Home मासिक व्रत-त्योहार Hariyali Teej 2024: इस वर्ष कब मनाई जाएगी हरियाली तीज? क्या है...

Hariyali Teej 2024: इस वर्ष कब मनाई जाएगी हरियाली तीज? क्या है इसका महत्व, शुभ मुहूर्त व पूजन विधि? जाने 

Hariyali Teej 202
Join Telegram Channel Join Now

हरियाली तीज 2024 (Hariyali Teej 2024): हरियाली तीज, सावन माह में आने वाला एक ऐसा पर्व है जो विशेषकर सुहागिनों के लिए बेहद खास माना जाता है। यह त्योहार प्रकृति की हरियाली और नारी सौभाग्य का प्रतीक है। हर साल लाखों महिलाएं इस दिन व्रत रखकर अपने पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं। श्रद्धा और आस्था से भरपूर यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती की अनन्य भक्ति का परिचायक है। हरियाली तीज का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अपार है। यह वह दिन है जब स्वयं माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। कहते हैं कि उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने उन्हें अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया। तब से ही यह पर्व मनाया जाने लगा। पर क्या आप जानते हैं कि इस वर्ष हरियाली तीज कब मनाई जाएगी? क्या है इस दिन का शुभ मुहूर्त? हरियाली तीज व्रत के पीछे क्या महत्व छिपा है? इस पावन अवसर पर कैसे की जाती है पूजा-अर्चना? 

आइए, इन तमाम सवालों के जवाब जानने के साथ-साथ हरियाली तीज के त्योहार से जुड़ी कौन-कौन सी मान्यताएं हैं हम आपको यह भी बताएंगे तो इस दिलचस्प लेख को अंत तक जरूर पढ़िए…

Also Read:- हरियाली अमावस्या की व्रत कथा सुनने से मिलता है भगवान शिव का अपार आशीर्वाद!

Table Of Content :-Hariyali Teej 2024

S.NOप्रश्न
1कब मनाई जाएगी हरियाली तीज?
2हरियाली तीज क्यों मनाई जाती है?
3पूजा का शुभ मुहूर्त
4हरियाली तीज व्रत की पूजा विधि
5हरियाली तीज व्रत की पूजा सामग्री
6हरियाली तीज व्रत की पूजा सामग्री पीडीएफ
7हरियाली तीज का महत्व
8हरियाली तीज से जुड़ीं परम्पराएं
9सावन की तीज कब है?

कब मनाई जाएगी हरियाली तीज? (When Will Hariyali Teej Be Celebrated)

Also Read:- कैसे मनाया जाता है हरियाली अमावस्या व्रत? क्या है इसकी पूजा विधि, नियम व पूजन सामग्री? सब कुछ जाने इस लेख में

हरियाली तीज 2024 में 7 अगस्त, दिन बुधवार को मनाई जाएगी। वैदिक पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 6 अगस्त को शाम 7:52 बजे से शुरू होकर अगले दिन 7 अगस्त को रात 10:05 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के हिसाब से हरियाली तीज 7 अगस्त को पड़ेगी और उस दिन व्रत रखा जाएगा। हरियाली तीज का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। अविवाहित कन्याएं भी मनचाहा वर पाने के लिए इस व्रत को करती हैं। हरियाली तीज पर हरे रंग का महत्व होता है और महिलाएं हरे रंग की साड़ी और चूड़ियां पहनती हैं।

हरियाली तीज क्यों मनाई जाती है? (Why is Hariyali Teej Celebrated)

Also Read:- अमावस्या पर करें यह बेहद खास टोटके, रातों-रात बदल जाएगी आपकी सोई हुई किस्मत

हरियाली तीज हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो मुख्य रूप से उत्तर भारतीय राज्यों में मनाया जाता है। यह पर्व देवी पार्वती और भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने देवी पार्वती को अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया था। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, सुख और कल्याण के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। अविवाहित युवतियां भी योग्य पति पाने के लिए यह व्रत करती हैं। हरियाली तीज पर महिलाएं रंगीन वस्त्र और गहने पहनकर लोकगीत गाती हुई देवी पार्वती की पूजा करती हैं। यह पर्व देवी पार्वती और भगवान शिव के प्रति श्रद्धा, प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। हरियाली तीज Hariyali Teej 2024 में श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को 7 अगस्त, बुधवार को मनाई जाएगी।

हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त (Auspicious Time of Worship)

Also Read:- क्या होती है शनि अमावस्या? क्या है इसके व्रत नियम, जाने इसका इतिहास और महत्व  

मुहूर्तशुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:21 से सुबह 5: 03 बजे तक
राहुकालदोपहर 12:27 से दोपहर 2:07 तक 
विजय मुहूर्त दोपहर 2:40 से दोपहर 3:34 तक

हरियाली तीज व्रत की पूजा विधि (Hariyali Teej Fast Worship Method)

हरियाली तीज व्रत की पूजा विधि:

  • हरियाली तीज (Hariyali Teej) के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
  • भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती (Goddess Parvati) की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। पूजा स्थल को साफ करके फूल, पत्ते बिछाएं।
  • पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे गंगाजल, चंदन, कुमकुम, हल्दी, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य इत्यादि इकट्ठा करें।
  • पूजा का संकल्प लें और भगवान शिव-पार्वती की आराधना शुरू करें। उन्हें जल, चंदन, पुष्प अर्पित करें।
  • 16 श्रृंगार की वस्तुएं जैसे श्रृंगार का सिंदूर, मेहंदी, बिंदी, चूड़ियां, टीका इत्यादि अर्पित करें।
  • माता पार्वती को हरे रंग के वस्त्र और गहने पहनाएं। भगवान शिव को सफेद फूल चढ़ाएं।
  • आरती करें और प्रसाद वितरित करें। हरियाली तीज की कथा सुनें।
  • पूरे दिन निर्जला व्रत रखें और शाम को पारण करें। कुछ स्थानों पर व्रत अगले दिन तोड़ा जाता है।
  • इस दिन महिलाएं हरे रंग के कपड़े पहनती हैं, मेहंदी लगाती हैं, गीत गाती हैं और झूला झूलती हैं।
  • माता पार्वती (Goddess Parvati) से अपने पति और परिवार की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करें।

हरियाली तीज व्रत की पूजा सामग्री (Hariyali Teej Fast Worship Material)

Also Read:- कब मनाई जाएगी हरियाली अमावस्या जाने इसकी तिथि, शुभ मुहूर्त महत्व एवं उपाय

हरियाली तीज व्रत (Hariyali Teej Vrat) की पूजन सामग्री की लिस्ट निम्नलिखत है:

S.NOपूजन सामग्री 
1भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की मिट्टी की मूर्ति
2पीला वस्त्र
3बेलपत्र
4रोली
5सुपारी
6जनेऊ
7केले का पत्ता
8अक्षत
9कलश
10दूर्वा
1116 श्रृंगार का सामान – सिंदूर, बिंदिया, मेंहदी, कुमकुम
12धतूरा, शमी के पत्ते
13घी
14कपूर
15गंगाजल
16दही और शहद
17नारियल
18फूल
19तुलसी के पत्ते
20कलावा
21नए कपड़े
22अगरबत्ती और दीपक
23पंचामृत
24मिठाई
25माता पार्वती के लिए हरे रंग की साड़ी
26ल्दी युक्त पानी से भरा लोटा

हरियाली तीज का महत्व क्या है? (Significance Of Hariyali Teej)

हरियाली तीज (Hariyali Teej 2024) का महत्व दो प्रमुख बिंदुओं में इस प्रकार समझा जा सकता है:

  • पारिवारिक सौहार्द और प्रेम का प्रतीक: हरियाली तीज (Hariyali Teej 2024) का पर्व विवाहित महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन सुहागिन स्त्रियाँ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करके अपने पति की लंबी आयु और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं। साथ ही ससुराल पक्ष द्वारा सिंदारा या सिंजारा के रूप में उपहार भेजकर बहू का सम्मान किया जाता है, जो पारिवारिक प्रेम और एकता का प्रतीक है। यह पर्व पति-पत्नी के बीच प्यार और विश्वास के बंधन को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है।
  • प्रकृति और नई शुरुआत का उत्सव: हरियाली तीज (Hariyali Teej) का त्योहार भीषण गर्मी के अंत और मानसून के आगमन का स्वागत करता है। इस समय चारों ओर हरियाली छा जाती है, जो नई शुरुआत और उर्वरता का प्रतीक माना जाता है। महिलाएं नए कपड़े पहनकर, श्रृंगार करके और मेहंदी लगाकर इस अवसर को खुशी-खुशी मनाती हैं। सावन के महीने में मनाया जाने वाला यह पर्व प्रकृति के साथ मानव जीवन के घनिष्ठ संबंध को दर्शाता है। यह त्योहार हमें प्रकृति के महत्व और उससे जुड़ाव को समझने का संदेश देता है।

हरियाली तीज से जुड़ीं परम्पराएं (Traditions Associated With Hariyali Teej)

  • “हरियाली तीज (Hariyali Teej), जिसे श्रावणी तीज भी कहते हैं, एक हिन्दू त्योहार है जो माता पार्वती और भगवान शिव (Lord Shiva) के संघर्ष और मिलन की कहानी को मनाता है। इस दिन, महिलाएं अपने पतियों की लंबी आयु की कामना करती हैं और निर्जला व्रत रखती हैं, जिसमें वे पानी भी नहीं पीती। 
  • हरियाली तीज (Hariyali Teej) का पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। महिलाएं इस दिन अपने हाथों में मेहंदी लगाती हैं, नए कपड़े पहनती हैं और चूड़ियां पहनती हैं। वे भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं, और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना करती हैं।
  • इस पर्व के दौरान, महिलाएं एक दूसरे को उपहार भी देती हैं, जिसमें मिठाई, फल और पारंपरिक गहने शामिल होते हैं। इसके अलावा, वे झूले झूलती हैं, लोक गीत और तीज के गीत गाती हैं, और उत्सव का आनंद लेती हैं।
  • सामग्री, इस पर्व को श्रावण मास के हरियाली और प्रकृति की सुंदरता की उपलब्धि के रूप में मनाया जाता है। यह भगवान शिव और माता पार्वती के संघर्ष और मिलन की कहानी को मनाने का एक समय होता है, जिसे महिलाएं उत्साह और खुशी के साथ मनाती हैं।
  • हरियाली तीज के पवित्र त्यौहार से एक दिन पहले राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में सिंधारा दूज मनाने की परंपरा है। इस सिंधारा दूज की परंपरा के अनुसार विवाहित स्त्री को ससुराल से या तो मायके से भेंट दी जाती है, इस भेंट में नए कपड़े, श्रृंगार का सामान और ढेर सारी मिठाइयां शामिल होती है। इस खास भेंट को सिंधारा के नाम से जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार सिंधारा दूज के दिन भेंट के स्वरूप में बहू बेटियों को आशीर्वाद दिया जाता है।

सावन की तीज कब है? (When is Sawan ki Teej)

हरियाली तीज (Hariyali Teej), जिसे श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता है, यह सुहागिन महिलाओं द्वारा उनके पतियों के लंबी आयु और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना के लिए मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, यह त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि पर मनाया जाता है। 2024 में, हरियाली तीज 6 अगस्त को मनाई जाएगी, जो मंगलवार के दिन होगा। इस दिन, महिलाएं भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करती हैं। इस उत्सव के दौरान विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक रीति-रिवाज अपनाए जाते हैं। 

Conclusion:- Hariyali Teej 2024

हरियाली तीज (Hariyali Teej) का पर्व एक अद्वितीय अनुभव होता है, जहाँ पत्नियाँ अपने पतियों के लिए दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। यह व्रत अखंड सौभाग्य की प्राप्ति का प्रतीक होता है। उत्तर भारत के राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान में इसे विशेष रूप से मनाया जाता है। हरियाली तीज (Hariyali Teej) के पावन त्योहार से संबंधित यह विशेष लेखा अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे इस लेख को अपने सभी परिजनों के साथ अवश्य साझा करें। व्रत एवं त्योहार से संबंधित और भी लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करें।

FAQ’s

Q. हरियाली तीज 2024 कब है?

Ans. हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 6 अगस्त की शाम को शुरू होकर 7 अगस्त की सुबह समाप्त होगी। इसलिए हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त को किया जाएगा।

Q. हरियाली तीज का धार्मिक महत्व क्या है? 

Ans. धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार माता पार्वती ने 107 बार जन्म लिया था, भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए, और उन्होंने अपने 108वें जन्म में उन्हें स्वीकार किया। यही कारण है कि मान्यता है कि इस व्रत को करने से माता पार्वती प्रसन्न होती हैं और पतियों को दीर्घायु होने का आशीर्वाद देती हैं।

Q. हरियाली तीज क्यों मनाई जाती है? 

Ans. हरियाली तीज (Hariyali Teej) भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है। मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए 108 जन्मों तक कठोर तप किया था, जिसके बाद शिव ने उन्हें अपनी अर्धांगिनी स्वीकार किया।

Q. हरियाली तीज पर झूला झूलने का क्या महत्व है? 

Ans. हरियाली तीज (Hariyali Teej) पर झूला झूलने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन झूला झूलकर लोकगीत गाने से भगवान शिव और माता पार्वती जल्दी प्रसन्न होते हैं। महिलाएं सावन के मौसम का आनंद लेते हुए हर्षोउल्लास से यह त्योहार मनाती हैं।

Q. हरियाली तीज के पूजन में कौन सी सामग्री लगेगी? 

Ans. हरियाली तीज (Hariyali Teej) पर माता पार्वती को 16 श्रृंगार की सामग्री जैसे साड़ी, चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर, मेहंदी आदि अर्पित करते हैं। शिव जी को भांग, धतूरा, बेलपत्र, सफेद फूल, गंध, धूप आदि चढ़ाया जाता है। पूजन में अक्षत, कलश, दूर्वा, पंचामृत आदि भी शामिल होते हैं।

Q. हरियाली तीज की पूजा विधि क्या है? 

Ans. हरियाली तीज पर सुबह स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें। एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की मूर्तियां स्थापित करें। फिर उन्हें पूजा सामग्री अर्पित करके तीज की कथा सुनें और आरती करें।