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Aai Mata Mandir: जोधपुर के आई माता मंदिर को लोग क्यों कहते हैं दरगाह? यहां अखंड ज्योति से कैसे निकलता है रहस्यमयी केसर? जानिए

Aai Mata Mandir
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Aai Mata Mandir: राजस्थान (Rajasthan) भारत का वह राज्य है जो अपने ऐतिहासिक किलों, भव्य महलों और विशाल रेगिस्तान के लिए जाना जाता है। लेकिन इन सबके बीच एक ऐसा स्थान भी है, जो अपने चमत्कारों और रहस्यों के लिए प्रसिद्ध है जो है आई माता मंदिर। जोधपुर (Jodhpur) जिले के बिलाड़ा (Bilara) कस्बे में स्थित यह मंदिर, आई माता (Aai Mata) की शक्ति और करिश्मों का गवाह है। यहाँ का दीपक अपनी अनोखी विशेषता के लिए जाना जाता है। आम तौर पर दीपक की लौ से काला काजल बनता है, लेकिन यहाँ के दीपक से केसरिया रंग का काजल निकलता है। यह चमत्कार देखने के लिए हर साल हजारों श्रद्धालु यहाँ आते हैं।

आई माता (Aai Mata) ने अपने अनुयायियों को सदा भाईचारे और सद्भावना का संदेश दिया। उन्होंने जाति-पाँति के भेदभाव को दूर करने और एक-दूसरे की मदद करने की सीख दी। आज भी उनके द्वारा स्थापित आई पंथ के लोग उनकी शिक्षाओं का पालन करते हैं। आज के इस विशेष लेख के जरिए हम आपको राजस्थान (Rajasthan) के आई माता मंदिर (Aai Mata Mandir) से संबंधित विशेष जानकारी प्रदान करेंगे हम आपको इस मंदिर के इतिहास, महत्व, वास्तुकला इत्यादि के बारे में भी बताएंगे इसीलिए हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़िए…

आई माता मंदिर के बारे में (About Aai Mata Temple)

आई माता मंदिर का फोन नंबरकोई आधिकारिक फोन नंबर उपलब्ध नहीं है
मंदिर का पताबिलाड़ा, राजस्थान, 342602
मंदिर की इंस्टाग्राम प्रोफाइलhttps://www.instagram.com/aai_maa22
जयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी73 किलोमीटर
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी78 किलोमीटर
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी75 किलोमीटर
Official Website
Google Map https://maps.app.goo.gl/mAWe29ED2c2khcxf9

आई माता मंदिर कहां है? (Where is Aai Mata Temple) 

आई माता मंदिर (Aai Mata Mandir) भारत के राजस्थान (Rajasthan) राज्य के जोधपुर जिले में स्थित है, इसे बिलाड़ा तहसील का हिस्सा माना जाता है। राजस्थान के जोधपुर जिले से 80 किलोमीटर दूर बिलाड़ा गांव में आई माता का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। 

आई माता मंदिर का इतिहास (History of Aai Mata Temple)

Aai Mata Mandir: आई माता मंदिर (Aai Mata Mandir) बिलाड़ा, जोधपुर, राजस्थान (Rajasthan) में स्थित एक ऐतिहासिक मंदिर है जो मातृ देवी की पूजा के लिए समर्पित है। मंदिर बिलाड़ा के पूर्व दीवान के हवेली में स्थित है और माना जाता है कि इसकी स्थापना स्वयं मातृ देवी ने की थी।

मंदिर का इतिहास 1504 ई. तक जाता है जब माता जी मुल्तान और सिंध से आकर बिलाड़ा  (Bilara) में बस गईं। सीरवी समाज द्वारा उनकी पूजा की जाती है और उनके गुरु बिलाड़ा (Bilara) के दीवान थे। माता जी को एक राजपूत राजकुमारी भी माना जाता है। 

सीरवी समाज मंदिर को एक दरगाह मानता है और मंदिर में एक निरंतर ज्योति जलती रहती है। मंदिर दिन में दो बार दर्शन के लिए खुलता है और दीपक की लौ काले धुएं के बजाय केसरिया रंग की हो जाती है। इस चमत्कार को माता जी की दिव्य शक्तियों का संकेत माना जाता है। 

मंदिर दीवान की हवेली में स्थित है और सीरवी समाज के लिए एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है। मंदिर अपनी वास्तुकला सुंदरता के लिए भी जाना जाता है और क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक स्मारक है। मंदिर का इतिहास और महत्व इसे राजस्थान (Rajasthan) की सांस्कृतिक विरासत का एक अनिवार्य हिस्सा बनाता है।

मंदिर सभी धर्मों के लोगों के लिए खुला है और इसके द्वार हमेशा माता जी का आशीर्वाद मांगने वाले भक्तों के लिए खुले रहते हैं। दीपक में केसरिया लौ का अनूठा चमत्कार इसे एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण भी बना देता है।

मंदिर में जल रही है अखंड ज्योति (The eternal flame is burning in the temple)

आई माता (Aai Mata) का प्राचीन मंदिर जोधपुर (Jodhpur) जिले के बिलाड़ा गांव में स्थित है। यह मंदिर अपनी अखंड ज्योति के लिए प्रसिद्ध है, जो पिछले लगभग 550 वर्षों से जल रही है। इस ज्योति की एक अनोखी विशेषता यह है कि इससे निकलने वाली लौ से काजल की जगह केसर निकलता है। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस केसर को आंखों में लगाने से नेत्र रोग दूर होते हैं। 

पौराणिक कथाओं के अनुसार, आई माता (Aai Mata) का अवतार गुजरात (Gujarat) के अम्बापुर में हुआ था। वहां से भ्रमण करते हुए वे बिलाड़ा (Bilara) पहुंचीं और भक्तों को 11 गुण एवं सदाचार का उपदेश दिया। एक दिन आई माता जी ने अपने हजारों भक्तों के सामने खुद को अखंड ज्योति (Eternal flam)  में विलीन कर दिया और तभी से यह ज्योति प्रज्ज्वलित है और इससे केसर निकलता है।

आई माता मंदिर का महत्व (Importance of Aai Mata Temple)

आई माता मंदिर का महत्व कुछ इस प्रकार है:

  • यह मंदिर राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर (Jodhpur) जिले के बिलाड़ा कस्बे में स्थित है। आई माता (Aai Mata) को सीरवी समाज के लोग पूजते हैं।
  • इस मंदिर में एक चमत्कार होता है – यहाँ के दीपक की लौ से बना काजल काला नहीं, बल्कि केसरी रंग का होता है।
  • आई माता (Aai Mata) का जन्म 1415 ई. में हुआ था और इन्हें दुर्गा माता का अवतार माना जाता है। उनका असली नाम जीजी था।
  • आई माता (Aai Mata) ने अपने चमत्कारों से कई स्थानों पर प्रसिद्धि पाई जैसे नारलाई, डायलाणा, भैसाना आदि।
  • अंत में वे बिलाड़ा (Bilara) पहुंची और वहीं एक झोपड़ी में रहने लगीं। आज वहीं उनका भव्य मंदिर है।
  • मंदिर में आई माता (Aai Mata) की छड़ी, मोजड़ी और एक ज्योति मौजूद है जिससे केसर टपकता है। ये वस्तुएं आज भी यहाँ विद्यमान हैं।
  • बिलाड़ा (Bilara) के अन्य दर्शनीय स्थलों में हर्ष की डूंगरी, राजलानी, पिचियाक, मरमोरा का बाग, बाणगंगा कुंड आदि शामिल हैं।
  • आई माता मंदिर (Aai Mata Mandir) की प्रतिष्ठा बहुत ऊँची है और यहाँ दर्शन करने भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

आई माता मंदिर कैसे पहुंचे? (How to Reach Aai Mata Temple)

हवाई मार्ग-  (By Air)

  • बिलाड़ा में अपना हवाई अड्डा नहीं है। निकटतम हवाई अड्डा जोधपुर में है जो यहां से लगभग 140 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जोधपुर एयरपोर्ट से आप टैक्सी या बस लेकर बिलाड़ा पहुंच सकते हैं। इसके अलावा उदयपुर एयरपोर्ट भी लगभग 170 किलोमीटर दूर है जहां से भी बिलाड़ा के लिए सड़क परिवहन उपलब्ध है।

ट्रेन द्वारा- (By Train)

  • बिलाड़ा शहर रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है। यहां का रेलवे स्टेशन अजमेर-अहमदाबाद रेलवे लाइन पर पड़ता है। देश के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, जयपुर आदि से बिलाड़ा के लिए सीधी ट्रेनें उपलब्ध हैं। 

सड़क मार्ग- (By Road)

  • बिलाड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग 8 पर स्थित है जो जयपुर को अहमदाबाद से जोड़ता है। राजस्थान रोडवेज की बसें और प्राइवेट बस ऑपरेटर्स द्वारा देश के विभिन्न शहरों से बिलाड़ा के लिए बस सेवाएं उपलब्ध हैं। शहर में बस स्टैंड से मंदिर तक ऑटो और टैक्सी की सुविधा आसानी से मिल जाती है।

आई माता मंदिर में प्रवेश शुल्क  (Aai Mata Temple Entry Fees)

आई माता मंदिर (Aai Mata Mandir) में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं है। मंदिर में प्रवेश करने के लिए कोई एंट्री फीस नहीं है। भक्त प्रेम और श्रद्धा से मंदिर में आते हैं और माता के दर्शन करते हैं।

आई माता मंदिर की फोटो (Photo of Aai Mata Temple)

इस विशेष लेख के माध्यम से हम आपको आई माता मंदिर (Aai Mata Mandir) की बेहद खास तस्वीरें साझा कर रहे हैं, अगर आप चाहे हैं तो इन तस्वीरों को डाउनलोड (Download) भी कर सकते हैं।

आई माता मंदिर की अखंड ज्योति की फोटो (Photo of Akhand Jyoti of Aai Mata Temple)

Akhand Jyoti of Aai Mata

आई माता मंदिर (Aai Mata Mandir) से संबंधित इस विशेष लेख में हम आपसे मंदिर की दिव्य अखंड ज्योति की तस्वीर साझा कर रहे हैं, यह अखंड ज्योति बेहद दिव्य है और इस ज्योति से केसर भी निकलता है इन तस्वीरों के माध्यम से आप इस अखंड ज्योति के दर्शन भी कर सकते हैं।

विशेष आयोजन (Special Event) 

आई माता की पूजा के दौरान आयोजित की गई यात्राएं और उत्सव भी विशेष रूप से ध्यान आकर्षित करते हैं। भक्तगण अपनी आस्था और समर्पण को व्यक्त करने के लिए यहाँ आते हैं। नवरात्रि जैसे प्रमुख त्योहार पर यहां मेला भी लगता है और नवरात्रि का उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

Conclusion:

बीलाड़ा, जोधपुर (Jodhpur) का आई माता मंदिर (Aai Mata Mandir) इतिहास और किंवदंतियों से भरा एक अनूठा और आकर्षक धार्मिक स्थल है। आई माता मंदिर से संबंधित यह विशेष लेख यदि आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे इस लेख को अपने प्रियजनों के साथ अवश्य साझा करें ताकि उन तक इस विशेष स्थान की जानकारी पहुंच सके, और अगर आप भी हमसे कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं तो हमारे कॉमेंट बॉक्स में जाकर अपने प्रश्न जरुर पूछे, हम आपके सभी प्रश्नों का हर संभव जवाब देने का प्रयास करेंगे। ऐसे ही और लेख को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट janbhakti.in पर रोज़ाना जरुर विज़िट करें।

FAQ’s:

Q आई माता मंदिर कहाँ स्थित है? 

Ans.आई माता मंदिर  (Aai Mata Mandir) राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर जिले के बिलाड़ा गाँव में स्थित है। यह जोधपुर शहर से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर है।

Q.आई माता मंदिर की स्थापना कब हुई थी? 

Ans आई माता (Aai Mata) का जन्म विक्रम संवत 1472 से 1561 (ग्रेगोरियन कैलेंडर 1415 से 1504) के बीच हुआ था। 

Q.आई माता को किस देवी का अवतार माना जाता है? 

Ans.आई माता (Aai Mata) को जगदम्बे माता (अम्बे माता) का अवतार माना जाता है।  वह शक्ति और संरक्षण की प्रतीक हैं।

Q.आई माता मंदिर की क्या विशेषता है? 

Ans.आई माता मंदिर  (Aai Mata Mandir) की एक अनोखी विशेषता यह है कि एक छोटे से पात्र में चाहे जितना पानी डालें, वह कभी नहीं भरता। ऐसी मान्यता है कि देवी आई माता अतिरिक्त पानी पी जाती हैं।

Q.आई माता मंदिर में कौन-कौन से त्योहार मनाए जाते हैं? 

Ans आई माता मंदिर (Aai Mata Mandir) में नवरात्रि के दौरान भव्य मेला लगता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु देवी के दर्शन और आशीर्वाद के लिए एकत्रित होते हैं।

Q.आई माता मंदिर तक कैसे पहुँचा जा सकता है?

Ans.आई माता मंदिर (Aai Mata Mandir) तक पहुँचने के लिए जोधपुर से टैक्सी या निजी वाहन किराए पर लिया जा सकता है। NH62 के रास्ते से यह यात्रा लगभग 1.5 से 2 घंटे की है।