Angaraki chaturthi Vrat ke Upay: पूरी दुनिया में शांति, समृद्धि और सुख-समाधान की तलाश जारी रहती है। हम सभी अपने जीवन में सफलता, संतोष और सकारात्मकता चाहते हैं। लेकिन कभी-कभी हमारे घर में अशांति, तनाव और समस्याएं आ जाती हैं जो हमारे मानसिक स्वास्थ्य और रिश्तों को प्रभावित करती हैं। ऐसे में हम सोचते हैं कि क्या कोई उपाय है जिससे हम अपने निवास स्थान में शांति और सद्भाव बनाए रख सकें?
धार्मिक मान्यताओं और वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चलता है कि हमारे आस-पास का वातावरण हमारे मन और जीवन पर गहरा असर डालता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की सजावट, रंग-रोशनी, पौधे, मूर्तियाँ आदि का सही प्रबंधन करके हम सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं। साथ ही कुछ सरल नियमों और आध्यात्मिक क्रियाओं से भी हम तनाव दूर करके प्रसन्नता पा सकते हैं। विशेष रूप से हिंदू धर्म में अंगारकी चतुर्थी का दिन घर की शांति और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने और उनकी कृपा प्राप्त करने से हम अपनी इच्छाएं पूरी कर सकते हैं। अच्छी नौकरी, संतान सुख, आर्थिक स्थिरता, पारिवारिक सद्भाव जैसी कामनाएं इस पर्व के माध्यम से सिद्ध हो सकती हैं। तो आइए जानते हैं कि अंगारकी चतुर्थी के शुभ अवसर पर हम कौन से वास्तु और आध्यात्मिक उपाय अपना सकते हैं ताकि हमारा जीवन खुशहाल और तनाव मुक्त हो सके।
इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि किस प्रकार छोटे-छोटे बदलाव और प्रयास से हम अपने घर को सुख-शांति का केंद्र बना सकते हैं। साथ ही हम यह भी समझेंगे कि भगवान गणेश (Lord Ganesh) कैसे हमारी समस्याओं का समाधान कर हमें सफलता की राह दिखाते हैं…
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शादी के लिए अंगारकी चतुर्थी व्रत के उपाय (Angaraki Chaturthi ke Upay For Marriage)
शादी में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए अंगारकी चतुर्थी (Angarki Chaturthi) के दिन निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- अंगारकी चतुर्थी (Angarki Chaturthi) के दिन हनुमान जी (Lord Hanuman) की पूजा करें और उन्हें लाल सिंदूर अर्पित करें। साथ ही गुड़ और आटे के लड्डू का भोग लगाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से शादी में आ रही बाधाएं दूर हो सकती हैं।
- इस दिन विवाह योग्य लड़के या लड़कियों को रोजाना तुलसी में जल अर्पित करना शुरू कर देना चाहिए। माना जाता है कि तुलसी को नियमित जल चढ़ाने से वैवाहिक जीवन की दिक्कतें दूर हो जाती हैं।
- वास्तु के अनुसार विवाह योग्य लड़कियों को उत्तर-पश्चिम दिशा में सोना चाहिए। इससे शादी के योग जल्दी बनते हैं। सोते समय बेड पर गुलाबी रंग की चादर बिछाना भी शुभ माना जाता है।
- घर के ड्राइंग रूम में फूलों की पेंटिंग लगाने से भी शादी के लिए अच्छे रिश्ते आने लगते हैं। फूल सौंदर्य, प्यार और रोमांस का प्रतीक होते हैं।
इन उपायों को अंगारकी चतुर्थी के दिन करने से शादी में आ रही बाधाएं दूर हो सकती हैं और मनचाहा जीवनसाथी मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
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नौकरी के लिए अंगारकी चतुर्थी व्रत के उपाय (Angaraki Chaturthi ke Upay For job)
अंगारकी चतुर्थी (Angarki Chaturthi) के दिन नौकरी संबंधी समस्याओं को दूर करने और एक बेहतर नौकरी पाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय किए जा सकते हैं। सबसे पहले, भगवान गणेश की पूजा करें, उन्हें फूल, मिठाई और धूप अर्पित करें। गणेश सहस्रनाम या गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करना भी लाभदायक होगा। भगवान गणेश को उनकी पसंदीदा मिठाई मोदक का भोग लगाएं और “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े या धन दान करना भी एक अच्छा उपाय है। इन उपायों को करने से करियर में आने वाली बाधाएं दूर हो सकती हैं और एक बेहतर नौकरी पाने में मदद मिल सकती है।
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घर शांति के लिए अंगारकी चतुर्थी व्रत के उपाय (Angaraki Chaturthi ke Upay For peace)
घर में शांति बनाए रखने के लिए अंगारकी चतुर्थी (Angarki Chaturthi) के दिन आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:
- घर की साफ-सफाई करें और हल्दी या गंगाजल छिड़कें: अंगार की चतुर्थी के दिन सुबह घर की अच्छी तरह सफाई करें। फिर हल्दी घोलकर या गंगाजल लेकर पान के पत्ते से घर के हर कोने में छिड़क दें। जैसा कि एस्ट्रोलॉजर प्रतिक्षा ने कहा है, “हल्दी की जगह आप गंगाजल का भी उपयोग कर सकते हैं।”इससे घर का वास्तु दोष दूर होगा और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।
- घर में प्रकाश और हवा का प्रवेश सुनिश्चित करें: अंगार की चतुर्थी के दिन सुबह कुछ देर के लिए घर की खिड़कियाँ और दरवाजे खोल दें। वास्तु शास्त्र के अनुसार जिस घर में सूर्य की किरणें और ताजी हवा आती है, वह घर शुभ माना जाता है। इससे घर का वास्तु दोष और नकारात्मकता दूर होगी।
- पूजा के समय शंख-घंटा बजाएं और कपूर जलाएं: अंगार की चतुर्थी के दिन पूजा के समय शंख और घंटी अवश्य बजाएं। साथ ही कपूर जलाकर उसका धुआँ घर के हर कोने में पहुंचाएं। एस्ट्रोलॉजर प्रतिक्षा के अनुसार, “इससे वास्तु दोष और नकारात्मकता दोनों ही दूर होंगे।” कपूर जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
संतान सुख के लिए अंगारकी चतुर्थी व्रत के उपाय (Angaraki Chaturthi ke Upay For Pregnancy)
अंगारकी चतुर्थी (Angarki Chaturthi) को संतान प्राप्ति के लिए एक अत्यंत शुभ दिन माना जाता है। इस दिन भगवान गणेश (Lord Ganesh) की पूजा करके उनसे संतान सुख की कामना करनी चाहिए। वशीकरण साधना के अनुसार, अंगारकी चतुर्थी के दिन व्रत रखकर, भगवान गणेश की पूजा करके और संकट नाशन गणेश मंत्र का जाप करके संतान प्राप्ति में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करके और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करके भी संतान सुख प्राप्त किया जा सकता है। अंगारकी चतुर्थी के दिन इन उपायों को करने से संतान प्राप्ति में आने वाली दिक्कतें दूर होती हैं और एक सुखी एवं समृद्ध पारिवारिक जीवन की प्राप्ति होती है।
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पितृ को खुश करने के लिए अंगारकी चतुर्थी व्रत के उपाय (Angaraki Chaturthi ke Upay For Pitra)
पितरों को खुश करने के लिए अंगारकी चतुर्थी (Angarki Chaturthi) के दिन निम्न उपाय किए जा सकते हैं:
- पितरों की याद में दीपदान करें। अंगारकी चतुर्थी के दिन घर के दक्षिण दिशा में 2, 5, 11 या 16 दीपक जलाएं। आप अपनी गैलरी या पीपल के पेड़ के पास भी दीप जलाकर अपने पितरों की मुक्ति के लिए भगवान से प्रार्थना कर सकते हैं। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं।
- पितरों के नाम पर दान-पुण्य करें। अंगारकी चतुर्थी (Angarki Chaturthi) के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं। इसके अलावा आप अपनी क्षमता अनुसार वस्त्र, छाता, जूते-चप्पल आदि का दान भी कर सकते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन दान करने से पितरों को मोक्ष मिलता है।
- पितरों के स्मरण में पीपल वृक्ष की पूजा करें। सुबह जल्दी उठकर स्नान करके पीपल वृक्ष के नीचे जाएं। वहां गंगाजल, दूध, तिल, शहद और घी से पूजा करें। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं। इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
Conclusion:-
अंगारकी चतुर्थी (Angarki Chaturthi) का व्रत आध्यात्मिक उन्नति और मनोकामना पूर्ति का द्वार खोलता है। भगवान गणेश की सच्ची भक्ति और विधि-विधानपूर्वक पूजा से भक्तों को समस्त कष्टों से मुक्ति, सुख-समृद्धि और बुद्धि प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। गणपति बप्पा (Lord Ganesh) की कृपा से भक्तों का जीवन मंगलमय और सफल होता है। अंगारकी चतुर्थी के पावन त्यौहार से संबंधित यह बेहद विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो ऐसे ही और भी व्रत एवं प्रमुख हिंदू त्योहार से संबंधित विशेष लेख हमारी वेबसाइट पर आकर जरूर पढ़ें और हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर भी रोजाना विजिट करें।
FAQ’s
Q. अंगारकी चतुर्थी की कथा किस ग्रंथ में वर्णित है?
Ans. अंगारकी चतुर्थी (Angarki Chaturthi) की कथा गणेश पुराण के उपासना खंड के 60वें अध्याय में वर्णित है। यह कथा महामुनि भरद्वाज के पुत्र द्वारा भगवान गणेश की कठोर तपस्या और उनसे वरदान प्राप्ति के बारे में बताती है।
Q. महामुनि भरद्वाज के पुत्र ने कितने वर्ष तक गणेश जी की तपस्या की?
Ans. महामुनि भरद्वाज के पुत्र ने निराहार रहकर एक सहस्र वर्ष तक गंगा तट पर गणेश जी का ध्यान करते हुए भक्तिपूर्वक उनके मंत्र का जप किया। इस कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर गणेश जी उन्हें दर्शन देने प्रकट हुए।
Q. अंगारकी चतुर्थी व्रत का क्या महत्व है?
Ans. अंगारकी चतुर्थी व्रत करने से पुत्र-पौत्र की प्राप्ति, समृद्धि और समस्त कामनाओं की पूर्ति होती है। गणेश पुराण के अनुसार इस व्रत की महिमा अद्भुत है और इसके कीर्तन मात्र से ही मनुष्य की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
Q. गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए क्या करना चाहिए?
Ans. गणेश पुराण के अनुसार भगवान गणेश को विशुद्ध प्रेम और भक्ति अभीष्ट है। श्रद्धापूर्वक उनकी आराधना करने से वे मोदक के साथ-साथ कपित्थ, जामुन जैसे वन्य फलों और दूर्वा के 2 पत्तों से भी प्रसन्न हो जाते हैं।
Q. अंगारकी चतुर्थी कब मनाई जाती है?
Ans. अंगारकी चतुर्थी प्रत्येक माह में दो बार आती है – कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को जब वह मंगलवार के दिन पड़े। इसलिए इसे मंगल चतुर्थी या अंगारकी चतुर्थी कहा जाता है।
Q. अंगारकी चतुर्थी व्रत कैसे किया जाता है?
Ans. अंगारकी चतुर्थी के दिन भक्त प्रातः स्नान आदि नित्य कर्म से निवृत्त होकर गणेश जी की मूर्ति या चित्र की स्थापना करते हैं। फिर गणेश मंत्र का जप, आरती, कथा श्रवण एवं भोग लगाते हैं। व्रत के दौरान निराहार या फलाहार किया जाता है।