Home मंदिर उत्तराखंड के 5 प्रसिद्ध हिंदू मंदिर | Famous Hindu Temples of Uttarakhand

उत्तराखंड के 5 प्रसिद्ध हिंदू मंदिर | Famous Hindu Temples of Uttarakhand

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उत्तराखंड (Uttarakhand), जिसे “देवभूमि” के नाम से भी जाना जाता है, भारत (India) के सबसे पवित्र राज्यों में से एक है। यह हिमालय (Himalaya) की गोद में बसा एक खूबसूरत राज्य है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, तीर्थस्थलों और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यहां कई प्राचीन मंदिर हैं जो भगवान शिव (Lord Shiva), भगवान विष्णु (Lord Vishnu), देवी दुर्गा (Goddess Durga) और अन्य देवताओं को समर्पित हैं। इन मंदिरों की वास्तुकला, धार्मिक महत्व और प्राकृतिक परिवेश पर्यटकों और श्रद्धालुओं को समान रूप से आकर्षित करते हैं।तीर्थयात्री (Pilgrim) और पर्यटक (Tourist) समान रूप से सांत्वना और आध्यात्मिक ज्ञान की तलाश में इन पवित्र स्थलों की ओर आकर्षित होते है, सालाना लाखों लोग इन मंदिरों में शांति और आध्यात्मिक की तलाश में दूर-दूर से आते हैं,  आज के इसलिए के जरिए हम आपको उत्तराखंड के इन्हीं पांच प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों के बारे में बताएंगे और इन मंदिरों से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे, इसीलिए हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़िए  । 

Sr. No.उत्तराखंड के 5 प्रसिद्ध मंदिर 
1केदारनाथ मंदिर, Kedarnath Temple
2बद्रीनाथ मंदिर, Badrinath Temple
3यमुनोत्री मंदिर, Yamunotri Temple
4रुद्रनाथ मंदिर Rudradarnath Temple
5जागेश्वर धाम, Jageshwar Dham

1. केदारनाथ मंदिर, Kedarnath Temple

Kedarnath Temple

रुद्र हिमालय श्रृंखला में स्थित, केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple) हिंदू धर्म के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है, जो भगवान शिव को समर्पित है। 3,583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर छोटा चार धाम यात्रा का हिस्सा है और इसका अत्यधिक धार्मिक महत्व है। मंदिर के निर्माण का श्रेय पौराणिक आदि शंकराचार्य (Shankracha) को दिया जाता है और इसमें एक अद्वितीय वास्तुकला है, जिसमें मुख्य देवता के रूप में एक विशाल पत्थर का लिंगम है। तीर्थयात्री केदारनाथ तक पहुंचने के लिए सुरम्य परिदृश्यों से गुजरते हुए एक चुनौतीपूर्ण यात्रा करते हैं, जिससे तीर्थयात्रा न केवल आध्यात्मिक यात्रा होती है बल्कि शारीरिक सहनशक्ति की परीक्षा भी होती है । 

यात्रा का सर्वोत्तम समय: मई से जून और सितंबर से अक्टूबर

दर्शन का उचित समय

केदारनाथ मंदिर के दर्शन का समय रावल और अन्य समिति के सदस्यों के निर्णय के अनुसार निर्धारित है। मंदिर दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक बंद रहता है इसलिए दोपहर 3 बजे से पहले मंदिर पहुंचने की योजना बनाएं। दोपहर 3 बजे से पहले दर्शनार्थी खाली हाथ छूकर घी से अभिषेक कर सकते हैं। शाम 5 बजे के बाद कोई भी व्यक्ति निष्क्रिय होकर नहीं बल्कि दूरी से दर्शन कर सकता है। इस समय वह सम्राट की वेशभूषा में है।

2. बद्रीनाथ मंदिर, Badrinath Temple

Badrinath Temple

अलकनंदा नदी (Alaknanda River) के तट पर स्थित, बद्रीनाथ मंदिर (Badrinath Temple) भगवान विष्णु को समर्पित एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यह चार धाम मंदिरों में से एक है और आध्यात्मिक संतुष्टि चाहने वाले भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। मंदिर में काले पत्थर से बनी भगवान बद्रीनारायण (Badrinarayan) की जीवंत मूर्ति पूजा का केंद्र बिंदु है। बर्फ से ढकी चोटियों से घिरा, मंदिर का परिवेश अलौकिक माहौल में जोड़ता है। माना जाता है कि पवित्र तप्त कुंड, मंदिर के पास एक गर्म पानी का झरना है, जिसमें औषधीय गुण हैं, जो भक्तों को मंदिर में प्रवेश करने से पहले अनुष्ठानिक स्नान के लिए आकर्षित करता है।

यात्रा का सर्वोत्तम समय: मई से जून और सितंबर से अक्टूबर

दर्शन का उचित समय

बद्रीनाथ मंदिर का समय- यह 04:30 बजे खुलता है और 13:00 बजे बंद हो जाता है। एक बार फिर यह 16:00 बजे खुलता है और दिव्य गीत गीत गोविंद के बाद 21:00 बजे बंद हो जाता है। मंदिर के प्रशासक और पुजारी रावल जी, पूजा समारोहों और संस्कृत में पारंगत हैं। मंदिर परिसर के अंदर फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है।

04:30 बजे 13:00 बजे बंद
16:00 बजे 21:00 बजे बंद

3. यमुनोत्री मंदिर, Yamunotri Temple

 Yamunotri Temple

3,293 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यमुनोत्री मंदिर (yamunotri temple), यमुना नदी के स्रोत का प्रतीक है। देवी यमुना को समर्पित, इस मंदिर तक गढ़वाल हिमालय के माध्यम से एक कठिन यात्रा के बाद पहुंचा जाता है। तीर्थयात्री दिव्य शिला पर प्रार्थना करते हैं, मंदिर के पास एक चट्टान स्तंभ है जिसके बारे में माना जाता है कि इसमें दिव्य शक्तियां हैं। मंदिर में देवी की जटिल नक्काशीदार चांदी की मूर्ति है और आसपास की चोटियों का मनमोहक दृश्य दिखाई देता है। यमुनोत्री तीर्थयात्रा न केवल एक आध्यात्मिक खोज है, बल्कि हिमालय के परिदृश्य की प्राचीन सुंदरता में डूबने का एक अवसर भी है, जो इसे भक्तों के लिए एक समग्र अनुभव बनाता है ।

यात्रा का सर्वोत्तम समय: मई से जून और सितंबर से नवंबर 

दर्शन का उचित समय

यमुनोत्री मंदिर परिसर सुबह 7-8 बजे के आसपास भक्तों के लिए खुल जाता है। दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे के बीच एक छोटी छुट्टी की अवधि रखी जाती है। उसके बाद, दर्शन का समय फिर से शुरू हो जाता है। यमुनोत्री मंदिर बंद होने का समय रात 8 बजे है।

4. रुद्रनाथ मंदिर | Rudradarnath Temple

 Rudradarnath Temple

उत्तराखंड के प्राचीन गढ़वाल हिमालय में स्थित, रुद्रनाथ मंदिर (RudradarnathTemple) भगवान शिव को समर्पित एक प्रतिष्ठित अभयारण्य है, जो श्रद्धालु तीर्थयात्रियों और आध्यात्मिक शांति के चाहने वालों के लिए एक पवित्र स्थल है। पंच केदार तीर्थयात्रा सर्किट के हिस्से के रूप में, यह प्राचीन मंदिर विस्मयकारी पहाड़ी परिदृश्यों की पृष्ठभूमि में एक अद्वितीय आकर्षण रखता है। भक्त घने जंगलों और अल्पाइन घास के मैदानों से गुजरते हुए मंदिर तक पहुंचने के लिए एक चुनौतीपूर्ण यात्रा पर निकलते हैं, जो आध्यात्मिक यात्रा में एक साहसिक तत्व जोड़ता है। रुद्रनाथ मंदिर (RudradarnathTemple) की पवित्रता इसके ऐतिहासिक महत्व और दैवीय उपस्थिति की स्पष्ट भावना से बढ़ जाती है, जो इसे हिमालय के मध्य में पूजा, ध्यान और प्रकृति के साथ संवाद के लिए एक प्रतिष्ठित स्थल बनाती है ।

यात्रा का सर्वोत्तम समय: मई से अक्टूबर तक

दर्शन का उचित समय

रुद्रनाथ मंदिर का समय सुबह 06:00 बजे से 08:00 बजे तक और शाम  06:30 बजे से रात 07:30 बजे तक है। इस समय आपके लिए दर्शन करना होगा।

5. जागेश्वर धाम, Jageshwar Dham

Jageshwar Dham

घने देवदार के जंगलों के बीच स्थित, जागेश्वर धाम (Jageshwar Dham) भगवान शिव (Shiv) को समर्पित 124 प्राचीन मंदिरों का एक परिसर है। 9वीं से 13वीं शताब्दी के ये जटिल नक्काशीदार मंदिर कत्यूरी राजवंश की स्थापत्य प्रतिभा को प्रदर्शित करते हैं। आध्यात्मिक आभा से घिरा, परिसर का प्रत्येक मंदिर अद्वितीय नक्काशी और मूर्तियों से सुसज्जित है। पास में स्थित जागेश्वर पुरातत्व संग्रहालय इस पवित्र स्थल के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए अनुभव को और समृद्ध करता है। तीर्थयात्रियों और कला प्रेमियों को जागेश्वर के शांत वातावरण में समान रूप से सांत्वना और प्रेरणा मिलती है ।

यात्रा का सर्वोत्तम समय: मार्च से जून और सितंबर से नवंबर

दर्शन का उचित समय

जागेश्वर मंदिर का समय सुबह 06:00 बजे से शाम 20:00 बजे तक है। इस समय आप मंदिर में दर्शन कर सकते हैं।

Conclusion:

उत्तराखंड हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है। जो हिंदू धर्म के विभिन्न देवताओं और देवी-देवताओं को समर्पित है, आज के इसलिए के जरिए हमने आपको उत्तराखंड के पांच प्रसिद्ध हिंदू मंदिर के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने मित्रों से साझा करें और हमारे अन्य आर्टिकल्स को भी जरूर पढ़ें ।