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Satyanarayan Puja Vidhi। सत्यनारायण पूजा विधि मंत्र सहित: क्या है सत्यनारायण भगवान की पूजा विधि? किन मंत्र का करें उच्चारण? जानें इस लेख में

Satyanarayan Puja Vidhi
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सत्यनारायण पूजा विधि मंत्र सहित (Satyanarayana Puja Vidhi): सत्यनारायण पूजा एक पवित्र और महत्वपूर्ण हिंदू पूजा है, जो भगवान विष्णु के स्वरुप सत्यनारायण की उपासना के लिए की जाती है। यह पूजा घर में सुख-समृद्धि और शांति लाने के लिए की जाती है, और सभी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए की जाती है। 

सत्यनारायण पूजा (Satyanarayana Puja Vidhi) करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है और वह अपने जीवन को सफल और सुखी बना सकता है।इस पूजा का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है, और यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए की जाती है जो अपने जीवन में सुख-समृद्धि और शांति चाहते हैं। सत्यनारायण पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में धन, संपत्ति और सुख-समृद्धि आती है, और वह अपने जीवन को सफल और सुखी बना सकता है। इस लेख में, हम सत्यनारायण पूजा (Satyanarayan Puja) के बारे में विस्तार से जानेंगे, जैसे कि सत्यनारायण भगवान का प्रमुख पूजा मंत्र, सत्यनारायण भगवान की पूजा किस दिन करनी चाहिए, और सत्यनारायण कथा की पूजन विधि। हम यह भी जानेंगे कि सत्यनारायण पूजा कैसे की जाती है, और इसके लिए कौन सी सामग्री चाहिए। 

तो आइए, सत्यनारायण पूजा (Satyanarayan Puja) के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लेख को पढ़ें…

सत्यनारायण पूजा क्या है, (Satyanarayan Puja kya Hai)

सत्यनारायण पूजा Satyanarayana Puja Vidhi हिंदू धर्म की एक महत्वपूर्ण पूजा है, जिसे भगवान सत्यनारायण की आराधना के लिए किया जाता है। यह पूजा खासकर पूर्णिमा तिथि को की जाती है और इसका उद्देश्य सत्य, धर्म, और आस्था की महत्ता को मान्यता देना है। पूजा के दौरान, भक्त भगवान सत्यनारायण के समक्ष फल, मिठाई, और पूजा सामग्री अर्पित करते हैं और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। इस पूजा का आयोजन परिवार की सुख-समृद्धि और कल्याण के लिए किया जाता है। सत्यनारायण पूजा में कथा सुनना भी महत्वपूर्ण होता है, जो सत्य की शक्ति और भगवान की कृपा की महिमा का वर्णन करती है।

सत्यनारायण पूजा मंत्र, (Satyanarayan Puja Mantra)

आगच्छ भगवन्‌ ! देव! स्थाने चात्र स्थिरो भव ।

यावत्‌ पूजां करिष्येऽहं तावत्‌ त्वं संनिधौ भव ॥

ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, श्री सत्यनारायणाय आवाहयामि, आवाहनार्थे पुष्पाणि समर्पयामि ।

सत्यनारायण पूजा किस दिन करनी चाहिए, (Satyanarayan Puja kis Din karni Chahiye)

सत्यनारायण की पूजा (Satyanarayan Puja) हर माह की पूर्णिमा को की जाती है। इस दिन, विशेष रूप से हिन्दू धर्म में, सत्यनारायण भगवान की पूजा करने का महत्व माना जाता है। पूर्णिमा तिथि का चयन इस पूजा के लिए इसलिए किया जाता है क्योंकि यह तिथि धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत पवित्र मानी जाती है। पूजा के दौरान व्रति सत्यनारायण भगवान (Satyanarayan Puja) की कथा सुनते हैं और उनका ध्यान केंद्रित करते हैं। इस दिन व्रति उपवास करके भगवान सत्यनारायण की आराधना करते हैं, जिससे उन्हें जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो अपने जीवन में किसी समस्या का समाधान चाहते हैं या जो पुण्य प्राप्त करना चाहते हैं।

सत्यनारायण कथा पूजन विधि, (Satyanarayan Katha Puja Vidhi)

श्री सत्यनारायण भगवान की पूजा विधि निम्न प्रकार से की जाती है:

  • पूजा की तैयारी: सत्यनारायण पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कलश, सुपारी, पान, फूल, चंदन, अगरबत्ती, कपूर, घंटी, नारियल, चावल, वस्त्र, थाली और सत्यनारायण कथा की किताब इकट्ठा करें। पूजा स्थल को साफ कपड़े से पोंछकर स्वच्छ करें।
  • कलश स्थापना: एक तांबे या पीतल के कलश को पानी से भरें, उसमें सुपारी, फूल, सिक्के और एक साफ कपड़ा डालें। कपड़े के ऊपर नारियल रखें और उसे लाल कपड़े से ढक दें। कलश को ऊंचे स्थान पर रखें।
  • भगवान की मूर्ति या फोटो की स्थापना: श्री सत्यनारायण भगवान की मूर्ति या फोटो को एक ऊंचे मंच या सजाए गए कुर्सी पर स्थापित करें। पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा करें।
  • पूजा और अर्घ्य: भगवान को फूल, चंदन, चावल अर्पित करते हुए “ॐ भूर्भुवः स्वः, श्री सत्यनारायणाय नमः” मंत्र का उच्चारण करें। जल, चंदन, फूल और चावल का मिश्रण तैयार कर “ॐ ब्रह्मणे नमः” मंत्र बोलते हुए भगवान को अर्घ्य दें।
  • नैवेद्य: भगवान को फल, मिठाई और अन्य भोग का नैवेद्य अर्पित करें। घंटी, अगरबत्ती और कपूर से आरती करें। “ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • कथा श्रवण: सत्यनारायण कथा सुनें या पढ़ें जो सत्यनारायण पूजा के महत्व के बारे में एक कहानी है। यह आमतौर पर एक पंडित या जानकार व्यक्ति द्वारा पढ़ी जाती है। कथा को भक्ति और श्रद्धा के साथ सुनने से अनेक लाभ मिलते हैं।
  • प्रसाद वितरण: भगवान को अर्पित किए गए प्रसाद को श्रद्धालुओं में वितरित करें। प्रसाद के रूप में फल, मिठाई और सूखे मेवे का उपयोग किया जा सकता है।

यहाँ पढ़े सत्यनारायण भगवान के प्रमुख लेख:- आरती मंत्र | कथापूजा विधि | व्रत कथा गीता प्रेस

Conclusion:- Satyanarayana Puja Vidhi

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (सत्यनारायण पूजा विधि) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद

FAQ’s:-Satyanarayana Puja Vidhi

Q.सत्यनारायण पूजा क्या है?

Ans. सत्यनारायण पूजा भगवान सत्यनारायण (भगवान विष्णु का एक रूप) की आराधना के लिए की जाती है। यह पूजा विशेष रूप से पूर्णिमा के दिन की जाती है, लेकिन इसे किसी भी शुभ दिन किया जा सकता है। इस पूजा का मुख्य उद्देश्य भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करना और जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद पाना है।

Q.सत्यनारायण पूजा का महत्व क्या है?

Ans.सत्यनारायण पूजा जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि लाने के लिए की जाती है। इसे करने से परिवार के सदस्यों की उन्नति होती है, बाधाओं का निवारण होता है, और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। इसे किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत, जैसे विवाह, गृह प्रवेश, या बच्चे के जन्म पर किया जाता है।

Q.सत्यनारायण पूजा के लिए कौन-कौन सी सामग्री की आवश्यकता होती है?

Ans.यहां सत्यनारायण पूजा के लिए आवश्यक सामग्री की सूची दी गई है:

  • सत्यनारायण भगवान की मूर्ति या चित्र
  • पूजा की थाली, जिसमें कुमकुम, हल्दी, अक्षत (चावल), पान के पत्ते, और फूल होते हैं।
  • पंचामृत (दूध, दही, शहद, चीनी, और घी का मिश्रण)
  • नारियल, केला, और अन्य फल
  • तुलसी के पत्ते
  • एक छोटा दीपक और अगरबत्ती
  • प्रसाद की सामग्री: गेहूं का आटा, चीनी, घी, और इलायची (आमतौर पर हलवा या शीरा बनता है)**

Q.सत्यनारायण पूजा कैसे की जाती है?

Ans.सत्यनारायण पूजा विधि में कई चरण शामिल होते हैं:

  1. तैयारी: पूजा स्थल को साफ करें, स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल पर सत्यनारायण भगवान की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  2. गणेश भगवान की वंदना: पूजा की शुरुआत भगवान गणेश की वंदना से करें ताकि सभी बाधाएं दूर हों। गणेश भगवान को फूल और फल अर्पित करें।
  3. कलश स्थापना: सत्यनारायण भगवान की मूर्ति या चित्र के पास एक कलश (पवित्र जल से भरा हुआ बर्तन) रखें। कलश के ऊपर नारियल रखें और इसके पास पान के पत्ते रखें। यह भगवान की उपस्थिति का प्रतीक है।
  4. सत्यनारायण भगवान की पूजा: सत्यनारायण भगवान को फूल, फल, तुलसी के पत्ते और पंचामृत अर्पित करें। सत्यनारायण की आरती करें और उनके मंत्रों का जाप करें।
  5. सत्यनारायण कथा का वाचन: सत्यनारायण व्रत कथा का पाठ करें या सुनें। यह पूजा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे श्रद्धा और भक्ति के साथ सुना जाना चाहिए।
  6. प्रसाद का अर्पण: प्रसाद (हलवा या शीरा) तैयार करें और भगवान सत्यनारायण को अर्पित करें। पूजा के बाद प्रसाद को परिवार के सदस्यों और मेहमानों में बांटें।
  7. आरती: पूजा का समापन दीपक से आरती करने और भगवान सत्यनारायण के भजन गाने से करें।

Q.सत्यनारायण पूजा कौन कर सकता है?

Ans.सत्यनारायण पूजा कोई भी कर सकता है, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, या लिंग का हो। इसे परिवार के मुखिया या पंडित द्वारा किया जा सकता है। पूजा घर पर, मंदिर में, या किसी भी शुभ स्थान पर की जा सकती है।

Q.सत्यनारायण पूजा कब करनी चाहिए?

Ans.सत्यनारायण पूजा किसी भी दिन की जा सकती है, लेकिन इसे पूर्णिमा (पूर्ण चंद्रमा) के दिन, एकादशी, या किसी विशेष अवसर जैसे विवाह, जन्मदिन, या नए कार्य की शुरुआत पर करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। यह पूजा आमतौर पर शाम को, दिन भर के उपवास के बाद की जाती है।

Q.क्या सत्यनारायण पूजा बिना पंडित के की जा सकती है?

Ans.हां, सत्यनारायण पूजा बिना पंडित के भी की जा सकती है। परिवार के सदस्य या पूजा करने वाला व्यक्ति सत्यनारायण पूजा विधि का पालन कर सकता है और मंत्रों या भजनों का जाप कर सकता है। पूजा के दौरान शुद्धता, भक्ति, और उचित आचरण बनाए रखना आवश्यक है।

Q.सत्यनारायण पूजा के क्या लाभ हैं?

Ans.सत्यनारायण पूजा के कई लाभ हैं, जैसे:

  • भगवान विष्णु की कृपा से स्वास्थ्य, धन, और समृद्धि की प्राप्ति।
  • बाधाओं और नकारात्मक ऊर्जा का नाश।
  • इच्छाओं की पूर्ति और आध्यात्मिक उन्नति।
  • परिवार में शांति, सद्भाव, और खुशहाली।