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Vastu Tips For West Facing Home: पश्चिम मुखी घर शुभ होते हैं या अशुभ? जानिए इस लेख में

Vastu Tips For West Facing Home
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Vastu Tips For West Facing Home: पश्चिम मुखी घर वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ चुनौतियां प्रस्तुत कर सकता है, लेकिन उचित वास्तु दिशानिर्देशों का पालन करके इन चुनौतियों को दूर किया जा सकता है। 

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के मुताबिक, पश्चिम दिशा से प्रवेश करने वाले घरों को नकारात्मक ऊर्जा का सामना करना पड़ सकता है जो कि परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य, संबंधों और वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, यह जानना महत्वपूर्ण है कि पश्चिम मुखी घर भी वास्तु के सिद्धांतों का पालन करके सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि को आकर्षित कर सकते हैं। इस लेख में, हम पश्चिम मुखी घर के लिए कुछ महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स पर चर्चा करेंगे जो आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) का प्रवाह बढ़ाने और नकारात्मक ऊर्जा को कम करने में मदद कर सकते हैं। चाहे आप पहले से ही एक पश्चिम मुखी घर में रह रहे हों या एक नया घर खरीदने की योजना बना रहे हों, ये वास्तु टिप्स (Vastu Shastra) आपके घर में शांति, सद्भाव और समृद्धि लाने में मददगार साबित हो सकते हैं।

तो आइए, इन महत्वपूर्ण वास्तु सुझावों को विस्तार से जानें और अपने पश्चिम मुखी घर को एक खुशहाल और समृद्ध स्थान बनाएं…

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Table Of Content 

S.NOप्रश्न
1क्या पश्चिम के घर वास्तु शास्त्र के अनुसार शुभ होते हैं
2पश्चिम मुखी मकान के लिए वास्तु टिप्स
3पश्चिम मुखी घर का दरवाजा किस दिशा में होना चाहिए
4पश्चिम मुखी घर में बाथरूम और टॉयलेट किस दिशा में होना चाहिए
5पश्चिम मुखी घर में रसोई किस दिशा में होनी चाहिए
6पश्चिम मुखी घर का बेडरूम किस दिशा में होना चाहिए

क्या पश्चिम के घर वास्तु शास्त्र के अनुसार शुभ होते हैं? (Are Western Houses Auspicious According To Vastu Shastra)

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, पश्चिम मुखी घर (West Facing Home) कोई अशुभ नहीं होते, यह एक आम गलतफहमी है। यदि वास्तु नियमों का सही तरीके से पालन किया जाए, तो पश्चिम मुखी घर धन, समृद्धि और सफलता ला सकते हैं। मुख्य द्वार, बेडरूम, रसोई, और अन्य क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए घर का निर्माण करना महत्वपूर्ण है। वास्तु दोषों को दूर करने के लिए, घर के प्रवेश द्वार को उत्तर, उत्तर-पश्चिम, या पश्चिम में स्थापित किया जा सकता है, और रसोई को दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम कोने में बनाया जा सकता है। इन निर्देशों का पालन करके, एक व्यक्ति पश्चिम मुखी घर में सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि, और खुशी सुनिश्चित कर सकता है।

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पश्चिम मुखी मकान के लिए वास्तु टिप्स (Vastu Tips For West Facing House)

पश्चिम मुखी मकान (West Facing Home) के लिए पांच महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स:

  • मुख्य द्वार की सही स्थिति: पश्चिम मुखी घर (West Facing Home) का मुख्य द्वार उत्तर-पश्चिम, उत्तर या उत्तर-पूर्व कोण में होना चाहिए। दक्षिण-पश्चिम कोण में द्वार न रखें क्योंकि इससे आर्थिक कठिनाइयाँ और व्यक्तिगत विकास में बाधाएँ आ सकती हैं। सही स्थान पर द्वार होने से नकारात्मक ऊर्जा संतुलित होती है और घर के अंदर सकारात्मक माहौल बनता है।
  • उचित आंतरिक डिजाइन: पश्चिम मुखी मकान (West Facing Home) के सभी कमरों को वास्तु सिद्धांतों के अनुसार डिजाइन किया जाना चाहिए। मास्टर बेडरूम और किचन पर विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि ये सद्भाव और समृद्धि बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। मास्टर बेडरूम दक्षिण-पश्चिम कोण में और किचन दक्षिण-पूर्व कोण में होना चाहिए। यह व्यवस्था ऊर्जा का संतुलन बनाती है और शांति, खुशी और प्रचुरता को बढ़ावा देती है।
  • रंगों का प्रयोग: वास्तु शास्त्र में रंग चिकित्सा की महत्वपूर्ण भूमिका है। पश्चिम मुखी घरों के अंदर नीले, हरे और भूरे रंग के हल्के शेड का प्रयोग करना चाहिए। ये रंग पश्चिम दिशा से जुड़ी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और एक शांत, सद्भावपूर्ण वातावरण बनाने में मदद करते हैं।
  • जल संबंधी सुविधाओं का स्थान: पश्चिम मुखी घर के उत्तर या पूर्व कोण में फव्वारे या एक्वेरियम जैसी जल संबंधी सुविधाएं होनी चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा को तटस्थ किया जा सकता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
  • वास्तु पिरामिड का उपयोग: वास्तु पिरामिड घर में ऊर्जा को संचित और निर्देशित करने के शक्तिशाली उपकरण हैं। पश्चिम दिशा से जुड़ी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए घर के दक्षिण-पश्चिम कोण में एक तांबे का वास्तु पिरामिड रखें। इसके अलावा, उत्तर-पूर्व कोण में क्रिस्टल या चांदी का पिरामिड सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाएगा और समग्र कल्याण को बढ़ावा देगा।

पश्चिम मुखी घर का दरवाजा किस दिशा में होना चाहिए? (In Which Direction Should The Door of a West Facing House Be)

पश्चिम मुखी घरों (West Facing Home) के लिए, वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) अनुसार, मुख्य दरवाजा उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। उत्तर और पूर्व मुखी दरवाजे धन, शांति और सौभाग्य का संचार करते हैं।  इसके अलावा, दरवाजे का आकार और स्थान भी महत्वपूर्ण होते हैं, जैसे कि दरवाजे की चौड़ाई उसकी ऊँचाई का आधा होनी चाहिए। दरवाजे के सामने छाया नहीं होनी चाहिए और उसके आगे के कदम विशेष रूप से विचार किए जाते हैं। ये सब नियम एक सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ावा देते हैं।

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पश्चिम मुखी घर में बाथरूम और टॉयलेट किस दिशा में होना चाहिए? (In Which Direction Should The Bathroom And Toilet Be In a West Facing House)

घरों की निर्माण कला के प्राचीन भारतीय विज्ञान, वास्तु शास्त्र के अनुसार, टॉयलेट और बाथरूम का निर्माण उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में होना सर्वोत्तम माना जाता है। इसका कारण यह है कि इन दिशाओं में स्थित शौचालय और स्नानघर घर में नकारात्मक ऊर्जा को कम करने में मदद करते हैं। उत्तर-पूर्व और दक्षिण दिशाएं इनके लिए अनुपयुक्त मानी जाती हैं, क्योंकि ये घर के वासियों के स्वास्थ्य और समृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। इसके अलावा, बाथरूम की ऊँचाई कम से कम एक फुट ज़मीन के ऊपर होनी चाहिए। यदि पश्चिम मुखी घर में बाथरूम या टॉयलेट हो, तो वह पश्चिम दिशा में माना जाता है। अगर वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के सिद्धांतों का पालन किया जाए, तो यह घर के वासियों के लिए एक सुखद और समृद्धिशाली वातावरण सृजित कर सकता है।

पश्चिम मुखी घर में रसोई किस दिशा में होनी चाहिए? (In Which Direction Should The kitchen Be in a West Facing House)

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पश्चिम मुखी घर  में रसोई घर की सबसे उपयुक्त दिशा दक्षिण-पूर्व होती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, अग्नि तत्व से जुड़ी दक्षिण-पूर्व दिशा रसोई के लिए शुभ मानी जाती है। 

हालाँकि, उत्तर, उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व दिशाएं रसोई के लिए वर्जित होती हैं। यदि रसोई उत्तर दिशा में है, तो चूल्हे को दक्षिण-पूर्व में रखना चाहिए। वास्तु के अनुसार, खाना पकाने का प्लेटफॉर्म उत्तर या पश्चिम दीवार से नहीं लगना चाहिए। रसोई में गैस स्टोव और सिंक एक ही प्लेटफॉर्म पर नहीं होने चाहिए। अनाज दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखने चाहिए। यदि रसोई में डाइनिंग टेबल है, तो उसे पश्चिम या उत्तर-पश्चिम में रखना उचित होगा। इन वास्तु सिद्धांतों का पालन करके, परिवार में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य सुनिश्चित किया जा सकता है।

पश्चिम मुखी घर का बेडरूम किस दिशा में होना चाहिए? (In Which Direction Should The Bedroom Be In a West Facing House)

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वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, एक पश्चिम मुखी घर में मास्टर बेडरूम सबसे अच्छा दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इस दिशा में बेडरूम बनाने से सुख-शांति और खुशहाली आती है। बेड का सिरहाना दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए क्योंकि ये दिशाएं शरीर में सकारात्मक ऊर्जा भरती हैं। पैर कभी भी दक्षिण या पूर्व दिशा में नहीं होने चाहिए। सोते समय सिर दीवार से सटाकर रखना चाहिए। अन्य बेडरूम पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा में हो सकते हैं। बेडरूम का दरवाजा उत्तर, पूर्व या पश्चिम दिशा में 90° के कोण पर खुलना चाहिए। बेडरूम के इंटीरियर के लिए पीले, हरे, नीले और सफेद रंग खुशी और शांति देते हैं।

Conclusion:-

पश्चिम मुखी घरों (West Facing Home) में वास्तु सिद्धांतों का पालन करके उन्हें शुभ और समृद्ध बनाया जा सकता है। मुख्य द्वार, कमरों के अभिविन्यास और रंगों के चयन में वास्तु दिशानिर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण है। पश्चिम मुखी मकान (South facing house) से संबंधित हमारे द्वारा दी गई सभी वास्तु उपाय अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे इस लेख को अपने सभी प्रियजनों के साथ भी साझा करें और हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करें।

Disclaimer- इस लेख के द्वारा दी गई सभी जानकारियां मान्यताओं पर आधारित है। हम आपको बता दें कि जन भक्ति ऐसे उपायों की पुष्टि नहीं करता है, इसलिए इन सभी वास्तु टिप्स को अमल में लाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें ।

FAQ’s

Q. पश्चिम मुखी घर के मुख्य द्वार के लिए वास्तु के अनुसार क्या नियम हैं? 

Ans. वास्तु के अनुसार, पश्चिम मुखी घर का मुख्य द्वार हमेशा घर के मध्य पश्चिम या उत्तरी भाग में होना चाहिए। मुख्य द्वार के डिजाइन के लिए धातु का उपयोग किया जाना चाहिए। दक्षिण-पश्चिम दिशा में मुख्य द्वार नहीं होना चाहिए।

Q. पश्चिम मुखी घर में मास्टर बेडरूम किस दिशा में होना चाहिए? 

Ans. पश्चिम मुखी घर में मास्टर बेडरूम के लिए दक्षिण-पश्चिम सबसे अच्छी दिशा है। यह दिशा जोड़ों के बीच संबंध को बढ़ाती है। यदि घर बहुमंजिला है तो मास्टर बेडरूम सबसे ऊंची मंजिल पर होना चाहिए।

Q. पश्चिम मुखी घर में बच्चों का कमरा किस दिशा में होना चाहिए? 

Ans. पश्चिम मुखी घर में बच्चों के कमरे को दक्षिण दिशा में बनवाना चाहिए। इसके अलावा, बच्चों के बेडरूम का निर्माण पश्चिम और उत्तर-पश्चिम दिशा में भी कर सकते हैं। बच्चों के कमरे का दरवाजा हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में खुलना चाहिए।

Q. पश्चिम मुखी घर में लिविंग रूम के लिए कौन सी दिशाएं शुभ हैं? 

Ans. पश्चिम मुखी घर में लिविंग रूम के लिए उत्तर, पूर्व और उत्तर-पूर्व दिशाएं शुभ हैं। वास्तु सिद्धांतों के अनुसार कभी भी भारी फर्नीचर को लिविंग रूम के पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं रखना चाहिए।

Q. पश्चिम मुखी घर में रसोई घर किस दिशा में होनी चाहिए?

Ans. पश्चिम मुखी घर की रसोई दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा में होनी चाहिए। रसोई कभी भी दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं होनी चाहिए। रसोई में खाना बनाते समय सुनिश्चित करें कि आपका मुंह पूर्व की ओर हो।

Q. पश्चिम मुखी घर में गेस्ट बेडरूम किस दिशा में होना चाहिए? 

Ans. पश्चिम मुखी घर में गेस्ट रूम बनाने के लिए उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा का उपयोग किया जा सकता है। हालांकि, गेस्ट बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में कभी नहीं बनाना चाहिए।