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Sawan Somvar Vrat Vidhi: क्या है सावन सोमवार व्रत विधि और कैसे करें श्रावण में भगवान शिव की पूजा?

Sawan Ka Pehla Somwar 2024
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सावन सोमवार व्रत विधि (Sawan Somvar Vrat Vidhi) : सावन (Sawan) का महीना हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। 

सावन (Sawan)के महीने में सोमवार का दिन भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, स्वयं माता पार्वती Goddess Parvati ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर व्रत और तपस्या की थी। उनकी इसी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया था। इसलिए, सावन सोमवार व्रत को विवाहित महिलाओं के लिए विशेष महत्व दिया जाता है। इस व्रत को करने से पति-पत्नी के बीच प्रेम और सद्भाव बना रहता है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि सावन सोमवार व्रत की पूजा विधि क्या है? क्या आपको पता है कि इस व्रत को करते समय किन नियमों का पालन करना चाहिए? अगर नहीं, तो चिंता की कोई बात नहीं है। इस लेख में हम आपको सावन सोमवार व्रत की पूरी जानकारी देंगे। आप जानेंगे कि इस व्रत की पूजा कैसे की जाती है, पूजन सामग्री क्या होती है और इस व्रत को करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। तो चलिए, शुरू करते हैं यह रोचक सफ़र…

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Table Of Content 

S.NOप्रश्न
1सावन सोमवार का व्रत कैसे करे?
2सावन के सोमवार की पूजन सामग्री
3सावन सोमवार पूजा विधि
4सावन सोमवार व्रत के नियम
5सावन सोमवार व्रत का महत्व
6सावन सोमवार क्या भोजन करें?
7सावन का व्रत कैसे रखते हैं?
8सावन के सोमवार की व्रत विधि
9सावन सोमवार व्रत
10श्रावण सोमवार व्रत विधि 

सावन सोमवार का व्रत कैसे करे? (Sawan Somvar Vrat Vidhi)

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सावन सोमवार (Sawan somvar) का व्रत करने के लिए सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें। घर के पूजा स्थल को साफ कर लें और भगवान शिव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, दही और घी से अभिषेक करें। बेलपत्र, धतूरा, और भस्म चढ़ाएं। धूप-दीप जलाकर भगवान शिव की आरती करें। पूरे दिन उपवास रखें और फलाहार करें। शाम को पुनः भगवान शिव की पूजा करें। व्रत कथा सुनें और रात को चंद्रमा को अर्घ्य दें। अगले दिन ब्राह्मण या गरीबों को भोजन कराकर व्रत समाप्त करें। श्रद्धा और भक्ति से व्रत करने पर मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

सावन सोमवार का व्रत करने की विधि:

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  • स्नान और शुद्धता: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें। पूजा स्थल को साफ करें।
  • पूजा की तैयारी: भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, दही, और घी से अभिषेक करें। बेलपत्र, धतूरा, और भस्म चढ़ाएं।
  • धूप-दीप और आरती: धूप और दीप जलाकर भगवान शिव की आरती करें। “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
  • उपवास और फलाहार: पूरे दिन उपवास रखें और फलाहार करें। केवल फल, दूध, और पानी का सेवन करें।
  • शाम की पूजा और व्रत समाप्ति: शाम को पुनः भगवान शिव की पूजा करें, व्रत कथा सुनें, और चंद्रमा को अर्घ्य दें। अगले दिन ब्राह्मण या गरीबों को भोजन कराकर व्रत समाप्त करें।

सावन के सोमवार की पूजन सामग्री

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सावन के सोमवार की पूजन सामग्री की सूची:

S.NOपूजन सामग्री 
1शिवलिंग या भगवान शिव की मूर्ति
2जल (गंगाजल हो तो बेहतर)
3दूध
4शहद
5दही
6घी
7चंदन
8भस्म
9बेलपत्र
10धतूरा
11पुष्प (विशेषकर सफेद फूल)
12धूप और दीपक
13रुद्राक्ष माला
14कपूर
15पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण)
16पानी
17चावल
18फ्रूट्स (फल)
19मिठाई
20आसन (पूजा के लिए बैठने हेतु)

सावन सोमवार पूजा विधि (Sawan Somvar Puja Vidhi)

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सावन (Sawan) सोमवार व्रत की पूजन विधि इस प्रकार है:

  • प्रात:काल उठकर स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें। भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। पूजा स्थल को साफ-सुथरा और पवित्र बनाएं। गणेश जी की पूजा से शुरुआत करें।
  • शिवलिंग (Shivlinga) पर जल, दूध, शहद, शक्कर आदि अर्पित करें। बेलपत्र, धतूरा, फूल चढ़ाएं। भगवान शिव को ये अत्यंत प्रिय हैं। घी का दीपक जलाएं और ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते हुए अराधना करें।
  • भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती (Goddess Parvati) को दूध, जल, चीनी, घी, गुड़, चावल, फूल, धूप, दीप, बेलपत्र आदि अर्पित करें। ‘मम क्षेमस्थैर्यजयाभिवृद्ध्यर्थं सोमव्रतं करिष्ये’ मंत्र का उच्चारण करें।
  • शिवलिंग (Shivlinga) पर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) से अभिषेक करें। चंदन, फूल-माला, मौली, जनेऊ, वस्त्र आदि अर्पित करें। शिव-पार्वती की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
  • सावन सोमवार व्रत (Sawan somvar vrat) कथा का श्रवण अवश्य करें। यह व्रत पूर्ण करने के लिए आवश्यक माना जाता है। व्रत कथा भिन्न-भिन्न हो सकती है, परंतु सामान्यतः यह सावन सोमवार व्रत के महत्व और लाभों के बारे में होती है।

सावन सोमवार व्रत के नियम (Sawan Somvar Vrat ke Niyam)

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सावन सोमवार व्रत (Sawan somvar vrat) के प्रमुख नियम निम्नलिखित हैं: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। सूर्योदय से पहले भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा करें। पूरे दिन सात्विक और शाकाहारी भोजन करें, प्याज-लहसुन से परहेज करें। “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का नियमित जाप करें। शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल, दूध, बेल-पत्र चढ़ाएं। सावन में बाल-नाख न काटें। झूठ, धोखा, निंदा से बचें। संयम और अनुशासन का पालन करें। ब्रह्मचर्य का पालन करें। दान-पुण्य करें। हर सोमवार को व्रत रखें और शिव पूजा के बाद ही पारण करें। काले वस्त्र न पहनें। सभी धर्मों और परंपराओं का सम्मान करें। ध्यान-योग करें। अंतिम सोमवार को विशेष पूजा करें। भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद लें।

सावन सोमवार व्रत (Sawan somvar vrat) के इन नियमों का भक्ति और श्रद्धा के साथ पालन करने से सुख, समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

सावन सोमवार व्रत का महत्व (Sawan Somvar Vrat Benefits)

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सावन सोमवार का व्रत (Sawan somvar vrat) हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती (Goddess Parvati) को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से जीवन की समस्याओं का समाधान मिलता है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। विशेष रूप से अविवाहित लड़कियां अपनी पसंद के वर पाने के लिए इस व्रत को करती हैं। इस व्रत में दिन भर उपवास रखा जाता है और शाम को शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है। सावन के पहले सोमवार से यह व्रत शुरू होता है और कुल 16 सोमवार तक चलता है। भक्तिपूर्वक इस व्रत को करने से भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

सावन सोमवार क्या भोजन करें?

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सावन (Sawan) के सोमवार को व्रत रखने वाले व्यक्ति का आहार ऊर्जा और पोषण से भरपूर होना चाहिए। सुबह की शुरुआत जल चढ़ाकर, पानी, नारियल पानी या शिकंजी पीने और भुने हुए मूंग दाल या मखाने के साथ चाय पीने से होती है। दोपहर का भोजन घी में तले हुए उबले आलू, लौकी, कद्दू, या अरबी के साथ होता है। सबुदाना, केला, सेब, अनार, और तरबूज जैसे फल भी खाए जा सकते हैं। चाय, कॉफ़ी, तली हुई चीज़ों, और भारी भोजन से बचना चाहिए। यह आहार आसानी से पचने वाला होता है और आवश्यक पोषण प्रदान करता है।

सावन का व्रत कैसे रखते हैं? (Sawan ka Vrat kaise Rakhte Hain)

सावन का व्रत रखने के लिए कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र पहनें। भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा करें, उन्हें जल, दूध, बेलपत्र अर्पित करें। दिन भर फलाहार करें, नमक-मिर्च का त्याग करें। शाम को पूजा के बाद व्रत खोलें। व्रत के दौरान सकारात्मक सोच रखें, क्रोध और विवाद से बचें। मन, वचन और कर्म से बुरे कामों से परहेज करें। भगवान शिव की कृपा पाने के लिए पूरी श्रद्धा और मन से व्रत करें।

सावन सोमवार व्रत (Sawan Somvar Vrat) 

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सावन, हिन्दू कैलेंडर का पांचवां महीना, भगवान शिव (Lord Shiva) के लिए समर्पित होता है। इस महीने का पहला सोमवार, जिसे पहला सावन सोमवार कहा जाता है, विशेष रूप से शुभ माना जाता है। 2024 में, पहला सावन सोमवार 22 जुलाई को पड़ेगा। इस दिन से भक्त भगवान शिव की 16 सोमवार की व्रत की शुरुआत करते हैं जो उन्हें भगवान की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में सहायता करता है। व्रत का पालन करने वाले भक्त सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठते हैं, स्नान करते हैं, और भगवान शिव की पूजा करते हैं। इस व्रत का पालन करने से माना जाता है कि सुख, समृद्धि, और इच्छाओं की पूर्ति होती है।

सावन के सोमवार की व्रत विधि (Sawan ke Somvar Vrat Vidhi)

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सावन सोमवार का व्रत (Sawan Somvar Vrat Vidhi) हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, विशेषकर भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा के लिए। यहाँ तीन मुख्य बिंदुओं में इसकी विधि दी गई है:

व्रत का संकल्प और तैयारी:

  • व्रत का संकल्प सावन मास के पहले सोमवार को लिया जाता है। प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होकर साफ वस्त्र धारण करें। भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराएं और ताजे फूल, बिल्वपत्र, धतूरा, और फल अर्पित करें। उपवास रखने का संकल्प लेते हुए भगवान शिव से व्रत को सफलतापूर्वक संपन्न करने की प्रार्थना करें।

पूजा विधि:

  • दिनभर निराहार या फलाहार व्रत रखा जाता है। कुछ लोग केवल जल या दूध का सेवन करते हैं। पूजा के लिए साफ और शुद्ध स्थान का चयन करें। पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल) से शिवलिंग का अभिषेक करें। शिवलिंग पर चंदन, अक्षत (चावल), पुष्प, और बिल्वपत्र चढ़ाएं। धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें। शिव चालीसा और मंत्रों का जाप करें, विशेषकर “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का।

व्रत का पारण:

  • संध्या समय पुनः भगवान शिव की पूजा करें और आरती उतारें। अगले दिन प्रातः व्रत का पारण करें। पारण के लिए ब्राह्मणों को भोजन कराएं या गरीबों में भोजन व दान-दक्षिणा वितरित करें। स्वयं अन्न ग्रहण करें और व्रत को विधिपूर्वक संपन्न करें। इस प्रकार सावन सोमवार का व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए श्रद्धा और भक्ति के साथ संपन्न किया जाता है।

श्रावण सोमवार व्रत विधि (Shravan Somvar Vrat Vidhi)

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श्रावण सोमवार (Sawan somvar) के व्रत की विधि में प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराकर ताजे फूल, बिल्वपत्र, धतूरा और फल अर्पित करें। व्रत का संकल्प लें और दिनभर निराहार या फलाहार रहें। पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल) से शिवलिंग का अभिषेक करें, चंदन, अक्षत, पुष्प और बिल्वपत्र चढ़ाएं, धूप-दीप जलाएं और नैवेद्य अर्पित करें। “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। संध्या समय पुनः पूजा और आरती करें। अगले दिन प्रातः ब्राह्मणों को भोजन कराएं या गरीबों में भोजन व दान करें और स्वयं अन्न ग्रहण कर व्रत संपन्न करें।

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Conclusion:- Sawan Somvar Vrat Vidhi

सावन सोमवार व्रत (Sawan somvar vrat) एक ऐसी प्राचीन परंपरा है जो आज भी प्रासंगिक है। यह व्रत हमें अपनी आस्था और विश्वास को मजबूत करने का अवसर देता है। इस व्रत को करते हुए हमें अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और दूसरों के प्रति करुणा और प्रेम दिखाने का प्रयास करना चाहिए। सावन सोमवार व्रत से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आए हो तो कृपया हमारे इस विशेष लेख को अपने सभी प्रिय जनों के साथ अवश्य साझा करें साथ ही साथ हमारी वेबसाइट https://janbhakti.in/ पर भी रोजाना विजिट करें।

FAQ’s: -Sawan Somvar Vrat Vidhi

Q. सावन सोमवार व्रत का महत्व क्या है? 

Ans. सावन सोमवार का व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। यह व्रत करने से भक्तों को उनका आशीर्वाद मिलता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस व्रत को करने से व्यक्ति को दुख, कष्ट और परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है।

Q.सावन सोमवार व्रत कब शुरू होता है? 

Ans. सावन सोमवार व्रत सावन महीने के पहले सोमवार से शुरू होता है। वर्ष 2024 में यह व्रत 22 जुलाई से शुरू होगा और 19 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान प्रत्येक सोमवार को व्रत रखा जाता है।

Q. सावन सोमवार व्रत की पूजा विधि क्या है? 

Ans. व्रतधारी को प्रातःकाल स्नान करना चाहिए। शिवलिंग पर जल, दूध, पंचामृत से अभिषेक करें। शिवजी को चंदन, फूल, बेलपत्र, जनेऊ आदि अर्पित करें। माता पार्वती और नंदी का भी पूजन करें। शुद्ध मन से पूजा-अर्चना करें।

Q. सावन सोमवार व्रत में क्या खाया जा सकता है? 

Ans. इस व्रत में दिन में केवल एक बार नमक रहित भोजन किया जाता है। फल, नारियल पानी, रसीले फलों का जूस, दूध की खीर, साबूदाने की खिचड़ी, काजू-बादाम आदि खाया जा सकता है। तला-भुना, नमकीन और मांसाहारी भोजन वर्जित है।

Q. सावन सोमवार व्रत की पूजा का सही समय क्या है? 

Ans. शिव पुराण के अनुसार सावन सोमवार की पूजा दिन के तीसरे प्रहर में दोपहर लगभग 4 बजे के आसपास करनी चाहिए। सूर्योदय के समय पूजा पूरी करने के बाद ही प्रदोष काल में शिव पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

Q. सावन सोमवार व्रत के लिए कौन सी पूजन सामग्री चाहिए? 

Ans. शिवलिंग, पंचामृत, जनेऊ, दीपक, धतूरा, इत्र, रोली, अष्टगंध, सफेद वस्त्र, बेलपत्र, धूप, फूल, सफेद चंदन, भांग, भस्म, गन्ने का रस, फल, मिठाई और माता पार्वती के 16 श्रृंगार (जैसे चूड़ियां, बिंदी, चुनरी, पायल, बिछुआ, मेहंदी, कुमकुम, सिंदूर आदि) चाहिए।