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Ramdev ji ke Bhajan: ये हैं रामदेव जी के निर्गुणी भजन, जिन्हें सुनते ही मन को मिलेगी शांति और रामसा पीर का आशीर्वाद।

Ramdev ji ke Bhajan
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रामदेव जी के निर्गुणी भजन (Ramdev ji ke Nirguni Bhajan): राजस्थान के लोकदेवता बाबा रामदेव जी की महिमा का वर्णन करने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं। 15वीं शताब्दी में अवतरित हुए इस महान संत ने अपने अल्प जीवन में ही समाज में व्याप्त कुरीतियों और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता और अछूतोद्धार का संदेश दिया। 

आज भी लाखों श्रद्धालु उनके समाधि स्थल रामदेवरा में श्रद्धा से नतमस्तक होते हैं। (Ramdev ji ke Bhajan) बाबा रामदेव के जीवन और उपदेशों से प्रेरित होकर अनेक भक्तों ने उनकी महिमा का गुणगान करते हुए भजन रचे हैं। ये भजन आज भी जन-जन की जुबान पर हैं। इन भजनों में एक ओर जहां बाबा की लीलाओं और चमत्कारों का वर्णन है, वहीं दूसरी ओर समाज सुधार और नैतिक मूल्यों का संदेश भी दिया गया है। इन भजनों की खास बात यह है कि ये निर्गुण परंपरा से जुड़े हैं। निर्गुण भजनों में ईश्वर के निराकार रूप की उपासना की जाती है। इसमें किसी मूर्ति या प्रतिमा की पूजा नहीं होती। बाबा रामदेव के भजनों में भी यही भाव देखने को मिलता है। इन भजनों में एक ओर प्रभु के प्रेम में डूबे भक्त का वर्णन है तो दूसरी ओर ईश्वर के साथ एकाकार होने की अनुभूति का भी जिक्र है।

आइए, इस लेख में हम बाबा रामदेव जी पर लिखे गए कुछ लोकप्रिय निर्गुणी भजनों का रसास्वादन करते हैं। इन भजनों के माध्यम से हम न सिर्फ बाबा रामदेव के जीवन और संदेश को समझ पाएंगे, बल्कि भक्ति और आध्यात्मिकता के गहन अर्थ को भी जान पाएंगे। तो चलिए, शुरू करते हैं इस भक्ति और श्रद्धा से भरे लेख को…

Table Of Content :-Ramdev ji ke Bhajan

S.NOराममदेव जी के निर्गुणी भजन
1सुगणा ऊभी डागळिये
2मारग में रामदेव मिल गया 
3बीरा मारा रामदेव
4धजबन्द लाज रखो म्हारी रामदेवजी सायल
5जग घूमिया थारे जैसा ना कोई बाबा रामदेवजी भजन लिरिक्स 

यहाँ जानें बाबा रामदेव जी प्रमुख लेख:-

1.रामदेव जीजीवन परिचयClick Here
2.रामदेव जी आरतीClick Here
3.रामदेव जी सुपरहिट भजनClick Here
4.रामदेव जी मंत्रClick Here
5.रामदेव जी निर्गुणी भजनClick Here
6.रामदेव जी इतिहासClick Here

1. सुगणा ऊभी डागळिये

॥ दोहा ॥

बीरां म्हारा रामदेव , नेतल रा भरतार ।
आ सुगणा री वीणती , एकर लेवण आय ॥

॥ सुगणा ऊभी डागळिये ॥
सुगणा रे ऊभी डागळिये ,
नेणां में ढळके नीर ।
लेवण आवो वीरा रामदेव ,
थे हो जग में पीर ॥

आवण – जावण कह गया रे ,
आई रे सावणियाँ री तीज ॥
दर्शण प्यासी सुगणा बाई ,
होवे है आधीन ॥
सुगणा रे ऊभी डागळिये ,
नेणां में ढळके नीर ॥

बारहे वरषां सु पीवर सारूं ,
लाग रही अडीक ।
अजमल जी रा कँवर लाडला ,
नैणा रे बरसे नीर ।।
सुगणा रे ऊभी डागळिये ,
नेणां में ढळके नीर ।

राखड़ी पूनम री बीरा ,
जग में अमर रीत ।
रीत निभानी पड़सी थाने ,
आय बंधावो धीर ।।
सुगणा रे ऊभी डागळिये ,
नेणां में ढळके नीर ।।

रामदेव जी रो ब्याव रच्यो ,
मेणा दे रे मन में प्रीत ।
लाछा बाई आई रे म्हारी ,
सुगणा क्यों नहीं आई ।
सुगणा रे ऊभी डागळिये ,
नेणां में ढळके नीर ॥

आया रूणीचे सुगणा बाई ,
लाया है महावीर ।
अन्यायी रो नाश होयो जद ,
वे न्यायी री जीत ॥
सुगणा रे ऊभी डागळिये ,
नेणां में ढळके नीर ।

2. मारग में रामदेव मिल गया 

दोहा – रामा श्यामा आवजो, कलजुग भयो करूर मैं अरज करूँ अजमाल रा हे म्हारो हैलो सुंणजो जरूर।

मारग में रामदेव मिल गया, गेला में रामदेव पीर जी मिल गया, ओ मारी काया ने कंचन कर गया, ओ बाबा रामदेव, म्हारो जीवन सफल बना गया, ओ बाबा रामदेव ।।

पहलो पहलो पर्चा, पिता अजमल जी ने दिनों, कुकु रा पगल्या मंडाया, ओ बाबा रामदेव।

मार्ग में रामदेव मिल गया, गेला में रामदेव पीर जी मिल गया, ओ मारी काया ने कंचन कर गया, ओ बाबा रामदेव, म्हारो जीवन सफल बना गया, ओ बाबा रामदेव ।।

दूजों दूजो पर्यो, माता मेणादे ने दिनों, ऊफणता दूध थमापा, ओ बाबा रामदेव।

मार्ग में रामदेव मिल गया, गेला में रामदेव पीर जी मिल गया, ओ मारी काया ने कंचन कर गया, ओ बाबा रामदेव, म्हारो जीवन सफल बना गया, ओ बाबा रामदेव ।।

तीजो तीजो पर्यो, बाबा दरजीडा ने दीदी, कपड़ा रो घोड़ा उड़ायो, ओ बाबा रामदेव।

मार्ग में रामदेव मिल गया, गेला में रामदेव पीर जी मिल गया, ओ मारी काया ने कंचन कर गया, ओ बाबा रामदेव, म्हारो जीवन सफल बना गया, ओ बाबा रामदेव।।

चोचों चोची परचो, बाबा बणजारा दीदो, मीश्री को लुण बणायो, ओ बाबा रामदेव।

मार्ग में रामदेव मिल गया, गेला में रामदेव पीर जी मिल गया, ओ मारी काया ने कंचन कर गया, ओ बाबा रामदेव, म्हारो जीवन सफल बना गया, ओ बाबा रामदेव ।।

पाचवीतो पर्यो बाबा, पीरा ने दीनो, मका सु कटोरा लाया, ओ बाबा रामदेव।

मार्ग में रामदेव मिल गया, गेला में रामदेव पीर जी मिल गया, ओ मारी काया ने कंचन कर गया, ओ बाबा रामदेव, म्हारो जीवन सफल बना गया, ओ बाबा रामदेव ।।

हरी रा चरणा में भाटी, हरजी मु बोलीपा, माने जुग जुग चरणा में राखो, ओ बाबा रामदेव।

मार्ग में रामदेव मिल गया, गेला में रामदेव पीर जी मिल गया, ओ मारी काया ने कंचन कर गया, ओ बाबा रामदेव, म्हारो जीवन सफल बना गया,

ओ बाबा रामदेव ।।

मारग में रामदेव मिल गया, गेला में रामदेव पीर जी मिल गया, ओ मारी काया ने कंचन कर गया, ओ बाबा रामदेव,

म्हारो जीवन सफल बना गया, ओ बाबा रामदेव।।

3. बीरा मारा रामदेव

बीरा मारा रामदेव ,
राणी नेतल रा भरतार,
ऐ कर ले वाणी आवजयो,
थारी बेनड करे पुकार।

अळगी गाणी परणाई वो बीरा जी,
ली नहीं साल संभाल,
जिव अमुजे उण्डी ओरिया में,
अठे पड़े रे काल पर काल,
ओ बीरा रामदेव रे,
बाई ने एकर लेवण आ,
अळगो बाई रो सांसरो रे,
ओ बीरा रे माता मिलन रो चाह….

बेटी ने तो नुचु रेवे, बूढ़ा मायर बाप,
अलगो लगन, लिखायो रे जोशी जी,
थाने खायो नहीं कालो सांप,
ओ बीरा रामदेव रे,
बाई ने एकर लेवण आ,
अळगो बाई रो सांसरो रे,
ओ बीरा रे माता मिलन रो चाह….

सांसु जितरे सांसरो रे,
बीरा माता जिटरे पीर,
जद रे भोजाया घर आवसी रे,
मारो मनडो ना माने पीर,
ओ बीरा रामदेव रे,
बाई ने एकर लेवण आ,
अळगो बाई रो सांसरो रे,
ओ बीरा रे माता मिलन रो चाह…..

एकर तो बीरा माने ने बता दो,
पिहरिया रा रुख,
ना जाणु कद होवसी रे,
बीरा रूणिचा में रुख,
ओ बीरा रामदेव रे,
बाई ने एकर लेवण आ,
अळगो बाई रो सांसरो रे,
ओ बीरा रे माता मिलन रो चाह….

ओलु सुगना बेन री रे,
बीरा कथ गावै पन्ना लाल,
अब मत बिलखे सुगना बेनड़ी,
थाने रत्नो लेवन आव,
ओ बीरा रामदेव रे,
बाई ने एकर लेवण आ,
अळगो बाई रो सांसरो रे,
ओ बीरा रे माता मिलन रो चाह…..

4. धजबन्द लाज रखो म्हारी रामदेवजी सायल

धजबन्द लाज रखो म्हारी,
ओ बापजी कलम रखो म्हारी,
तीन लोक और चौदह भवन में,
अखण्ड जोत थारी।।

घर अजमल अवतार धारियों,
भीरमदे भाई,
माता मैणादे थोरी करे है आरती,
हाथ लिवी झारी।।

पिछम धरा में भणियो देवरो,
मौज बणी भारी,
घृत मिठाई बाबा चढ़े ओ चूरमो,
रुपियो री निज झारी।।

दड़िया रमते दैत मारियो,
कीनो जुदद भारी,
भैरव रागस ने मार हटायो,
राखयो ला एक धारी।।

रामसरोवर आप ख़ुदायो रामा,
पाल बणाई भारी,
बाबा ओ थोरे घाट पर ओ,
बणिया ओ गिरधारी।।

दूर देश रा आवे जातरू,
स जोड़े नरनारी,
अलगी भौम रा आवे जातरी,
निवण करे नर नारी।।

हरि शरणे भाटी हरजी बोले,
भाने रो भीड़द बधाई,
धजबन्द लाज रखों म्हारी,
ओ बापजी कलम रखो म्हारी।।

धजबन्द लाज रखो म्हारी,
ओ बापजी कलम रखो म्हारी,
तीन लोक और चौदह भवन में,
अखण्ड जोत थारी।।

5. जग घूमिया थारे जैसा ना कोई बाबा रामदेवजी भजन लिरिक्स 

जय रामदेव अवतारी,
लीले घोड़े वाली असवारी,
अजमल घर अवतारी,
जय हो जय हो म्हारा बाबा थारी,
जग घूमिया थारे जैसा ना कोई,
रुणिचे रा नाथ थारे जैसा ना कोई,
सब पे दया तू रखना,,,,
जग घूमिया थारे जैसा ना कोई,
रुणिचे रा नाथ थारे जैसा ना कोई,
द्वारिका रा नाथ थारे जैसा ना कोई,
जग घूमिया थारे जैसा ना कोई।।

तू ही तो है राम म्हारो,
तू ही घनश्याम रे,
तू ही वाहेगुरु म्हारो,
तू ही अल्लाह नाम रे,
थाने तो सब ही ध्यावे,
थाने तो सब ही ध्यावे,
हिंदू मुसलमान रे,
हिंदू कहे बाबा थाने,
पीर मुसलमान रे,
प्याला मक्का सु मंगाया तू ही,
पाचो पीरा ने जिमाया तू ही,
घोड़ो आकाशा उड़ाया तू ही,
पग कुंकु रा मंडाया तू ही,
सब पे दया तू रखना,,,,
जग घूमिया थारे जैसा ना कोई,
रुणिचे रा नाथ थारे जैसा ना कोई,
द्वारिका रा नाथ थारे जैसा ना कोई,
जग घूमिया थारे जैसा ना कोई।।

Conclusion :-Ramdev ji ke Bhajan

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (रामदेव जी के निर्गुणी भजन) Ramdev ji ke Bhajan यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद

FAQ’s

Q. बाबा रामदेव जी कौन थे?

Ans. बाबा रामदेव जी (Baba Ramdev ji) एक प्रसिद्ध लोक देवता थे, जिन्हें राजस्थान के लोगों द्वारा उनकी करुणा और चमत्कारी शक्तियों के लिए पूज्य माना जाता है।

Q. बाबा रामदेव जी किसके अवतार माने जाते हैं? 

Ans. बाबा रामदेव जी को भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है।

Q. बाबा रामदेव जी की मुख्य पूजा कब की जाती है? 

Ans. बाबा रामदेव जी (Baba Ramdev ji) की मुख्य पूजा भाद्रपद शुक्ल द्वितीया को रामदेवरा मेले के दौरान की जाती है।

Q. बाबा रामदेव जी को लोकदेवता के रूप में क्यों पूजा जाता है? 

Ans. बाबा रामदेव जी (Baba Ramdev ji) को लोकदेवता के रूप में पूजा जाता है क्योंकि उन्होंने सामाजिक समानता और गरीबों की सेवा के लिए जीवन व्यतीत किया।

Q. बाबा रामदेव जी के भक्त उन्हें किस नाम से भी पुकारते हैं? 

Ans. बाबा रामदेव जी (Baba Ramdev ji) के भक्त उन्हें “रामापीर” या “रमसा पीर” के नाम से भी पुकारते हैं।

Q. बाबा रामदेव जी की पूजा विधि में क्या शामिल होता है?

Ans. बाबा रामदेव जी (Baba Ramdev ji) की पूजा विधि में उनकी मूर्ति के सामने दीपक जलाना, मंत्रों का उच्चारण, और भजन-कीर्तन करना शामिल है।