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Prachin Shri Hanuman Mandir: दिल्ली में मौजूद है, देश का सबसे प्राचीन श्री हनुमान मंदिर, जानिए इसके इतिहास, वास्तुकला व प्रवेश शुल्क के बारे में

Prachin Shri Hanuman Mandir
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प्राचीन श्री हनुमान मंदिर (Prachin Shri Hanuman Mandir): दिल्ली के हृदय में स्थित प्राचीन श्री हनुमान मंदिर (Prachin Shri Hanuman Mandir), भगवान हनुमान (Bhagwan Hanuman) को समर्पित एक प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थल है। यह मंदिर अपनी अद्वितीय वास्तुकला, ऐतिहासिक महत्व और आध्यात्मिक ऊर्जा के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इस मंदिर का इतिहास कई सदियों पुराना है, और यहां की वास्तुकला भारतीय संस्कृति की भव्यता को प्रदर्शित करती है। क्या आप जानते हैं कि प्राचीन श्री हनुमान मंदिर का इतिहास क्या है? इसकी वास्तुकला कैसी है? मंदिर में दर्शन का समय क्या है? और यहां कैसे पहुंचा जा सकता है?

क्या आप जानते हैं कि मंदिर के प्रवेश शुल्क क्या है? इस लेख में, हम आपको प्राचीन श्री हनुमान मंदिर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। हम आपको बताएंगे कि मंदिर की विशेषताएं क्या हैं, इसका महत्व क्या है, और यहां क्या देखा जा सकता है। यह लेख प्राचीन श्री हनुमान मंदिर के जातकों के लिए तो उपयोगी होगा ही, साथ ही अन्य पर्यटकों को भी मंदिर के बारे में जानने में मदद करेगा। तो आइए, जानें प्राचीन श्री हनुमान मंदिर के बारे में और अपनी यात्रा को यादगार बनाएं। 

इस लेख के माध्यम से, हम आपको दिल्ली में स्थित प्राचीन श्री हनुमान मंदिर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे इसीलिए हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें….

प्राचीन श्री हनुमान मंदिर क्या है? (Prachin Shree Hanuman Mandir kya Hai)

नई दिल्ली के हृदय स्थल, कनॉट प्लेस में स्थित एक प्राचीन श्री हनुमान मंदिर अपनी महाभारत (Mahabharata) कालीन विरासत के कारण भक्तों के लिए आस्था का अद्वितीय केंद्र है। इस मंदिर के शिखर पर बालचंद्र अंकित है, जो इसकी प्राचीनता और पवित्रता को और अधिक विशेष बनाता है। यहाँ हनुमान जी स्वयंभू रूप में विराजमान हैं। इस मंदिर के पास स्थित शनि मंदिर भी ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, जिसे एक दक्षिण भारतीय भक्त द्वारा स्थापित किया गया था। इस शनि मंदिर में विशेष रूप से दक्षिण भारतीय श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शनों के लिए आते हैं। मंगलवार के दिन और विशेष रूप से हनुमान जयंती पर यहाँ भजन संध्या और भंडारे का आयोजन होता है, जिसमें भागीरथी संस्था के सहयोग से क्षेत्र में झांकी निकाली जाती है और श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जाता है।

प्राचीन श्री हनुमान मंदिर का इतिहास क्या है? (Prachin Shri Hanuman Mandir ka Itihas kya Hai)

दिल्ली का ऐतिहासिक नाम इंद्रप्रस्थ है, जिसे महाभारत (Mahabharata) काल में पांडवों ने यमुना नदी के किनारे बसाया था। उस समय पांडव इंद्रप्रस्थ और कौरव हस्तिनापुर पर शासन करते थे, दोनों ही कुरु वंश से थे। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, भीम और हनुमान जी को वायु-पुत्र कहा जाता है और उन्हें भाई माना जाता है। पांडवों ने इंद्रप्रस्थ की स्थापना के समय यहाँ पांच हनुमान मंदिरों की स्थापना की थी, जिनमें से एक यह मंदिर है।

कहा जाता है कि भक्तिकालीन संत तुलसीदास जी ने दिल्ली यात्रा के दौरान इस मंदिर में दर्शन किए थे और यहीं पर उन्होंने हनुमान चालीसा की रचना की थी। उस समय मुगल सम्राट ने उनसे चमत्कार दिखाने का आग्रह किया, जिस पर तुलसीदास जी ने हनुमान जी की कृपा से सम्राट को संतुष्ट किया। प्रसन्न होकर सम्राट ने मंदिर के शिखर पर इस्लामी चंद्रमा सहित किरीट कलश भेंट किया। इस चंद्रमा के सम्मान में किसी मुस्लिम आक्रमणकारी ने इस मंदिर को कभी क्षति नहीं पहुंचाई। वर्तमान इमारत को आंबेर के महाराजा मान सिंह प्रथम ने मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल में बनवाया था और इसका विस्तार महाराजा जयसिंह द्वितीय द्वारा जंतर मंतर के साथ किया गया था। समय-समय पर इमारत में बदलाव होते रहे हैं।

यहां का प्रमुख आकर्षण “श्रीराम जय राम, जय जय राम” मंत्र का 24-घंटे का अटूट जाप है, जो 1 अगस्त 1964 से अनवरत चल रहा है और इसे गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज किया गया है। साथ ही, मंदिर के पास स्थित एशिया के सबसे बड़े फूल बाजार में पिछले पंद्रह वर्षों से फूलों का व्यापार होता आ रहा है, जिससे दिल्ली का निर्यात महत्वपूर्ण योगदान देता है।

दिल्ली के प्राचीन श्री हनुमान मंदिर की वास्तुकला कैसी है? (Delhi ke Prachin Shri Hanuman Mandir ki Vastu kala kaisi Hai)

दिल्ली का प्राचीन श्री हनुमान मंदिर उत्तर भारतीय वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण है, जहां भव्य शिखर और आकर्षक नक्काशी वाली दीवारें और स्तंभ मन को मोहित कर देते हैं। इसके मुख्य गर्भगृह में काले पत्थर से बनी लगभग 10 फीट ऊंची हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित है, जिसमें वे एक हाथ में गदा और दूसरे में कमल लिए खड़े हैं। मंदिर परिसर में भगवान राम, शिव, और देवी दुर्गा समेत कई अन्य देवताओं के छोटे-छोटे मंदिर भी हैं। कहा जाता है कि पांडवों ने कुरुक्षेत्र युद्ध में विजय के बाद इस मंदिर की स्थापना की थी, और वर्तमान संरचना मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल के दौरान बनाई गई। यहां राम धुन का निरंतर जाप इस मंदिर की एक विशेष पहचान है, जो भक्तों को अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव कराता है।

प्राचीन श्री हनुमान मंदिर में दर्शन का समय क्या है? (Prachin Shri Hanuman Mandir Mein Darshan ka Samay kya Hai)

दिल्ली के प्राचीन हनुमान मंदिर (Prachin Shri Hanuman Mandir) में दर्शन का समय सुबह 5:00 से लेकर रात 11:00 तक के बीच का है इस समय सारणी को ध्यान में रखते हुए आप मंदिर में दर्शन करने आ सकते हैं।

प्राचीन श्री हनुमान मंदिर कैसे पहुंचे? (Prachin Shri Hanuman Mandir kaise Pahunche)

  • वायु मार्ग: इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से आप टैक्सी या मेट्रो द्वारा करीब 45 मिनट में राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पहुंच सकते हैं। स्टेशन से मंदिर केवल 5 मिनट की पैदल दूरी पर है।
  • सड़क मार्ग: आप निजी वाहन, टैक्सी या बस द्वारा कनॉट प्लेस पहुंच सकते हैं। मंदिर बाबा खड़क सिंह मार्ग पर स्थित है। पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है। दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों से बसें भी यहां तक आती हैं।
  • रेल मार्ग: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से आप मेट्रो का प्रयोग कर राजीव चौक स्टेशन तक आ सकते हैं। मेट्रो से यात्रा का समय लगभग 10-15 मिनट है। स्टेशन से मंदिर तक आसानी से पैदल जा सकते हैं।

प्राचीन श्री हनुमान मंदिर में प्रवेश शुल्क क्या है? (Prachin Shri Hanuman Mandir Mein Pravesh Shulk kya Hai)

प्राचीन हनुमान मंदिर (Prachin Shri Hanuman Mandir) में प्रवेश निशुल्क है, यहां दर्शन करने आने वाले सभी श्रद्धालुओं से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है।

Conclusion:- Prachin Shri Hanuman Mandir

आशा करते हैं की (प्राचीन श्री हनुमान मंदिर) से संबंधित यह बेहद खास लेख आपको पसंद आया होगा अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद 

FAQ’s

1. प्राचीन श्री हनुमान मंदिर कहाँ स्थित है?

प्राचीन श्री हनुमान मंदिर [स्थान नाम] में स्थित है। यह मंदिर [नजदीकी शहर या प्रमुख स्थल] के पास है, और यहां तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग, रेलवे या हवाई मार्ग का उपयोग किया जा सकता है।

2. मंदिर का इतिहास क्या है?

इस मंदिर का निर्माण [साल या युग] में किया गया था और इसे भगवान हनुमान के एक प्राचीन और पवित्र स्थल के रूप में माना जाता है। यह मंदिर स्थानीय किंवदंतियों और धार्मिक महाकाव्यों से जुड़ा हुआ है और इसका ऐतिहासिक महत्व भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है।

3. मंदिर के दर्शन का समय क्या है?

मंदिर के दर्शन सुबह [समय] से शाम [समय] तक होते हैं। विशेष अवसरों पर, जैसे कि मंगलवार और शनिवार, मंदिर के दर्शन के समय में विस्तार किया जा सकता है। त्योहारी सीजन में भी मंदिर की खुलने की अवधि अधिक होती है।

4. मंदिर में पूजा और आरती का समय कब होता है?

मंदिर में प्रमुख आरती का समय [सुबह/शाम] [समय] बजे होता है। इसके अलावा, भक्त दिन भर में अन्य पूजा और अनुष्ठान भी कर सकते हैं। विशेष धार्मिक उत्सवों के दौरान, विशेष आरती और हवन आयोजित किए जाते हैं।

5. मंदिर में कौन-कौन से प्रमुख त्यौहार मनाए जाते हैं?

प्राचीन श्री हनुमान मंदिर में हनुमान जयंती, रामनवमी, दीवाली और मकर संक्रांति जैसे प्रमुख त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं। इन त्योहारों पर मंदिर में विशेष पूजा, भजन-कीर्तन और धार्मिक अनुष्ठान आयोजित होते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते हैं।

6. मंदिर में क्या अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं?

मंदिर में भक्तों के लिए प्रसाद वितरण, जलपान की सुविधा, शौचालय और बैठने की व्यवस्था उपलब्ध है। इसके अलावा, मंदिर परिसर में एक धर्मशाला भी है, जहां दूर से आने वाले भक्त ठहर सकते हैं।

7. मंदिर कैसे पहुंचे?

मंदिर तक पहुँचने के लिए [नजदीकी रेलवे स्टेशन/बस स्टैंड] से नियमित परिवहन सेवाएं उपलब्ध हैं। निकटतम हवाई अड्डा [हवाई अड्डे का नाम] है, जो [किलोमीटर] की दूरी पर स्थित है। मंदिर परिसर के पास पार्किंग की भी सुविधा है।

8. क्या मंदिर में फोटोग्राफी की अनुमति है?

मंदिर के बाहर और परिसर में फोटोग्राफी की अनुमति है, लेकिन मुख्य गर्भगृह के अंदर फोटोग्राफी प्रतिबंधित है। कृपया मंदिर के नियमों का पालन करें और इस संबंध में मंदिर के कर्मचारियों से जानकारी लें।

9. क्या मंदिर में दान की कोई विशेष व्यवस्था है?

हां, भक्त मंदिर में दान कर सकते हैं। दान पेटी मंदिर परिसर में स्थित है, जहां आप नकद या वस्त्र, अनाज आदि का दान कर सकते हैं। इसके अलावा, मंदिर की वेबसाइट पर भी ऑनलाइन दान की सुविधा उपलब्ध हो सकती है।

10. क्या मंदिर में कोई विशेष धार्मिक अनुष्ठान कराया जा सकता है?

हाँ, प्राचीन श्री हनुमान मंदिर में भक्त विशेष पूजा, हवन, या अन्य धार्मिक अनुष्ठानों के लिए अनुरोध कर सकते हैं। इसके लिए आपको पहले से मंदिर कार्यालय से संपर्क करना होगा और अनुष्ठान की तिथि और समय निश्चित करना होगा।