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Bhaum Pradosh Vrat ke Upay: भौम प्रदोष के दिन करिए यह बेहद खास उपाय, शादी और नौकरी की समस्या होगी दूर और पूरी होगी संतान सुख की कामना

Bhaum Pradosh Vrat ke Upay
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Bhaum Pradosh Vrat ke Upay: भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) – एक ऐसा व्रत जो हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। लेकिन जब यह त्रयोदशी तिथि मंगलवार के दिन पड़ती है, तो इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। यह व्रत भगवान शिव (Lord Shiva) और हनुमान जी (Lord Hanuman) की कृपा पाने के लिए किया जाता है। इस व्रत की एक बहुत ही रोचक कथा है जो हमें श्रद्धा और भक्ति का महत्व समझाती है।

प्रत्येक हिंदू कैलेंडर माह की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाने वाला यह व्रत भगवान शिव और हनुमान जी को समर्पित होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब यह व्रत मंगलवार के दिन पड़ता है, तो इसे भौम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है? इस दिन व्रत करने का विशेष महत्व होता है। भौम प्रदोष व्रत की एक प्राचीन कथा है जो इस व्रत के महत्व को और भी बढ़ा देती है। यह कथा एक वृद्ध महिला की अटूट श्रद्धा और भक्ति को दर्शाती है। इस कथा के अनुसार, भगवान हनुमान (Lord Hanuman) ने एक साधु का रूप धारण कर उस वृद्ध महिला की परीक्षा ली और अंत में उसकी निष्ठा से प्रसन्न होकर उसे अपना आशीर्वाद दिया। यह कथा हमें सिखाती है कि हमें अपने विश्वास और सिद्धांतों पर डटे रहना चाहिए, भले ही हमें किसी भी प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़े।

तो आइए, हम इस लेख में भौम प्रदोष व्रत की कथा को विस्तार से जानते हैं और समझते हैं कि यह व्रत क्यों किया जाता है और इसका क्या महत्व है। साथ ही, हम यह भी जानेंगे कि इस व्रत को कैसे किया जाता है और इसके क्या नियम हैं। तो पढ़ते रहिए यह रोचक और प्रेरणादायक लेख…

भौम प्रदोष व्रत के उपायTable of Content 

S.NOप्रश्न
1शादी के लिए भौम प्रदोष व्रत के उपाय
2नौकरी के लिए भौम प्रदोष व्रत के उपाय
3घर शांति के लिए भौम प्रदोष व्रत के उपाय
4संतान सुख के लिए भौम प्रदोष व्रत के उपाय
5पृत को खुश करने के लिए भौम प्रदोष व्रत के उपाय

शादी के लिए भौम प्रदोष व्रत के उपाय (Bhaum Pradosh ke Upay for Marriage)

भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat), शादी की अडचनों को दूर करने का एक आध्यात्मिक मार्ग है। यह व्रत विशेष रूप से शिव-पार्वती की पूजा के लिए किया जाता है, जो प्रेम और समर्पण की प्रतीक हैं। यदि विवाह में देरी हो रही है, तो प्रदोष व्रत के दिन तांबे के लोटे में जल लें और उसमें एक बेलपत्र, कुछ चावल और दूध डालकर शिवलिंग की धुलाई करें। इसके अलावा, यह व्रत पति-पत्नी के बीच प्रेम को बढ़ाने में भी सहायक होता है। यह व्रत वैवाहिक जीवन में खुशहाली लाता है और आर्थिक स्थिति को सुधारता है। इस तरह, भौम प्रदोष व्रत एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र व्रत कथा है, जो शादी की समस्याओं को दूर करता है और जीवन को खुशहाल बनाता है।

नौकरी के लिए भौम प्रदोष व्रत के उपाय (Bhaum Pradosh ke Upay for job)

भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) के दिन नौकरी प्राप्ति के लिए निम्न उपाय कर सकते हैं:

  • हनुमान जी की पूजा करें: भौम प्रदोष व्रत के दिन हनुमान जी के मंदिर जाएं और उनकी विधिवत पूजा करें। हनुमान चालीसा और ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ करें। हनुमान जी को गुड़ का भोग लगाएं। इससे नौकरी में आ रही परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।
  • मंगल देव के 21 नामों का जाप करें: मंगल दोष से छुटकारा पाने के लिए मंगल देव के 21 नामों का जाप करें। ये नाम हैं – मंगल, भूमि पुत्र, ऋणहर्ता, धनप्रदः, स्थिरासन, महाकाय, सर्वकामार्थसाहक, लोहित, लोहिताक्ष, समागणांकृत कृपाकर, धरात्मज, कुंज, भूमिज, भूमि नंदन, अंगारक, भौम, यम, सर्वरोगहारक, वृष्टिकर्ता, पापहर्ता, सर्वकाम्फलदाता।
  • शिव मंदिर जाकर पूजा करें: भौम प्रदोष व्रत के दिन शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर केसर और जल अर्पित करें। शिव मंत्रों का जाप करें और यदि संभव हो तो हनुमान चालीसा का पाठ भी करें। इससे कर्ज से मुक्ति मिल सकती है।

घर शांति के लिए भौम प्रदोष व्रत के उपाय (Bhaum Pradosh ke Upay for peace)

भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat), जिसे 2024 में मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में यह एक उच्च कोटि का व्रत है, जिसका पालन करने से घर में शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन, भक्त न केवल भगवान शिव और उनके परिवार की अराधना करते हैं, बल्कि भगवान हनुमान की पूजा भी करते हैं। व्रत के दिन उदय के समय उठकर, प्रातःकालीन कार्य करने के बाद, सूर्य स्तोत्र का पाठ करने और सूर्य देवता को अर्घ्य देने से परिवार के सदस्यों के लिए अनुकूल परिस्थिति बनती है। जो व्यक्ति विवाह में देरी का सामना कर रहे हैं, उन्हें शिवलिंग पर बेलपत्र, थोड़ा हरा चना और गुड़ डालकर जल चढ़ाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, पूरे दिन का उपवास रखने से शुक्र ग्रह को मजबूत करने में सहायता मिलती है।

संतान सुख के लिए भौम प्रदोष व्रत के उपाय (Bhaum Pradosh ke Upay for pregnancy)

भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) का पालन संतान सुख के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। व्रत के दिन, प्रातःकाल में उठकर, सूर्य स्तोत्र का पाठ करें और सूर्य देवता को अर्घ्य दें। शिवलिंग पर बेलपत्र, हरी मूंग और गुड़ डालकर जल चढ़ाएं। शिवा चालीसा (Shiv Chalisa) और महा मृत्युंजय मंत्र का जप करना, फल, दूध, और मिठाई से व्रत तोड़ना, और भूखे और गरीबों को भोजन, कपड़े, और धन दान करना भी लाभदायक माना जाता है। भगवान शिव (Lord Shiva), देवी पार्वती, और भगवान हनुमान (Lord Hanuman) की उपासना करने से समस्त समस्याओं का निवारण होता है और मांगलिक दोष भी दूर होता है। इन कार्यों को करने से शिव-पार्वती की अनुकूलता प्राप्त होती है और परिवार के सदस्यों के लिए सुखद परिवेश बनता है।

पृत को खुश करने के लिए भौम प्रदोष व्रत के उपाय (Bhaum Pradosh ke Upay for Pitra) 

पितरों (Pitra) को प्रसन्न करने के लिए भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) के दिन निम्नलिखित दो प्रमुख उपाय करने चाहिए:

  • भगवान शिव की श्रद्धा और भक्ति से पूजा करें: भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) के दिन भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती (Goddess Parvati) की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन पारंपरिक विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। भौम प्रदोष व्रत पूजा विधि में बेलपत्र, धतूरा, अक्षत, फल, पुष्प आदि का उपयोग करना चाहिए। श्रद्धा और समर्पण के साथ भगवान शिव की आराधना करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और सभी दुखों का नाश होता है।
  • पितरों को प्रेम और सम्मान के साथ याद करते हुए श्राद्ध और तर्पण करें: भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) के दिन पितरों को याद करना और उनके लिए भोजन का दान करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन पितरों के लिए श्राद्ध और तर्पण करके उन्हें संतुष्ट किया जाता है। पितरों को प्रसन्न करने के लिए उन्हें प्रेम और सम्मान के साथ याद करना चाहिए। उनके लिए पिंडदान और भोजन का दान करना चाहिए। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं।

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Conclusion:

भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) भगवान शिव (Lord Shiva) और देवी पार्वती की भक्ति का एक विशेष दिन है। इस व्रत को रखने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, पापों का नाश होता है और ग्रह मंगल की अशुभता दूर होती है। से संबंधित यह लेख अगर आपको पसंद आया हो तो और भी प्रमुख व्रत और हिंदू त्योहार से संबंधित लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट https://janbhakti.in पर रोजाना विजिट करें।

FAQ’s:

Q. भौम प्रदोष व्रत क्या है?

Ans. भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) एक हिंदू व्रत है जिसे मंगलवार की प्रदोष समय (सायंकाल) में मनाया जाता है। इसमें भगवान शिव और हनुमान की पूजा की जाती है।

Q. भौम प्रदोष व्रत का महत्व क्या है?

Ans. इस व्रत का महत्व मंगलवार को हनुमान की पूजा में है। यह खासकर उन लोगों के लिए सुझावित है जिनकी कुंडली में मंगल दोष है।

Q. जब कोई प्रदोष व्रत का पालन करता है तो क्या होता है?

Ans. व्रत और पूजा-पाठ करने से, कोई भी व्यक्ति सभी कठिनाइयों से मुक्त हो सकता है और शिव और हनुमान की विशेष कृपा प्राप्त कर सकता है।

Q. प्रदोष व्रत का पालन करने से क्या लाभ होते हैं?

Ans. स्कंद पुराण के अनुसार, जो भक्त व्रत के दिन शिव पूजा करने के बाद प्रदोष व्रत कथा को सुनता है, वह सौ जन्मों में कभी गरीबी का सामना नहीं करेगा।

Q. भौम प्रदोष व्रत कब मनाया जाता है?

Ans. भौम प्रदोष व्रत मंगलवार के प्रदोष समय (सायंकाल) में मनाया जाता है।

Q. भौम प्रदोष व्रत की कथा के मुख्य पात्र कौन हैं?

Ans. व्रत कथा के मुख्य पात्र भगवान हनुमान और एक वृद्ध महिला है इस कथा में भगवान हनुमान वृद्ध महिला की परीक्षा लेने के लिए उसके घर में भोजन करने के लिए जाते हैं और अंत में महिला को आशीर्वाद भी देते हैं।