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Mahesh Navami Vrat ke Upay: अच्छी नौकरी, घर में शांति और संतान सुख की रखते हैं कामना तो महेश नवमी के दिन जरूर करें यह बेहद खास उपाय 

Mahesh Navami Vrat ke Upay
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Mahesh Navami Vrat ke Upay: मेरे प्रिय पाठकों, महेश नवमी (Mahesh Navami) का पावन त्योहार हम सभी के जीवन में खुशियों और समृद्धि लेकर आता है। यह वह समय होता है जब हम अपने पितरों और देवताओं की पूजा करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस शुभ अवसर पर कुछ सरल उपाय और वास्तु टिप्स अपनाकर आप अपने जीवन की कई समस्याओं का समाधान पा सकते हैं?

चाहे वह घर में शांति और सुख-समृद्धि लाने की बात हो, संतान प्राप्ति में आ रही बाधाओं को दूर करने का प्रश्न हो, या फिर शादी में आ रही रुकावटों को दूर करने का मामला हो – महेश नवमी (Mahesh Navami) के इस पावन पर्व पर कुछ खास उपाय करके आप इन सभी समस्याओं का निदान पा सकते हैं। इसके अलावा वास्तु शास्त्र के कुछ महत्वपूर्ण सूत्रों को अपनाकर भी आप अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि महेश नवमी (Mahesh Navami) के इस पावन अवसर पर कौन से उपाय और वास्तु टिप्स अपनाकर आप अपने जीवन को खुशहाल और समृद्ध बना सकते हैं। इस लेख को अंत तक पढ़िए और अपने जीवन में इन उपायों को अपनाकर देखिए – आपको इनके चमत्कारी परिणाम देखने को मिलेंगे। 

हम आपको विस्तार से बताएंगे कि किस प्रकार इन सरल तरीकों से आप अपनी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं और एक सुखी एवं समृद्ध जीवन जी सकते हैं…

Table Of Content 

S.NOप्रश्न 
1शादी के लिए महेश नवमी व्रत के उपाय
2नौकरी के लिए महेश नवमी  व्रत के उपाय
3घर शांति के लिए महेश नवमी  व्रत के उपाय
4संतान सुख के लिए महेश नवमी  व्रत के उपाय
5पितृ को खुश करने के लिए महेश नवमी  व्रत के उपाय 

शादी के लिए महेश नवमी व्रत के उपाय (Mahesh Navami ke Upay For Marriage)

Mahesh Navami ke Upay

महेश नवमी (Mahesh Navami) के दिन शादी में हो रही देरी दूर करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  • इस दिन नहाने के पानी में थोड़ी हल्दी डालकर स्नान करें। ऐसा करने से शादी के योग बनते हैं। महेश नवमी (Mahesh Navami) के दिन भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा करें और उन्हें लाडू का भोग लगाएं। इससे विवाह की बाधाएं दूर होती हैं।
  • इसके अलावा, इस दिन पीले वस्त्र धारण करना और केसर का सेवन करना भी शुभ माना जाता है। गुरु ग्रह को प्रसन्न करने के लिए गुरुवार को केले के पेड़ के सामने दीपक जलाकर गुरु के 108 नामों का जाप करें।
  • शादी में देरी दूर करने हेतु महेश नवमी के शुभ दिन इन उपायों को करने से जल्द ही विवाह के योग बनेंगे और आपको शुभ समाचार मिल सकता है।

नौकरी के लिए महेश नवमी व्रत के उपाय (Mahesh Navami ke Upay For job)

महेश नवमी (Mahesh Navami) के दिन नौकरी पाने और नौकरी में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। सबसे पहले, इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) की विधिवत पूजा करनी चाहिए। एक मुट्ठी साबुत चावल को पानी में गीला कर भगवान शिव को अर्पित करें और 11 बेलपत्र चढ़ाएं। शिव चालीसा का पाठ कर आरती करें और भगवान शिव से नौकरी पाने के लिए प्रार्थना करें। इसके अलावा, इस दिन भगवान शनि देव की भी पूजा करनी चाहिए और ‘ऊं शं शनैश्चराय नम:’ मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए। इससे कुंडली में बाधाएं दूर होती हैं और नौकरी जल्दी मिलती है। नौकरी के इंटरव्यू से पहले हनुमान मंदिर जाकर लौंग गाड़े हुए नींबू को हाथ में लेकर हनुमान मंत्र का जाप करें और इंटरव्यू में साथ ले जाएं। इन उपायों से महेश नवमी (Mahesh Navami) के शुभ अवसर पर नौकरी पाने और नौकरी में तरक्की पाने में मदद मिल सकती है।

घर शांति के लिए महेश नवमी  व्रत के उपाय (Mahesh Navami ke Upay For Peace)

घर में शांति बनाए रखने के लिए महेश नवमी (Mahesh Navami) के दिन निम्न उपाय किए जा सकते हैं:

  • घर की सफाई और व्यवस्था: महेश नवमी (Mahesh Navami) के दिन घर की अच्छी तरह सफाई करें और व्यवस्थित रखें। वास्तु विशेषज्ञ डॉ रविराज अहिरराव के अनुसार, घर में अव्यवस्था से नकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बनता है जो अशांति का कारण बनता है। इसलिए घर को साफ-सुथरा और व्यवस्थित रखना शांति के लिए जरूरी है।
  • पूजा और मंत्र जाप: महेश नवमी (Mahesh Navami) के दिन घर के मंदिर में शुद्ध घी का दीया जलाएं, अगरबत्ती/धूप जलाएं, घंटा और शंख बजाएं। गायत्री मंत्र, गणपति अथर्वशीर्ष जैसे मंत्र का जाप करें और कुलदेवी-कुलदेवता की प्रार्थना करें। डॉ रविराज अहिरराव बताते हैं कि इससे व्यक्ति के मन में शांति और सकारात्मक ऊर्जा आती है।
  • वास्तु टिप्स अपनाएं: महेश नवमी (Mahesh Navami) पर कुछ खास वास्तु टिप्स अपनाएं जैसे – घर में कपूर के टुकड़े रखना, देवी-देवताओं की तस्वीरें आमने-सामने न लगाना, घर के प्रमुख द्वार पर जूते-चप्पल व्यवस्थित रखना आदि। इन उपायों से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सुख-शांति आती है।

संतान सुख के लिए महेश नवमी  व्रत के उपाय (Mahesh Navami ke Upay For Pregnancy)

महेश नवमी (Mahesh Navami) के दिन संतान प्राप्ति के लिए कुछ प्रमुख उपाय इस प्रकार हैं:

  • भगवान शिव (Mahesh Navami) और माता पार्वती (Goddess Parvati) की पूजा-अर्चना करें। शिवलिंग पर दूध, दही, घी और शहद से अभिषेक करें। पीले रंग के वस्त्र धारण करें और भगवान शिव से संतान सुख की प्रार्थना करें। 
  • शुक्रवार के दिन भगवान कृष्ण (Lord Krishna) का गंगजल, गाय के दूध, दही, घी और शहद से अभिषेक करें। पीले रंग के वस्त्र पहनाएं और माखन-मिसरी का भोग लगाएं। घी का दीपक जलाकर आरती करें और संतान प्राप्ति की कामना करें। श्रावण नक्षत्र में काल अरंड की जड़ को कमर और बाजू पर बांधने से भी संतान सुख की प्राप्ति होती है। इन उपायों से संतान प्राप्ति में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और संतान सुख की प्राप्ति होती है।

पितृ को खुश करने के लिए महेश नवमी  व्रत के उपाय (Mahesh Navami ke Upay For Pitra) 

महेश नवमी (Mahesh Navami) के पावन पर्व पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। सबसे पहले, घर में मृत पितरों की तस्वीर को दक्षिण दिशा में लगाना चाहिए और उस दिशा में दीपक भी जलाना चाहिए, क्योंकि यह पितरों की दिशा मानी जाती है। इसके अलावा, भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा अर्चना करनी चाहिए। शिवलिंग पर हरसिंगार के फूल, बेलपत्र, गन्ने का रस आदि अर्पित करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं। महेश नवमी के दिन श्रीमद्भगवद्गीता के सातवें अध्याय का पाठ करने से भी पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इन उपायों को करने से पितर प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।

यह भी पढ़े:-

महेश नवमी पूजा विधि | महेश नवमी व्रत | व्रत कथा | आरती

Conclusion

महेश नवमी (Mahesh Navami) का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना का विशेष दिन है। इस दिन उनकी कृपा प्राप्ति हेतु पूजा-अर्चना, मंत्र जाप, वास्तु उपाय आदि करने से परिवार में सुख-शांति, संतान सुख, पितृ तृप्ति और वैवाहिक बाधाओं का निवारण होता है। महेश नवमी की पावन त्योहार से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो हमारे अन्य सभी त्योहार और व्रत से संबंधित लेख भी जरूर पढ़िए और ऐसे ही ज्ञानवर्धक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट भी करिए।

FAQ’s

Q. महेश नवमी क्या है? 

Ans. महेश नवमी (Mahesh Navami) हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाने वाला एक पावन त्योहार है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। माहेश्वरी समाज में यह दिन उनकी वंशोत्पत्ति का प्रतीक माना जाता है।

Q. महेश नवमी कब मनाई जाती है? 

Ans. महेश नवमी (Mahesh Navami) प्रतिवर्ष ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष नवमी तिथि को मनाई जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह तिथि मई या जून के महीने में पड़ती है। इस वर्ष 2022 में महेश नवमी 9 जून को मनाई गई।

Q. महेश नवमी का क्या महत्व है? 

Ans. महेश नवमी (Mahesh Navami) का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करने से जीवन में सुख-समृद्धि और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। माहेश्वरी समाज के लिए यह दिन उनके पूर्वजों की उत्पत्ति का प्रतीक है।

Q. महेश नवमी के त्यौहार से जुड़ी पौराणिक कथा क्या है? 

Ans. पौराणिक कथाओं के अनुसार, माहेश्वरी समाज के पूर्वज क्षत्रिय थे जिन्हें एक बार शिकार के दौरान ऋषियों ने श्राप दे दिया था। भगवान शिव ने इस दिन उन्हें श्राप से मुक्त किया और उनकी रक्षा की। शिव जी ने उन्हें हिंसा छोड़कर अहिंसा का मार्ग दिखाया और अपनी कृपा से उन्हें माहेश्वरी नाम दिया।

Q. महेश नवमी की पूजा कैसे की जाती है? 

Ans. महेश नवमी के दिन प्रातः स्नान के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या शिवलिंग की स्थापना कर पूजा की जाती है। शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद और बेलपत्र चढ़ाया जाता है। शिव मंत्रों और स्तोत्रों का पाठ किया जाता है। भक्तिभाव से महेश वंदना की जाती है।

Q. महेश नवमी पर कौन से मंत्रों का जाप किया जाता है? 

Ans. महेश नवमी पर भगवान शिव के इन मंत्रों का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है – ॐ नमः शिवाय, ॐ नमो भगवते रुद्राय, ॐ त्र्यम्बकं यजामहे, ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्तये मह्यं मेधां प्रज्ञां प्रयच्छ स्वाहा।

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सुरभि शर्मा
मेरा नाम सुरभि शर्मा है और मैंने पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। हमेशा से मेरी रुचि हिंदू साहित्य और धार्मिक पाठों के प्रति रही हैं। इसी रुचि के कारण मैं एक पौराणिक लेखक हूं। मेरा उद्देश्य भारतीय पौराणिक कथाओं और धार्मिक ग्रंथों को सार्थकता से प्रस्तुत करके समाज को शिक्षा और प्रेरणा प्रदान करना है। मैं धार्मिक साहित्य के महत्व को समझती हूं और इसे नई पीढ़ियों तक पहुंचाने का संकल्प रखती हूं। मेरा प्रयास है कि मैं भारतीय संस्कृति को अधिक उत्कृष्ट बनाने में योगदान दे सकूं और समाज को आध्यात्मिकता और सामाजिक न्याय के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर सकूं।