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Shri krishna ke 10 Sabse Prasidh Mandir: ये हैं भारत के 10 प्रसिद्ध श्री कृष्ण मंदिर, जहां दर्शन मात्र से पूर्ण होती है सभी मनोकामनाएं

Shri Krishna ke 10 Sabse Prasidh Mandir
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श्री कृष्ण के 10 सबसे प्रसिद्ध मंदिर (Shri Krishna ke Das Sabse Prasidh Mandir): भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, यहाँ विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों का अद्भुत समागम देखने को मिलता है। हिंदू धर्म भारत का प्रमुख धर्म है और इसमें अनेक देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। इन देवताओं में से एक हैं – भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna), जिन्हें विष्णु का अवतार माना जाता है। भारत भर में श्री कृष्ण के अनेक भव्य मंदिर स्थित हैं, जो न सिर्फ़ धार्मिक महत्व रखते हैं बल्कि अपनी स्थापत्य कला और ऐतिहासिक विरासत के लिए भी जाने जाते हैं। इन मंदिरों में से कुछ बहुत ही प्राचीन हैं और उनसे जुड़ी अनेक रोचक कथाएँ और किंवदंतियाँ प्रचलित हैं। हर साल लाखों श्रद्धालु इन मंदिरों के दर्शन करने आते हैं और भगवान कृष्ण की कृपा पाने की कामना करते हैं। इन मंदिरों में न सिर्फ़ कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का प्रदर्शन होता है, बल्कि श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और सुकून का अनुभव भी होता है।

इस लेख में हम भारत के 10 सबसे प्रसिद्ध श्री कृष्ण मंदिरों की यात्रा करेंगे। हम जानेंगे इन मंदिरों का इतिहास, वास्तुकला, मान्यताएँ और विशेषताएँ। साथ ही हम जानेंगे कि ये मंदिर किस प्रकार भक्तों के जीवन को प्रभावित करते हैं और उनके लिए क्या महत्व रखते हैं। Shri Krishna ke 10 Sabse Prasidh Mandir तो चलिए, शुरू करते हैं यह बेहद खास लेख…

Table of content :-Shri Krishna ke 10 Sabse Prasidh Mandir

S.NOमंदिर 
1इस्कॉन मंदिर (ISKCON Temple)
2द्वारकाधीश मंदिर (Dwarkadhish Temple)
3बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple)
4प्रेम मंदिर (Prem Mandir)
5कृष्ण बलराम मंदिर (Krishna Balaram Temple)
6उडुपी श्री कृष्ण मंदिर (Udupi Shri Krishna Temple)
7जन्माष्टमी मंदिर (Janmashtami Temple)
8गोविंद देव जी मंदिर (Govind Dev Ji Temple)
9गुरुवायुर मंदिर (Guruvayur Temple)
10श्रीनाथजी मंदिर (Shrinathji Temple)

1. इस्कॉन मंदिर (ISKCON Temple)

दिल्ली (Delhi) के इस्कॉन मंदिर (ISKCON Temple), जो कि श्री कृष्ण बलराम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का एक महत्वपूर्ण स्थल है। यह मंदिर भारतीय राजधानी दिल्ली के राजौरी गार्डन में स्थित है और इसकी स्थापना 1998 में हुई थी। इस मंदिर का निर्माण ‘इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कांशियसनेस’ (ISKCON) द्वारा किया गया था, जो कि भगवान कृष्ण के अनुयायियों द्वारा स्थापित एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है।

मंदिर की वास्तुकला और आंतरिक सजावट अत्यंत भव्य और आकर्षक है, जिसमें शानदार गोपुरा, भव्य मूर्तियां और अत्यंत सुंदर चित्रण शामिल हैं। मुख्य देवता के रूप में श्री कृष्ण और बलराम की मूर्तियां स्थापित की गई हैं, और इनकी पूजा अर्चना बड़े श्रद्धा भाव से की जाती है। मंदिर परिसर में नियमित रूप से भजन, कीर्तन, और धार्मिक प्रवचन आयोजित होते हैं, जो भक्तों को आध्यात्मिक शांति और प्रेरणा प्रदान करते हैं।

दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में भक्तों के लिए विशेष प्रसाद, रसोई सेवाएं और ध्यान सत्र भी उपलब्ध हैं। यहाँ आने वाले भक्तों को शांति और दिव्यता का अनुभव होता है, जो इस मंदिर को धार्मिक पर्यटन का एक महत्वपूर्ण स्थल बनाता है।

2. द्वारकाधीश मंदिर (Dwarkadhish Temple)

द्वारकाधीश मंदिर (Dwarkadhish Temple), भारत के गुजरात राज्य (Gujarat) के द्वारका शहर में स्थित एक प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थल है। यह मंदिर भगवान कृष्ण के दिव्य रूप “द्वारकाधीश” के लिए समर्पित है और इसे कृष्ण के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं के साथ जोड़ा जाता है। 

मंदिर का इतिहास पुरानी पौराणिक कथाओं और ग्रंथों में उल्लिखित है, जहाँ यह माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने द्वारका नगर की स्थापना की और यहाँ निवास किया। मंदिर की भव्य संरचना और वास्तुकला इसकी ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती है। यह चार मंजिला मंदिर, जिसे “द्वारकाधीश” के रूप में पूजा जाता है, एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में प्रतिष्ठित है। 

मंदिर की प्रमुख आकर्षणों में इसकी अद्वितीय वास्तुकला, भव्य मंडप और देवता की मूर्ति शामिल हैं। यहाँ भगवान कृष्ण (Lord Krishna) की मूर्ति को सोने और रत्नों से सजाया गया है। हर साल यहाँ हजारों भक्त आते हैं और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, पूजा और उत्सवों में भाग लेते हैं। “नवद्रव्य” पूजा और “गोपालन” उत्सव इस मंदिर के प्रमुख त्यौहार हैं। द्वारकाधीश मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है।

3. बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple)

बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple) भारतीय धार्मिक स्थलों में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध मंदिर है, जो वृंदावन, उत्तर प्रदेश में स्थित है। इस मंदिर की विशेषता भगवान कृष्ण (Lord Krishna) के ‘बांके बिहारी’ रूप की पूजा की जाती है। यह मंदिर 1864 में स्वामी हरिदास द्वारा स्थापित किया गया था, जिन्होंने भगवान कृष्ण (Lord Krishna) की विशेष पूजा विधि को विकसित किया।

मंदिर की वास्तुकला अत्यंत आकर्षक और भव्य है, जिसमें पारंपरिक हिंदू मंदिर शैली की झलक मिलती है। मुख्य प्रतिमा बांके बिहारी की है, जो कृष्ण के किशोर स्वरूप का प्रतिनिधित्व करती है। इस मूर्ति की विशेषता यह है कि इसमें भगवान कृष्ण (Lord Krishna) की आंखें भक्तों के साथ संवाद करती प्रतीत होती हैं, जो भक्तों को गहरी आध्यात्मिक अनुभूति प्रदान करती हैं।

मंदिर परिसर में भक्तों के लिए नियमित पूजा-अर्चना, भजन कीर्तन और धार्मिक प्रवचन आयोजित किए जाते हैं। विशेष रूप से, राधा-रानी के साथ भगवान कृष्ण की पूजा का एक अलग महत्व होता है, और राधा-कृष्ण के प्रेममयी संबंधों का प्रतीक माना जाता है। बांके बिहारी मंदिर में आने वाले भक्तों को भव्य आरती, प्रसाद और एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होता है, जो इस मंदिर को एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बनाता है।

4. प्रेम मंदिर (Prem Mandir)

प्रेम मंदिर (Prem Mandir) वृंदावन (Vrindavan), उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जिसे भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के प्रेम को समर्पित किया गया है। इस मंदिर की स्थापना 2001 में ‘प्रेम संस्थान’ के संस्थापक, चंद्रशेखर स्वामी द्वारा की गई थी। यह मंदिर श्री कृष्ण और राधा के दिव्य प्रेम और उनके भक्तों के लिए एक आदर्श स्थल के रूप में जाना जाता है।

प्रेम मंदिर की वास्तुकला अत्यंत भव्य और अद्वितीय है। इसके निर्माण में सफेद संगमरमर का उपयोग किया गया है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है। मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर सुंदर चित्रण और नक्काशी की गई है, जो भगवान कृष्ण (Lord Krishna) और राधा (Devi Radha) की लीलाओं को दर्शाते हैं। यहाँ की प्रमुख मूर्तियाँ श्री कृष्ण और राधा की हैं, जिन्हें प्रेम और भक्ति के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है।

मंदिर परिसर में भक्तों के लिए नियमित पूजा, भजन कीर्तन और धार्मिक प्रवचन आयोजित होते हैं। प्रेम मंदिर का विशेष आकर्षण उसकी भव्य आरती और शांतिपूर्ण वातावरण है, जो श्रद्धालुओं को गहरी आध्यात्मिक शांति और संतोष प्रदान करता है। यह मंदिर विशेष रूप से कृष्ण प्रेमियों और धार्मिक पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है।

5. कृष्ण बलराम मंदिर (Krishna Balaram Temple)

वृंदावन (Vrindavan) का कृष्ण बलराम मंदिर (Krishna Balaram Temple) जिसे इस्कॉन मंदिर भी कहा जाता है, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का एक प्रमुख स्थल है। यह मंदिर भारतीय अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (ISKCON) द्वारा स्थापित किया गया था और इसकी आधारशिला 1975 में रखी गई थी। इस मंदिर का उद्घाटन 1975 में किया गया था और यह भगवान श्री कृष्ण और बलराम की पूजा के लिए समर्पित है।

मंदिर की वास्तुकला भव्य और आकर्षक है, जिसमें पारंपरिक हिंदू शैली की झलक देखने को मिलती है। मंदिर परिसर में भगवान कृष्ण और बलराम की सुंदर मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं, जिनकी पूजा बड़े श्रद्धा भाव से की जाती है। यहाँ नियमित रूप से धार्मिक कार्यक्रम, भजन कीर्तन और प्रवचन आयोजित होते हैं, जो भक्तों को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करते हैं।

मंदिर का वातावरण शांत और दिव्य है, जो भक्तों को ध्यान और साधना के लिए प्रेरित करता है। कृष्ण बलराम मंदिर में हर वर्ष अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव मनाए जाते हैं, जैसे कि राधाष्टमी, कृष्ण जन्माष्टमी और होली। यह मंदिर न केवल स्थानीय भक्तों के लिए, बल्कि दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों और भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है।

6. उडुपी श्री कृष्ण मंदिर (Udupi Shri Krishna Temple)

उडुपी श्री कृष्ण मंदिर (Udupi Shri Krishna Temple), कर्नाटक (Karnataka) के उडुपी शहर में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर की स्थापना 13वीं सदी में विद्यानगर स्वामी द्वारा की गई थी, जो कि द्वारका के आचार्य श्री माधवाचार्य के अनुयायी थे। उडुपी मंदिर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है।

मंदिर की विशेषता इसका अद्वितीय और प्राचीन स्थापत्य कला है। यहाँ की प्रमुख मूर्ति श्री कृष्ण की है, जिसे ‘कृष्ण प्रतिमा’ के रूप में पूजा जाता है। यह मूर्ति ‘कनकधारा’ के रूप में भी जानी जाती है और इसे विशेष रूप से प्राचीन और पवित्र माना जाता है। मूर्ति को दर्शन देने की विशेष प्रक्रिया है, जिसमें भक्तों को केवल एक विशेष छिद्र के माध्यम से भगवान की झलक मिलती है।

मंदिर परिसर में नियमित रूप से पूजा-अर्चना, भजन कीर्तन और धार्मिक प्रवचन आयोजित होते हैं। यहाँ का प्रसाद विशेष रूप से प्रसिद्ध है, जिसे ‘सांबर’ और ‘खीर’ के रूप में वितरित किया जाता है। उडुपी श्री कृष्ण मंदिर न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण स्थल है, जो हर वर्ष हजारों भक्तों और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

7. जन्माष्टमी मंदिर (Janmashtami Temple)

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में स्थित मथुरा का जन्माष्टमी मंदिर भगवान कृष्ण (Lord Krishna) के जन्म का जश्न मनाता है। यह प्रतिष्ठित मंदिर दुनिया भर के भक्तों को आकर्षित करता है और अपने जीवंत उत्सवों के साथ, भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। मथुरा के इस जन्माष्टमी मंदिर में दर्शन करने के लिए रोजाना हजारों भक्त गण आते हैं।

8. गोविंद देव जी मंदिर (Govind Dev Ji Temple)

जयपुर (Jaipur) के सिटी पैलेस में स्थित ऐतिहासिक गोविंद देव जी मंदिर (Govind Dev Ji Temple) गौड़ीय वैष्णव परंपरा का एक अनमोल धरोहर स्थल है। यह मंदिर भगवान कृष्ण और राधा को समर्पित है, और इसकी दिव्यता का परिचायक है कि इसे राजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा वृन्दावन से लाया गया। यह मंदिर भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है।

मंदिर की पवित्र प्रतिमा, जिसे “बज्रकृत” कहा जाता है, एक अद्वितीय कथा से जुड़ी हुई है। लगभग 5,000 साल पहले, कृष्ण के प्रपौत्र बज्रनाभ, जब मात्र 13 वर्ष के थे, ने अपनी दादी से कृष्ण के स्वरूप के बारे में पूछा। उसकी जानकारी के आधार पर, बज्रनाभ ने तीन छवियाँ बनाई: पहली छवि कृष्ण के पैरों की छवि, दूसरी छवि उनकी छाती की, और तीसरी छवि उनके चेहरे की। ये छवियाँ क्रमशः “मदन मोहन जी”, “गोपीनाथ जी” और “गोविंद देवजी” के नाम से प्रसिद्ध हैं। समय के साथ, इन दिव्य छवियों की पहचान खो गई, लेकिन लगभग 500 साल पहले, वैष्णव आचार्य श्री चैतन्य महाप्रभु ने अपने शिष्य श्री रूप गोस्वामी को इन छवियों की खोज का आदेश दिया, जिन्हें आक्रमणकारियों से बचाने के लिए दफनाया गया था।

Address :
THIKANA MANDIR SRI GOVINDDEVJI , JAIPUR
ठिकाना मंदिर श्री गोविंददेवजी
Jalebi Chowk, Jai Niwas Garden, Jaipur, Rajasthan 302002
Phone: 1800 11 1363
Official Website: https://govinddevji.net/

Temple Name:- श्री गोविंददेवजी मंदिर

9. गुरुवायुर मंदिर (Guruvayur Temple

गुरुवायुर मंदिर (Guruvayur Temple), केरल के त्रिशूर जिले में स्थित, दक्षिण भारत के प्रमुख हिंदू तीर्थस्थलों में से एक है। यह मंदिर भगवान कृष्ण (Lord Krishna) के बाल रूप “गुरुवायurappan” के लिए समर्पित है। इसके धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण, यह लाखों भक्तों के लिए विशेष श्रद्धा का केंद्र है। 

मंदिर की स्थापना की कहानी अनुसार, भगवान विष्णु ने भगवान शिव के साथ इस स्थान पर उपस्थिति दर्ज की। यहाँ की प्रमुख प्रतिमा, जो लगभग 5,000 साल पुरानी मानी जाती है, भगवान कृष्ण के बाल रूप को दर्शाती है। यह प्रतिमा विशेष रूप से अपनी दिव्यता और भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। 

गुरुवायुर मंदिर का वास्तुकला और इसके अनुष्ठान इसकी विशिष्टता को बढ़ाते हैं। यहाँ नियमित रूप से धार्मिक अनुष्ठान, पूजा और उत्सव होते हैं। मंदिर का मुख्य त्योहार “उथरादम” और “परुप्पू” जैसे समारोहों के दौरान विशेष धूमधाम से मनाया जाता है। मंदिर की भव्यता और भक्तों की आस्था इसे एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल बनाती है, जहाँ हर साल लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं।

10. श्रीनाथजी मंदिर (Shrinathji Temple)

श्रीनाथजी मंदिर (Shrinathji Temple), जिसे श्रीनाथजी धाम भी कहा जाता है, राजस्थान (Rajasthan) के उदयपुर जिले के नाथद्वारा में स्थित एक प्रमुख हिंदू मंदिर है। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) के बाल रूप श्रीनाथजी को समर्पित है। इसका निर्माण 16वीं सदी में गोस्वामी वंश के सम्राट, सांदीपनी जी द्वारा कराया गया था। मंदिर के मुख्य देवता श्रीनाथजी को कन्हैया, माखनचोर, और गोपाल के रूप में पूजा जाता है।

श्रीनाथजी मंदिर की वास्तुकला राजस्थानी शैली में है, जिसमें सुंदर लकड़ी की नक्काशी और भव्य मंडप शामिल हैं। इस मंदिर का प्रमुख आकर्षण यहाँ की मूर्ति है, जो भगवान श्रीकृष्ण के सात वर्षीय बाल रूप को दर्शाती है। मूर्ति को विभिन्न रंग-बिरंगे वस्त्रों और आभूषणों से सजाया जाता है, और दिनभर विविध भोग अर्पित किए जाते हैं।

मंदिर परिसर में ‘सहस्त्रधारा’ का निर्माण किया गया है, जहाँ श्रद्धालु स्नान कर सकते हैं। हर वर्ष, राधा-अष्टमी, जन्माष्टमी, और रथयात्रा जैसे प्रमुख त्योहार यहाँ धूमधाम से मनाए जाते हैं। श्रीनाथजी मंदिर की पवित्रता और धार्मिक महत्व देशभर के भक्तों को आकर्षित करता है।

Conclusion:-Shri Krishna ke 10 Sabse Prasidh Mandir

भारत के ये प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर (Lord Krishna) भक्तों के लिए आध्यात्मिक उत्थान और मोक्ष प्राप्ति के मार्ग प्रशस्त करते हैं। इनकी अलौकिक छवि, भव्य आयोजन और जीवंत पूजा-अर्चना श्रद्धालुओं को भगवान के प्रति समर्पित होने का अवसर प्रदान करती है। भारत के 10 प्रसिद्ध श्री कृष्ण मंदिरों से संबंधित यह बेहद खास लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे और भी अन्य लेख को जरूर पढ़िए और हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करिए।

FAQ’s:-Shri Krishna ke 10 Sabse Prasidh Mandir

Q. दिल्ली के इस्कॉन मंदिर का अन्य नाम क्या है?

Ans. दिल्ली के इस्कॉन मंदिर को श्री कृष्ण बलराम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर राजौरी गार्डन में स्थित है और 1998 में स्थापित हुआ था।

Q. इस्कॉन मंदिर की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

Ans. इस्कॉन मंदिर की वास्तुकला भव्य है, जिसमें शानदार गोपुरा, भव्य मूर्तियाँ और सुंदर चित्रण शामिल हैं। यहाँ श्री कृष्ण और बलराम की मूर्तियाँ प्रमुख देवता के रूप में स्थापित हैं।

Q. बांके बिहारी मंदिर किसे समर्पित है?

Ans. बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन में स्थित है और यह भगवान कृष्ण के ‘बांके बिहारी’ रूप को समर्पित है। यह मंदिर 1864 में स्वामी हरिदास द्वारा स्थापित किया गया था।

Q. प्रेम मंदिर की स्थापना कब और किसके द्वारा की गई थी?

Ans. प्रेम मंदिर की स्थापना 2001 में चंद्रशेखर स्वामी द्वारा की गई थी। यह मंदिर वृंदावन में स्थित है और श्री कृष्ण और राधा रानी के प्रेम को समर्पित है।

Q. कृष्ण बलराम मंदिर की स्थापना कब हुई थी?

Ans. वृंदावन का कृष्ण बलराम मंदिर, जिसे इस्कॉन मंदिर भी कहा जाता है, 1975 में स्थापित किया गया था। इसे भारतीय अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (ISKCON) ने स्थापित किया था।

Q. कृष्ण बलराम मंदिर में कौन से प्रमुख उत्सव मनाए जाते हैं?

Ans. कृष्ण बलराम मंदिर में राधाष्टमी, कृष्ण जन्माष्टमी, और होली जैसे प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव मनाए जाते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में भक्त भाग लेते हैं।