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Hartalika Teej Vrat katha: हरतालिका तीज व्रत कथा सुनने से प्रसन्न होंगे शिव-पार्वती, मिलेगा अखंड सौभाग्य का वरदान।

Hartalika Teej Vrat katha
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हरतालिका तीज व्रत कथा (Hartalika Teej Vrat katha): हरतालिका तीज – एक ऐसा त्योहार जो प्रेम, श्रद्धा और समर्पण की अद्भुत गाथा है। यह वह पावन पर्व है जब महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और अटूट प्रेम की कामना करती हैं। हरतालिका तीज की कहानी हमें बताती है कि प्रेम में विश्वास और धैर्य का कितना महत्व होता है। यह हमें सिखाता है कि कठिन परिस्थितियों में भी हार न मानना और अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहना। हरतालिका तीज का इतिहास बेहद रोचक है। इस दिन की व्रत कथा हमें बताती है कि किस प्रकार माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तप किया था। उनकी अटल श्रद्धा और प्रेम ने आखिरकार भगवान शिव को प्रसन्न कर ही लिया। इस व्रत की पूजा विधि भी बड़ी ही सरल और सहज है। तो आइए, हम सब मिलकर इस लेख के माध्यम से हरतालिका तीज के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

आइए जानते हैं कि आखिर क्यों और कैसे मनाया जाता है यह पर्व। साथ ही हम यह भी जानेंगे कि इस दिन की पूजा विधि क्या है और इसका क्या महत्व है। तो देर किस बात की, चलिए शुरू करते हैं यह बेहद खास लेख…

Table Of Content:-Hartalika Teej Vrat katha 

S.NOप्रश्न
1हरतालिका तीज क्या है?
2हरतालिका तीज व्रत कथा क्या है?
3हरतालिका तीज व्रत कथा पीडीएफ डाउनलोड
4हरतालिका तीज पूजा विधि क्या है?

हरतालिका तीज क्या है? (Hartalika Teej Kya Hai)

Hartalika Teej Kya Hai

हरतालिका तीज (Hartalika Teej) एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है। यह त्योहार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आता है। इस दिन महिलाएं भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती (Goddess Parvati) की पूजा करती हैं और उनके सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत  रखती हैं। हरतालिका तीज का नाम “हरत” और “आलिका” शब्दों से बना है, जिसका अर्थ है “हरने वाली सखी”। यह कथा माता पार्वती के अपने सखियों द्वारा शिव जी से विवाह की इच्छा पूरी करने के लिए हरण की घटना से संबंधित है। व्रती महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और रात्रि जागरण कर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं। इस दिन कथा सुनने और सामूहिक रूप से भजन-कीर्तन करने का भी विशेष महत्व है।

हरतालिका तीज व्रत कथा क्या है? (Hartalika Teej Vrat Katha kya Hai) 

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हरतालिका तीज (Hartalika Teej) की कथा एक अनूठी प्रेम और भक्ति की कहानी है, जिसमें माता पार्वती (Goddess Parvati) ने भगवान शिव (Lord Shiva) को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की। बचपन से ही माता पार्वती का मन भगवान शिव के प्रति अटूट प्रेम से भरा हुआ था। वह भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए हिमालय पर्वत के गंगा तट पर कठोर तपस्या में लीन हो गईं। इस तपस्या में उन्होंने अन्न और जल का त्याग कर केवल सूखे पत्ते चबाए। पार्वती जी के इस कठोर तप से उनके माता-पिता दुखी हो गए और उनकी शादी के लिए चिंतित हो गए।

एक दिन देवऋषि नारद भगवान विष्णु का विवाह प्रस्ताव लेकर पार्वती जी के पिता के पास पहुँचे। इस प्रस्ताव से माता-पिता खुश हुए, पर जब यह समाचार पार्वती जी को मिला, तो वह दुखी हो गईं। उनके मन में केवल भगवान शिव थे, और उन्होंने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया। पार्वती जी ने अपनी सखी के साथ अपनी पीड़ा साझा की और तय किया कि वह केवल भगवान शिव को ही अपना पति मानेंगी। 

अपनी सखी के सुझाव पर, पार्वती जी घने वन में एक गुफा में चली गईं और वहां मिट्टी से शिवलिंग बनाकर भगवान शिव की आराधना की। भाद्रपद तृतीया शुक्ल के दिन, हस्त नक्षत्र में, उन्होंने विधिवत पूजा की और रातभर जागरण किया। पार्वती जी की तपस्या से प्रसन्न होकर, भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इस पावन कथा के आधार पर, हरतालिका तीज का व्रत आज भी महिलाएं अपने सुहाग की लंबी आयु और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए करती हैं, ताकि उन्हें भी अपने मनचाहे वर की प्राप्ति हो सके।

Hartalika Teej

हरतालिका तीज व्रत कथा पीडीएफ डाउनलोड (Hartalika Teej Vrat Katha PDF Download) 

हरतालिका तीज (Hartalika Teej) के पावन पर्व से संबंधित इस लेख में हम आपसे हरतालिका तीज (Hartalika Teej) की व्रत कथा का एक पीडीएफ (PDF)  शेयर कर रहे हैं, इस पीडीएफ को डाउनलोड करने के बाद आप हरतालिका तीज व्रत कथा को सफलतापूर्वक पढ़ सकते हैं।

हरतालिका तीज व्रत कथा पीडीएफ PDF Download

हरतालिका तीज पूजा विधि क्या है? (Hartalika Teej Puja Vidhi kya Hai)

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर निर्जला व्रत का संकल्प लें। यदि स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या हो तो फलाहार पर भी व्रत रख सकते हैं।
  • पूरे दिन मन में भगवान शिव और माता पार्वती का स्मरण करते रहें। व्रत के दिन सोया नहीं जाता है।
  • शाम के समय पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ करें, गंगाजल छिड़ककर पवित्र करें और पूजा सामग्री व्यवस्थित रखें।
  • गेहूं के आटे से चौकी बनाएं और उस पर लाल कपड़ा बिछाएं। मिट्टी से भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियां बनाकर लाल कपड़े पर रखें।
  • मूर्तियों के पास पंचामृत और जल का कलश रखें। पूजा का आरंभ भगवान गणेश का आह्वान करके करें, फिर शिव-पार्वती की प्रार्थना करें।
  • दीपक जलाएं और दिव्य दम्पति को धूप दें। मूर्तियों पर तिलक लगाएं और अक्षत, पुष्प, माला, फल, मिठाई, पंचामृत, जल, रोली, पान-सुपारी आदि अर्पित करें।
  • अविवाहित स्त्रियां माता पार्वती को सौभाग्य सामग्री अर्पित करें। हरतालिका तीज की व्रत कथा सुनें और आरती करके पूजा संपन्न करें।
  • पूरी रात जागरण करने के बाद अगले दिन पानी पीकर व्रत का पारण करें। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पांच बार पूजा करने की परंपरा है।
  • पूजा के दौरान ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें। माता पार्वती की पूजा करते समय ‘ॐ उमायै नमः’ मंत्र का उच्चारण करें।

हरतालिका तीज (Hartalika Teej) का व्रत और पूजा विधि महिलाओं के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यह पारंपरिक रीति-रिवाज भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना पर केंद्रित है, जिससे वैवाहिक सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती ह

Conclusion:-Hartalika Teej Vrat katha

हरतालिका तीज (Hartalika Teej) का त्योहार महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसमें वे अपने पति के प्रति अपना प्रेम और समर्पण दिखाती हैं। हरतालिका तीज से संबंधित यहां बेहद विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया इस लेख को अपने सभी प्रिय जनों के साथ साझा करिए साथ ही साथ ऐसे और भी व्रत एवं त्योहारों से संबंधित लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करिए।

FAQ’s

Q. हरतालिका तीज क्या है?

Ans. हरतालिका तीज एक हिन्दू त्योहार है, जिसमें महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। यह व्रत पति की लंबी आयु और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना के लिए रखा जाता है।

Q. हरतालिका तीज का महत्व क्या है?

Ans. इस दिन माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। इसे महिलाओं के लिए विशेष माना जाता है क्योंकि यह उनके पति की लंबी उम्र और सौभाग्य की कामना के लिए मनाया जाता है।

Q. हरतालिका तीज पर महिलाएं क्या करती हैं?

Ans. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं, सुबह स्नान कर पूजा करती हैं, भगवान शिव और पार्वती की मूर्ति बनाकर उनकी पूजा करती हैं और रातभर जागरण करती हैं।

Q. हरतालिका तीज की कथा क्या है?

Ans. कथा के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। उनके इस तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपना लिया था।

Q. हरतालिका तीज पर कौन-कौन से गीत गाए जाते हैं?

Ans. हरतालिका तीज पर पारंपरिक भजन और गीत गाए जाते हैं, जो शिव-पार्वती की महिमा का गुणगान करते हैं। इसमें ‘शिव-पार्वती विवाह’, ‘तीज गीत’, और ‘सोहर’ जैसे गीत शामिल होते हैं। 

Q. हरतालिका तीज व्रत की क्या विशेषता है?

Ans. इस व्रत की विशेषता यह है कि इसे बिना जल ग्रहण किए ही किया जाता है, जिसे ‘निर्जला व्रत’ कहा जाता है। इसे करना बहुत कठिन माना जाता है।