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Kanya Rashi ke isht Dev Kaun Hai: कन्या राशि – जानें कन्या राशि के इष्ट देव, राशि तत्व, राशि का स्‍वामी, मंत्र, धातु, रत्न, रुद्राक्ष, राशि नाम अक्षर बारे में संपूर्ण जानकारी।

Kanya Rashi ke isht Dev Kaun Hai
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कन्या राशि के बारे में संपूर्ण जानकारी (Kanya Rashi ke Baare Mein Sampoorna Jankari): हिंदू ज्योतिष में बारह राशियों में से कन्या राशि (Kanya Rashi) छठी राशि है, जो पृथ्वी तत्व से संबंधित है। कन्या राशि (Kanya Rashi) के जातक अपनी बुद्धिमत्ता, विश्लेषणात्मक क्षमता और सेवाभाव के लिए जाने जाते हैं। यह राशि अपनी अद्वितीय विशेषताओं और गुणों के कारण विशेष महत्व रखती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कन्या राशि के स्वामी कौन हैं? कन्या राशि का तत्व क्या है? और कन्या राशि की धातु क्या है? इस लेख में, हम आपको कन्या राशि के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। Kanya Rashi ke isht Dev Kaun Hai हम आपको बताएंगे कि कन्या राशि के इष्ट देव और प्रमुख मंत्र क्या है, कन्या राशि का लकी नाम अक्षर क्या है, और कन्या राशि के जातकों की शुभ दिशा क्या है। इसके अलावा, हम आपको बताएंगे कि जन्मतिथि के अनुसार कन्या राशि के जातकों को कैसे पहचाना जा सकता है और उनकी व्यक्तिगत विशेषताएं क्या होती हैं। यह लेख कन्या राशि के जातकों के लिए तो उपयोगी होगा ही, साथ ही अन्य राशि के जातकों को भी कन्या राशि के बारे में जानने में मदद करेगा। 

तो आइए, जानें कन्या राशि के बारे में और अपने जीवन को बेहतर बनाएं। इस लेख के माध्यम से, आप कन्या राशि के रहस्यों को उजागर करेंगे और अपने जीवन को अधिक सार्थक बनाएंगे।

Table Of Content 

विषयविवरण 
कन्या राशिकन्या राशि (Kanya Rashi), जो राशि चक्र की छठी स्थिति पर स्थित है, दक्षिण दिशा की प्रतीक है।
स्वामी ग्रहकन्या राशि का स्वामी ग्रह बुध है
तत्वकन्या राशि का तत्व पृथ्वी तत्व है
इष्ट देवकन्या राशि के इष्ट देव भगवान गणेश हैं
सिंह राशि का मंत्रॐ नमः पीं पीताम्बराय नमः
अन्य मंत्रश्री गणेशाय नमः
धातुकन्या राशि के जातकों के लिए लोहा भी शुभ माना जाता है।
रत्नकन्या राशि के लिए नीलम रत्न शुभ माना जाता है।
रुद्राक्षकन्या राशि के जातकों के लिए दो मुखी रुद्राक्ष उपयुक्त है
मित्र राशियाँवृश्चिक, वृषभ और मकर राशि कन्या राशि की मित्र राशियां हैं
शत्रु राशियाँकुंभ और मेष राशि को कन्या राशि की शत्रु राशि मानी जाती है
लकी नाम के अक्षरकन्या राशि (Kanya Rashi) में जन्मे व्यक्तियों के नाम आमतौर पर ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, और पो हैं 
दिशाकन्या राशि की दिशा दक्षिण दिशा हैं।
महत्वपूर्ण व्रत और त्यौहार कन्या राशि के जातक बुधवार को व्रत रख सकते हैं।
विशेष पूजाप्रत्येक बुधवार को भगवान गणेश की पूजा

कन्या राशि क्या है? (Kanya Rashi kya Hai)

कन्या राशि (Kanya Rashi), जो राशि चक्र की छठी स्थिति पर स्थित है, दक्षिण दिशा की प्रतीक है। इसका चिह्न एक कन्या है, जो हाथ में फूलों की डाली लिए हुए है। कन्या राशि का विस्तार राशि चक्र में 150 अंश से लेकर 180 अंश तक है। इस राशि का स्वामी बुध है, और इसके तीन द्रेष्काणों के स्वामी बुध, शन‍ि और शुक्र हैं।

इस राशि में उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के दूसरे, तीसरे और चौथे चरण, चित्रा के पहले दो चरण, और हस्त नक्षत्र के सभी चार चरण शामिल हैं। उत्तराफाल्गुनी के दूसरे चरण का स्वामी सूर्य और शन‍ि है, जो जातक में कार्य के प्रति एक मजबूत महत्वाकांक्षा उत्पन्न करते हैं। तीसरे चरण में भी यही ग्रह प्रभावी होते हैं, जिससे जातक के मन में घर और बाहर के विभाजन की भावना उत्पन्न होती है। चौथे चरण में जातक अधिक भावनात्मक हो जाते हैं और अपने विचारों के बजाय हृदय की सुनने लगते हैं। कन्या राशि के लोग अक्सर संकोची और शर्मीले स्वभाव के होते हैं, जो झिझक के साथ अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं।

कन्या राशि का तत्व क्या है? (Kanya Rashi ka Tatva kya Hai)

कन्या राशि (Kanya Rashi) का तत्व पृथ्वी (Earth) है। यह तत्व स्थिरता, व्यावहारिकता और यथार्थता का प्रतीक है, जो कन्या राशि के जातकों की विशेषताओं को दर्शाता है।

कन्या राशि के स्वामी कौन हैं? (Kanya Rashi ke Swami kaun Hain)

कन्या राशि (Kanya Rashi) का स्वामी ग्रह बुध है, जिसे बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित, चतुराई, अर्थव्यवस्था, व्यापार और मित्रता का कारक माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुध ग्रह लगभग एक महीने में एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तित होता है।

कन्या राशि के इष्ट देव कौन हैं? (Kanya Rashi ke isht Dev kaun Hain)

कन्या राशि (Kanya Rashi) के जातकों को धन संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए गणेशजी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए, क्योंकि मिथुन राशि की तरह कन्या राशि के भी इष्ट देव भगवान गणेश जी ही हैं।

कन्या राशि के लिए मंत्र (Kanya Rashi ke liye Mantra)

कन्या राशि (Kanya Rashi) के जातकों के लिए शुभ मंत्र ॐ नमः पीं पीताम्बराय नमः है।

कन्या राशि के लिए धातु (Kanya Rashi ke liye Dhatu)

कन्या राशि (Kanya Rashi) का स्वामी ग्रह बुध है, और ज्योतिष के अनुसार, शनि और बुध के बीच मित्रता स्थापित की गई है। इसलिए, कन्या राशि के जातकों के लिए लोहा भी शुभ माना जाता है।

कन्या राशि के लिए रत्न (Kanya Rashi ke liye Ratn)

कन्या राशि (Kanya Rashi) के लिए नीलम रत्न को जन्म रत्न माना जाता है। यह ज्ञान, स्पष्टता और भावना का प्रतीक है। नीलम, कन्या राशि के गुणों जैसे ईमानदारी, निस्वार्थता, लचीलापन और दृढ़ इच्छाशक्ति को बढ़ाने में सहायक है। पश्चिमी ज्योतिष के अनुसार, नीलम को कन्या राशि का जीवन रत्न भी कहा जाता है।

कन्या राशि की शत्रु राशियाँ कौन सी है? (Kanya Rashi ki shatru rashiyaan kaun si hain?)

कन्या राशि (Kanya Rashi) के जातकों की कुंभ और मेष राशि वालों के प्रति अक्सर उदासीनता होती है। इसी कारण, कुंभ और मेष राशि को कन्या राशि की शत्रु राशियों के रूप में भी देखा जाता है।

कन्या राशि की मित्र राशियाँ कौन सी है? (Kanya Rashi ki mitra rashiya kaun si hoti hai)

कन्या राशि (Kanya Rashi) के जातकों की वृश्चिक, वृषभ और मकर राशि वालों के साथ अच्छी अनुकूलता होती है। मीन राशि के प्रति भी उनका आकर्षण रहता है, हालांकि दो कन्या राशि वाले एक-दूसरे के साथ संघर्ष कर सकते हैं। इसके अलावा, मिथुन, तुला और सिंह राशि के लोगों के साथ उनकी मित्रता प्रगाढ़ होती है।

कन्या राशि नाम अक्षर (Kanya Rashi naam akshar)

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कन्या राशि (Kanya Rashi) में जन्मे व्यक्तियों के नाम आमतौर पर ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, और पो अक्षरों से आरंभ होते हैं।

कन्या राशि की दिशा क्या है? (Kanya Rashi ki Disha kya Hai)

कन्या राशि (Kanya Rashi) के जातकों के लिए दक्षिण दिशा को शुभ माना जाता है। वहीं, वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर दिशा उनके लिए सबसे अधिक अनुकूल होती है।

जन्मतिथि से कन्या राशि पहचानिए (Birth Date Se Kanya Rashi Jane)

जो लोग 23 अगस्त से 22 सितंबर के बीच जन्म लेते हैं, उनकी राशि सामान्यतः कन्या (Kanya Rashi) मानी जाती है। हालांकि, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि सूर्य हर वर्ष अलग-अलग तिथियों पर राशियों के बीच गतिमान होता है, इसलिए इस बात की निश्चितता नहीं होती कि हर किसी की राशि कन्या ही होगी।

Conclusion:-Kanya Rashi ke isht Dev Kaun Hai

आशा करते हैं की (कन्या राशि – इष्ट देव, राशि तत्व, राशि का स्‍वामी,मंत्र, धातु, रत्न, रुद्राक्ष, राशि नाम अक्षर) से संबंधित यह बेहद खास लेख आपको पसंद आया होगा अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद

FAQ’s:-Kanya Rashi ke isht Dev Kaun Hai

1. कन्या राशि के इष्ट देव कौन हैं?

कन्या राशि के इष्ट देव भगवान विष्णु हैं। भगवान विष्णु को पालक और संरक्षक के रूप में पूजा जाता है। कन्या राशि के जातक अगर भगवान विष्णु की उपासना करते हैं, तो उन्हें मानसिक शांति, सफलता और जीवन में स्थिरता प्राप्त होती है।

2. भगवान विष्णु की पूजा का महत्व क्या है?

भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ कम होती हैं। वे अपने भक्तों को सच्चे मार्ग पर चलते रहने के लिए प्रेरित करते हैं और जीवन में संतुलन बनाए रखते हैं। कन्या राशि के जातक अगर नियमित रूप से विष्णु सहस्रनाम का पाठ करते हैं या विष्णु जी की आराधना करते हैं, तो उन्हें विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है।

3. कन्या राशि के जातकों को किस प्रकार से पूजा करनी चाहिए?

  • भगवान विष्णु की पूजा के लिए पीले फूलों का प्रयोग करना शुभ माना जाता है।
  • विष्णु सहस्रनाम का पाठ या “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करना भी फायदेमंद होता है।
  • गुरुवार का दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा के लिए शुभ होता है।

4. कन्या राशि के लिए कौन से रंग शुभ हैं?

कन्या राशि के जातकों के लिए हरा और पीला रंग शुभ माने जाते हैं। इन रंगों का उपयोग जीवन में सुख-समृद्धि और शांति लाने में सहायक होता है।

5. क्या कन्या राशि के जातकों के लिए अन्य देवताओं की पूजा भी फायदेमंद हो सकती है?

हालांकि भगवान विष्णु को कन्या राशि का इष्ट देव माना जाता है, लेकिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की भी पूजा करना लाभदायक हो सकता है। गणेश जी विघ्नहर्ता हैं और लक्ष्मी जी धन और समृद्धि की देवी हैं।

6. क्या कन्या राशि के जातकों के लिए कोई विशेष पूजा या व्रत होता है?

कन्या राशि के जातक गुरुवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इसके अलावा, एकादशी व्रत भी भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए उपयुक्त होता है।