विश्वकर्मा के सभी मंत्र (स्तुति मंत्र, ध्यान मंत्र, पूजा मंत्र)अर्थ सहित (Vishwakarma Mantra in Hindi & Sanskrit): भगवान विश्वकर्मा (Lord Vishwakarma) हमारी सनातन संस्कृति के अद्भुत शिल्पकार और निर्माता हैं। उनकी कुशल कारीगरी से इस सृष्टि का निर्माण हुआ है। भगवान विश्वकर्मा ने अपनी असाधारण प्रतिभा और सृजनशीलता से देवताओं के आभूषण, अस्त्र-शस्त्र और विमान आदि का निर्माण किया। उनकी दिव्य शक्तियों और करिश्माई हुनर की बदौलत उन्हें देवताओं का शिल्पी कहा जाता है। विश्वकर्मा पूजा के दिन उनकी आराधना से हमें कर्मठता, लगन और मेहनत की प्रेरणा मिलती है। उनके आशीर्वाद से हमारे कार्यों में सफलता और उन्नति मिलती है। भगवान विश्वकर्मा की कृपा पाने के लिए उनके विभिन्न मंत्रों का जाप करना लाभदायक होता है। इस लेख में हम भगवान विश्वकर्मा के प्रमुख मंत्रों पर प्रकाश डालेंगे। इनमें उनका ध्यान मंत्र, पूजा मंत्र, आवाहन मंत्र, स्तुति मंत्र और विश्वकर्मा गायत्री मंत्र शामिल हैं। इन मंत्रों के उच्चारण से हमारे मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और हम अपने लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में अग्रसर होते हैं।
इस लेख को पढ़ने के बाद आप भगवान विश्वकर्मा (Lord Vishwakarma) के प्रमुख मंत्रों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर पाएंगे और अपनी आस्था को और मजबूत कर पाएंगे…
विश्वकर्मा मंत्र क्या है? (Vishwakarma Mantra Kya Hai)
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भगवान विश्वकर्मा (Lord Vishwakarma) को देवताओं के शिल्पकार और निर्माण के देवता के रूप में माना जाता है। वे स्वर्गलोक, देवताओं के महल, और दिव्य अस्त्र-शस्त्रों के निर्माता हैं। उनके मित्रों में मुख्य रूप से विष्णु, इंद्र, और शिव जैसे प्रमुख देवता शामिल हैं, जो उनके कार्यों से अत्यधिक प्रभावित होते हैं। इन मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, और रचनात्मकता में वृद्धि होती है। यह मंत्र भक्त को मानसिक शांति प्रदान करते हैं और कार्यक्षेत्र में सफलता सुनिश्चित करते हैं। भगवान विश्वकर्मा (Lord Vishwakarma) के मंत्रों का नियमित जाप वास्तु दोष को भी दूर करता है और घर में समृद्धि एवं सुख-शांति को बनाए रखता है। इसके अलावा, इन मंत्रों से जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति मिलती है, और कार्यों में समर्पण और अनुशासन की भावना को बढ़ावा मिलता है। कुल मिलाकर, विश्वकर्मा के मंत्रों का जाप व्यक्ति को आत्मविश्वास, समृद्धि और उन्नति की ओर अग्रसर करता है।
विश्वकर्मा स्तुति मंत्र अर्थ सहित (Vishwakarma Stuti Mantra Arth Sahit)
विश्वकर्मा प्रभु नित्य नमनकर सुखदायकम् ब्रह्मांड अमित जगत सुखकर सर्व सुर वर नायकम्
त्रिनेत्र आनन जलज लोचन पद्मासित कर कोमलं
कंचन मुकुट सिर तिलक चंदन चारु कर्ण सुकुण्डलम्, चारु कर्ण सुकुण्डलम्
विश्वकर्मा प्रभु नित्य नमनकर सुखदायकम् ब्रह्मांड अमित जगत सुखकर सर्व सुर वर नायकम्
पुखराज हाटक हरित मणिहिय हार दिव्य मनोहरम्
कटिपित अम्बर ललित सुंदर शुभ बपु शोभाकरम्,
शुभ बपु शोभाकरम्
विश्वकर्मा प्रभु नित्य नमनकर सुखदायकम् ब्रह्मांड अमित जगत सुखकर सर्व सुर वर नायकम्
भजु पंचमुख अविनव अलौकिक विश्वरूप विरोचनम् अनुपम चिरंतन अमल छवि मुनि संतजन मनरंजनम्, संतजन मनरंजनम्
विश्वकर्मा प्रभु नित्य नमनकर सुखदायकम् ब्रह्मांड अमित जगत सुखकर सर्व सुर वर नायकम्
जय भक्त वत्सल भय विनाशक करुणामय अखिलेश्वरं मम काम क्रोध मद् लोभ हर मन मुदितकर शिल्पेश्वरं,
विश्वकर्मा प्रभु नित्य नमनकर सुखदायकम ब्रह्मांड अमित जगत सुखकर सर्व सुर वर नायकम्
विश्वकर्मा ध्यान मंत्र (Vishwakarma Dhyan Mantra)
नारायणाब्ज – जनितस्य विधेः सुतस्य, धर्मात्मजस्य गृहवास्तुसुतं वरेण्यम् । स्वर्गादिलोकरचनाकुशलं तमद्य, श्रीविश्वकर्मविश्रुतं सततं स्मराम ॥
दंशपाल महावीर ! सुचित्रकर्मकारक । विश्वकृत् विश्वधृक् त्वं च वसनामानदण्डधृक् ॥ देवशिल्पिन् महाभाग देवानां कार्यसाधकः । विश्वकर्मन् ! नमस्तुभ्यं सर्वाभीष्ठप्रदायक ! ॥
नमामि विश्वकर्माणं द्विभुजं विश्ववन्दिनम् । गृहवास्तु – विधातारं महाबलपराक्रमम् ॥ प्रसीद विश्वकर्मस्त्वं शिल्पविद्याविशारद । दण्डपाणे ! नमस्तुभ्यं तेजोमूर्त्तधर प्रभो ! ॥
विश्वकर्मा महामंत्र (Vishwakarma Maha Mantra)
ॐ आधार शक्तपे नम:, ओम कूमयि नम:, ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम:।
विश्वकर्मा पूजा मंत्र (Vishwakarma Puja Mantra)
ओम आधार शक्तपे नमः
ओम कूमयि नमः
ओम अनन्तम नमः
पृथिव्यै नमः। ऊं श्री सृष्टतनया सर्वसिद्धया विश्वकर्माया नमो नमः
विश्वकर्मा मंत्र संस्कृत में (Vishwakarma Mantra Sanskrit Mein)
ॐ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु जय श्री विश्वकर्मा। सकल सृष्टि के कर्ता रक्षक श्रुति धर्मा ॥
विश्वकर्मा गायत्री मंत्र (Vishwakarma Gayatri Mantra)
|| श्री विश्वकर्मा गायत्री मन्त्र ||
ॐ चतुर्भुजय विदमहे, हंसवाहनाय धीमहि । तन्नो विश्वकर्मा प्रचोदयात ।। १
ॐ अनन्ताय विदमहे, विश्वरूपाय धीमहि । तन्नो विश्वकर्मा प्रचोदयात ।। २
ॐ प्रजापतये विदमहे, पुरुषाय धीमहि । तन्नो विश्वकर्मा प्रचोदयात ।। ३
ॐ सर्वेश्वरांय विदमहे, विश्वरक्षकाय धीमहि । तन्नो विश्वकर्मा प्रचोदयात ।। ४
ॐ सर्वरूपाय विदमहे, विश्वकर्मणे धीमहि । तन्नो विश्वकर्मा प्रचोदयात ।। ५
Conclusion
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FAQ’s:-Vishwakarma Mantra in Hindi & Sanskrit
Q.विश्वकर्मा मंत्र क्या है?
विश्वकर्मा मंत्र वो शक्तिशाली श्लोक हैं जो भगवान विश्वकर्मा की कृपा पाने के लिए उच्चारित किए जाते हैं। ये मंत्र भक्तों को उनकी कारीगरी में सफलता और समृद्धि की प्राप्ति के लिए प्रेरित करते हैं।
Q.विश्वकर्मा मंत्र का महत्व क्या है?
विश्वकर्मा मंत्र का महत्व उनकी पूजा में अत्यधिक होता है। यह मंत्र न केवल शिल्पकारों और इंजीनियरों के लिए, बल्कि उन सभी के लिए उपयोगी है जो किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य या सृजनात्मक कार्य में संलग्न हैं। इस मंत्र का नियमित जाप करने से व्यक्ति को उसकी कारीगरी में कुशलता, समृद्धि, और सफलता मिलती है।
Q.विश्वकर्मा मंत्र का उच्चारण कैसे करें?
विश्वकर्मा मंत्र का उच्चारण शुद्ध और स्पष्ट उच्चारण के साथ किया जाना चाहिए। मंत्र को सुबह के समय, स्नान के बाद, शुद्ध मन और भक्ति भाव के साथ उच्चारित करना सबसे अधिक फलदायक माना जाता है। मंत्र का उच्चारण करते समय भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा या तस्वीर के सामने बैठना अच्छा होता है।
Q.Q. विश्वकर्मा जयंती कब मनाई जाती है?
Ans. विश्वकर्मा जयंती (Lord Vishwakarma) हर साल 17 सितंबर को मनाई जाती है। यह दिन भगवान विश्वकर्मा के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, खासकर कारीगरों और शिल्पकारों द्वारा।विश्वकर्मा मंत्र के लाभ क्या हैं?
विश्वकर्मा मंत्र के कई लाभ हो सकते हैं, जैसे:
- कारीगरी में कुशलता: इन मंत्रों का नियमित जाप करने से व्यक्ति की कारीगरी में सुधार होता है और वह अपने कार्य में निपुण बनता है।
- समृद्धि: भगवान विश्वकर्मा की कृपा से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और सुख-शांति बनी रहती है।
- रचनात्मकता: ये मंत्र व्यक्ति की रचनात्मकता को बढ़ाते हैं और उसे नए विचारों के साथ काम करने की प्रेरणा देते हैं।
Q. विश्वकर्मा जयंती कब मनाई जाती है?
Ans. विश्वकर्मा जयंती (Lord Vishwakarma) हर साल 17 सितंबर को मनाई जाती है। यह दिन भगवान विश्वकर्मा के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, खासकर कारीगरों और शिल्पकारों द्वारा।