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Badli Bheruji Temple: संतान प्राप्ति की कामना के लिए देश भर में प्रसिद्ध है राजस्थान का बड़ली भैरूजी मंदिर

Badli Bheruji Temple
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Badli Bheruji Temple, Jodhpur: राजस्थान (Rajasthan) के प्रसिद्ध शहर जोधपुर (Jodhpur) में स्थित बड़ली भैरूजी मंदिर हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यह मंदिर भगवान भैरव (Bhagwan Bheruji) को समर्पित है, जिन्हें संरक्षण और शक्ति का देवता माना जाता है। मंदिर की स्थापत्य कला और मूर्तियों की खूबसूरती देखते ही बनती है। प्रवेश द्वार पर बना भव्य गेटवे और अंदर की ओर जाने पर विभिन्न देवी-देवताओं को समर्पित मंदिर व मूर्तियाँ आपका मन मोह लेंगी। 

श्रद्धालु यहाँ आकर पूजा-अर्चना करते हैं और देवताओं को भेंट चढ़ाते हैं। साल भर यहाँ कई त्योहार और आयोजन होते रहते हैं, खासकर नवरात्रि (Navratri) के दौरान मंदिर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहता है। धार्मिक महत्व के अलावा, यह मंदिर जोधपुर (Jodhpur) का एक प्रमुख सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्मारक भी है। इसकी वास्तुकला राजस्थानी मंदिर निर्माण शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है और इस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।चाहे आप धार्मिक आस्था से प्रेरित हों या फिर इतिहास और संस्कृति में रुचि रखते हों, बड़ली भैरूजी मंदिर एक ऐसा स्थान है जिसे जोधपुर आते हुए छोड़ना नहीं चाहिए। आइए, इस लेख के माध्यम से हम इस खूबसूरत मंदिर की यात्रा करते हैं और इसके रोचक इतिहास व महत्व को समझने का प्रयास करते हैं।

बड़ली भैरूजी मंदिर के बारे में (About Badli Bheruji Temple)

बड़ली भैरूजी मंदिर का मोबाइल नंबर07690911740
मंदिर का पताRatanada Rd, Ratanada, Jodhpur, Rajasthan 342011, India
Google Maphttps://maps.app.goo.gl/GYqGEymASjipBFqx9
मंदिर में प्रवेश शुल्कनाम मात्र प्रवेश शुल्क (मंदिर की उचित व्यवस्था हेतु)
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी15 किलोमीटर
हवाई मार्ग से मंदिर की दूरी20 किलोमीटर 
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी3.5 किलोमीटर 

बड़ली भैरूजी मंदिर कहाँ है? (What is Badli Bheruji Temple?)

adli Bheruji Temple

बड़ली भैरूजी मंदिर (Badli Bheruji Temple) एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर (Jodhpur) शहर से लगभग 13 किलोमीटर दूर जोधपुर-जैसलमेर मार्ग पर बड़ली गांव में स्थित है। यह भगवान भैरव (Bhagwan Bheruji) को समर्पित है, जो भगवान शिव (Lord Shiva) का एक रूप माना जाता है। 

मंदिर भैरुजी, जो भगवान शिव (Lord Shiva) के एक रूप हैं, को समर्पित है। इसका प्रमुख आकर्षण भैरुजी की काली पत्थर की मूर्ति है, जिसे कहा जाता है कि मारवाड़ के महान शासक राव सीहाजीके पुजारियों ने कन्नौज से लाया था। 

यह मंदिर विशेष रूप से उन लोगों के लिए प्रसिद्ध है जो भैरुजी से आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, विशेषकर पुत्र की कामना करने वाले दंपति यहां भैरुजी जी के दर्शन करने आते हैं।

बड़ली भैरूजी मंदिर का पौराणिक इतिहास (Mythological history of Badli Bheruji temple)

बड़ली भैरूजी मंदिर  (Badli Bheruji Temple) जोधपुर (Jodhpur) शहर से लगभग 13 किलोमीटर दूर जोधपुर-जैसलमेर मार्ग पर स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर मारवाड़ के महान शासक राव सीहाजी (Rao Sihaji) द्वारा लगभग 700 वर्ष पूर्व बनवाया गया था। 

राव सीहाजी (Rao Sihaji) जोधपुर (Jodhpur) के साथ-साथ कन्नौज के भी शासक थे। एक बार जब वे कन्नौज से मारवाड़ लौट रहे थे, तभी मुल्तान की ओर से मुगलों ने मारवाड़ पर आक्रमण कर दिया। राव सीहाजी ने मुगलों को हराकर विजय हासिल की और मुगलों को मुंह की खानी पड़ी। इस विजय के उपलक्ष्य में राव सीहाजी ने अपने राज पुरोहितों को काशी भेजकर भैरूजी की काले पत्थर की मूर्ति मंगवाई। मारवाड़ लौटते समय राव सीहाजी (Rao Sihaji) को एक हरा-भरा क्षेत्र और एक विशाल तालाब दिखाई दिया, जहां एक बड़ा बरगद का पेड़ था। उन्होंने वहीं भैरूजी की मूर्ति स्थापित करने का निर्णय लिया। धीरे-धीरे इस स्थान को बड़ के पेड़ के नाम पर ‘बड़ली’ कहा जाने लगा और मंदिर ‘बड़ली के भैरू’ के नाम से प्रसिद्ध हो गया।

आज यह मंदिर पूरे मारवाड़ में अत्यंत श्रद्धा का केंद्र है। दूर-दूर से श्रद्धालु यहां मनोकामना पूर्ति के लिए आते हैं, खासकर संतान प्राप्ति के लिए। कहा जाता है कि एक बार एक हिजड़े ने भी यहां संतान प्राप्ति का वरदान मांगा और उसकी इच्छा पूरी भी हुई, हालांकि बाद में उसने शर्मिंदगी के मारे गर्भपात करवा लिया।

मंदिर में भैरूजी की आदमकद काले पत्थर की मूर्ति के साथ तीन छोटी मूर्तियां भी हैं। पीछे एक विशाल तालाब और विशौतरी माता का मंदिर है। प्रवेश द्वार पर धूणे और सात पूर्व पुजारियों की समाधियां हैं। भैरूजी को प्रसाद में शराब और मीठा भोग चढ़ता है। श्रद्धालु मंदिर में धागा बांधकर बिना पीछे मुड़े लौटते हैं। मंदिर का वार्षिक मेला भी प्रसिद्ध है जो भाद्रपद मास में आयोजित किया जाता है। इस दौरान भक्त बड़ी संख्या में एकत्र होते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं। मेले में स्थानीय हस्तशिल्प और व्यंजनों के स्टॉल भी लगते हैं। 

बड़ली भैरूजी मंदिर  (Badli Bheruji Temple) जोधपुर (Jodhpur) की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न केवल एक धार्मिक स्थल है बल्कि शहर के समृद्ध इतिहास और परंपराओं को भी दर्शाता है। आने वाली पीढ़ियों के लिए इस धरोहर को संरक्षित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।

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बड़ली भैरूजी मंदिर का महत्त्व (Importance of Badli Bheruji Temple)

बड़ली भैरूजी मंदिर  (Badli Bheruji Temple) जोधपुर का महत्व इन बिंदुओं में समझा जा सकता है:

  • प्राचीन मंदिर: बड़ली भैरूजी मंदिर  (Badli Bheruji Temple) एक प्राचीन मंदिर है जिसका निर्माण सदियों पहले हुआ माना जाता है। यह जोधपुर के समृद्ध इतिहास और विरासत का प्रतीक है।
  • भैरूजी की पूजा: यह मंदिर भैरूजी देवता को समर्पित है, जिनकी पूजा स्थानीय समुदाय द्वारा की जाती है। भैरूजी को जोधपुर शहर का संरक्षक देवता माना जाता है।
  • वास्तुकला का महत्व: मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए जाना जाता है जो निर्माण की स्थानीय शैली को दर्शाता है। यह जोधपुर की समृद्ध कला और शिल्प परंपरा का उदाहरण है।
  • सांस्कृतिक महत्व: मंदिर जोधपुर के सांस्कृतिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कई पारंपरिक त्योहारों और समारोहों का स्थल है जो समुदाय को एकजुट करते हैं।
  • ऐतिहासिक महत्व: मंदिर जोधपुर के समृद्ध इतिहास का साक्षी रहा है। इसने कई ऐतिहासिक घटनाओं और बदलावों को देखा है जो इसके महत्व को और बढ़ाते हैं। 
  • आध्यात्मिक महत्व: मंदिर स्थानीय समुदाय के लिए आध्यात्मिक महत्व का स्थान है। यह माना जाता है कि यह अपने भक्तों पर आशीर्वाद और संरक्षण प्रदान करता है।
  • पर्यटन आकर्षण: मंदिर एक लोकप्रिय पर्यटन आकर्षण है, जो दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह जोधपुर की समृद्ध संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करता है।

बड़ली भैरूजी मंदिर  (Badli Bheruji Temple) जोधपुर के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक ताने-बाने का एक अभिन्न अंग है। यह जोधपुर की समृद्ध विरासत और परंपराओं का प्रतीक है जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।

बड़ली भैरूजी मंदिर की वास्तुकला (Architecture of Badli Bheruji Temple)

बड़ली भैरूजी मंदिर  (Badli Bheruji Temple) जोधपुर की वास्तुकला के महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैं:

  • मंदिर राजस्थानी और हिंदू वास्तुकला शैलियों का मिश्रण प्रदर्शित करता है, जिसमें जटिल नक्काशी और मूर्तियां इसकी दीवारों को सजाती हैं।
  • मंदिर का निर्माण पत्थर से किया गया है और इसमें उत्कृष्ट शिल्प कौशल दिखाई देता है।
  • मंदिर के मुख्य गर्भगृह में भैरूजी की प्रतिमा स्थापित है, जो काले पत्थर से निर्मित है और उनके भक्तों द्वारा पूजी जाती है।
  • मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक विशाल द्वार है जो जटिल नक्काशी से सजा हुआ है। यह मंदिर की भव्यता को दर्शाता है। 
  • मंदिर के अंदर कई स्तंभ और खंभे हैं जो उत्कृष्ट मूर्तिकला से अलंकृत हैं। ये मंदिर की संरचनात्मक अखंडता में योगदान देते हैं।
  • मंदिर के गुंबद पारंपरिक राजस्थानी शैली में बनाए गए हैं और इन्हें सुंदर पेंटिंग्स से सजाया गया है।
  • मंदिर के आंतरिक भाग में सुंदर वॉल पेंटिंग्स और नक्काशी देखने को मिलती है जो हिंदू पौराणिक कथाओं को चित्रित करती हैं।
  • मंदिर का आंगन विशाल है और इसे सफेद संगमरमर से बनाया गया है। यह भक्तों को एकत्रित होने और पूजा करने के लिए पर्याप्त जगह प्रदान करता है।
  • मंदिर का वास्तुकला डिजाइन प्रकाश और हवा के प्राकृतिक प्रवाह को बढ़ावा देता है, जिससे आध्यात्मिक वातावरण का निर्माण होता है।

मंदिर का वास्तुशिल्प कई पीढ़ियों से जोधपुर के कुशल शिल्पकारों द्वारा निर्मित और संरक्षित किया जा रहा है, जो इस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।

बड़ली भैरूजी मंदिर कैसे पहुंचे? (How to reach Badli Bheruji Temple?)

बड़ली भैरूजी मंदिर  (Badli Bheruji Temple) जोधपुर तक पहुंचने के लिए रेल, वायु और सड़क मार्ग की विस्तृत जानकारी इस प्रकार है: 

  • रेल मार्ग: बड़ली भैरूजी मंदिर (Badli Bheruji Temple) जोधपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 13 किमी दूर स्थित है। जोधपुर रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, जयपुर, अहमदाबाद आदि से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। जोधपुर पहुंचने के बाद आप ऑटो या टैक्सी से आसानी से बड़ली भैरूजी मंदिर पहुंच सकते हैं।
  • वायु मार्ग: जोधपुर हवाई अड्डा शहर से लगभग 5 किमी दूर स्थित है। यहां से दिल्ली और मुंबई के लिए नियमित उड़ानें उपलब्ध हैं। एयरपोर्ट से बड़ली भैरूजी मंदिर की दूरी लगभग 18 किमी है। यहां से टैक्सी या कैब का विकल्प उपलब्ध है।
  • सड़क मार्ग: बड़ली भैरूजी मंदिर जोधपुर शहर से जैसलमेर रोड पर 13 किमी दूर बड़ली गांव में स्थित है। जोधपुर बस स्टैंड से भी यहां जाने वाली बसें और टैक्सियां मिल जाती हैं। अगर निजी वाहन से जा रहे हैं तो जोधपुर से जैसलमेर हाईवे पर बड़ली गांव के मोड़ पर पहुंचकर वहां से थोड़ी दूर पर ही मंदिर स्थित है। 

बड़ली भैरूजी मंदिर में दर्शन का समय (Darshan timings in Badli Bheruji temple)

बड़ली भैरूजी मंदिर  (Badli Bheruji Temple) में दर्शन करने का समय सुबह 7:10 बजे शुरू होता है और दर्शन की यह प्रक्रिया शाम को 6:50 बजे तक चलती है इस समय सारणी में आप भगवान भैरूजी मंदिर में जाकर दर्शन का लाभ उठा सकते हैं 

सुबह 7:10 बजे शुरू 
शाम 6:50 बजे तक

बड़ली भैरूजी मंदिर में प्रवेश शुल्क (Entry Fee to Badli Bheruji Temple)

इंस्टाग्राम पोस्ट में उल्लेख किया गया है कि मंदिर के प्रवेश द्वार पर शुल्क लिया जाता है, हालांकि सटीक राशि का उल्लेख नहीं किया गया है। मंदिर का प्रबंधन मंदिर के रखरखाव और स्वच्छता बनाए रखने के लिए एक नाममात्र का शुल्क ले सकता है।

बड़ली भैरूजी मंदिर की फोटो (Photo of Badli Bheruji Temple)

बड़ली भैरूजी मंदिर (Badli Bheruji Temple) की कुछ विशेष तस्वीरें हम आपसे साझा कर रहे हैं, अगर आप चाहे तो एक तस्वीरों को डाउनलोड भी कर सकते हैं

Conclusion:

बड़ली भैरूजी मंदिर  (Badli Bheruji Temple) जोधपुर (Jodhpur) की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसकी अद्वितीय वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व इसे एक खास पहचान देते हैं। भगवान बड़ली भैरूजी से संबंधित यह विशेष लेखक अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया इस लेख को अपने प्रिय जनों के साथ अवश्य साझा करें, और अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो उसे कॉमेंट बॉक्स में जाकर जरुर पूछे, हम आपके सभी प्रश्नों का जवाब देने का प्रयास करेंगे। ऐसे ही अन्य लेख को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट janbhakti.in पर रोज़ाना विज़िट करें ।

FAQ’s:

Q. बड़ली भैरूजी मंदिर कहाँ स्थित है?

Ans. बड़ली भैरूजी मंदिर जोधपुर शहर से लगभग 13 किलोमीटर दूर बड़ली गांव में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव के एक रूप भैरव जी को समर्पित है।

Q. बड़ली भैरूजी मंदिर की क्या विशेषताएं हैं?

Ans. बड़ली भैरूजी मंदिर अपनी खूबसूरत और जटिल नक्काशीदार दीवारों के लिए जाना जाता है। मंदिर का वातावरण बेहद शांत और आध्यात्मिक है। 

Q. बड़ली भैरूजी मंदिर का धार्मिक महत्व क्या है?

Ans. बड़ली भैरूजी मंदिर भगवान शिव के भैरव स्वरूप को समर्पित है और स्थानीय लोगों द्वारा एक पवित्र स्थान माना जाता है। भक्त यहां भैरव जी की आराधना और पूजा करने आते हैं। मंदिर में भैरव जी की एक प्राचीन मूर्ति स्थापित है जिसे श्रद्धालु दर्शन करते हैं।

Q. बड़ली भैरूजी मंदिर कैसे पहुंचा जा सकता है?

Ans. बड़ली भैरूजी मंदिर सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है और यह जोधपुर रेलवे स्टेशन के पास स्थित है। जोधपुर से बस या टैक्सी से भी मंदिर आसानी से पहुंचा जा सकता है।

Q. बड़ली भैरूजी मंदिर कब खुलता है?

Ans. बड़ली भैरूजी मंदिर सुबह 7 बजे से रात 7 बजे तक हर दिन खुला रहता है। भक्त सुबह-सुबह मंदिर में आकर पूजा-अर्चना करते हैं और दिनभर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।

Q. बड़ली भैरूजी मंदिर के आसपास क्या है?

Ans. बड़ली भैरूजी मंदिर हरे-भरे बगीचों से घिरा हुआ है जो एक आकर्षक पिकनिक स्पॉट भी है। मंदिर के आसपास शांत और प्राकृतिक वातावरण है जहां लोग प्रार्थना और ध्यान के लिए आते हैं।