्य प्रतिमाएं हैं, जो भक्तों को आकर्षित करती हैं। कहा जाता है कि इन मंदिरों में पूजा-अर्चना और प्रार्थना करने से जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं और मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। तो चलिए, श्रद्धा और विश्वास के साथ हनुमान जी के इन आठ दिव्य मंदिरों के मनोभाव से दर्शन करते हैं और उनकी असीम कृपा प्राप्त करते हैं। 

Eight miraculous temples of India 

SN.Oमंदिरस्थान 
1हनुमानगढ़ी अयोध्या
2संगम हनुमान मंदिर प्रयागराज
3मेहंदीपुर बालाजी मंदिर राजस्थान
4पान्डुपोल हनुमान मंदिरराजस्थान
5कष्टभंजन हनुमान दादा महाराज मंदिरसारंगपुर
6हनुमान धारा मंदिरचित्रकूट
7श्री संकटमोचन मंदिर वाराणसी
8अलीगंज हनुमान मंदिर  लखनऊ

1.हनुमानगढ़ी, अयोध्या (Hanumangarhi, Ayodhya)

Hanumangarhi, Ayodhya

हनुमानगढ़ी (Hanumangarhi), अयोध्या (Ayodhya) का एक प्रसिद्ध मंदिर है जो भगवान हनुमान (Lord Hanuman) को समर्पित है। यह मंदिर सरयू नदी के तट पर एक ऊंचे टीले पर स्थित है और इसे पहुंचने के लिए 76 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। मंदिर में भगवान हनुमान (Lord Hanuman) की छह इंच लंबी प्रतिमा है जो हमेशा फूलों की मालाओं से सजी रहती है

हनुमानगढ़ी (Hanumangarhi) को अयोध्या  (Ayodhya) का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है। मान्यता है कि लंका विजय के बाद हनुमान इस गुफा में रहते थे और रामजन्मभूमि व रामकोट की रक्षा करते थे। इसलिए इसे हनुमान जी का घर भी कहा जाता है। मंदिर परिसर में मां अंजनी और बाल हनुमान (Lord Hanuman) की मूर्ति भी है जिसमें हनुमान अपनी मां की गोद में लेटे हैं। इस मंदिर का निर्माण लगभग 300 साल पहले संत अभयारामदास ने सुल्तान मंसूर अली के सहयोग से कराया था 

हनुमानगढ़ी (Hanumangarhi) का महत्व हिंदू पौराणिक कथाओं में गहराई से जुड़ा है। मान्यता है कि भगवान राम ने हनुमान को अयोध्या (Ayodhya) की रक्षा का दायित्व सौंपा था और यह मंदिर इस दिव्य कर्तव्य का प्रतीक है। भक्तों का विश्वास है कि हनुमान उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और पापों से मुक्ति दिलाते हैं।

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2. संगम हनुमान मंदिर, प्रयागराज (Sangam Hanuman Temple, Prayagraj)

संगम हनुमान मंदिर (Sangam Hanuman Temple) प्रयागराज में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के पवित्र संगम स्थल के किनारे बना है। मंदिर में भगवान हनुमान (Lord Hanuman) की एक विशाल और भव्य मूर्ति स्थापित है।

कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में राजा विखंडन द्वारा किया गया था, जो भगवान हनुमान (Lord Hanuman) के परम भक्त थे। मान्यता है कि राजा के भक्ति भाव से प्रसन्न होकर स्वयं हनुमान जी (Lord Hanuman) ने मंदिर में निवास किया और भक्तों की सेवा करने लगे। मंदिर के बारे में एक प्रसिद्ध मान्यता यह है कि संगम स्नान का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए हनुमान जी के दर्शन अनिवार्य हैं। ऐसा माना जाता है कि संगम स्नान के बाद बिना हनुमान जी (Lord Hanuman) के दर्शन किए स्नान अधूरा रहता है। एक अन्य मान्यता के अनुसार, जब लंका युद्ध के बाद हनुमान जी घायल अवस्था में थे, तब मां सीता ने उन्हें अपना सिंदूर देकर नया जीवन और स्वास्थ्य का आशीर्वाद दिया था। तभी से भक्त इस मंदिर में हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करते हैं, जिसे बहुत शुभ माना जाता है। 

मंदिर के चमत्कारों में से एक यह भी है कि मुगल शासक औरंगजेब ने इस मूर्ति को हटाने का प्रयास किया था, लेकिन उसके 100 सैनिक भी मूर्ति को हिला नहीं पाए। कहा जाता है कि सच्चे मन से यहां मन्नत मांगने पर भक्तों की मनोकामना अवश्य पूरी होती है। संगम हनुमान मंदिर अपनी धार्मिक मान्यताओं, चमत्कारी कथाओं और भक्तों की अटूट आस्था के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर प्रयागराज की आध्यात्मिक विरासत का एक अभिन्न अंग है और दूर-दूर से लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।

3. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, राजस्थान (Mehandipur Balaji Temple, Rajasthan)

Mehandipur Balaji Temple, Rajasthan

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर (Mehandipur Balaji Temple) राजस्थान (Rajasthan) के दौसा जिले में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो हनुमान जी (Lord Hanuman) को समर्पित है। यह मंदिर अरावली पर्वत श्रृंखला के बीच स्थित है और नई दिल्ली (New Delhi) से लगभग 255 किलोमीटर दूर है। मान्यता है कि यहां काले जादू और बुरी आत्माओं से पीड़ित लोगों को मुक्ति मिल सकती है।

कहानी के अनुसार, एक भक्त के सपने में हनुमान जी (Lord Hanuman) ने दर्शन दिए और उन्हें इस स्थान पर मंदिर बनाने का निर्देश दिया ताकि लोगों को उनकी बीमारियों से ठीक किया जा सके और बुरी आत्माओं से सुरक्षा मिल सके। भक्त को सटीक स्थान का पता नहीं चल पाया जब तक कि हनुमान जी ने फिर से उनके सपने में दर्शन नहीं दिए और उन्हें स्थान तक मार्गदर्शन नहीं किया। तब से, यह मंदिर उन लोगों के लिए एक लोकप्रिय स्थल बन गया है जो अपनी बीमारियों के इलाज और बुरी आत्माओं से सुरक्षा चाहते हैं।

मंदिर अपने अनूठे अनुष्ठानों और प्रथाओं के लिए जाना जाता है, जैसे कि “भूतियां के आह्वान” समारोह, जहां बुरी आत्माओं को प्रसन्न करने के लिए भेंट चढ़ाई जाती है। मंदिर में आगंतुकों के लिए एक सख्त आचार संहिता भी है, जैसे काले कपड़े न पहनना, चमड़े की वस्तुएं न ले जाना, और मंदिर परिसर के भीतर मांसाहारी भोजन या शराब का सेवन न करना।

4.पान्डुपोल हनुमान मंदिर, राजस्थान (Pandupol Hanuman Temple, Rajasthan)

Mehandipur Balaji Temple, Rajasthan

पान्डुपोल हनुमान मंदिर (Pandupol Hanuman Temple, Rajasthan), राजस्थान (Rajasthan) के अलवर जिले के सरिस्का अभयारण्य में स्थित एक धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल है। अलवर जिला मुख्यालय से लगभग 55 किमी दूर, यह मंदिर अरावली की सुन्दर वादियों में बसा हुआ है। सरिस्का राष्ट्रीय पार्क के मुख्य प्रवेश द्वार से 11 किमी की दूरी पर स्थित यह मंदिर महाभारतकाल की याद दिलाता है।

मंदिर की प्रमुख विशेषता भगवान हनुमान (Lord Hanuman) की काले पत्थर की बनी 10 फीट ऊंची प्रतिमा है, जो फूलों और हारों से सजी होती है।यहां के अनुसार, यह मंदिर उस स्थान पर स्थित है, जहां हनुमानजी (Lord Hanuman) ने आराम किया था, और भीम ने विशाल दैत्य हिडिम्ब को हराकर उसकी बहन हिडिम्बा से विवाह किया था। यहां कथा के अनुसार, पांडवों ने अपने वनवास के दौरान शरण ली थी इस मंदिर का एक महत्वपूर्ण चमत्कार यह है कि मान्यता है कि भगवान हनुमान (Lord Hanuman) ने यहीं भीम का अहंकार तोड़ा था। इसके अलावा, इस मंदिर की प्राचीन मूर्ति को लगभग 300 वर्ष पुरानी माना जाता है और इसे पवित्र माना जाता है। इसकी वजह से, इस मंदिर की यात्रा न केवल अलवर, बल्कि भारतपुर, धौलपुर, जैसे अन्य शहरों में भी लोकप्रिय है।

महाभारत (Mahabharata) के समय से संबंधित इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य के साथ, पान्डुपोल हनुमान मंदिर (Hanuman Temple) अलवर जिले का एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल है।

5. कष्टभंजन हनुमान दादा महाराज मंदिर, सारंगपुर (Kashtabhanjan Hanuman Dada Maharaj Temple, Sarangpur)

Mehandipur Balaji Temple, Rajasthan

कष्टभंजन हनुमान दादा महाराज मंदिर (Kashtabhanjan Hanuman Dada Maharaj Temple), सारंगपुर (गुजरात) एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो भगवान हनुमान को समर्पित है। ‘कष्टभंजन’ का अर्थ है ‘कष्टों को दूर करने वाला’, और यह मंदिर विभिन्न शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक समस्याओं को ठीक करने की शक्ति रखने के लिए माना जाता है। 

मंदिर का इतिहास 1899 तक जाता है, जब शास्त्री यज्ञपुरुषदास ने इसका जीर्णोद्धार किया था। 1905 में, संत सदगुरु गोपालानंद स्वामी ने मंदिर में एक नई हनुमान मूर्ति स्थापित की। तब से, मंदिर में कई नवीनीकरण और परिवर्धन हुए हैं, जिनमें 2023 में एक 54 फीट ऊंची धातु की हनुमान मूर्ति की स्थापना शामिल है, जो 7 किलोमीटर तक दिखाई देती है। मंदिर अपनी उपचार शक्तियों के लिए प्रसिद्ध है। भक्तों का मानना है कि मंदिर में आने और कष्टभंजन हनुमान मूर्ति की पूजा करने से विभिन्न बीमारियों, नकारात्मक ऊर्जा और दुष्ट आत्माओं के कारण होने वाली बीमारियों को दूर किया जा सकता है। मंदिर विशेष रूप से शारीरिक या मानसिक बीमारियों से पीड़ित लोगों के साथ-साथ आध्यात्मिक विकास और ज्ञान की खोज करने वालों के बीच लोकप्रिय है। 

मंदिर में एक विशाल 9 फीट ऊंची हनुमान मूर्ति है, जो देवता को एक राक्षस पर एक पैर रखे हुए, गदा पकड़े हुए और अपने तेज दांत दिखाते हुए दर्शाती है। इस मूर्ति को शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है, और भक्तों का मानना है कि इसकी पूजा करने से सफलता, खुशी और शांति मिलती है। 

6. हनुमान धारा मंदिर, चित्रकूट (Hanuman Dhara Temple, Chitrakoot)

Hanuman Dhara Temple

हनुमान धारा मंदिर (Hanuman Dhara Temple) चित्रकूट (Chitrakoot), उत्तर प्रदेश में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ स्थल है। यह मंदिर चित्रकूट शहर के निकट एक पहाड़ी पर बना हुआ है। मान्यता है कि जब हनुमानजी ने लंका को जलाया था, तब उनकी पूंछ जल गई थी। आग बुझने के बाद हनुमानजी यहाँ आए और इस प्राकृतिक झरने में अपनी पूंछ को ठंडा किया था। 

मंदिर परिसर में हनुमानजी (Lord Hanuman) की एक विशाल प्रतिमा है। यह मंदिर हनुमानजी के भक्तों के लिए एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है। कहा जाता है कि यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मंदिर मंडाकिनी नदी के रामघाट के पास स्थित है, जहाँ कहा जाता है कि भगवान राम ने अपने पूर्वजों के लिए पिंडदान किया था।

चित्रकूट क्षेत्र पौराणिक कथाओं से समृद्ध है और वाल्मीकि रामायण, महाभारत और पुराणों जैसे विभिन्न प्राचीन ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है। मंदिर तक पहुँचने के लिए सीढ़ियों का एक रास्ता है और रास्ते में हनुमानजी को भेंट चढ़ाने के लिए कई दुकानें और विक्रेता हैं।

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7.श्री संकटमोचन मंदिर, वाराणसी (Shri Sankatmochan Temple, Varanasi)

श्री संकटमोचन मंदिर (Shri Sankatmochan Temple), वाराणसी (Varanasi) में विराजमान हनुमान जी (Lord Hanuman) का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर अपने आध्यात्मिक महत्व और चमत्कारी शक्तियों के लिए जाना जाता है। प्राचीन मान्यता है कि इस पवित्र स्थल पर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और संकट दूर होते हैं। 

इस मंदिर का निर्माण करीब 400 साल पहले 16वीं शताब्दी में महान संत और कवि गोस्वामी तुलसीदास जी ने कराया था। कहा जाता है कि उन्होंने यहीं बैठकर रामचरितमानस ग्रंथ का सृजन किया था। तभी से यह स्थान हनुमान भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बन गया। मंदिर में हनुमान जी की अद्भुत मूर्ति है जिसमें वे अपने प्रभु श्री राम (Lord Ram) से मिलते हुए दिखाई देते हैं। मूर्ति को गेंदे के फूलों की माला से सजाया जाता है। श्रद्धालु यहां विशेष बेसन के लड्डू चढ़ाते हैं। हर सोमवार और शनिवार को हजारों भक्त मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करने उमड़ पड़ते हैं। ज्योतिष के अनुसार हनुमान जी (Lord Hanuman) शनि देव के प्रकोप से मानव की रक्षा करते हैं। इसलिए शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से पीड़ित लोग भी यहां आकर अपने कष्टों का निवारण करते हैं। 

मंदिर में हर साल अप्रैल में संकटमोचन संगीत समारोह का भव्य आयोजन होता है। 1934 में शुरू हुआ यह सांस्कृतिक उत्सव अब वाराणसी (Varanasi) की अमूल्य धरोहर बन चुका है। इसमें देश के श्रेष्ठ कलाकार अपनी प्रस्तुति देते हैं।

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8. अलीगंज हनुमान मंदिर, लखनऊ (Aliganj Hanuman Temple, Lucknow)

अलीगंज हनुमान मंदिर (Aliganj Hanuman Temple), लखनऊ (Lucknow) शहर के सबसे प्रसिद्ध और पुराने मंदिरों में से एक है। यह मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला, समृद्ध इतिहास और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। मंदिर की स्थापना अवध के छठे नवाब सआदत अली खान की माँ छतर कुंवर ने की थी। उन्होंने एक सपने में हनुमान जी (Lord Hanuman) को एक पेड़ के रूप में देखा था और उनकी उपस्थिति का आश्वासन पाया था। 

मंदिर का निर्माण अवध की हिंदू रानी मंगलू, जिन्हें बेगम आलिया के नाम से भी जाना जाता है, के शासनकाल में पूरा हुआ था। शुरुआत में इसका नाम हनुमान बाड़ी था, जो बाद में इस्लामबाड़ी में बदल दिया गया। मंदिर का मुख्य आकर्षण हनुमान जी की एक विशाल प्रतिमा है, जो सिंहासन पर विराजमान है और जिसे हाथियों द्वारा मंदिर तक लाया गया था। मंदिर एक धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र है, जो हर दिन हजारों भक्तों को आकर्षित करता है। हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के अवसर पर यहाँ एक वार्षिक मेला आयोजित किया जाता है, जिसमें देश भर से लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। मंदिर के पुजारी दिन भर विभिन्न अनुष्ठान और समारोह करते हैं, जिनमें दिन में पांच बार होने वाला आरती समारोह भी शामिल है।

अलीगंज हनुमान मंदिर (Aliganj Hanuman Temple) सांप्रदायिक सद्भाव और एकता का एक प्रतीक है। मंदिर का प्रबंधन समिति में विभिन्न समुदायों के सदस्य शामिल हैं और यह सभी धर्मों के भक्तों का स्वागत करता है। हाल ही में, मंदिर को जेठ मंगल के अवसर पर नए स्मारकों से सजाया गया था और इसके गर्भगृह और आंगन को आसान, सुंदर, स्वच्छ और सुविधाजनक बनाया गया था। मंदिर में हनुमान चालीसा का निरंतर पाठ और श्रीराम चरित मानस का अखंड पाठ चलता रहता है, जो श्रद्धा और भक्ति का एक शक्तिशाली प्रतीक है।

Conclusion:

भगवान हनुमान के मंदिर केवल धार्मिक स्थल नहीं हैं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति के केंद्र भी हैं। इन मंदिरों में आने वाले भक्तों को हनुमानजी की दिव्य उपस्थिति का अनुभव होता है और उनकी कृपा प्राप्त करते हैं। भगवान हनुमान जी के प्रसिद्ध और चमत्कारी मंदिरों से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो इसे अपने मित्रगणों एवं परिवारजनों के साथ अवश्य साझा करें साथ ही हमारे आर्टिकल्स को भी जरूर पढ़ें और अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो उसे कॉमेंट बॉक्स में जाकर जरुर पूछे, हम आपके सभी प्रश्नों का जवाब देने का प्रयास करेंगे। ऐसे ही अन्य लेख को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट janbhakti.in पर रोज़ाना विज़िट करें ।

FAQ’S 

Q. हनुमान जी चिरंजीवी कैसे बने?

Ans. हनुमान जी को माता सीता ने चिरंजीवी होने का वरदान दिया था इसलिए माना जाता है कि इस कलयुग में भगवान हनुमान अपने भक्तों की सहायता के लिए धरती पर मौजूद हैं।

Q. हनुमानजी भगवान राम के प्रति कितने समर्पित थे?

Ans. हनुमानजी भगवान राम के प्रति अत्यंत समर्पित थे। वे राम के सबसे प्रिय भक्तों में से एक थे।

Q. हनुमानजी ने सूर्य को क्यों ग्रहण किया था?

Ans. जब हनुमानजी बच्चे थे, उन्हें भूख लगी और उन्होंने सूर्य को फल समझकर उसे ग्रहण कर लिया था।

Q. हनुमानजी को कौन सी शक्तियां प्राप्त थीं?

Ans. हनुमानजी को उड़ने की शक्ति, अदृश्य होने की शक्ति, अत्यधिक शक्ति और बुद्धि प्राप्त थी।

Q. हनुमानजी ने लंका में क्या-क्या किया था?

Ans. हनुमानजी ने लंका में सीता माता का पता लगाया, रावण की लंका को जलाया और रावण के पुत्र मेघनाद को युद्ध में हराया था।

Q. हनुमानजी के जन्मदिन को कैसे मनाया जाता है?

Ans. हनुमानजी का जन्मदिन “हनुमान जयंती” के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भक्त हनुमानजी की पूजा करते हैं, उपवास रखते हैं और भजन गाते हैं।