Ratanada Ganesh Temple: जोधपुर (Jodhpur), राजस्थान की प्रसिद्ध नीली नगरी, न केवल अपने ऐतिहासिक किलों और महलों के लिए जानी जाती है, बल्कि अपनी समृद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए भी प्रसिद्ध है। इस शहर की आध्यात्मिक महत्ता का एक उल्लेखनीय उदाहरण है – गणेश मंदिर, रातानाड़ा। यह प्राचीन मंदिर भगवान गणेश (Lord Ganesh) को समर्पित है और अपनी अद्भुत वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
रातानाड़ा की पहाड़ियों पर स्थित, यह 150 वर्ष पुराना मंदिर एक शिक्षक द्वारा खोजी गई भगवान गणेश की एक विशाल प्रतिमा के स्थान पर बनाया गया था। यह 8 फीट ऊंची और 5 फीट चौड़ी प्रतिमा मंदिर का केंद्र बिंदु है, जो दूर-दूर से आने वाले भक्तों को आकर्षित करती है। मंदिर का वास्तुशिल्प मनमोहक है और राजस्थानी शैली में निर्मित है, जो इसकी सुंदरता में चार चांद लगाता है।
गणेश मंदिर रातानाड़ा, जोधपुर की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक अनमोल हीरा है। यह न केवल भगवान गणेश के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है, बल्कि राजस्थान की समृद्ध कला और वास्तुकला का भी एक शानदार उदाहरण है। यह मंदिर जोधपुर के लिए एक आध्यात्मिक गौरव का प्रतीक है और दुनिया भर से आने वाले भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है।
आज के इस विशेष लेख के जरिए हम आपको राजस्थान के जोधपुर में स्थित रातानाडा गणेश मंदिर के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे, हम आपको इस मंदिर के इतिहास, महत्व वास्तुकला, मंदिर में दर्शन का समय, प्रवेश शुल्क इत्यादि के बारे में भी बताएंगे इसीलिए हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़िए…
About Ratanada Ganesh Temple
मंदिर का फोन नंबर | 09413610520 / +91-9929885577 |
मंदिर की फेसबुक प्रोफाइल | GaneshMandirRatanada |
मंदिर का पूरा पता | Ganesh Mandir Road, 65, Circuit House Rd, Marg, Ratanada, Talab, Rajasthan 342001 |
Google Map | |
मंदिर की रेलवे स्टेशन से दूरी | 3 KM |
बस स्टेशन से दूरी | 3-4 KM |
हवाई अड्डे से मंदिर की दूरी | 3.4 KM |
https://www.instagram.com/ganesh_mandir_ratanada/ | |
मंदिर की अधिकारिक वेबसाइट | https://www.ganeshjiratanadajodhpur.com/ |
गणेश मंदिर रातानाडा का इतिहास (History of Ganesh Temple Ratanada)
गणेश मंदिर रातानाडा, जोधपुर: गणेश मंदिर रातानाडा (Ratanada Ganesh Temple) जोधपुर (Jodhpur) शहर से लगभग 5 किमी की दूरी पर स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है और इसका इतिहास लगभग 260 वर्ष पुराना है।
पौराणिक कथा के अनुसार, लगभग 260 साल पहले विश्वामित्र ऋषि ने इस स्थान पर तपस्या की थी। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान गणेश (Lord Ganesh) ने यहां स्वयं प्रकट होकर दर्शन दिए। यह स्वयंभू मूर्ति 5 फीट ऊंची और 3 फीट चौड़ी है जो एक 125 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। इस मूर्ति की पूजा शाकद्वीपीय ब्राह्मण समुदाय पिछले 260 वर्षों से करता आ रहा है।
मंदिर के पुजारी प्रदीप शर्मा और मोतीलाल शर्मा के अनुसार, जब उनके पूर्वजों ने पहली बार यहां पूजा शुरू की, तब यह मूर्ति पहले से ही मौजूद थी। 260 साल पहले धुंधोजी रतनाडा, जो सोजती गांव के पास बच्चों को पढ़ाया करते थे, जंगल में गए। वहां उन्हें भगवान गणेश की स्वयंभू मूर्ति के दिव्य दर्शन हुए। वे बहुत प्रसन्न हुए और मारवाड़ के महाराजा को इसकी सूचना दी। महाराजा ने अपने पुत्रों को इस देवता की सेवा करने का आदेश दिया। तब से पुजारी और उनके वंशज मंदिर में नियमित पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं।
हर साल गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के त्योहार के दौरान मंदिर श्रद्धालुओं से भरा रहता है। यह त्योहार एक जुलूस के साथ शुरू होता है, जहां भक्त संगीत और नृत्य के साथ मंदिर से गणेश जी की मूर्ति को अपने घरों तक ले जाते हैं। त्योहार के बाद मूर्ति को फिर से मंदिर में वापस लाया जाता है।
मंदिर में दो तालाब हैं, जिनमें से एक का उपयोग देवता के स्नान के लिए किया जाता है। स्नान के लिए प्रयुक्त जल को चरणामृत माना जाता है और पुजारियों तथा भक्तों में वितरित किया जाता है। भक्तों की सुविधा के लिए मारवाड़ के महाराजा द्वारा मंदिर में एक धर्मशाला भी बनवाई गई है।
यह मंदिर न केवल पूजा का स्थान है, बल्कि एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक स्थल भी है। यह मानसून के मौसम में होने वाली भैगीशैल परिक्रमा का प्रारंभिक बिंदु है। यह मंदिर नामकरण संस्कार, शादी और नए वाहनों की खरीद जैसे जीवन के विभिन्न अवसरों का भी अभिन्न अंग है। इन सभी कार्यों को शुरू करने से पहले लोग देवता का आशीर्वाद लेने मंदिर आते हैं।
गणेश मंदिर रातानाडा का महत्व (Significance of Ganesh Temple Ratanada)
गणेश मंदिर रातानाडा (Ratanada Ganesh Temple) का महत्व निम्नलिखित बिंदुओं में समझा जा सकता है:
- पौराणिक महत्व: कहा जाता है कि एक शिक्षक ने रतानंद की पहाड़ियों पर भगवान गणेश की एक विशाल 8 फीट ऊंची और 5 फीट चौड़ी प्रतिमा देखी थी। इसी स्थान पर 150 साल पहले इस मंदिर का निर्माण किया गया था।
- भक्तों का आकर्षण: यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहाँ पूजा-अर्चना के लिए आते हैं।
- वास्तुकला: मंदिर राजपूत और मुग़ल शैली का मिश्रण है, जिसमें जटिल नक्काशी और डिज़ाइन दीवारों और छतों को सजाते हैं। मुख्य प्रवेश एक विशाल मेहराब है, जिसके ऊपर एक ऊंचा शिखर है जो दूर से दिखाई देता है।
- शांत वातावरण: मंदिर परिसर हरे-भरे बागों से घिरा है, जिसमें ऊंचे पेड़ और रंगीन फूल इसकी सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। आगंतुक बगीचों में सैर कर सकते हैं और शांतिपूर्ण माहौल का आनंद ले सकते हैं।
- धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम: मंदिर का प्रबंधन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है, जो साल भर विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करता है, जो देश भर से भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
- पर्यटन स्थल: गणेश मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि एक ऐतिहासिक स्मारक भी है। इसका ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व, सुंदर वास्तुकला और शांतिपूर्ण वातावरण इसे एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनाता है।
रातानाडा गणेश मंदिर की वास्तुकला (Architecture of Ganesh Temple Ratanada?)
गणेश मंदिर, रातानाडा (Ratanada Ganesh Temple), जोधपुर, राजस्थान (Rajasthan) की वास्तुकला अनूठी है और इसके विभिन्न पहलुओं के बारे में निम्नलिखित आठ बिंदुओं में विवरण दिया गया है:
- सामग्री और निर्माण: मंदिर लाल बालुआ पत्थर से निर्मित है और इसकी दीवारों पर सूक्ष्म नक्काशी की गई है।
- प्रवेश द्वार: मंदिर के प्रवेश द्वार पर भगवान गणेश और अन्य हिंदू देवताओं की सूक्ष्म नक्काशी है।
- मुख्य हॉल: मंदिर के मुख्य हॉल में भगवान गणेश की विशाल प्रतिमा है, जो मंदिर की मुख्य आकर्षण का केंद्र बिंदु है।
- दीवारों की मूर्तियां: मंदिर की दीवारों पर भगवान गणेश की कई छोटी-छोटी मूर्तियां हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अद्वितीय विशेषताएं और नक्काशी हैं।
- छत की नक्काशी: मंदिर की छत पर हिंदू पौराणिक कथाओं की सूक्ष्म नक्काशी है, जो दर्शनीय है।
- आंगन: मंदिर के आंगन में अन्य हिंदू देवताओं के लिए कई छोटे-छोटे मंदिर हैं।
- बागवानी: मंदिर के आस-पास हरे-भरे बगीचे हैं, जो इसकी सुंदरता में चार चाँद लगाते हैं।
- वास्तुकला: मंदिर की वास्तुकला राजस्थानी और मराठी शैलियों का संगम है, जो इसके ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती है।
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गणेश मंदिर, रातानाडा आरती का समय (Ganesh Temple, Ratanada Aarti Timings)
गणेश मंदिर रातनाडा में प्रतिदिन होने वाली आरती हम आपसे साझा कर रहे हैं, इस समय सारणी को ध्यान में रखते हुए अगर आप मंदिर में दर्शन करने जाएंगे तो मंदिर में होने वाली विशेष आरती में भी सम्मिलित हो सकेंगे और भगवान गणेश का आशीर्वाद ले सकेंगे –
मौसम | प्रातः आरती | संध्या आरती |
गर्मी के मौसम में | 5:30 am – 6 am | 7:30 pm – 8 pm |
सर्दियों के मौसम में | 6 am – 6:30 am | 7 pm – 7:30 pm |
गणेश मंदिर, रातानाडा प्रवेश शुल्क (Ganesh Temple, Ratanada Entry Fee)
राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर (Jodhpur) में स्थित भव्य और अलौकिक रातानाडा गणेश मंदिर, में भगवान गणेश (Lord Ganesh) जी के दर्शन करने के लिए किसी भी प्रकार का प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है। आप सभी बिना किसी शुल्क के गणेश मंदिर में भगवान गणेश जी के दर्शन का लाभ उठा सकते हैं।
गणेश मंदिर, रातानाडा की फोटो (Photo of Ganesh Temple, Ratanada)
गणेश मंदिर, रातानाडा (Ratanada Ganesh,Temple) की कुछ विशेष तस्वीर हम आपसे साझा कर रहे हैं अगर आप चाहे तो इन तस्वीरों को डाउनलोड भी कर सकते हैं।
रातानाडा गणेश मंदिर कैसे पहुंचे? (How to Reach Ratanada Ganesh Temple)
रातानाडा गणेश मंदिर (Ratanada Ganesh Temple), जोधपुर (Jodhpur), राजस्थान (Rajasthan) में स्थित है। यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है और यहाँ तक पहुँचने के तीन तरीके हैं – सड़क, रेल, और हवाई मार्ग।
- सड़क द्वारा: जोधपुर को देश के विभिन्न हिस्सों से जोड़ने वाली राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों का उपयोग करके मंदिर तक पहुँचा जा सकता है।
- रेल द्वारा: जोधपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर करीब 3 किलोमीटर दूर है और इसे टैक्सी या स्थानीय परिवहन द्वारा पहुँचा जा सकता है।
- हवाई मार्गद्वारा: जोधपुर हवाई अड्डा भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, और मंदिर हवाई अड्डे से केवल 6 किलोमीटर दूर स्थित है।
विशेष आयोजन (Special Event)
रातानाडा, जोधपुर में स्थित प्राचीन गणेश मंदिर में विशेष आयोजन होते हैं। यह मंदिर भगवान गणेश (Lord Ganesh) की पूजा के लिए विशेष रूप से जाना जाता है, जिनके दर्शन से मान्यता है कि समृद्धि और खुशहाली आती है। नए साल की शुरुआत पर, यहां भारी भीड़ उमड़ती है जहां लोग भगवान गणेश की विशेष पूजा करने आते हैं। एक विशेष आयोजन के तहत, यहां एक साथ हजारों लड्डुओं का भोग लगाया जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के नाम से जाना जाता है गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी की झांकियां निकाली जाती है तथा मंदिर में विशेष लड्डुओं का भोग लगाया जाता है और मंदिर को फूल माला एवं लाइटों से खूब सजाया जाता है, यहां पर आने वाला हर भक्त भगवान गणेश की भक्ति में लीन हो जाता है।
Conclusion:
रातानाडा गणेश मंदिर (Ganesh Temple) केवल एक धार्मिक स्थल होने से कहीं अधिक है। यह आस्था, शक्ति और चमत्कारों का संगम है। यहाँ आने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती है, और उन्हें जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है। रातानाडा के गणेश मंदिर से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको अच्छा लगा हो तो कृपया इसलिेएख को अपने प्रिय जनों के साथ अवश्य साझा करें, साथ ही हमारे अन्य सभी आर्टिकल्स को भी एक बार जरूर पढ़ें और अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो उसे कॉमेंट बॉक्स में जाकर जरुर पूछे, हम आपके सभी प्रश्नों के जवाब देने का हर संभव प्रयास करेंगे। ऐसे ही हमारे अन्य लेख को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट janbhakti.in पर प्रतिदिन विज़िट करें ।
FAQ’s:
Q. रातानाडा गणेश मंदिर कहाँ स्थित है?
Ans. रातानाडा गणेश मंदिर जोधपुर शहर से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर रातानाडा में स्थित है। यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है और श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख आस्था का केंद्र है।
Q. रातानाडा गणेश मंदिर का इतिहास क्या है?
Ans. पौराणिक कथा के अनुसार, एक शिक्षक ने रातानाडा की पहाड़ियों पर भगवान गणेश की एक विशाल 8 फीट ऊंची और 5 फीट चौड़ी प्रतिमा देखी थी। इसी स्थान पर लगभग 260 वर्ष पहले इस प्राचीन गणेश मंदिर का निर्माण किया गया था।
Q. रातानाडा गणेश मंदिर में कब विशेष आयोजन होते हैं?
Ans. रातानाडा गणेश मंदिर (Ratanada Ganesh Temple) में गणेश चतुर्थी जैसे विशेष अवसरों पर भव्य आयोजन किए जाते हैं। नए साल की शुरुआत पर भी भक्तों की भारी भीड़ मंदिर में उमड़ती है।
Q. रातानाडा गणेश मंदिर में किस प्रकार की मूर्ति है?
Ans. रातानाडा गणेश मंदिर में भगवान गणेश की एक विशाल प्रतिमा है जिसकी ऊंचाई लगभग 8 फीट और चौड़ाई 5 फीट है। यह मूर्ति सफेद संगमरमर से बनी हुई है और इसकी स्थापना मंदिर निर्माण के समय की गई थी।
Q. रातानाडा गणेश मंदिर की क्या मान्यता है?
Ans. मान्यता है कि रातानाडा गणेश मंदिर (Ratanada Ganesh Temple) में भगवान गणेश के दर्शन से जीवन में समृद्धि और खुशहाली आती है। लोग यहाँ नए कार्यों की शुरुआत से पहले भगवान गणेश का आशीर्वाद लेते हैं।
Q. रातानाडा गणेश मंदिर में कौन-कौन से त्योहार मनाए जाते हैं?
Ans. रातानाडा गणेश मंदिर (Ratanada Ganesh Temple) में गणेश चतुर्थी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन विशेष पूजा, आरती और भंडारे का आयोजन होता है। इसके अलावा संकष्टी चतुर्थी और अनंत चतुर्दशी पर भी मंदिर में उत्सव मनाया जाता है।