Sankashti Chaturthi ke Upay: संतुष्टि चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) का दिन हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। यह वह समय है जब हम अपने जीवन के लक्ष्यों और सपनों पर विचार करते हैं। हर कोई अपने जीवन में सफलता, संपत्ति, सुख और संतोष प्राप्त करना चाहता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन सबको पाने का रास्ता क्या है? क्या आप जानते हैं कि आप अपनी आर्थिक स्थिति को कैसे मजबूत कर सकते हैं और अपने करियर में सफलता प्राप्त कर सकते हैं? क्या आपको पता है कि आप अपने परिवार के साथ कैसे सुखी और संतुष्ट जीवन जी सकते हैं?
इन सवालों के जवाब जानने के लिए आपको इस लेख को पढ़ना होगा। हम आपको बताएंगे कि कैसे आप अपनी संपत्ति को बढ़ा सकते हैं, एक अच्छी नौकरी पा सकते हैं और अपने परिवार के साथ एक खुशहाल जीवन जी सकते हैं। हम आपको वो महत्वपूर्ण उपाय बताएंगे जो आपको अपने लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद करेंगी।
आइए, संतुष्टि चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) के इस शुभ अवसर पर अपने सपनों को साकार करने का संकल्प लें…
Table Of Content
S.NO | प्रश्न |
1 | शादी के लिए संकष्टी चतुर्थी के उपाय |
2 | धन-संपदा के लिए संकष्टी चतुर्थी के उपाय |
3 | नौकरी के लिए संकष्टी चतुर्थी के उपाय |
4 | घर शांति के लिए संकष्टी चतुर्थी के उपाय |
5 | संतान सुख के लिए संकष्टी चतुर्थी के उपाय |
6 | पृत को खुश करने के लिए संकष्टी चतुर्थी के उपाय |
शादी के लिए संकष्टी चतुर्थी के उपाय (Sankashti Chaturthi ke Upay For Marriage)
संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) के दिन के उपाय, विवाह के लिए अवरोधों को हटाने और जल्दी शादी की इच्छा को पूरा करने में सहायता कर सकते हैं-
- गणेश पूजा का आयोजन: भगवान गणेश विघ्नहर्ता हैं और समृद्धि के देवता माने जाते हैं, उनकी भक्ति और विश्वास के साथ पूजा करने से उचित जीवनसाथी खोजने में किसी भी बाधा को दूर करने में सहायता मिल सकती है। इसके अलावा, गणेश जी को बेसन के लड्डू या मोदक का भोग लगाना चाहिए।
- गणेश मंत्र जप करना: “ओम गं गणपतये नमः” या “ओम शुक्लां भगवतम प्रचोदयात” जैसे गणेश मंत्रों का जाप करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त हो सकती है, जिससे सफल और जल्दी विवाह हो सकता है।
इन उपायों के अलावा, भगवान गणेश को 17 बार दूर्वा अर्पित करने और ओम गं गणपतये नमः मंत्र का जप करने से आपकी समस्या हल हो सकती है। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि इन उपायों का पालन करते समय आपकी भक्ति और विश्वास की गहराई ही आपके जीवन में बदलाव ला सकती है।
धन-संपदा के लिए संकष्टी चतुर्थी के उपाय (Sankashti Chaturthi ke Upay for Money)
संकष्टी चतुर्थी के दिन धन-संपदा प्राप्ति के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- भगवान गणेश को लड्डू का भोग लगाएं: संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को 21 लड्डुओं का भोग लगाएं। भोग लगाते समय “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:” मंत्र का जप करें। यह उपाय करने से यदि आपकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर है तो उसमें सुधार होगा और आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
- हरी वस्तुओं का दान करें: बुधवार के दिन जरूरतमंदों या किन्नरों को हरी वस्तुओं का दान करना चाहिए। जैसे हरी चूड़ियां, हरी इलायची, मूंग दाल, हरे रंग के कपड़े आदि का दान करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और धन-संपदा की प्राप्ति होती है।
- पीले रंग के गणेश की पूजा करें: संकष्टी चतुर्थी पर घर में पीले रंग के गणेश की मूर्ति स्थापित करें। रोज उन्हें पीले मोदक का भोग लगाएं। पीले आसन पर बैठकर “ॐ हेरम्बाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। लगातार 27 दिनों तक ऐसा करने से धन-संपदा आकर्षित होती है।
इन उपायों के अलावा संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) के दिन भगवान गणेश (Lord Ganesh) और चंद्रमा की पूजा-अर्चना करने से भी सुख-संपत्ति में वृद्धि होती है।
नौकरी के लिए संकष्टी चतुर्थी के उपाय (Sankashti Chaturthi ke Upay For Job)
संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) के दिन अच्छी नौकरी प्राप्त करने के लिए कुछ विशिष्ट उपाय किए जा सकते हैं। यहां दो प्रमुख उपाय दिए गए हैं:
1.गणेश जी का पूजन और व्रत:
- उपाय: संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) गणेश जी की पूजा का विशेष दिन होता है। इस दिन व्रत रखना और गणेश जी की पूजा करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और गणेश जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीप, धूप, फूल और नैवेद्य अर्पित करें। श्री गणेश चालीसा या गणेश स्तोत्र का पाठ करें। गणेश जी को दूर्वा (घास) चढ़ाना विशेष फलदायक होता है।
- फल: ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और गणेश जी की कृपा से नई नौकरी प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
2.गणेश जी के मंत्रों का जाप:
- उपाय: संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी के विशेष मंत्रों का जाप करना भी अत्यंत प्रभावशाली होता है। एक प्रमुख मंत्र है “ॐ गं गणपतये नमः”। इस मंत्र का 108 बार जाप करें। जाप के समय मन को शांत और एकाग्र रखें। जाप समाप्त होने के बाद भगवान गणेश से अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करें।
- फल: इस मंत्र का नियमित जाप व्यक्ति के जीवन से विघ्न-बाधाओं को दूर करता है और नई नौकरी प्राप्त करने में सफलता दिलाता है।
घर शांति के लिए संकष्टी चतुर्थी के उपाय (Sankashti Chaturthi ke Upay For Peace)
संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) के दिन घर में शांति और समृद्धि लाने के लिए कुछ सरल उपाय किए जा सकते हैं। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान गणेश की पूजा करें। गणेश जी (Lord Ganesh) को लड्डू या मोदक का भोग लगाएं। घर में दीपक जलाएं और धूप-अगरबत्ती से आरती करें। पूरे दिन सात्विक भोजन ग्रहण करें। ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दें। संध्या के समय पुनः गणेश पूजन करें। रात को घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं। पारिवारिक सदस्यों के साथ मिलकर प्रार्थना और भजन-कीर्तन करें। सभी के बीच प्रेम और सद्भाव बनाए रखें। इन सरल उपायों से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होगा।
संतान सुख के लिए संकष्टी चतुर्थी के उपाय (Sankashti Chaturthi ke Upay For Pregnancy)
संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) के दिन संतान सुख पाने के लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं:
- गणेश जी की पूजा करें और उनसे संतान की कामना करें।
- पीपल के पेड़ की परिक्रमा करें और उसकी जड़ों पर जल चढ़ाएं।
- ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान दें।
- गाय को हरा चारा खिलाएं।
- शिव-पार्वती की पूजा करें और उनसे आशीर्वाद लें।
- स्वयं और पति-पत्नी मिलकर व्रत रखें।
- मंदिर जाकर भगवान की आरती करें।
- संतान गोपाल मंत्र का जाप करें।
- इन उपायों को श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से संतान प्राप्ति में सहायता मिल सकती है।
पृत को खुश करने के लिए संकष्टी चतुर्थी के उपाय (Som Pradosh ke Upay For Pitra)
पितरों को प्रसन्न करने के लिए संकष्टी चतुर्थी के दिन ये दो उपाय कर सकते हैं:
- संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) के दिन गणेश जी और पितरों की पूजा करें। इस दिन विशेष रूप से गणेश जी की पूजा का महत्व है। गणेश जी की पूजा करने के बाद पितरों को तिलांजलि अर्पित करें और उनका आशीर्वाद लें। पितरों की पूजा करते समय उन्हें उनकी पसंदीदा वस्तुएं जैसे फल, मिठाई, वस्त्र आदि अर्पित करें। इससे पितर प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं।
- संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) के दिन हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) या सुंदरकांड (Sunderkand) का पाठ करना चाहिए। मान्यता है कि हनुमान जी की कृपा से सभी कष्टों का निवारण होता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इस दिन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करने से पितर प्रसन्न होते हैं। पाठ के बाद पितरों को आटा, तिल और गुड़ का भोग लगाएं।
संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) का दिन पितरों की कृपा पाने का सबसे शुभ अवसर होता है। इस दिन इन उपायों को करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में खुशहाली आती है। पितरों को प्रसन्न करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
Conclusion:–
संकष्टी चतुर्थी (Sankashti chaturthi) भगवान गणेश (Lord Ganesh) की भक्ति और आशीर्वाद प्राप्त करने का पावन अवसर है। इस दिन व्रत रखने और भगवान गणेश की पूजा करने से, भक्तों को सुख-समृद्धि, विघ्नों से मुक्ति, और बुद्धि प्राप्त होती है। संकष्टी चतुर्थी के पावन त्योहार से संबंधित यह विशेष लेखक अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया इस लेख को अपने सभी प्रिय जनों के साथ साझा करें, ऐसे ही और भी पावन त्योहार और व्रत से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी वेबसाइट https://janbhakti.in पर रोजाना विजिट करें।
FAQ’s
Q. संकष्टी चतुर्थी क्या है?
Ans. संकष्टी चतुर्थी, बुद्धि, समृद्धि और अच्छे भाग्य के हाथी सिर वाले भगवान गणेश (Lord Ganesh) को समर्पित एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार हिन्दू कैलेंडर के प्रत्येक चंद्र मास के कृष्ण पक्ष के चौथे दिन धूमधाम से मनाया जाता है।
Q. एकदंत संकष्टी चतुर्थी क्या है?
Ans. एकदंत संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi), जयेष्ठ मास में मनाया जाने वाला एक विशेष संकष्टी चतुर्थी है। “एकदंत” का अर्थ होता है “एक दांत”, जो भगवान गणेश की एक विशेषता है।
Q. एकदंत संकष्टी चतुर्थी 2024 की तारीख क्या है?
Ans. वर्ष 2024 में, एकदंत संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) 26 मई को मनाई जाएगी और व्रत (उपवास) 26 मई, रविवार को धारण किया जाएगा।
Q. एकदंत संकष्टी चतुर्थी 2024 का शुभ मुहूर्त क्या है?
Ans. एकदंत संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) पूजा का शुभ समय ब्रह्म मुहूर्त होता है, जो सूर्योदय से पहले का समय होता है।
Q. एकदंत संकष्टी चतुर्थी पर पूजा करने की प्रक्रिया क्या है?
Ans. एकदंत संकष्टी (Sankashti Chaturthi) चतुर्थी पर पूजा करने के लिए, भक्तों को सुबह जल्दी उठकर नहाना चाहिए, साफ कपड़े पहनना चाहिए, और फिर भगवान गणेश की प्रतिमा या तस्वीर के सामने पूजा करनी चाहिए।
Q. एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत का पालन करने से क्या लाभ होता है?
Ans. एकदंत संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) व्रत का पालन करने से जीवन की बाधाओं का निवारण, भगवान गणेश के आशीर्वाद के लिए सफलता और समृद्धि, नकारात्मक प्रभावों और बुरी शक्तियों से सुरक्षा, आंतरिक शांति और आध्यात्मिक विकास।