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Omkareshwar Mandir:ओंकारेश्वर मंदिर में दर्शन करने से प्राप्त होगा भगवान शिव का आशीर्वाद

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Omkareshwar Mandir: ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग (Omkareshwar Jyotirlinga) मंदिर भारत के मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मध्य में स्थित एक प्रतिष्ठित मंदिर है। यह देश के बारह ज्योतिर्लिंगों (Jyotirlingas) में से एक है, और यह हिंदू इतिहास और आध्यात्मिकता में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर मंधाता नामक द्वीप पर स्थित है, जो नर्मदा नदी (Narmada River) से घिरा हुआ है, जिससे यह देखने में मनमोहक हो जाता है।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर न केवल तीर्थयात्रियों के लिए एक आध्यात्मिक गंतव्य है, बल्कि एक सांस्कृतिक केंद्र भी है जो दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करता है। मंदिर की वास्तुकला, जटिल नक्काशी और शानदार आभा इसे प्राचीन भारतीय कला और शिल्प कौशल का एक उत्कृष्ट उदाहरण बनाती है । आज के इस लेख के जरिए हम आपको बताएंगे, ओंकारेश्वर मंदिर कहां है (Omkareshwar mandir kahan hai) , ओंकारेश्वर मंदिर का रहस्य (Omkareshwar Mandir secret) , ओंकारेश्वर दर्शन समय (Omkareshwar Darshan timing) , ओंकारेश्वर , आरती समय (Omkareshwar aarti timing) , ओंकारेश्वर की कथा (Omkareshwar ki katha) , ओंकारेश्वर के बारे में हिंदी में (Omkareshwar in hindi) , ओंकारेश्वर महादेव (Omkareshwar mahadev) , ओंकारेश्वर कहां है (where is Omkareshwar jyotirlinga) , ओंकारेश्वर मंदिर दर्शन बुकिंग (Omkareshwar temple darshan booking) , ओंकारेश्वर से उज्जैन की दूरी|Omkareshwar se ujjain ki duri , ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग दर्शन समय (Omkareshwar jyotirlinga temple timings), ओंकारेश्वर का इतिहास हिंदी में (Omkareshwar history in hindi) इत्यादि इसीलिए हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़िए ।

ओंकारेश्वर मंदिर कहां है| Omkareshwar Mandir kahan Hai

ओंकारेश्वर मंदिर (Omkareshwar Temple) मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खंडवा (Khandwa) जिले में स्थित है। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग है। यह मंदिर नर्मदा नदी (Narmada river) के द्वीप पर स्थित है जो ‘ॐ’ के आकार का दिखता है।

ओंकारेश्वर मंदिर का रहस्य| Omkareshwar Mandir Secret


पार्वती का आगमन:

  • यह मंदिर (temple) कई रहस्यों से जुड़ा हुआ है। सबसे प्रसिद्ध रहस्य यह है कि ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती (Goddess) (Parvati) हर रात मंदिर में निवास करते हैं। रात में, मंदिर के गर्भगृह में चार चौसर और पांसे रखे जाते हैं। सुबह, पांसे बिखरे हुए पाए जाते हैं, यह दर्शाता है कि भगवान शिव और माता पार्वती ने रात में चौसर खेला।

अद्भुत शिवलिंग:

  • ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग (Omkareshwar Jyotirlinga) स्वयंभू है, यानी यह मानव निर्मित नहीं है। यह शिवलिंग Shivling पत्थर से बना है और ‘ॐ’ का आकार धारण करता है। शिवलिंग के चारों ओर हमेशा जल भरा रहता है।

नर्मदा नदी का महत्व:

  • नर्मदा नदी Narmada river को भी ओंकारेश्वर मंदिर Omkareshwar Temple के रहस्य से जोड़ा जाता है। नर्मदा नदी को गंगा नदी Ganga river की बहन माना जाता है और यह हिंदुओं Hindus के लिए एक पवित्र नदी है। ऐसा माना जाता है कि नर्मदा नदी में स्नान करने से पापों का नाश होता है।

ओंकारेश्वर दर्शन समय| Omkareshwar Darshan Timing

अनुष्ठानों की जटिलताओं में जाने से पहले, अपनी यात्रा (journey) की प्रभावी ढंग से योजना बनाने के लिए मंदिर के समय को जानना आवश्यक है। ओंकारेश्वर मंदिर (Omkareshwar Temple) आम तौर पर एक दैनिक कार्यक्रम का पालन करता है, और आपकी आध्यात्मिक यात्रा का अधिकतम लाभ उठाने के लिए इन समयों के बारे में जागरूक होना महत्वपूर्ण है:

प्रातः दर्शन: प्रातः 5:00 बजे से अपराह्न 3:50 बजे तक।
शाम के दर्शनशाम 4:15 बजे से रात 9:30 बजे तक।
मंगल आरतीप्रातः 5:00 बजे से प्रातः 5:30 बजे तक।
जलाभिषेकसुबह 5:30 बजे से दोपहर 12:25 बजे तक।
संध्या आरतीरात्रि 8:20 बजे से रात्रि 9:05 बजे तक।

ओंकारेश्वर आरती समय| Omkareshwar Aarti Timing

आरती, या दीपदान और प्रार्थना से जुड़े धार्मिक अनुष्ठान, ओंकारेश्वर मंदिर (Omkareshwar Temple) की दैनिक दिनचर्या का एक अभिन्न अंग हैं। मंदिर दिन के अलग-अलग समय पर कई आरती आयोजित करता है। कुछ महत्वपूर्ण आरतियाँ हैं:

  • मंगल आरती: यह आरती सुबह सूर्योदय से पहले होती है, आमतौर पर सुबह 5:00 बजे के आसपास। यह एक शांत और आध्यात्मिक रूप से उत्थानकारी अनुभव है जो दिन की धार्मिक गतिविधियों की शुरुआत का प्रतीक है।
  • रुद्र अभिषेक: रुद्र अभिषेक भगवान शिव के सम्मान में की जाने वाली एक विशेष पूजा है। यह दोपहर के आसपास आयोजित किया जाता है, आमतौर पर दोपहर 12:00 बजे।
  • संध्या आरती: शाम की आरती, जिसे संध्या आरती के नाम से जाना जाता है, सूर्यास्त के आसपास, लगभग 6:00 बजे की जाती है। यह वह समय है जब भक्त प्रार्थना करने और भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिए इकट्ठा होते हैं।
  • शयन आरती: दिन की आखिरी आरती, शयन आरती, रात 9:00 बजे के आसपास होती है। यह भगवान शिव के आराम करने के समय का प्रतीक है और मंदिर के दैनिक अनुष्ठानों को समाप्त करने का एक शांतिपूर्ण तरीका है।
आरतीसमय
मंगल आरतीसुबह 5:00 बजे
रुद्र अभिषेकदोपहर 12:00 बजे
संध्या आरतीलगभग 6:00 बजे
शयन आरतीरात 9:00 बजे

ओंकारेश्वर की कथा| Omkareshwar ki katha

हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार, विंध्य पर्वत श्रृंखला के देवता विंध्य अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा कर रहे थे। इस प्रकार, उन्होंने रेत और मिट्टी से बना एक लिंगम बनाया। शिव (shiv) उनकी पूजा से प्रसन्न हुए और दो रूपों में प्रकट हुए, ओंकारेश्वर और अमलेश्वर। चूंकि मिट्टी का टीला ‘ओम’ के आकार का था, इसलिए इस द्वीप को ओंकारेश्वर कहा जाने लगा।

दूसरी कथा मांधाता (Mandhata) और उनके पुत्र son की तपस्या (penance) से संबंधित है। इक्ष्वाकु वंश के राजा मांधाता (भगवान राम के पूर्वज) ने यहां भगवान शिव Lord Shiva की तब तक पूजा की जब तक भगवान स्वयं ज्योतिर्लिंग Jyotirlinga के रूप में प्रकट नहीं हुए। कई विद्वान यह भी बताते हैं कि कैसे मांधाता Mandhata के पुत्रों, अंबरीश Ambarish और मुचुकुंद Muchukund ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या penance की थी, जिसके परिणामस्वरूप पर्वत Mountain का नाम मांधाता Mandhata रख दिया गया।

तीसरी कहानी हिंदू धर्मग्रंथों से है, जिसमें कहा गया है कि एक बार देवों (देवताओं) और दानवों (राक्षसों) के बीच महान युद्ध हुआ था जिसमें दानवों की जीत हुई थी। यह देवताओं के लिए एक बड़ा झटका था और इसलिए उन्होंने भगवान शिव से प्रार्थना की। उनकी प्रार्थनाओं से प्रसन्न होकर, शिव ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए और दानवों को हराया और फिर इसके बाद इस शहर का नाम ओंकारेश्वर रख दिया गया ।

ओंकारेश्वर के बारे में हिंदी में |Omkareshwar in Hindi

ओंकारेश्वर (Omkareshwar), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) राज्य का एक शहर है जो अपनी धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर नर्मदा नदी के किनारे बसा है और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के लिए प्रसिद्ध है, जो भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

  • स्थान: ओंकारेश्वर शहर मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है। यह शहर नर्मदा नदी के किनारे एक द्वीप पर बसा हुआ है।
  • जनसंख्या: ओंकारेश्वर शहर की जनसंख्या लगभग 10,000 है।
  • धार्मिक महत्व: ओंकारेश्वर शहर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यह शहर ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के लिए प्रसिद्ध है, जो भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
  • ऐतिहासिक महत्व: ओंकारेश्वर शहर का ऐतिहासिक महत्व भी बहुत है। यह शहर कई प्राचीन मंदिरों और स्मारकों का घर है।
  • पर्यटन: ओंकारेश्वर शहर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह शहर धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटकों के लिए समान रूप से आकर्षक है।

ओंकारेश्वर महादेव| Omkareshwar Mahadev

ओंकारेश्वर महादेव (Omkareshwar Mahadev), मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित भगवान शिव (Lord Shiva) का एक पवित्र ज्योतिर्लिंग (Jyotirlinga) है। यह नर्मदा नदी (Narmada river) के मध्य स्थित एक द्वीप पर स्थित है, जो ॐ के आकार का है। ओंकारेश्वर (Omkareshwar) को 12 ज्योतिर्लिंगों (Jyotirlingas) में से एक माना जाता है, और इसकी स्थापना भगवान विष्णु द्वारा की गई थी। ओंकारेश्वर मंदिर दो भागों में विभाजित है: ओंकारेश्वर और ममलेश्वर। ओंकारेश्वर मंदिर में, भगवान शिव (Lord Shiva) को “ओंकारेश्वर” के रूप में पूजा जाता है, और ममलेश्वर मंदिर में, भगवान शिव को “ममलेश्वर” के रूप में पूजा जाता है। ओंकारेश्वर मंदिर में, मुख्य मूर्ति “ओंकारेश्वर” भगवान शिव के स्वयंभू (स्वयं प्रकट) लिंग के रूप में है।

यह मंदिर अपनी भव्यता और वास्तुकला (Architecture) के लिए जाना जाता है। मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है, और इसमें कई सुंदर मूर्तियां और नक्काशी हैं। ओंकारेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार पर, नंदी बैल की एक विशाल मूर्ति है। मंदिर के अंदर, कई अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी हैं, जिनमें गणेश, पार्वती, और कार्तिकेय शामिल हैं। ओंकारेश्वर मंदिर, नर्मदा नदी के किनारे स्थित है, और नदी का मनोरम दृश्य प्रदान करता है। ओंकारेश्वर मंदिर के आसपास, कई अन्य धार्मिक स्थल भी हैं, जिनमें ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, ममलेश्वर मंदिर, और सिद्धनाथ मंदिर शामिल हैं। ओंकारेश्वर मंदिर, हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। हर साल, लाखों श्रद्धालु ओंकारेश्वर मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं। ओंकारेश्वर मंदिर में दर्शन करने का सबसे अच्छा समय, महाशिवरात्रि और कार्तिक पूर्णिमा के त्योहारों के दौरान होता है।

ओंकारेश्वर कहां है| where is Omkareshwar jyotirlinga

ओंकारेश्वर, मध्य प्रदेश राज्य के खंडवा जिले में स्थित एक पवित्र हिंदू तीर्थ स्थल है। यह नर्मदा नदी के किनारे स्थित एक द्वीप पर स्थित है, जो ‘ॐ’ के आकार का है। यही कारण है कि इसे ओंकारेश्वर कहा जाता है। ओंकारेश्वर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, और भगवान शिव को समर्पित है।

ओंकारेश्वर मंदिर दर्शन बुकिंग| Omkareshwar Temple Darshan Booking


ओंकारेश्वर मंदिर में दर्शन की बुकिंग प्रक्रिया कुछ इस प्रकार है-

वेबसाइट:

  • https://shriomkareshwar.org/ पर जाएं।
  • “दर्शन टोकन” टैब पर क्लिक करें।
  • अपनी पसंद के अनुसार “निशुल्क दर्शन टोकन बुकिंग” या “विशेष दर्शन टिकट बुकिंग” चुनें।
  • अपनी जानकारी, जैसे नाम, मोबाइल नंबर, दर्शन की तारीख और समय भरें।
  • “बुकिंग” पर क्लिक करें और पुष्टिकरण संदेश प्राप्त करें।

मोबाइल ऐप:

  • “ओंकारेश्वर मंदिर” ऐप डाउनलोड करें।
  • ऐप में “दर्शन बुकिंग” पर क्लिक करें।
  • अपनी जानकारी भरें और “बुकिंग” पर क्लिक करें।
  • पुष्टिकरण संदेश प्राप्त करें।

ओंकारेश्वर से उज्जैन की दूरी| Omkareshwar se Ujjain ki Duri

ओंकारेश्वर से उज्जैन की दूरी लगभग 135 किलोमीटर है। सड़क मार्ग से यह दूरी लगभग 3 घंटे 30 मिनट में तय की जा सकती है। ओंकारेश्वर से उज्जैन जाने के लिए कई मार्ग हैं।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग दर्शन समय| Omkareshwar jyotirlinga Temple Timings

                                            दर्शन समय

सुबह 5 बजेरात 9:30 बजे

ओंकारेश्वर मंदिर (Omkareshwar Temple) सुबह 5 बजे खुलता है और रात 9:30 बजे बंद हो जाता है। इस दौरान मंदिर (Temple) में विभिन्न अनुष्ठान भी किए जाते हैं। भक्त इन अनुष्ठानों का हिस्सा बन सकते हैं, जैसे सुबह morning, दोपहर और शाम की आरती, सुबह 5:00 से रात 9:30 बजे के बीच के समय में आप ओंकारेश्वर मंदिर (Omkareshwar Temple) में दर्शन एवं अनुष्ठान कर सकते हैं, और दिव्य लिंग के दर्शन करके स्वयं को सौभाग्यशाली (blessed) भी बना सकते हैं।

ओंकारेश्वर का इतिहास हिंदी में| Omkareshwar History in Hindi

हिंदू पौराणिक कथाओ के अनुसार, विंध्य पर्वत (Vindhya Mountains) श्रृंखला के देवता विंध्य अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा कर रहे थे। इस प्रकार, उन्होंने रेत और मिट्टी से बना एक पवित्र ज्यामितीय पैटर्न और एक लिंगम बनाया। शिव उनकी पूजा से प्रसन्न हुए और दो रूपों में प्रकट हुए, ओंकारेश्वर (Omkareshwar) एवं अमलेश्वर (Amleshwar)। 

दूसरी कथा मांधाता (Mandhata) और उनके पुत्र (son) की तपस्या से संबंधित है। इक्ष्वाकु वंश के राजा मांधाता Omkareshwar (भगवान राम के पूर्वज) ने यहां भगवान शिव Lord Shiva की तब तक पूजा की जब तक भगवान स्वयं ज्योतिर्लिंग Jyotirlinga के रूप में प्रकट नहीं हुए। कई विद्वान यह भी बताते हैं कि कैसे मांधाता के पुत्रों, अंबरीश (Ambarish) और मुचुकुंद (Muchukund) ने भगवान शिव Lord Shiva को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या penance की थी, जिसके परिणामस्वरूप पर्वत Mount का नाम मांधाता Mandhata पड़ा।

तीसरी कहानी हिंदू धर्मग्रंथों से है, जिसमें कहा गया है कि एक बार देवों (देवताओं) और दानवों (राक्षसों) के बीच महान युद्ध हुआ था जिसमें दानवों की जीत हुई थी। यह देवताओं के लिए एक बड़ा झटका था और इसलिए उन्होंने भगवान शिव (Lord Shiva) से प्रार्थना की। उनकी प्रार्थनाओं से प्रसन्न होकर, शिव ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए और दानवों को हराया।

ओंकारेश्वर फोटो| Omkareshwar Image

प्रसिद्ध ओंकारेश्वर  से संबंधित कुछ खास तस्वीरें हम आप से साझा कर रहे हैं ओंकारेश्वर की अलौकिक तस्वीर देखकर आप हैरान हो जाएंगे अगर आप चाहे तो आप इन तस्वीरों को सरलता पूर्वक डाउनलोड भी कर सकते हैं।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग Images| Omkareshwar jyotirling Images

ओंकारेश्वर मंदिर (Omkareshwar Temple) के ज्योतिर्लिंग (Jyotirlinga) से संबंधित कुछ विशेष तस्वीरें हम आपसे साझा कर रहे हैं, इन तस्वीरों को देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे हो जाएंगे। और अगर आप चाहे तो इन तस्वीरों को डाउनलोड भी कर सकते हैं।

Summary

ओंकारेश्वर मंदिर एक धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान है। यह मंदिर न केवल भगवान शिव के प्रति भक्ति का प्रतीक है, बल्कि भारत की समृद्ध विरासत और संस्कृति का भी प्रतीक है। ओंकारेश्वर मंदिर से संबंधित यह लेख अगर आपको पसंद आया हो तो इसे अपने मित्रों के साथ अवश्य साझा करें साथ ही हमारे अन्य आर्टिकल्स को भी जरूर पढ़ें।

FAQ’s

Q. ओंकारेश्वर मंदिर कहाँ स्थित है?

Ans. ओंकारेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर शहर में नर्मदा नदी के द्वीप पर स्थित है।

Q. ओंकारेश्वर मंदिर का निर्माण कब हुआ था?

Ans. ओंकारेश्वर मंदिर का निर्माण 7वीं से 8वीं शताब्दी के बीच हुआ था।

Q.ओंकारेश्वर मंदिर किस भगवान को समर्पित है?

Ans. ओंकारेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।

Q. ओंकारेश्वर मंदिर को 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक क्यों माना जाता है?

Ans.  ओंकारेश्वर मंदिर को 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है क्योंकि यहां भगवान शिव स्वयंभू रूप में विराजमान हैं।

Q. ओंकारेश्वर मंदिर तक कैसे पहुंचा जा सकता है?

Ans. ओंकारेश्वर मंदिर तक पहुंचने के लिए सड़क, रेल और हवाई मार्ग का उपयोग किया जा सकता है।पवित्र मंदिर