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Rani Sati Temple: 400 साल से भी ज्यादा पुराना है राजस्थान के झुंझुनू का यह मंदिर, देश-विदेश दर्शन करने आते हैं सैलानी

Rani Sati Temple Jhunjhunu
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Rani Sati Temple, Jhunjhunu: राजस्थान (Rajasthan) के रेगिस्तानी इलाके में स्थित झुंझुनू (Jhunjhunu) जिले का एक छोटा सा कस्बा है, जहां पर एक ऐसा मंदिर है जो अपनी अद्भुत वास्तुकला और प्राचीन कथाओं के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है। यह है रानी सती मंदिर, जो 400 साल पुराना होने के साथ-साथ नारी शक्ति और पति-पत्नी के पावन प्रेम का प्रतीक माना जाता है।

रानी सती मंदिर (Rani Sati Temple) की नींव में एक ऐसी कहानी दफन है जो महाभारत काल से लेकर आज तक लोगों को प्रेरित करती आ रही है। यह कहानी है रानी नारायणी की, जो अपने पति की मृत्यु के बाद सती हो गईं थीं और तब से लोग उन्हें ‘रानी सती’ के नाम से पूजने लगे। मंदिर की दीवारों पर उकेरी गई उनकी कहानी हर किसी को नारी सामर्थ्य और धैर्य का संदेश देती है। रानी सती मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक धरोहर भी है। मंदिर की अनूठी वास्तुकला, रंग-बिरंगी दीवारें और झिलमिलाता सफेद संगमरमर हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देता है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ और उनकी आस्था इस बात का प्रमाण है कि रानी सती आज भी लोगों के दिलों में विराजमान हैं।

तो चलिए, आज हम आपको ले चलते हैं रानी सती मंदिर (Rani Sati Temple) की सैर पर। साथ ही जानेंगे रानी सती की पौराणिक कथा और इस मंदिर से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में। तो पढ़िए यह रोमांचक लेख अंत तक, क्योंकि इस मंदिर की कहानी जानने के बाद आप भी रानी सती के चरणों में सिर झुकाने से खुद को रोक नहीं पाएंगे…

रानी सती मंदिर के बारे में (About Rani Sati Temple)

मंदिर का फोन नंबर+91 1592 232755 , +91 33 40608244 
मंदिर का पताश्री रानी सती जी मंदिर झुंझुनू – 333001 राजस्थान, भारत
मंदिर की आधिकारिक वेबसाइटhttps://online.srsjm.org/ 
मंदिर की ईमेल आईडीshreeranisatijimandir@gmail.com 
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी2.9 किलोमीटर 
झुंझुनू रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी4.5 किलोमीटर 
जयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी193.6 किलोमीटर 
Google Maphttps://maps.app.goo.gl/wgR2qa5xFEemgSRs6

रानी सती मंदिर का इतिहास (History of Rani Sati Temple)

झुंझुनू (Jhunjhunu), राजस्थान (Rajasthan) में स्थित रानी सती मंदिर (Rani Sati Temple) का इतिहास लगभग 400 वर्ष पुराना है और यह एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थस्थल है। यह मंदिर देवी सती को समर्पित है, जो 13वीं से 17वीं शताब्दी के बीच रहने वाली एक राजस्थानी महिला थीं। उन्होंने अपने पति की मृत्यु पर सती प्रथा का पालन किया था। 

पौराणिक कथाओं के अनुसार, रानी सती की कहानी महाभारत (Mahabharata) काल से शुरू होती है। उत्तरा, अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु की पत्नी थीं। जब अभिमन्यु युद्ध में मारे गए, तो उत्तरा ने उनके साथ सती होने का निर्णय लिया। हालाँकि, वह उस समय गर्भवती थीं और भगवान कृष्ण ने हस्तक्षेप किया, उन्हें अपना निर्णय पुनर्विचार करने के लिए मनाया। उत्तरा ने तब प्रतिज्ञा की कि वह अगले जन्म में अभिमन्यु (Abhimanyu) की पत्नी बनेगी और सती का आलिंगन करेगी। अगले जन्म में, उत्तरा राजस्थान के डोकवा गाँव में गुरसमल की पुत्री के रूप में पैदा हुईं और उनका नाम नारायणी देवी रखा गया। अभिमन्यु हिसार में जलीराम के पुत्र के रूप में पैदा हुए और उनका नाम तंदन रखा गया। नारायणी देवी और तंदन की शादी हो गई। बाद में तंदन की वीरगति हुई, जिसके बाद नारायणी देवी ने उनकी मृत्यु का बदला लेने के लिए हिसार के राजा को मार डाला और फिर सती हो गईं।

तब से, रानी सती को नारी शक्ति और बलिदान का प्रतीक माना जाता है। उन्हें रानी सती, दादी मां, झुंझुनू वाली रानी सती और नारायणी देवी जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है। मंदिर परिसर में रानी सती के अलावा गणेश, शिव, हनुमान, सत्यनारायण और नवग्रह के मंदिर भी हैं।

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रानी सती मंदिर की वास्तुकला कैसी है? (How is the Architecture of Rani Sati Temple)

झुंझुनूं (Jhunjhunu), राजस्थान (Rajasthan) स्थित श्री रानी सती मंदिर (Rani Sati Temple) की वास्तुकला (Architecture) के बारे में मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

  • मंदिर परिसर में 13 सती मंदिर हैं, जिनमें से 12 छोटे और 1 बड़ा मंदिर रानी सती का है। 12 छोटे सती मंदिरों की सफेद संगमरमर की सुंदर कलाकृतियाँ एक पंक्ति में बनी हुई हैं।
  • मुख्य रानी सती मंदिर में किसी भी देवी या देवता की मूर्ति या चित्र नहीं है। इसके बजाय, शक्ति और बल का प्रतीक त्रिशूल को श्रद्धालुओं द्वारा पूजा जाता है। प्रधान मंडप में रानी सती का एक भव्य चित्र है।
  • पूरा मंदिर सफेद संगमरमर से निर्मित है और इसमें रंगीन भित्ति चित्र भी हैं जो समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। मंदिर की कलाकृति और अनूठी पेंटिंग इसकी शोभा में चार चाँद लगाती है।
  • मंदिर परिसर में एक उद्यान है जिसमें भगवान शिव की एक विशाल प्रतिमा स्थापित है। मंदिर में हनुमान जी, सीता माता, ठाकुर जी (श्री कृष्ण), गणेश जी और शिव जी के मंदिर भी हैं।
  • मंदिर की वास्तुकला भव्य है और इसमें सुंदर शिखर हैं। यह 400 साल पुरानी धरोहर अपनी अद्वितीय आकर्षण के लिए जानी जाती है।
  • मंदिर में सुंदर चित्रकारी और सफेद संगमरमर की संरचना है। मंदिर के शीर्ष पर एक सुनहरा कलश भी है जो इसकी खूबसूरती को और बढ़ाता है।

कुल मिलाकर, झुंझुनूं (Jhunjhunu) का श्री रानी सती मंदिर (Rani Sati Temple) अपनी शानदार वास्तुकला, विशिष्ट कलाकृतियों, भव्य निर्माण और चित्रकारी के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध है। यह भारत (India) के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है जहाँ लाखों श्रद्धालु हर साल दर्शन-पूजन के लिए आते हैं।

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रानी सती मंदिर कैसे पहुंचे? (How to reach Rani Sati Temple?)

श्री राणी सती मंदिर (Rani Sati Temple), झुंझुनू, राजस्थान (Rajasthan) तक पहुंचने के मार्ग:

रेल मार्ग:

  • झुंझुनू रेलवे स्टेशन मंदिर (Jhunjhunu Railway Station) से मात्र 4.5 किलोमीटर की दूरी पर है। झुंझुनू राजस्थान के प्रमुख शहरों से रेल द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

सड़क मार्ग:

  • झुंझुनू RJ-SH 8 द्वारा जयपुर, सीकर और लुहारु से जुड़ा है। झुंझुनू शहर के भीतर स्थित मंदिर आसानी से स्थानीय बस या टैक्सी द्वारा सुलभ है। झुंझुनू राजस्थान के प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा है।

वायु मार्ग:

  • झुंझुनू के निकटतम हवाई अड्डा जयपुर एयरपोर्ट (Jaipur Airport) है, जो लगभग 193.6 किलोमीटर दूर है। जयपुर हवाई अड्डे से मंदिर तक स्थानीय बस या टैक्सी द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।

रानी सती मंदिर में प्रवेश (शुल्क Rani Sati Temple Entry Fee)

झुंझुनू (Jhunjhunu), राजस्थान (Rajasthan) स्थित रानी सती मंदिर में प्रवेश निःशुल्क है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए कैंटीन और 100 रुपये से 700 रुपये प्रति रात तक के आवास की सुविधा उपलब्ध है।

रानी सती मंदिर में दर्शन का समय (Darshan timings in Rani Sati temple)

दर्शन में मंदिर दर्शन का समय 
सुबह सुबह 6:15-दोपहर 12 बजे तक
शाम शाम 4-9 बजे तक 

रानी सती मंदिर की फोटो (Photo of Rani Sati Temple) 

इस लेख केसरिया हम आपसे झुंझुनू के रानी सती मंदिर की बेहद अलौकिक तस्वीरें साझा कर रहे हैं,  इन तस्वीरों को देखकर आप मंदिर के सौंदर्य में खो जाएंगे। अगर आप चाहे तो इन तस्वीरों को डाउनलोड भी कर सकते हैं।

विशेष आयोजन  (Special Event)

झुंझुनू (Jhunjhunu) के रानी सती मंदिर में भाद्रपद अमावस्या पर एक विशाल पूजानुष्ठान आयोजित किया जाता है। लाखों श्रद्धालु इस शुभ दिन मंदिर परिसर में एकत्रित होते हैं और महान रानी सती के दर्शन करने के लिए कतार में खड़े होते हैं। इस दिन एक पवित्र पूजानुष्ठान आयोजित किया जाता है जिसमें श्रद्धालु श्रद्धा और अटूट आस्था के साथ श्री रानी सतीजी की पूजा करते हैं।

Conclusion:

रानी सती मंदिर (Rani Sati Temple) केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि राजस्थानी संस्कृति और परंपरा का भी प्रतीक है। राजस्थान के इस प्रसिद्ध मंदिर से संबंधित यह लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया इस लेख को अपने सभी प्रियजनों के साथ भी अवश्य साझा करें साथ ही हमारे अन्य सभी लेख भी जरूर पढ़ें। रानी सती मंदिर से संबंधित इस लेख में उत्पन्न अगर आपके मन में कोई प्रश्न हो तो उन प्रश्नों को कमेंट बॉक्स में जरूर लिखिए हम आपके सभी प्रश्नों का हर संभव जवाब देने का प्रयास करेंगे। ऐसे और भी रोचक और ऐतिहासिक मंदिरों के बारे में पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट https://janbhakti.in  पर रोजाना विजिट करें। 

FAQ’s:

Q. रानी सती मंदिर किसे समर्पित है और क्यों? 

Ans. रानी सती मंदिर, रानी सती को समर्पित है, जो एक राजस्थानी रानी थीं। मान्यता है कि उन्होंने अपने पति की मृत्यु के बाद सती प्रथा का पालन किया था। वह सम्मान, सम्मान और नारी शक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं। यह मंदिर उनकी स्मृति में बनाया गया था और उनके बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए है।

Q. रानी सती मंदिर कितना पुराना है? 

Ans. रानी सती मंदिर की स्थापना लगभग 400 साल पहले हुई थी। यह मंदिर 13वीं से 17वीं शताब्दी के बीच बनाया गया था। समय के साथ इसका विस्तार और नवीनीकरण किया गया है। आज यह राजस्थान का एक प्रमुख तीर्थ स्थल और पर्यटन आकर्षण है।

Q. रानी सती मंदिर की वास्तुकला कैसी है? 

Ans.रानी सती मंदिर बलुआ पत्थर से बना है और इसमें जटिल नक्काशी और मूर्तियां हैं। मंदिर की वास्तुकला राजस्थानी और इस्लामी शैलियों का मिश्रण है। इसमें सफेद संगमरमर की खूबसूरत कलाकृतियाँ और रंगीन दीवार चित्र हैं। मंदिर के शीर्ष पर एक सुनहरा कलश भी है।

Q. रानी सती मंदिर का महत्व क्या है? 

Ans. रानी सती मंदिर को सम्मान, सम्मान और नारी शक्ति का प्रतीक माना जाता है। यह राजस्थान का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है जहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु माँ रानी सती के दर्शन और आशीर्वाद लेने आते हैं। यह मंदिर नारी सशक्तिकरण और बलिदान की भावना का प्रतीक है।

Q. रानी सती मंदिर के पास के अन्य आकर्षण क्या हैं? 

Ans. रानी सती मंदिर के पास कई अन्य दर्शनीय स्थल हैं जैसे खेतड़ी महल, अजीत सागर झील, और बादलगढ़ किला। झुंझुनू शहर भी अपनी विरासत इमारतों, हवेलियों और बाजारों के लिए प्रसिद्ध है। पास ही स्थित मांडावा और नवलगढ़ भी पर्यटकों के लिए आकर्षक हैं।

Q. रानी सती मंदिर में प्रवेश के नियम क्या हैं? 

Ans. मंदिर में प्रवेश करने से पहले आगंतुकों को अपने जूते उतारने की आवश्यकता होती है। विनम्र वेशभूषा में आना भी अनुशंसित है। मंदिर में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की अनुमति नहीं है। मंदिर परिसर में धूम्रपान और मांसाहार वर्जित है।