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Moonga Ratna Pehenne ki Vidhi: कब और कैसे धारण करें मूंगा? इसे कौन पहन सकता है? जाने पहनने की विधि शुभ मुहूर्त मंत्र आदि के बारे में|

Moonga Ratna Pehenne ki Vidhi
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मूंगा रत्न पहनने की विधि (Moonga Ratna Pehenne ki Vidhi): मूंगा, जिसे लाल मूंगा भी कहा जाता है, एक बहुमूल्य और शक्तिशाली रत्न है जो हिंदू ज्योतिष में मंगल ग्रह से जुड़ा हुआ है। यह एक जीवंत लाल रंग का पत्थर है जो समुद्र से प्राप्त होता है और प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। मूंगा न केवल अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके पहनने से कई लाभ भी माने जाते हैं। यह साहस, ऊर्जा और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करता है, और मानसिक तनाव को दूर करने में भी सहायक होता है।

हालांकि, मूंगा पहनने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। सबसे पहले, यह जानना जरूरी है कि मूंगा किन राशियों के लिए अनुकूल है और इसे कब और कैसे पहनना चाहिए। साथ ही, असली मूंगा की पहचान करना भी महत्वपूर्ण है क्योंकि बाजार में नकली मूंगे भी उपलब्ध हैं। इसके अलावा, मूंगा पहनने का सही तरीका और मंत्र का उच्चारण भी जानना चाहिए ताकि इसके पूर्ण लाभ प्राप्त हो सकें।

इस लेख में, हम आपको मूंगा (Moonga) रत्न से जुड़े सभी प्रमुख पहलुओं के बारे में विस्तार से बताएंगे। चाहे आप पहली बार मूंगा पहनने का विचार कर रहे हों या पहले से ही इसे धारण कर रहे हों, यह जानकारी आपके लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगी…

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मूंगा रत्न क्या है? (Moonga Ratna kya Hai)

मूंगा रत्न (Moonga), अपने गहरे लाल रंग और अद्वितीय आकर्षण के लिए जाना जाता है। समुद्र की गहराइयों में बनने वाला यह पत्थर, अंग्रेजी में कोरल के नाम से प्रसिद्ध है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मूंगा को मंगल ग्रह का रत्न माना गया है। इसे पहनने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और यह इंद्रियों तथा अंतर्ज्ञान की शक्तियों को भी प्रबल बनाता है।

असली मूंगा की पहचान कैसे करें? (Asli Moonga ki Pehchan kaise kare)

असली मूंगा रत्न (Moonga ratna) की पहचान:

जब हमने मूंगा रत्नों की विविधता को समझ लिया है, तो चलिए यह जानने की कोशिश करते हैं कि असली मूंगा को नकली और सिंथेटिक रत्नों से कैसे पहचाना जाए। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएँ हैं, जिनका अवलोकन आवश्यक है:

  • रंग: असली मूंगा रत्नों का रंग गहरा और जीवंत होता है, जिसमें अक्सर असमानताएँ और धब्बे होते हैं। लाल मूंगा विभिन्न लाल, गुलाबी और नारंगी शेड्स का संयोजन हो सकता है, जबकि गुलाबी मूंगा में आड़ू या सामन के हल्के संकेत हो सकते हैं। ऐसे मूंगों से बचें, जिनका रंग बहुत ही समान हो या जिनमें गहराई की कमी हो।
  • बनावट: प्रामाणिक मूंगा रत्नों की बनावट चिकनी होती है, लेकिन इनमें प्राकृतिक खामियाँ, जैसे गड्ढे, खांचे या अनियमितताएँ देखने को मिल सकती हैं। ये विशेषताएँ असली मूंगे की पहचान के लिए महत्वपूर्ण हैं और आमतौर पर सिंथेटिक या नकली सामग्रियों में नहीं मिलती हैं।
  • कठोरता: मूंगा रत्न अन्य रत्नों की तुलना में अपेक्षाकृत नरम होते हैं, जिनकी कठोरता मोहस पैमाने पर 3 से 4 के बीच होती है। इसलिए, असली मूंगा आसानी से नाखून या नुकीली वस्तु से खरोंचा जा सकता है। यदि मूंगा रत्न खरोंचने में प्रतिरोधी है, तो यह संभवतः सिंथेटिक या नकली सामग्री का हो सकता है।
  • अनाज: आवर्धन के तहत, असली मूंगा रत्न एक विशिष्ट अनाज पैटर्न दिखाते हैं, जो छोटी रेखाओं या खांचे के समान होता है। यह अनाज मूंगा पॉलीप्स की वृद्धि का परिणाम है और इसकी प्रामाणिकता का एक विश्वसनीय संकेत है। सिंथेटिक और नकली मूंगों में यह प्राकृतिक अनाज पैटर्न नहीं होता है या इनमें कृत्रिम बनावट होती है।
  • वज़न: मूंगा रत्न समान आकार के अन्य रत्नों की तुलना में हल्के होते हैं। यदि कोई मूंगा रत्न असामान्य रूप से भारी या घना प्रतीत होता है, तो यह संकेत हो सकता है कि यह सिंथेटिक या नकली सामग्री से बना है।
  • तापमान: असली मूंगा (Moonga) रत्नों में थर्मोक्रोमिज्म की अद्वितीय विशेषता होती है, जिससे उनका रंग तापमान में बदलाव के साथ बदलता है। आप अपने हाथों या सांस से रत्न को हल्का गर्म करके और उसमें होने वाले किसी भी रंग परिवर्तन का अवलोकन कर सकते हैं।

मूंगा धारण करने का समय (Moonga Dharan karne ka Samay)

  • मूंगा रत्न को मंगलवार के दिन सुबह उठकर स्नान करके और मूंगा को गंगाजल में डुबोकर धारण करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

मूंगा स्टोन पहनने की विधि (Moonga Stone Pehne ki Vidhi)

मूंगा रत्न धारण करने की विधि निम्नलिखित है।

  • रत्न शास्त्र के अनुसार कहा जाता है कि मूंगा को कम से कम सात से सवा 7 रत्नी का धारण करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • मूंगा की अंगूठी धारण करने से पहले इसे कच्चे दूध या गंगाजल में अच्छी तरह से धो लेना चाहिए।
  • इसके बाद इसे मंगलवार के दिन सुबह से दोपहर के बीच कभी भी धारण कर लेना चाहिए।
  • मूंगा की अंगूठी को हमेशा दाएं हाथ की अनामिका उंगली में ही धारण करना चाहिए।
  • मूंगा धारण करने के बाद मंदिर में जाकर किसी भी पुजारी को चरण स्पर्श करने मंगल ग्रह से संबंधित दान करना चाहिए।

मूंगा धारण करने का मंत्र (Moonga Dharan karne ka Mantra)

  • “‘ओम भौमाय नमः’ मंत्र का उच्चारण करते हुए मूंगा धारण करें, जिससे मंगल का प्रभाव शुभ होता है और ऊर्जा का संतुलन बना रहता है।”

मूंगा धारण करने का शुभ मुहूर्त (Moonga Dharan karne ka Shubh Muhurat)

  • “मंगलवार को सुबह से दोपहर के बीच मूंगा (Moonga) धारण करें, यह समय इसे पहनने के लिए सबसे शुभ माना गया है, जिससे इसका सकारात्मक प्रभाव अधिकतम होता है।”

मूंगा रत्न किस उंगली में पहने? (Moonga Ratna kis Ungli Mein Pehne)

  • “मंगल का रत्न मूंगा रिंग फिंगर में धारण किया जा सकता है, इसे पहनने से मंगल ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा और शुभ प्रभाव प्राप्त होते हैं।”

मूंगा किस राशि को पहनना चाहिए? (Moonga Kis Rashi ko Pehenna Chahiye)

  • “मेष, वृश्चिक राशि के लोग, या सिंह, धनु, मीन लग्न वाले मूंगा धारण कर सकते हैं। साथ ही, कुंडली में मांगलिक दोष होने पर मूंगा पहनने से विशेष लाभ मिलता है।”

मूंगा पहनने के फायदे और नुकसान (Moonga Pehnne ke Fayde Aur Nuksan)

मूंगा रत्न के फायदे

  • मूंगा रत्न से मंगल ग्रह से संबंधित माता जाता है अगर इसे मेडिकल के छात्र धारण करे तो अत्यंत लाभ मिलता है,
  • मूंगा धारण करने वाले व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुसार सफलता हासिल करने की रह पर पहुंच सकते है।
  • मूंगा धारण करने से व्यक्ति को डर या भय नहीं सताया है।

मूंगा रत्न के नुकसान

मुंगरत्न को हमेशा राशि के अनुसार ही धारण करना चाहिए अगर आप इसे अपनी इच्छा से पहनते हैं तो आपको नीचे दिए गए नुकसान उठाने पड़ सकते हैं।

  • यह रत्न आपके जीवन में नकारात्म प्रभाव डाल सकता है।
  • मूंगा धारण करने से आप चिड़चिड़े भी हो सकते हैं।
  • यह आपके आपसी रिश्तों को भी नकारात्मकता में बदल सकता है।
  • इस रत्न को धारण करने से आपकी सेहत भी बिगड़ सकती है।

मूंगा रत्न पहनने के शुभ और अशुभ संकेत क्या है? (Moonga Ratna Pehenne ke Shubh Aur Ashubh Sanket kya Hain)

मूंगा रत्न पहनने के शुभ संकेत:

  1. मूंगा रत्न (Moonga) कमजोर मंगल की स्थिति वाले लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी होता है, विशेषकर मेष और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए। सिंह, धनु, या मीन लग्न के लोग भी इसे पहन सकते हैं।
  1. मूंगा (Moonga) पहनने से आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है, जो मानसिक थकावट और उदासी को नियंत्रित करने में सहायक है।
  1. रक्त विकार, पीलिया, मिर्गी जैसी बीमारियों में लाभ, नेतृत्व क्षमता में सुधार, और गर्भवती महिलाओं के लिए गर्भपात के खतरे को कम करने में मूंगा मददगार है।

मूंगा रत्न पहनने के अशुभ संकेत:

  1. मकर और धनु राशि के जातकों को मूंगा धारण नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह उनके लिए हानिकारक हो सकता है।
  1. मूंगा धारण करने वालों को नीलम रत्न नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि इन दोनों का एक साथ धारण करना समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
  1. मूंगा पहनने से पहले इसे कच्चे दूध और गंगाजल से धो लेना चाहिए, ताकि इसकी सकारात्मक ऊर्जा को सक्रिय किया जा सके।

Conclusion:-Moonga Ratna Pehenne ki Vidhi

आशा करते हैं की ( नीलम रत्न – पहनने की विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, कौन पहन सकता है, कौन नहीं) से संबंधित यह बेहद खास लेख आपको पसंद आया होगा अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद 

FAQ’s

1. मूंगा रत्न क्या है?

मूंगा रत्न, जिसे अंग्रेजी में “Coral Gemstone” कहा जाता है, एक मूल्यवान रत्न है जो मंगल ग्रह की ऊर्जा को दर्शाता है। यह रत्न मूलतः समुद्र में पाया जाता है और इसका रंग सामान्यतः लाल या गुलाबी होता है। मूंगा रत्न को पहनने से साहस, आत्मविश्वास, और ऊर्जा में वृद्धि होती है।

2. मूंगा रत्न किसे पहनना चाहिए?

मूंगा रत्न उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभदायक होता है जिनका मंगल ग्रह कमजोर होता है या जिनकी कुंडली में मंगल दोष होता है। विशेष रूप से मेष और वृश्चिक राशि वाले जातकों के लिए यह लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा, जिन लोगों को जीवन में आत्मविश्वास की कमी या निर्णय लेने में कठिनाई होती है, वे भी इसे पहन सकते हैं।

3. मूंगा रत्न पहनने की विधि क्या है?

मूंगा रत्न पहनने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:

  • मूंगा रत्न को मंगलवार के दिन पहनना उत्तम माना जाता है।
  • सुबह के समय सूर्योदय से पहले स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें।
  • एक तांबे के पात्र में गंगाजल लेकर मूंगा रत्न को उसमें कुछ देर के लिए रखें।
  • इसके बाद “ॐ अं अंगारकाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • मंत्र जाप के बाद मूंगा रत्न को सोने या तांबे की अंगूठी में धारण करें। यह अंगूठी अनामिका उंगली में पहननी चाहिए।

4. मूंगा रत्न के फायदे क्या हैं?

मूंगा रत्न पहनने से निम्नलिखित लाभ मिल सकते हैं:

  • मानसिक शांति और स्थिरता में वृद्धि होती है।
  • साहस, आत्मविश्वास और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार होता है।
  • शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, विशेषकर रक्त संबंधी समस्याओं में लाभकारी होता है।
  • नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहायक होता है और सकारात्मकता को बढ़ावा देता है।

5. मूंगा रत्न पहनते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

मूंगा रत्न पहनते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें:

  • केवल अच्छे और प्रमाणिक ज्योतिषी से सलाह लेकर ही मूंगा रत्न धारण करें।
  • इसे हमेशा बिना किसी खरोंच या दरार वाले रत्न के रूप में ही पहनें।
  • अन्य ग्रहों के रत्नों के साथ इसे संयमित तरीके से पहनें ताकि इसका प्रभाव सही रूप में मिले।

6. मूंगा रत्न की शुद्धता कैसे पहचानें?

मूंगा रत्न की शुद्धता जानने के लिए:

  • रत्न में किसी प्रकार का निशान या दरार नहीं होनी चाहिए।
  • असली मूंगा रत्न में रंग एक समान होना चाहिए और उसकी सतह चमकदार होती है।
  • हमेशा प्रमाणित ज्वेलर्स से ही मूंगा रत्न खरीदें।

7. मूंगा रत्न का प्रभाव कितने समय में दिखता है?

अधिकांश मामलों में मूंगा रत्न का प्रभाव धारण करने के 15-30 दिनों के भीतर दिखने लगता है। हालांकि, यह व्यक्ति की कुंडली और उसकी परिस्थिति पर भी निर्भर करता है।

Disclaimer: इस लेख के द्वारा दी गई सभी जानकारियां इंटरनेट पर आधारित है। हम आपको बता दें कि janbhakti.in ऐसी मान्यताओं की पुष्टि नहीं करता है, इसलिए इन सभी टिप्स को अमल में लाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें ।