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Vrishabh Rashi ke isht Dev Kaun Hai: वृषभ राशि – जानें वृषभ राशि के इष्ट देव, राशि तत्व, राशि का स्‍वामी,मंत्र, धातु, रत्न, रुद्राक्ष, राशि नाम अक्षर बारे में संपूर्ण जानकारी।

Vrishabh Rashi ke Baare Mein Sampoorna jankari
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वृषभ राशि के बारे में संपूर्ण जानकारी (Vrishabh Rashi ke Baare Mein Sampoorna jankari): हिंदू ज्योतिष में बारह राशियों में से वृषभ राशि (Vrishabh Rashi) दूसरी राशि है, जो पृथ्वी तत्व से संबंधित है। वृषभ राशि के जातक अपनी स्थिरता, धैर्य और सौंदर्य प्रेम के लिए जाने जाते हैं। 

यह राशि अपनी अद्वितीय विशेषताओं और गुणों के कारण विशेष महत्व रखती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वृषभ राशि के स्वामी कौन हैं? वृषभ राशि का तत्व क्या है? और वृषभ राशि की धातु क्या है? इस लेख में, हम आपको वृषभ राशि के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। हम आपको बताएंगे कि वृषभ राशि के इष्ट देव और प्रमुख मंत्र क्या है, वृषभ राशि का लकी नाम अक्षर क्या है, और वृषभ राशि (Vrishabh Rashi) के जातकों की शुभ दिशा क्या है। इसके अलावा, हम आपको बताएंगे कि जन्मतिथि के अनुसार वृषभ राशि के जातकों को कैसे पहचाना जा सकता है और उनकी व्यक्तिगत विशेषताएं क्या होती हैं। यह लेख वृषभ राशि के जातकों के लिए तो उपयोगी होगा ही, साथ ही अन्य राशि के जातकों को भी वृषभ राशि के बारे में जानने में मदद करेगा। 

तो आइए, जानें वृषभ राशि के बारे में और अपने जीवन को बेहतर बनाएं…

Table Of Content 

विषयविवरण
वृषभ राशि राशि चक्र की दूसरी राशि वृषभ है, जिसका चिन्ह ‘बैल’ है।
स्वामी ग्रहशुक्र
तत्वधरती
इष्ट देवदेवी दुर्गा
वृषभ राशि का मंत्र‘देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्‌’। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥
अन्य मंत्रॐ ह्रीं क्लीं श्रीं।
धातुवृषभ राशि के जातकों की शुभ धातु चांदी है
रत्नवृषभ राशि के जातकों के लिए अत्यंत शुभ रत्न हीरा है
रुद्राक्षचंद्रमुखी एवं सप्तमुखी रुद्राक्ष
मित्र राशियाँकर्क, कन्या तथा मकर राशि के जातक
शत्रु राशियाँवृषभ राशि और कुंभ, सिंह, वृश्चिक राशि के बीच शत्रुता बनी रहती है
लकी नाम के अक्षर‘इ, उ, ई, ओ, व, वी, ऊ, वे, वो’ अक्षरों से शुरू होने वाले नाम
दिशादक्षिण-पूर्व दिशा
महत्वपूर्ण व्रत और त्यौहारवृषभ राशि के जातकों को शुक्रवार का व्रत रहना चाहिए
विशेष पूजाविशेष तौर पर मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए

वृषभ राशि क्या है? (Vrishabh Rashi kya Hai)

राशि चक्र की दूसरी राशि वृषभ है, जिसका चिन्ह ‘बैल’ है। बैल की प्रकृति मेहनती और वीर्यवान होती है; सामान्यतः यह शांत रहता है, लेकिन जब गुस्से में आता है, तो इसका उग्र रूप देखने को मिलता है। यह स्वभाव वृष राशि के जातकों में भी स्पष्ट रूप से मौजूद है। वृष राशि का विस्तार राशि चक्र में 30 अंश से 60 अंश के बीच होता है।

वृषभ राशि का तत्व क्या है? (Vrishabh Rashi ka Tatva kya Hai)

वृषभ राशि (Vrishabh Rashi) का तत्व “पृथ्वी” है। यह तत्व स्थिरता, धैर्य, और व्यावहारिकता का प्रतीक माना जाता है, जो वृषभ राशि के जातकों के स्वभाव में भी दिखाई देता है।

वृषभ राशि के स्वामी कौन हैं? (Vrishabh Rashi ke Swami kaun Hain)

वृषभ राशि (Vrishabh Rashi) का स्वामी चमकदार शुक्र ग्रह है, जिसका प्रभाव इनके व्यक्तित्व में साफ नजर आता है। यही कारण है कि वृषभ राशि के जातक फैशन, चमक-दमक, और नए वस्त्रों के प्रति खास रुचि रखते हैं। इनका चौड़ा कंधा और बलशाली शरीर भी इनके व्यक्तित्व को और अधिक आकर्षक बनाता है।

वृषभ राशि के इष्ट देव कौन हैं? (Vrishabh Rashi ke Isht Dev kaun Hain)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वृषभ राशि (Vrishabh Rashi) के स्वामी शुक्र ग्रह हैं, जिनकी आराधना में मां दुर्गा का विशेष स्थान है। इस प्रकार, वृषभ और तुला राशि के जातकों के लिए मां दुर्गा इष्ट देवी के रूप में श्रद्धेय हैं। इनकी पूजा को शुभ फल देने वाली माना जाता है, जिससे जातकों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का संचार होता है। मां दुर्गा की कृपा से वृषभ और तुला राशि के लोग अपनी इच्छाओं की पूर्ति में सफल रहते हैं।

वृषभ राशि के लिए मंत्र (Vrishabh Rashi ke liye Mantra)

वृषभ राशि (Vrishabh Rashi) के जातकों को मां दुर्गा की विशेष पूजा अवश्य करनी चाहिए। साथ ही, उन्हें इस मंत्र का जाप करना चाहिए: ‘देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि मे परमं सुखम्‌। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥’ जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।

वृषभ राशि के लिए धातु (Vrishabh Rashi ke liye Dhatu)

वृषभ राशि (Vrishabh Rashi) के जातकों के लिए चांदी की धातु पहनना अत्यंत लाभकारी माना जाता है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और स्थिरता बनी रहती है।

वृषभ राशि के लिए रत्न (Vrishabh Rashi ke liye Ratn)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रत्न को राशि के आधार पर धारण करना चाहिए, और वृषभ राशि के जातकों के लिए पुखराज को विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

वृषभ राशि की शत्रु राशियाँ कौन सी है? (Vrishabh Rashi ki Shatru Rashiyaan kaun si Hain)

वृषभ राशि (Vrishabh Rashi) और कुंभ, सिंह, वृश्चिक राशि के बीच प्रतिस्पर्धा का विश्लेषण किया गया, जिसमें उनके भिन्न दृष्टिकोण और मूल्यों को सामने लाया गया, जो अक्सर इनके बीच टकराव का मुख्य कारण बनते हैं।

वृषभ राशि की मित्र राशियाँ कौन सी है? (Vrishabh Rashi ki Mitra Rashiya kaun si Hoti Hai)

वृषभ राशि (Vrishabh Rashi) के जातकों को कर्क, कन्या और मकर राशि के लोगों में उत्तम जीवनसाथी मिल सकता है। खासकर कर्क और वृषभ के बीच गहरा मानसिक और भावनात्मक जुड़ाव देखा जाता है, जो उन्हें एक-दूसरे को अच्छी तरह समझने में मदद करता है।

वृषभ राशि नाम अक्षर (Vrishabh Rashi Naam Akshar)

वृषभ राशि (Vrishabh Rashi) के जातक वे होते हैं जिनके नाम की शुरुआत ‘इ, उ, ई, ओ, व, वी, ऊ, वे, वो’ अक्षरों से होती है। इन जातकों को सभी राशियों में सबसे परिश्रमी माना जाता है।

वृषभ राशि की दिशा क्या है? (Vrishabh Rashi ki Disha kya Hai)

वृषभ राशि (Vrishabh Rashi) वालों के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा अत्यधिक लाभकारी मानी जाती है, यह दिशा उनके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

जन्मतिथि से वृषभ राशि पहचानिए (Birth Date Se Vrishabh Rashi Jane)

वृषभ राशि के व्यक्तियों का जन्म 20 अप्रैल से 20 मई के बीच होता है, और ये लोग अपनी सूर्य राशि को वृषभ के रूप में पहचान सकते हैं। वृषभ राशि का प्रतीक बैल है, जो स्थिरता, धैर्य और दृढ़ता का प्रतीक है। इस राशि के जातक आमतौर पर दृढ़ निश्चयी और व्यावहारिक होते हैं, और वे जीवन में संतुलन बनाए रखने की कोशिश करते हैं। 

Conclusion:-Vrishabh Rashi ke Baare Mein Sampoorna jankari

आशा करते हैं की (वृषभ राशि – इष्ट देव, राशि तत्व, राशि का स्‍वामी,मंत्र, धातु, रत्न, रुद्राक्ष, राशि नाम अक्षर) से संबंधित यह बेहद खास लेख आपको पसंद आया होगा अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, कृपया इस लेख को अपने सभी प्रिय जनों के साथ साझा करें, ऐसे ही और भी पावन त्योहार और व्रत से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करें।

FAQ’s:-Vrishabh Rashi ke Baare Mein Sampoorna jankari

1. वृषभ राशि के लोग भगवान विष्णु की पूजा क्यों करें?

भगवान विष्णु वृषभ राशि के जातकों के इष्ट देव माने जाते हैं, क्योंकि वे शांति, सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करते हैं। भगवान विष्णु की पूजा करने से वृषभ राशि के लोगों को जीवन में प्रगति और समृद्धि प्राप्त हो सकती है।

2. भगवान विष्णु की पूजा करने का सही तरीका क्या है?

वृषभ राशि के जातक भगवान विष्णु की आराधना गुरुवार के दिन कर सकते हैं। इस दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ या विष्णु जी के मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है। साथ ही पीले फूल, पीले वस्त्र और चने की दाल का भोग लगाना भी फायदेमंद हो सकता है।

3. क्या वृषभ राशि के लोग किसी और देवता की पूजा कर सकते हैं?

हां, वृषभ राशि के लोग अन्य देवताओं की भी पूजा कर सकते हैं, जैसे माता लक्ष्मी और भगवान गणेश। लक्ष्मी जी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है, और गणेश जी विघ्नहर्ता के रूप में पूजे जाते हैं। इन देवताओं की आराधना से भी वृषभ राशि के जातकों को लाभ हो सकता है।

4. वृषभ राशि के जातकों के लिए कौन से मंत्र लाभकारी हो सकते हैं?

वृषभ राशि के लिए निम्नलिखित मंत्रों का जाप लाभकारी हो सकता है:

  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः – यह भगवान विष्णु का मुख्य मंत्र है, जो मानसिक शांति और सफलता प्रदान करता है।
  • ॐ विष्णवे नमः – यह मंत्र भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए अत्यंत प्रभावी है।

5. वृषभ राशि के लोग अपने जीवन में किन चीजों पर ध्यान दें?

वृषभ राशि के लोग अपने जीवन में स्थिरता, धैर्य और मेहनत पर ध्यान दें। भगवान विष्णु की आराधना के साथ-साथ इन्हें अपने जीवन में नियमित रूप से योग और ध्यान भी शामिल करना चाहिए, ताकि मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त हो सके।