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Dhanteras kyu Manaya jata Hai: आखिर क्यों मनाया जाता है धनतेरस? क्या है इसकी कहानी जाने इस लेख में।

Dhanteras kyu Manaya jata Hai
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धनतेरस क्यों मनाया जाता है? (Dhanteras kyu Manaya Jata Hai): धनतेरस – यह सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि हमारी समृद्धि, आरोग्य और सौभाग्य का प्रतीक है। भारतीय संस्कृति के इस महत्वपूर्ण उत्सव का जादू हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पूरे देशभर में छा जाता है। दीपावली के पांच दिवसीय महोत्सव की शुरुआत करने वाला यह दिन अपने आप में एक अद्वितीय चमक लिए होता है, जहां हर घर, हर कोना माँ लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की आराधना से आलोकित हो उठता है। इस शुभ दिन को सोने-चांदी की खरीदारी से लेकर नए बर्तन और अन्य वस्त्रों की खरीदी तक, हर क्रियाकलाप एक शुभ संकेत के रूप में देखा जाता है। 

लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर धनतेरस को इतना महत्वपूर्ण क्यों माना जाता है? इसके पीछे कौन सी कहानियां और परंपराएं छिपी हैं जो इसे हर भारतीय के दिल के करीब बनाती हैं? बाजारों में उमड़ती भीड़, जगमगाते दीये, और खूबसूरत रंगोलियां – क्या इन सबका कोई विशेष अर्थ है? धनतेरस 2024 कब मनाया जाएगा और इस दिन क्या-क्या शुभ कार्य किए जाने चाहिए? अगर आप इन सभी सवालों के जवाब जानना चाहते हैं और इस पर्व के इतिहास, महत्व और परंपराओं के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। 

इस लेख में हम आपको धनतेरस की उस कहानी से रूबरू कराएंगे, जो आपको समृद्धि और सौभाग्य का असली अर्थ समझाएंगी। तो लिए विस्तार से जानते हैं धनतेरस 2024 के बारे में….

धनतेरस क्या है? (Dhanteras kya Hai)

धनतेरस (Dhanteras), जिसे धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, एक हिंदू त्योहार है जो हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विन मास के कृष्ण पक्ष के तेरहवें दिन मनाया जाता है। इसे दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव का पहला दिन माना जाता है। धनतेरस के दिन धनवंतरि (Dhanwantari) भगवान का जन्मदिवस मनाया जाता है, जो आयुर्वेद और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं। इस दिन लक्ष्मी माता Mata Laxmi) और कुबेर भगवान (Bhagwan Kuber), धन और समृद्धि के देवता, की पूजा की जाती है। लोग नए बर्तन, आभूषण और अन्य कीमती वस्त्रादि खरीदते हैं, जिससे माना जाता है कि साल भर अच्छी किस्मत और समृद्धि का स्वागत होता है।

इसके साथ ही, धनतेरस (Dhanteras) के दिन यमदीपदान का अनुष्ठान भी किया जाता है, जिसमें मृत्यु देवता यम की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन दीपक जलाने से अकाल मृत्यु दूर होती है और दीर्घायु प्राप्त होती है। इस प्रकार, धनतेरस धन, समृद्धि और अच्छी किस्मत का प्रतीक होता है

धनतेरस 2024 कब है? (Dhanteras 2024 kab Hai)

धनतेरस (Dhanteras) का पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है, जो इस वर्ष 29 अक्टूबर, मंगलवार को पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। धनतेरस का यह विशेष दिन शुभ मानी जाने वाली खरीदारी और समृद्धि के आगमन का प्रतीक होता है, और इसे हर घर में उल्लासपूर्वक मनाया जाता है।

धनतेरस क्यों मनाया जाता है? (Dhanteras Kyu Manaya Jata Hai)

शास्त्रों में उल्लिखित कथा के अनुसार, समुद्र मंथन (Samudra Manthan) के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत से भरे कलश को हाथों में लिए प्रकट हुए थे। यह विशेष दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि थी, जब भगवान धन्वंतरि समुद्र से अवतरित हुए थे। चूंकि वे अमृत कलश के साथ प्रकट हुए, तभी से इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा शुरू हुई। भगवान धन्वंतरि को भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का अवतार माना जाता है, और इन्होंने चिकित्सा विज्ञान का ज्ञान विश्वभर में फैलाया। धन्वंतरि के प्रकट होने के दो दिन बाद माता लक्ष्मी समुद्र मंथन से निकलीं, जिसके उपलक्ष्य में दीपावली का पर्व मनाया जाता है। भगवान धन्वंतरि की पूजा से आरोग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

यह भी पढ़े:- 1.भाई दूज 2.नए कपड़े किस दिन नहीं पहनना चाहिए 3. गोवर्धन पूजा 4. धनतेरस कहानी 5. दशहरा शस्त्र पूजा 6.रावण दहन 7.धनतेरस पूजा 8. धनतेरस खरीदारी 9. दिवाली शुभ मुहूर्त 10. श्री राम के वंशज 11. लक्ष्मी जी आरती 12. लक्ष्मी पूजन विधि 13. चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि में अंतर 14. शारदीय नवरात्रि 15. दुर्गा आरती 16. देवी कात्यायनी 17. दुर्गा स्तोत्र 18. दुर्गा चालीसा 19.दुर्गा के 108 नाम 20. नौ देवियों बीज मंत्र 21. शरद पूर्णिमा 22. रमा एकादशी व्रत कथा 23. शरद पूर्णिमा आरती 24. नवरात्रि के 9 दिन नौ रंगो 25. माँ दुर्गा के नौ रूप 26.  विजयदशमी 27. रावण का परिवार 28.दशहरा 29. धनतेरस 30. दशहरा शस्त्र पूजा 31. रावण दहन 32. धनतेरस पूजा 33. करवा चौथ आरती 34. धनतेरस खरीदारी 35.करवा चौथ कहानी 36. पहली बार करवा चौथ कैसे करें 37. करवा चौथ व्रत खाना 38. करवा चौथ शुभकामनाएं 39. देवी शैलपुत्री कहानी 40. देवी ब्रह्मचारिणी कहानी 41. देवी चंद्रघंटा कहानी 42. करवा चौथ पूजन विधि सामग्री 43. माता कुष्मांडा पूजा 44. माता स्कंदमाता कहानी 45. माता कालरात्रि कहानी 46. माता महागौरी कहानी 47. माता सिद्धिदात्री कहानी

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Conclusion:-Dhanteras kyu Manaya Jata Hai

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (धनतेरस क्यों मनाया जाता है) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद 

FAQ’s

धनतेरस का मुख्य उद्देश्य क्या है?
धनतेरस का उद्देश्य धन और स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करना है। यह दिन समृद्धि और सुख-शांति का प्रतीक माना जाता है।

धनतेरस के दिन क्या खरीदना शुभ माना जाता है?
इस दिन बर्तन, सोना, चांदी और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी चीज़ें खरीदना शुभ माना जाता है। यह माना जाता है कि इन वस्तुओं को खरीदने से घर में समृद्धि और खुशहाली आती है।

धनतेरस की पूजा किस समय की जाती है?
धनतेरस की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, जो सूर्यास्त के बाद का समय होता है। इस समय पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।

क्या धनतेरस केवल व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण है?
नहीं, धनतेरस हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। यह दिन सभी के लिए शुभ माना जाता है, चाहे वह व्यापारी हो या आम नागरिक। इस दिन समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना की जाती है।