Home मंदिर Famous Temples Of Banswara: बांसवाड़ा में स्थित इन मंदिरों का इतिहास है...

Famous Temples Of Banswara: बांसवाड़ा में स्थित इन मंदिरों का इतिहास है बेहद खास, जानिए प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में

Famous Temples Of Banswara
Join Telegram Channel Join Now

Famous Temples Of Banswara: बांसवाड़ा (Banswara), राजस्थान (Rajasthan) के दक्षिणी सीमा पर स्थित एक छोटा सा जिला है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है। यह ‘राजस्थान का चेरापूंजी’ के नाम से भी मशहूर है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस जिले में ऐसे कई प्राचीन मंदिर हैं, जो अपनी अद्भुत वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं? इन मंदिरों में न केवल भक्तों की आस्था का केंद्र हैं, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का विषय हैं। ये मंदिर सदियों पुराने हैं और उनकी कहानियां पौराणिक कथाओं और स्थानीय किंवदंतियों से जुड़ी हुई हैं। इनमें से कुछ मंदिर तो ऐसे भी हैं, जिनका निर्माण स्वयं देवताओं द्वारा किया गया माना जाता है। आइए, हम आपको बांसवाड़ा के चार ऐसे ही प्रमुख मंदिरों की एक झलक दिखाते हैं। इन मंदिरों की यात्रा करते हुए आप न केवल अपनी आध्यात्मिक प्यास बुझा सकते हैं, बल्कि इस क्षेत्र के गौरवशाली अतीत और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का भी अनुभव कर सकते हैं।

तो चलिए, इन मंदिरों की एक रोमांचक यात्रा पर निकलते हैं और उनकी प्राचीन कहानियों में खो जाते हैं…!!

List Of All Famous Temples Of Banswara (Rajasthan)

S.NOमंदिरों के नाम स्थान (बांसवाड़ा)
1श्री त्रिपुर सुंदरी मंदिरपाटन, उमराई,बांसवाड़ा. राजस्थान 327603
2मदारेश्वर शिव मंदिरमदारेश्वर रोड, बांसवाड़ा, राजस्थान 327001
3श्री साईं बाबा मंदिरऋषि कुंज, बांसवाड़ा, राजस्थान 327001
4ब्रह्मा जी मंदिरछींच,बांसवाड़ा राजस्थान 327603

1.श्री त्रिपुर सुंदरी मंदिर (Shree Tripura Sundari Temple)

Shree Tripura Sundari Temple

श्री त्रिपुरा सुंदरी मंदिर (Shree Tripura Sundari Temple), बांसवाड़ा (Banswara), राजस्थान (Rajasthan) में स्थित एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। यह मंदिर अरावली पर्वत श्रृंखला पर तलवाड़ा गांव में लगभग 18 किलोमीटर दूर स्थित है। मंदिर का इतिहास सम्राट कनिष्क के समय तक जाता है, जैसा कि इस क्षेत्र में पाए गए पत्थरों पर अभिलेखों से पता चलता है।

मान्यता है कि यह प्राचीन त्रिपुरारी नगर का स्थान है, जो सीता, शिव और विष्णु महासागरों से घिरा हुआ था। मंदिर की एक अनूठी विशेषता यह है कि देवी का स्वरूप दिन में तीन बार बदलता है, जिससे इसे त्रिपुरा सुंदरी का नाम मिला, जिसका अर्थ है “तीन नगरों की सुंदर देवी”। यह मंदिर राजनीतिक क्षेत्र में अपने महत्व के लिए जाना जाता है, जहां प्रधान मंत्री से लेकर सरपंच तक के राजनेता आशीर्वाद प्राप्त करने और अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए यहां आते हैं। मंदिर को राजनीतिक शक्ति और सफलता प्रदान करने वाली एक शक्तिशाली पीठ माना जाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और राज्यसभा सांसदों सहित कई प्रमुख राजनेताओं और गणमान्य व्यक्तियों ने आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस मंदिर का दौरा किया है।मंदिर का इतिहास और महत्व इसे भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है।

श्री त्रिपुर सुंदरी मंदिर के बारे में (About Shree Tripura Sundari Temple)

मंदिर का फोन नंबर085293 25322
मंदिर का पतापाटन, उमराई, बांसवाड़ा राजस्थान 327603
मंदिर में प्रवेश शुल्कमंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है
उदयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी170 किलोमीटर 
बांसवाड़ा रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी19 किलोमीटर
बांसवाड़ा बस स्टैंड से मंदिर की दूरी10 किलोमीटर 
Google Map

2.मदारेश्वर शिव मंदिर (Mandareshwar Shiva Temple)

Mandareshwar Shiva Temple

मंदरेश्वर शिव मंदिर (Mandareshwar Shiva Temple) बांसवाड़ा, राजस्थान के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह प्राचीन मंदिर बांसवाड़ा शहर के पूर्वी भाग में एक पहाड़ी की प्राकृतिक गुफा में स्थित है। मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और 11वीं-12वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया माना जाता है।

मंदिर का मुख्य आकर्षण भगवान शिव की 6 फीट ऊंची, काले पत्थर की मूर्ति है, जिसे स्वयंभू माना जाता है। मंदिर की एक अनूठी विशेषता एक दर्पण कक्ष है, जहां मुख्य मूर्ति को रखा गया है और कई दर्पणों में सुंदरता से प्रतिबिंबित होती है। मंदिर की दीवारें और स्तंभ जटिल नक्काशी से सजे हैं जो प्राचीन युद्ध, पौराणिक कथाओं और क्षेत्र के इतिहास की कहानियां बताते हैं। ये नक्काशी भारत की कलात्मक और सांस्कृतिक विरासत का प्रमाण हैं।

मंदिर वार्षिक महाशिवरात्रि उत्सव के लिए भी लोकप्रिय है, जो देश भर से बड़ी संख्या में भक्तों को आकर्षित करता है। इस 10 दिवसीय उत्सव के दौरान मंदिर जीवंत सजावट, भक्तिमय भजन और रंगीन अनुष्ठानों से गुलजार हो जाता है।

मदारेश्वर शिव मंदिर के बारे में  (About MandareshwarShiva Temple) 

मंदिर का फोन नंबर1800 11 1363
मंदिर का पतामदारेश्वर रोड, बांसवाड़ा, राजस्थान 327001
मंदिर में प्रवेश शुल्कमंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है
उदयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी174.6 किलोमीटर
बांसवाड़ा रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी5 किलोमीटर
बांसवाड़ा बस स्टैंड से मंदिर की दूरी2.2 किलोमीटर
Google Map 

3. श्री साईं बाबा मंदिर (Shri Sai Baba Mandir)

Shri Sai Baba Mandir

श्री साईं बाबा मंदिर (Shri Sai Baba Mandir) बांसवाड़ा राजस्थान (Rajasthan) के बांसवाड़ा जिले में रतलाम रोड पर स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर बना हुआ है। मंदिर की भूमि पूजा 4 मार्च 2004 को हुई थी और 13 फरवरी 2005 को श्री उत्तम स्वामी जी, बांसवाड़ा द्वारा इसका उद्घाटन किया गया था। शिरडी के साईं बाबा एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और संत थे, जिन्हें उनके जीवनकाल के दौरान और बाद में हिंदू और मुस्लिम दोनों भक्तों द्वारा सम्मानित किया जाता था। 

साईं बाबा का आध्यात्मिक विरासत का एक प्रमाण महाराष्ट्र के शिरडी में स्थित साईं बाबा मंदिर है, जहां हर साल दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु उनका आशीर्वाद प्राप्त करने आते हैं।

श्री साईं बाबा मंदिर के बारे में (About Shri Sai Baba Mandir)

मंदिर का फोन नंबरमंदिर का कोई आधिकारिक मोबाइल नंबर नहीं है।
मंदिर का पताऋषि कुंज, बांसवाड़ा, राजस्थान 327001
मंदिर में प्रवेश शुल्कमंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है 
जयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी490 किलोमीटर
बांसवाड़ा रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी950 मीटर
बांसवाड़ा बस स्टैंड से मंदिर की दूरी1.9 किलोमीटर
Google Map https://maps.app.goo.gl/bQUNyFN4eiVSbe466

4. ब्रह्मा जी मंदिर (Brahma Ji Temple)

Brahma Ji Temple Chhinch

ब्रह्मा जी (Lord Brahma) के मंदिरों (Brahma Ji Temple) में अपनी विशेषता के लिए उल्लेखनीय स्थान रखने वाले छींच मंदिर की चर्चा करना अवश्यक है। यह मंदिर विशेष रूप से अपनी अद्वितीय संरचना और स्थानीय धर्मीय परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है।

छींच मंदिर का निर्माण पत्थरों और मार्बल से किया गया है, जो इसे एक विशेष रूप से आकर्षक और धार्मिक रूप से गरिमामय बनाते हैं। मंदिर में ब्रह्मा जी की मूर्ति के अलावा, अन्य हिन्दू देवताओं की भी मूर्तियां हैं, जिससे विभिन्न धार्मिक परंपराओं और आस्थाओं की प्रतिष्ठा होती है। छींच मंदिर का धार्मिक महत्व भी है। यहां आने वाले यात्रियों को अपने जीवन में सृजनात्मकता और नवीनता लाने की प्रेरणा मिलती है। साल भर में विशेष त्योहारों और उत्सवों के दौरान मंदिर में विशेष आयोजन किए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं पूजा, आरती, और धार्मिक गीतों का पाठ।

छींच मंदिर का यात्रा करना हर हिन्दू भक्त के लिए एक महत्वपूर्ण अनुभव है, जो उन्हें अपने धर्म और संस्कृति से गहरी जुड़ाव की अनुभूति प्रदान करता है।

ब्रह्मा जी मंदिर के बारे में (About Brahma Ji Temple

मंदिर का फोन नंबरमंदिर का कोई आधिकारिक मोबाइल नंबर नहीं है।
मंदिर का पताछींच, बांसवाड़ा , राजस्थान 327603
मंदिर में प्रवेश शुल्कमंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है 
उदयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी182 किलोमीटर 
बांसवाड़ा रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी20 किलोमीटर 
बांसवाड़ा बस स्टैंड से मंदिर की दूरी19.1 किलोमीटर 
Google Map Closed

Conclusion:

बांसवाड़ा के ये चार मंदिर न केवल धार्मिक स्थल हैं, बल्कि कला और स्थापत्य के उत्कृष्ट नमूने भी हैं।बांसवाड़ा के इन मंदिरों से संबंधित यह बेहद खास लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया इस लेख को अपने मित्रजनों एवं परिवारजनों के साथ अवश्य साझा करें साथ ही हमारे अन्य सभी लेख को भी एक बार अवश्य पढ़ें। और ऐसे ही तमाम रोचक लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट https://janbhakti.in पर रोजाना विजिट करें।

FAQ’s:

Q.दिलवारा मंदिर, माउंट आबू की महत्वपूर्णता क्या है?

Ans.दिलवारा मंदिर माउंट आबू के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। ये जैन धर्म से संबंधित हैं और उनकी वास्तुकला में जैन धर्म के इतिहास और संस्कृति की झलक मिलती है।

Q.राणाकपुर जैन मंदिर की अद्वितीय विशेषता क्या है?

Ans.राणाकपुर जैन मंदिर की अद्वितीयता इसकी वास्तुकला में है, जिसमें 1444 स्तंभ हैं जो विभिन्न नक्काशी और आकृतियों से सुशोभित हैं।

Q. पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर के निर्माण की कहानी क्या है?

Ans.पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर भारत में केवल कुछ ही ब्रह्मा मंदिरों में से एक है। मान्यता है कि यह मंदिर 14वीं शताब्दी में निर्मित हुआ था। यहाँ हर वर्ष ब्रह्मा पूजा का आयोजन होता है।

Q. देशनोक में करणी माता मंदिर की महत्वपूर्णता क्या है?

Ans. करणी माता मंदिर, देशनोक का प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहाँ की विशेषता यह है कि यहाँ चूहों की उपासना की जाती है और वे यहाँ के पवित्र पशु माने जाते हैं।

Q. अजमेर शरीफ दरगाह की वास्तुशैली क्या है?

Ans.अजमेर शरीफ दरगाह एक मुस्लिम पवित्र स्थल है और इसकी वास्तुशैली मुग़ल काल की झलक दिखाती है। यहाँ ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है, जो चिश्ती सूफी सिलसिले के संस्थापक थे।

Q. जयपुर में बिड़ला मंदिर का इतिहास क्या है?

Ans.बिड़ला मंदिर, जयपुर एक नया मंदिर है जिसका निर्माण 1988 में हुआ। यह मंदिर लक्ष्मी नारायण को समर्पित है और इसकी सफेद संगमरमर की वास्तुकला अद्वितीय है।