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संतोषी माता मंदिर लाल सागर: जोधपुर के लाल सागर में स्थित है देश का सबसे प्राचीन मां संतोषी मंदिर है लाखों भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र

Santoshi Mata Temple
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Santoshi Mata Mandir: संतोषी माता मंदिर लाल सागर: जोधपुर, राजस्थान (Rajasthan) के ह्रदय में स्थित, लाल सागर (Lal Sagar) के तट पर खड़ा संतोषी माता मंदिर (Santoshi Mata Mandir) आस्था, भक्ति और चमत्कार का एक प्रतीक है। यह प्राचीन मंदिर न केवल अपनी आध्यात्मिक शक्ति के लिए, बल्कि अपनी अनोखी स्थापत्य शैली और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध है। 

कहा जाता है कि स्वयं माता संतोषी (Mata Santoshi) ने इस स्थान को अपने निवास के रूप में चुना था, और उनकी मूर्ति एक गुफा में प्रकट हुई थी। मंदिर के ऊपर की चट्टान पर एक शेर के पदचिह्न हैं, जो इस जगह की दिव्यता को दर्शाते हैं। चांदपोल निवासी उदारामजी सांखला को लगभग 56 साल पहले माता के दर्शन हुए थे, और उन्होंने इस पवित्र स्थल को एक भव्य मंदिर में तब्दील कर दिया।

आज, संतोषी माता मंदिर (Santoshi Mata Mandir) हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। विशेषकर शुक्रवार के दिन भक्तों की भारी भीड़ यहां उमड़ती है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस दिन माता के दर्शन से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं

इस लेख में, हम संतोषी माता मंदिर (Santoshi Mata Mandir) के इतिहास, वास्तुकला, और आध्यात्मिक महत्व को विस्तार से जानेंगे। साथ ही, हम उन अनगिनत चमत्कारी कहानियों को भी सुनेंगे जो इस पवित्र स्थल से जुड़ी हुई हैं। तो चलिए, चलते हैं आस्था, संतोष और दिव्यता की यात्रा की ओर…

संतोषी माता मंदिर के बारे में (About Santoshi Mata Mandir) 

संतोषी माता मंदिर का फोन नंबर 09983335999, 09672224445 , 09414921191 
संतोषी माता मंदिर का पताKrishi Upaj Mandi, Mandore Road, Jodhpur, Rajasthan 342001
संतोषी माता मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट https://www.pragatsantoshimata.com/ 
Google Map https://maps.app.goo.gl/4auP3oK27ueVuMYF8
जोधपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी10 किलोमीटर
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी4.6 किलोमीटर
बस स्टैंड से दूरी14.9 किलोमीटर

संतोषी माता कौन हैं? Who is Santoshi Mata?

संतोषी माता (Santoshi Mata), खुशी, शांति, और समृद्धि की हिन्दू देवी, उनके पुजारियों को आशीर्वाद देने के लिए जाने जाते हैं। उन्हें भगवान गणेश (Lord Ganesh) और उनकी पत्नियों ऋद्धि और सिद्धि की पुत्री माना जाता है। शुक्रवार उनके लिए समर्पित है, और इस दिन संतोषी माता का व्रत (Santoshi Mata Vrat) रखने से घर में दरिद्रता जैसे विनाशकारी तत्व का नाश होता है संतोषी माता की पूजा एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान है जो सफलता, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति के लिए की जाती है। वे देवी दुर्गा के सबसे शांत, कोमल, शुद्ध और दयालु स्वरूप मानी जाती हैं। उनकी पूजा करने से विश्वास किया जाता है कि वे भक्तों को बुरी शक्तियों से बचाती हैं।

संतोषी माता मंदिर लाल सागर कहां है? (Where is Santoshi Mata Temple Lal Sagar?)

लाल सागर (Lal Sagar), जोधपुर (Jodhpur) में स्थित संतोषी माता (Santoshi Mata) का एक प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर पहाड़ों के बीच एक सुंदर प्राकृतिक स्थान पर बना हुआ है। मान्यता है कि यहाँ माता साक्षात विराजमान हैं।

मंदिर की वास्तुकला अद्भुत है। गर्भगृह की चट्टानें शेषनाग के आकार की दिखाई देती हैं, जिनकी छाया में माता की मूर्ति स्थापित है। मंदिर परिसर में एक अमृत कुंड भी है जिसके पास से एक झरना बहता है और एक विशाल वट वृक्ष की छाया पड़ती है।

भक्तगण दूर-दूर से यहाँ माता के दर्शन करने और अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करने आते हैं। साथ ही, वे यहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण का आनंद भी लेते हैं। संतोषी माता के इस मंदिर की महिमा अपार है और यह उनके सर्वाधिक लोकप्रिय मंदिरों में से एक है।

संतोषी माता मंदिर का इतिहास (History of Santoshi Mata Temple)

Santoshi Mata Temple HD Image
Source by – Patrika

जोधपुर (Jodhpur), राजस्थान (Rajasthan) में स्थित लाल सागर (Lal Sagar) का प्रगट संतोषी माता मंदिर (Santoshi Mata Mandir) भारत (India) भर में प्रसिद्ध है। यह मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, जहां हरियाली, सरोवर और पहाड़ियों के बीच आध्यात्मिक वातावरण है जो आस्था, श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है।

ऐसी मान्यता है कि माता स्वयं इस मंदिर में मूर्ति रूप में निवास करती हैं, इसलिए यह संतोषी माता (Santoshi Mata) के सभी मंदिरों में वास्तविक माना जाता है। कहते हैं लाल सागर की पहाड़ियों पर एक गुफा में संतोषी माता की मूर्ति प्रकट हुई थी और मूर्ति के ऊपर की चट्टान पर सिंह के प्राकृतिक पदचिन्ह भी स्थित हैं।

लगभग 56 वर्ष पहले चांदपोल निवासी उदारामजी सांखला को माता ने दर्शन दिए थे। तब से भक्त उदाराम जी माता की सेवा में लग गए। उन्होंने ही उस निर्जन स्थान को मंदिर में परिवर्तित कर दिया और एक अखंड ज्योत का शुभारंभ किया। धीरे-धीरे उन्होंने धर्मशाला और अन्य मंदिरों का निर्माण भी करवाया ताकि माता के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को असुविधा न हो।

संतोषी माता मंदिर जोधपुर, राजस्थान में एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है जहां भक्त माता के आशीर्वाद प्राप्त करने आते हैं। मंदिर की अद्वितीय वास्तुकला, शांत परिवेश और देवी की शक्तियों में विश्वास इसे भक्तों और पर्यटकों दोनों के लिए एक अवश्य देखने योग्य स्थान बनाता है।

संतोषी माता मंदिर  का महत्व (Importance of Santoshi Mata Temple)

  • यह मंदिर जोधपुर, राजस्थान (Rajasthan) में स्थित है और संतोषी माता (Santoshi Mata) की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। संतोषी माता को संतोष और खुशी की देवी माना जाता है।
  • कहा जाता है कि संतोषी माता (Santoshi Mata) के दर्शन और पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। वे अपने भक्तों को बुराइयों से बचाती हैं और सही रास्ते पर चलने का मार्गदर्शन करती हैं।
  • भक्त संतोषी माता की कृपा पाने के लिए 16 सप्ताह का व्रत रखते हैं। इस दौरान वे कुछ खास प्रकार के भोजन का त्याग करते हैं और देवी को समर्पित प्रार्थनाएं और मंत्र पढ़ते हैं। माना जाता है कि व्रत रखने से भक्तों को शांति, समृद्धि और खुशी मिलती है।
  • लाल सागर मंदिर (Lal Sagar Mandir) में हर साल नवरात्रि (Navratri) के दौरान भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। श्रद्धालु देवी के दर्शन करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए दूर-दूर से आते हैं।

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संतोषी माता मंदिर की वास्तुकला (Architecture of Santoshi Mata Temple) 

जोधपुर (Jodhpur) के लाल सागर (Lal Sagar) में स्थित प्रसिद्ध संतोषी माता मंदिर की वास्तुकला अद्भुत और अनूठी है। इस मंदिर की 10 प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं: 

  • मंदिर का गर्भगृह चट्टानों से निर्मित है जो शेषनाग के आकार में दिखाई देता है। ये चट्टानें मानो माता की मूर्ति पर छाया कर रही हों।
  • मंदिर के आसपास लाल रंग की चट्टानें हैं जिन पर सूरज की किरणें पड़ने से पूरा क्षेत्र लाल रंग का दिखाई देता है, मानो माता रानी ने चुनरी फैला रखी हो।
  • संतोषी माता मंदिर (Santoshi Mata Mandir) के ऊपर पहाड़ी अद्भुत तरीके से  छाई हुई है जैसे भगवान शेषनाग अपने फण से माता संतोषी (Mata Santoshi Temple) को छाया प्रदान कर रहा हो।
  • पहाड़ी पर माता और सिंह के पदचिन्ह प्राकृतिक रूप से बने हुए हैं।
  • मंदिर के सन्निकट एक अमृत कुंड है जिसके ऊपर कई वर्षों से एक समान आकार का हरा-भरा वट वृक्ष है।
  • मंदिर परिसर में प्राकृतिक छटा बिखरी हुई है और पहाड़ों के बीच लाल सागर सुशोभित है।
  • मंदिर का दर्शन मात्र से कष्ट और संकट से मुक्ति मिलने की मान्यता है। मंदिर की बनावट अद्वितीय है जिसे देखकर अलौकिक अनुभव होता है। 

जोधपुर के संतोषी माता मंदिर की वास्तुकला प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है। यहां चट्टानें, पहाड़ी, वृक्ष, कुंड और झरना मिलकर एक अद्भुत दृश्य उपस्थित करते हैं। मंदिर की बनावट भी अनूठी है जो शेषनाग के आकार की लगती है। यह मंदिर अपनी खास वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व के लिए दूर-दूर तक प्रसिद्ध है।

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संतोषी माता मंदिर कैसे पहुंचें? (How to Reach Santoshi Mata Temple)

सड़क मार्ग द्वारा: (By road)

  • जोधपुर (Jodhpur) पूरे भारत (India) के प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। शहर के मुख्य बस स्टैंड तक नियमित बसें चलती हैं। वहां से, आप लाल सागर और संतोषी माता मंदिर (Santoshi Mata Mandir) तक की शेष दूरी तय करने के लिए टैक्सी या ऑटो-रिक्शा ले सकते हैं

हवाई मार्ग द्वारा:  (By Air)

  • निकटतम हवाई अड्डा जोधपुर हवाई अड्डा (Jodhpur Airport) है, जो मंदिर से लगभग 10 किमी दूर स्थित है। हवाई अड्डे से आप मंदिर तक पहुंचने के लिए टैक्सी या ऑटो-रिक्शा ले सकते हैं।

ट्रेन द्वारा: (By train)

  • निकटतम रेलवे स्टेशन जोधपुर जंक्शन (Jodhpur Junction) है, जो लगभग 8 किमी दूर है। स्टेशन से, मंदिर तक जाने के लिए टैक्सी जैसी स्थानीय परिवहन सेवाएं आसानी से उपलब्ध हैं।

संतोषी माता मंदिर के दर्शन का समय (Darshan Timing of Santoshi Mata Temple)

लाल सागर (Lal Sagar), जोधपुर (Jodhpur) स्थित संतोषी माता मंदिर (Santoshi Mata Mandir) के दर्शन का समय सुबह 6:00 बजे से रात 9:00 बजे तक है। मुख्य द्वार सुबह 5:00 बजे खुलता है और दोपहर 1:00 बजे तथा शाम 5:00 बजे से रात 10:30 बजे तक बंद रहता है। सुबह की आरती सुबह 5:00 बजे से 6:00 बजे तक और शाम की आरती सूर्यास्त के समय होती है। यह मंदिर पूरे वर्ष भर श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है, हालांकि शारदीय नवरात्रि के दौरान यहां विशेष भीड़ रहती है, जब भक्त देवी के दर्शन करने और आशीर्वाद पाने के लिए दूर-दूर से आते हैं।

संतोषी माता की फोटो (Photo of Santoshi Mata)

इस विशेष लेख के जरिए हम आपसे माता संतोषी Mata Santoshi) की कुछ विशेष और सुंदर तस्वीर साझा कर रहे हैं, अगर आप चाहे तो माता संतोषी की इन तस्वीरों को आप डाउनलोड (Download) भी कर सकते हैं।

संतोषी माता मंदिर की फोटो (Photo of Santoshi Mata Temple)

माता संतोषी (Mata Santoshi) के मंदिर से संबंधित इस विशेष लेख में हम आपसे जोधपुर के लाल सागर में स्थित माता संतोषी मंदिर की कुछ प्रमुख तस्वीरें साझा कर रहे हैं, आप इन सभी सुंदर तस्वीरों (photos) को सरलता पूर्वक डाउनलोड भी कर सकते हैं।

संतोषी माता मंदिर प्रवेश शुल्क (Santoshi Mata Mandir Entry Fees)

जोधपुर (Jodhpur) के लाल सागर में स्थित माता संतोषी (Mata Santoshi) का यह प्रमुख मंदिर लाखों भक्तों के बीच आस्था का प्रमुख केंद्र है, अगर इस मंदिर के प्रवेश शुल्क की बात करें तो मंदिर में प्रवेश निशुल्क है! अर्थात अगर आप संतोषी माता के मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश करते हैं तो आपसे किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा।

विशेष आयोजन (Special Event)

जोधपुर, राजस्थान (Rajasthan) में स्थित प्रगट संतोषी माता मंदिर (Santoshi Mata Mandir) एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ स्थल है जहां विभिन्न धार्मिक आयोजन और उत्सव मनाए जाते हैं। संतोषी माता व्रत – प्रत्येक शुक्रवार को भक्त 16 सप्ताह तक संतोषी माता का व्रत रखते हैं और उनकी पूजा करते हैं। इस दौरान वे केवल एक समय भोजन ग्रहण करते हैं और कड़वे या खट्टे भोजन का त्याग करते हैं। चैत्र नवरात्रि और शारदीय के दौरान मंदिर में विशेष पूजा और आरती का आयोजन किया जाता है, मंदिर को फूल माला तथा लाइटों से सजाया जाता है और भंडारे भी कराए जाते हैं। भक्त बड़ी संख्या में मां संतोषी के दर्शन करने आते हैं। प्रतिदिन सुबह और शाम को मंदिर में संतोषी माता की आरती और भजन कीर्तन का आयोजन होता है जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होते हैं।

संतोषी माता मंदिर Map Location:

Conclusion:

संतोषी माता मंदिर (Santoshi Mata Mandir), लाल सागर (Lal Sagar) अपनी अलौकिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए जाना जाता है। यहाँ की प्राकृतिक छटा मन को मोह लेती है और भक्तों को संसार की भागदौड़ से विराम देकर आत्मिक सुकून प्रदान करती है। माता संतोषी के इस विशेष मंदिर से संबंधित यह लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया इसे अपने प्रिय जनों के साथ अवश्य साझा करें और अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो उसे कॉमेंट बॉक्स में जाकर जरुर पूछे, हम आपके सभी प्रश्नों का जवाब देने का संभव प्रयास करेंगे, इसीलिए ऐसे ही और भी लेख को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट janbhakti.in पर रोज़ाना विज़िट करें ।

FAQ’S

Q. संतोषी माता मंदिर कहाँ स्थित है? 

Ans. संतोषी माता मंदिर लाल सागर, जोधपुर शहर से लगभग 10 किमी की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर दो पहाड़ियों के बीच एक सुंदर झील के किनारे बना हुआ है।

Q. संतोषी माता की पूजा का सबसे शुभ दिन कौन सा माना जाता है? 

Ans. शुक्रवार का दिन संतोषी माता की पूजा के लिए सबसे शुभ और भाग्यशाली माना जाता है। भक्त शुक्रवार को मंदिर में पूजा-अर्चना करने आते हैं।

Q. संतोषी माता मंदिर की वास्तुकला की क्या विशेषता है? 

Ans.मंदिर की वास्तुकला में गर्भगृह की चट्टानें शेषनाग के आकार की दिखाई देती हैं, जिनकी छाया में माता विराजमान हैं। यह मंदिर की एक अनूठी विशेषता है।

Q. संतोषी माता को प्रसन्न करने के लिए कौन सा व्रत किया जाता है?

Ans. संतोषी माता को प्रसन्न करने और मनोकामनाएं पूरी करने के लिए 16 सप्ताह का शुक्रवार व्रत किया जाता है। इस व्रत में अनाज, दालें और कुछ सब्जियों का त्याग किया जाता है।

Q. संतोषी माता मंदिर में क्या विशेष पूजा होती है? 

Ans. मंदिर में विराजित माता की अष्टधातु की मूर्ति के समक्ष अखंड ज्योत जलती है। माता का श्रृंगार सिर्फ ताजे फूलों से किया जाता है।

Q. संतोषी माता मंदिर का इतिहास क्या है? 

Ans. संतोषी माता मंदिर लाल सागर राजस्थान में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में प्रसिद्ध है। यह मंदिर जोधपुर शहर के पास मंडोर मंडी के पीछे स्थित है और इसका एक अनसुना इतिहास है।