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Neelam Ratna Pehenne ki Vidhi: कब और कैसे धारण करें नीलम? इसे कौन पहन सकता है?, जाने पहनने की विधि शुभ मुहूर्त मंत्र आदि के बारे में।

Neelam Ratna Pehenne ki Vidhi
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नीलम रत्न पहनने की विधि (Neelam Ratna Pehenne ki Vidhi): नीलम स्टोन (Neelam stone), एक अत्यधिक मूल्यवान और शक्तिशाली रत्न, जिसकी गहरी नीली रंगत और अद्वितीय गुणों ने सदियों से लोगों को आकर्षित किया है। यह रत्न न केवल सुंदरता का प्रतीक है, बल्कि यह भाग्य, समृद्धि और सफलता का भी प्रतीक माना जाता है। लेकिन नीलम स्टोन को पहनने से पहले, क्या आप जानते हैं कि इसका शुभ समय क्या है? शुभ मुहूर्त क्या है? और असली नीलम स्टोन कैसे पहचानें? इस लेख में, हम आपको नीलम स्टोन के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। हम आपको बताएंगे कि नीलम स्टोन को पहनने की विधि क्या है, इसे किस उंगली में पहनना चाहिए, और इसका धारण करने का मंत्र क्या है। साथ ही, हम आपको बताएंगे कि नीलम स्टोन को असली या नकली कैसे पहचानें और। यह लेख नीलम स्टोन के जातकों के लिए तो उपयोगी होगा ही, Neelam Ratna Pehenne ki Vidhi साथ ही अन्य लोगों को भी नीलम स्टोन के बारे में जानने में मदद करेगा।  

इस लेख के माध्यम से, आप नीलम स्टोन (Neelam) के बारे में सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त करेंगे तो इसीलिए हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें… 

नीलम रत्न क्या है? (Neelam Ratna kya Hai)

नीलम स्टोन (Neelam stone), जिसे अंग्रेज़ी में ब्लू सफ़ायर (Blue Sapphire) कहा जाता है, एक कीमती रत्न है जो मुख्य रूप से शनि ग्रह से जुड़ा हुआ माना जाता है। यह गहरे नीले रंग का होता है और ज्योतिष में इसे धारण करने से शनि के प्रभाव को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है। नीलम को एक शक्तिशाली और त्वरित प्रभाव वाला रत्न माना जाता है, जो सकारात्मक परिणामों के साथ-साथ तत्काल बदलाव ला सकता है। नीलम स्टोन को धारण करने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार, रोगों से मुक्ति, और करियर में उन्नति मिलती है। 

असली नीलम की पहचान कैसे करें? (Asli Neelam ki Pehchan kaise kare)

जब भी नीलम रत्न (Neelam) धारण करने की बात हो, तो उसकी क्वालिटी का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। हमेशा सर्वोत्तम गुणवत्ता वाला, असली नीलम ही पहनें, क्योंकि यही आपके जीवन में सकारात्मक प्रभाव ला सकता है। असली नीलम की पहचान इसके अद्वितीय नीले रंग से होती है, जो बेहद पारदर्शी, चमकदार और मुलायम सतह वाला होता है। इसे देखते ही इसकी गहराई में किरणों जैसी धारियों का अहसास होता है, जो इसकी विशेषता है। असली नीलम को पहचानने का एक और तरीका यह है कि इसे दूध में रखें, तो दूध का रंग नीला हो जाता है, जो इसकी प्रामाणिकता का प्रमाण देता है। इस विशेषता के कारण यह रत्न बहुत कीमती माना जाता है।

नीलम धारण करने का समय (Neelam Dharan karne ka Samay)

नीलम (Neelam) रत्न को शनिवार के दिन धारण करना लाभप्रद माना जाता है, फिर भी इसे धारण करने से पहले ज्योतिषी से परामर्श करना अत्यंत आवश्यक है।

नीलम स्टोन पहनने की विधि (Neelam Stone Pehne ki Vidhi)

नीलम स्टोन पहनने की विधि कुछ इस प्रकार है: 

  • शुद्धिकरण: नीलम स्टोन को पहनने से पहले गंगाजल, दूध, और शहद के साथ शुद्ध करना चाहिए। इसका उद्देश्य रत्न को शुद्ध करना और उसमें मौजूद अनुपयोगी ऊर्जा को हटाना है।
  • मंत्र जप: नीलम स्टोन पहनने के समय कुछ विशेष मंत्रों का जप भी किया जा सकता है। यह प्रक्रिया रत्न की शक्ति को बढ़ाने और धारक के लिए अधिक लाभदायक बनाने में मदद करती है।
  • सही दिन और समय: नीलम स्टोन (Neelam stone) को शनिवार को, शुक्ल पक्ष के दौरान पहनना चाहिए। यह समय शनि ग्रह के लिए शुभ माना जाता है और इससे नीलम का प्रभाव बढ़ सकता है।
  • सही अंगूठी और उंगली: नीलम स्टोन को सोने या चांदी की अंगूठी में सेट करके पहना जाता है। इसे दाहिने हाथ की मध्य अंगुली में पहनना चाहिए।
  • ज्योतिषी की सलाह: नीलम स्टोन (Neelam) पहनने से पहले एक अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे आपके जन्म कुंडली के आधार पर नीलम स्टोन की उपयुक्तता की जांच कर सकते हैं और सही धारण विधि की सलाह दे सकते हैं।

नीलम धारण करने का मंत्र (Neelam Dharan karne ka Mantra)

वयस्क व्यक्ति को 5, 7, 9 या 12 रत्ती का नीलम धारण करना चाहिए और इसे धारण करने से पहले “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनिश्चराय नमः” मंत्र का जप अवश्य करें।

नीलम धारण करने का शुभ मुहूर्त (Neelam Dharan karne ka Shubh Muhurt)

नीलम रत्न (Neelam) को शनिवार के दिन सुबह 5 से 9 बजे या शाम 5 से 7 बजे के बीच धारण करना अत्यंत शुभ माना गया है, क्योंकि इन विशेष समयों में इसका प्रभाव अधिक फलदायी होता है।

नीलम रत्न किस उंगली में पहने? (Neelam Ratna kis Ungli Mein Pehne)

आमतौर पर नीलम रत्न (Neelam) को दाएं हाथ की मध्यमा उंगली में धारण किया जाता है, क्योंकि यह उंगली शनि ग्रह से संबंध रखती है। इसे पहनने से व्यक्ति के जीवन में अनुशासन, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और मानसिक संतुलन में उल्लेखनीय सुधार होता है।

नीलम किस राशि को पहनना चाहिए? (Neelam Kis Rashi ko Pehenna Chahiye)

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, नीलम (Neelam) रत्न कुंभ और मकर राशि के जातकों के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है, क्योंकि इन राशियों पर शनि देव का प्रभाव होता है। इसके अलावा, वृष, मिथुन, कन्या और तुला राशि के लोग भी नीलम धारण कर शनि की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। 

नीलम पहनने के फायदे और नुकसान (Neelam Pahnane ke Fayde Aur Nuksan)

नीलम रत्न से होने वाले फायदे

नीलम रत्न का वैदिक ज्योतिष में विशेष महत्व है। प्राकृतिक नीला नीलम आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान को बढ़ाने में सहायक होता है, जिससे व्यक्ति के नेतृत्व और संचार कौशल में सुधार आता है। यह मणि पहनने वाले की अंतर्दृष्टि और अंतर्ज्ञान को बढ़ाता है, जिससे निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होती है। इसके साथ ही, नीलम की ऊर्जा व्यक्ति के चारों ओर सकारात्मकता का एक कवच बना देती है, जो उसे नकारात्मकता, बुरी आत्माओं और बुरे सपनों से सुरक्षित रखती है। इसके अलावा, यह रत्न दुर्घटनाओं और चोटों से बचाव में भी मदद करता है। आध्यात्मिक रूप से, यह व्यक्ति की आंतरिक चेतना को जागृत करके उसे धार्मिकता और दया के मार्ग पर अग्रसर करता है।

नीलम रत्न से होने वाले नुकसान

हालांकि नीलम रत्न अत्यधिक शक्तिशाली होता है, लेकिन यदि इसे सही तरीके से नहीं पहना जाए या यह आपकी कुंडली के अनुसार अनुकूल न हो, तो इसके नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं। गलत धारण करने पर यह आँखों से संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है और दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ा सकता है। मानसिक अवसाद और विचित्र या बुरे स्वप्नों का सामना भी करना पड़ सकता है। इसके अलावा, आर्थिक समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं यदि नीलम रत्न आपके ज्योतिषीय गुणों के अनुसार अनुकूल न हो। इसलिए, इसे धारण करने से पहले किसी विशेषज्ञ ज्योतिष की सलाह लेना अनिवार्य है।

नीलम रत्न पहनने के शुभ और अशुभ संकेत इस प्रकार हैं:

शुभ संकेत:

  • नीलम के अनुकूल होने पर इसे धारण करते ही स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से राहत मिलनी शुरू हो जाती है।
  • नीलम शुभ होने पर व्यक्ति को आर्थिक लाभ मिलने के साथ नौकरी और व्यवसाय में उन्नति के संकेत भी दिखाई देने लगते हैं।
  • नीलम धारण करने से व्यक्ति मेहनती और परिश्रमी बनता है तथा उसकी कार्यशैली में निखार आता है।

अशुभ संकेत:

  • अगर नीलम अनुकूल नहीं है तो इसे पहनने पर आंखों में तकलीफ होनी शुरू हो जाती है।
  • नीलम के अशुभ होने पर व्यक्ति के साथ दुर्घटनाएं और शारीरिक कष्ट बढ़ने लगते हैं।
  • नीलम अगर अनुकूल नहीं है तो बुरे और डरावने सपने आने शुरू हो जाते हैं तथा आर्थिक नुकसान भी होने लगता है।

नीलम रत्न पहनने से पहले किसी सुयोग्य ज्योतिषी की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। यदि नीलम आपके लिए अनुकूल है तो इससे कई लाभ मिल सकते हैं, परंतु अगर यह आपके लिए शुभ नहीं है तो इससे हानि भी हो सकती है। इसलिए सावधानी बरतना बहुत जरूरी है।

Conclusion:-Neelam Ratna Pehenne ki Vidhi

आशा करते हैं की (नीलम रत्न – पहनने की विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, कौन पहन सकता है, कौन नहीं) से संबंधित यह बेहद खास लेख आपको पसंद आया होगा अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद 

Disclaimer: इस लेख के द्वारा दी गई सभी जानकारियां इंटरनेट पर आधारित है। हम आपको बता दें कि जन भक्ति ऐसी मान्यताओं की पुष्टि नहीं करता है, इसलिए इन सभी टिप्स को अमल में लाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें ।

FAQ’s:-Neelam Ratna Pehenne ki Vidhi

1. नीलम रत्न पहनने का सही तरीका क्या है?

  • नीलम रत्न पहनने के लिए सबसे पहले कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति का अध्ययन करना जरूरी है। यह सलाह दी जाती है कि किसी अनुभवी ज्योतिषी से मार्गदर्शन लें।
  • नीलम रत्न को शनिवार के दिन सूर्य उदय के समय शुद्धता और पवित्रता के साथ पहनना चाहिए।
  • इसे मध्यमा उंगली (मध्य अंगुली) में पहनना शुभ माना गया है, खासकर चांदी या सोने की अंगूठी में।

2. नीलम रत्न पहनने से पहले क्या करना चाहिए?

  • नीलम रत्न को पहनने से पहले शुद्धिकरण आवश्यक है। इसके लिए आप नीलम को गंगाजल, दूध और शहद के मिश्रण में कुछ समय के लिए रखें।
  • इसके बाद, इसे साफ करके शनि मंत्र का जाप करते हुए पहनें। मंत्र: “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का 108 बार जाप करें।

3. नीलम रत्न कौन पहन सकता है?

  • नीलम रत्न मुख्य रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिनके जीवन में शनि ग्रह का शुभ प्रभाव हो।
  • तुला और मकर राशि के लोग आमतौर पर नीलम रत्न पहन सकते हैं, लेकिन सही निर्णय लेने के लिए ज्योतिषीय सलाह अवश्य लें।

4. नीलम रत्न कितने कैरेट का पहनना चाहिए?

  • सामान्यतः नीलम रत्न का वजन 3 से 5 कैरेट के बीच होना चाहिए। रत्न की शुद्धता और असली नीलम होना बहुत महत्वपूर्ण है।
  • बेहतर परिणामों के लिए उच्च गुणवत्ता और स्वच्छ रत्न का चयन करें।

5. नीलम रत्न पहनने के फायदे क्या हैं?

  • नीलम रत्न पहनने से शनि ग्रह की शुभता मिलती है, जो करियर में उन्नति, मानसिक शांति, और आर्थिक स्थिरता में मदद करता है।
  • यह स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव करता है।

6. क्या नीलम रत्न पहनने के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं?

  • नीलम एक बहुत ही शक्तिशाली रत्न है और अगर यह व्यक्ति की कुंडली के अनुसार उपयुक्त नहीं है, तो इसके नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं।
  • कुछ लोगों को इसे पहनने के बाद अनिद्रा, तनाव, या अन्य मानसिक परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए इसे बिना सलाह के न पहनें।

7. नीलम रत्न की देखभाल कैसे करें?

  • नीलम रत्न को नियमित रूप से साफ रखना चाहिए। इसे मुलायम कपड़े से पोंछ सकते हैं और समय-समय पर गंगाजल से भी साफ करें।
  • इसे कठोर वस्तुओं के संपर्क से बचाएं और इसे किसी भारी केमिकल से दूर रखें।

8. नीलम रत्न की शुद्धता और गुणवत्ता कैसे परखें?

  • एक अच्छा नीलम रत्न पारदर्शी और चमकदार होता है। इसमें किसी भी प्रकार की दरार या धब्बे नहीं होने चाहिए।
  • इसे खरीदते समय सर्टिफिकेट और विश्वसनीय विक्रेता का चयन करें।