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हिन्दू कैलेंडर अक्टूबर 2025 में कौन-कौन से व्रत, त्यौहार, और तिथियां हैं? पूरी डेट लिस्ट पढ़ें | October Festival List 2025

October Festival List 2025
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अक्टूबर कैलेंडर 2025 (October Calendar 2025): अक्टूबर 2025 में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्यौहार आने वाले हैं, जो हमारे जीवन में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखते हैं। इन त्यौहारों में चंद्र दर्शन, गोवर्धन पूजा, तुला संक्रांति, रमा एकादशी, कार्तिक स्नान, वाल्मीकि जयंती, पूर्णिमा, गोपाष्टमी, भाई दूज, दीपावली, प्रदोष व्रत, विश्व पशु दिवस, और पापांकुशा एकादशी शामिल हैं। इन त्यौहारों का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी है।

ये त्यौहार हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं को समझने और समृद्ध बनाने में मदद करते हैं। इन त्यौहारों के दौरान, लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं, और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं। इन त्यौहारों का महत्व इस प्रकार है कि यह हमें अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद करता है और हमें आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने में मदद करता है। इन त्यौहारों के दौरान, लोग अपने परिवार और मित्रों के साथ मिलकर त्यौहार मनाते हैं और एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं।

इस लेख में, हम आपको अक्टूबर 2025 में आने वाले विशेष व्रत और त्यौहारों की एक पूरी लिस्ट प्रदान करेंगे, साथ ही हम आपको इन त्यौहारों के महत्व, उनके पीछे की कहानियों, और उनके आयोजन के तरीकों के बारे में भी बताएंगे….

तारीखदिनत्यौहार
01-10-2025बुधवारमहा नवमी
02-10-2025बृहस्पतिवारगाँधी जयंती, विजय दशमी
03-10-2025शुक्रवारपापांकुशा एकादशी
04-10-2025शनिवारप्रदोष व्रत, विश्व पशु दिवस
06-10-2025सोमवारशरद पूर्णिमा, काजोगरा पूजा
07-10-2025मंगलवारकार्तिक स्नान, वाल्मीकि जयंती , पूर्णिमा
10-10-2025रविवारकरवा चौथ, संकष्टी गणेश चतुर्थी
11-10-2025शनिवाररोहिणी व्रत
13-10-2025सोमवारकालाष्टमी, अहोई अष्टमी
17-10-2025शुक्रवारतुला संक्रांति, रमा एकादशी
18-10-2025रविवारप्रदोष व्रत, धनतेरस
19-10-2025मंगलवारकाली चौदस / दीपावली
20-10-2025सोमवारनरक चतुर्दशी
21-10-2025मंगलवारभौमवती अमावस्या
22-10-2025बुधवारचंद्र दर्शन, गोवर्धन पूजा
23-10-2025गुरुवारभाई दूज
25-10-2025शनिवारवरद चतुर्थी
26-10-2025रविवारलाभ पंचमी
27-10-2025सोमवारषष्टी, छठ पूजा , सोमवार व्रत
29-10-2025बुधवारबुधाष्टमी व्रत
30-10-2025बृहस्पतिवारदुर्गाष्टमी व्रत, गोपाष्टमी
31-10-2025शुक्रवारअक्षय नवमी

हिन्दू कैलेंडर अक्टूबर, 2025 | October 2025 Hindu Calendar

ऊपर हम आपको अक्टूबर महीने के सभी त्योहारों की लिस्ट इमेज के माध्यम से प्राप्त करा रहे हैं जिसमें आप देख सकते हैं कि कौनसा त्यौहार किस तारीख को है और उसका शुभ मुहूर्त क्या है। आप इस इमेज को डाउनलोड कर सकते है और अपन मित्रो को शेयर कर सकते हैं।

1. महानवमी | Mahanavami 

महानवमी, जिसे दुर्गा नवमी या शारदीय नवरात्रि की नवमी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। यह नवरात्रि के नौवें दिन मनाई जाती है और देवी दुर्गा के नवम स्वरूप, सिद्धिदात्री की पूजा का विशेष दिन होता है। महानवमी का दिन बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है और इस दिन भक्तजन व्रत रखकर मां दुर्गा की आराधना करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का वध कर देवताओं को मुक्ति दिलाई थी। इस दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है, जिसमें नौ कन्याओं और एक बालक को देवी का रूप मानकर भोजन कराया जाता है। भारत के विभिन्न हिस्सों में इस दिन हवन, पूजा, और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। महानवमी, शक्ति और समर्पण का प्रतीक है, जो हमें सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। साल 2025 में महानवमी 1 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

  • दिनांक- 1 अक्टूबर 2025
  • दिन- बुधवार 

2. विजयादशमी Vijayadashami 

विजयादशमी, जिसे दशहरा या दसहरा भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में बुराई पर अच्छाई की विजय का पवित्र प्रतीक है। यह उत्सव हर वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व अद्वितीय है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध कर धर्म और सत्य की स्थापना की थी, वहीं देवी दुर्गा ने महिषासुर का संहार कर अधर्म का अंत किया था। त्योहार के दौरान रावण के पुतले जलाए जाते हैं, रामलीला का मंचन होता है, और बंगाल में सिंदूर खेला की परंपरा निभाई जाती है। साथ ही, शस्त्र पूजन और शमी के वृक्ष की पूजा को शुभ माना जाता है। व्यापारी वर्ग इस दिन बही-खाते की पूजा कर अपने नए कार्यों की शुरुआत करते हैं। यह पर्व न केवल धार्मिक उत्साह से भरपूर है, बल्कि जीवन में नैतिकता और सत्य के प्रति प्रेरणा का स्रोत भी है। 2025 में महानवमी का पर्व 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

  • दिनांक- 2 अक्टूबर 2025
  • दिन- गुरुवार 

3. गांधी जयंती | Gandhi Jayanti 

गांधी जयंती हर साल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। महात्मा गांधी, जिन्हें ‘राष्ट्रपिता’ कहा जाता है, भारत की स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे। उन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दिन देशभर में प्रार्थना सभाएं, स्वच्छता अभियानों और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसे ‘अहिंसा दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है। गांधी जी के विचार और उनके आदर्श आज भी लोगों को सत्य, शांति और समानता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।

  • दिनांक-  2  अक्टूबर 2025
  • दिन- गुरुवार 

4. पापांकुशा एकादशी | Papankusha Ekadashi

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी, जिसे पापांकुशा एकादशी के नाम से जाना जाता है, भगवान विष्णु के श्री पद्मनाभ स्वरूप की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पावन दिन का व्रत रखने से जीवन के समस्त पापों से मुक्ति प्राप्त होती है। यही कारण है कि इसे पापांकुशा एकादशी कहा जाता है। इस विशेष एकादशी का व्रत श्रद्धालुओं के लिए आत्मिक शुद्धि और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है। वर्ष 2025 में यह शुभ तिथि 3 अक्टूबर को आएगी, जब भक्तजन भगवान विष्णु की आराधना में लीन होकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।

  • दिनांक-  3 अक्टूबर 2025:-प्रारंभ तिथि – सुबह 9:08 बजे से
  • दिन- शुक्रवार :-समापन तिथि – 14 अक्टूबर को सुबह 6:41 बजे तक

5. प्रदोष व्रत | Purnima Vrat 

प्रदोष व्रत, हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और फलदायी व्रत माना जाता है, जिसे हर महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, और प्रदोष काल में की गई पूजा का महत्व सबसे अधिक होता है। कहा जाता है कि प्रदोष व्रत से सभी दोष समाप्त होते हैं और भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति जन्म-जन्मांतर के बंधनों से मुक्त होकर मोक्ष की ओर अग्रसर होता है। मान्यता है कि यह व्रत मनोकामनाओं को पूर्ण करता है और नौकरी-व्यापार में सफलता प्रदान करता है। 2025 में अक्टूबर माह का यह व्रत 4 तारीख को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाएगा।

  • दिनांक- 4 अक्टूबर 2025
  • दिन- शनिवार 

6. शरद पूर्णिमा | Sharad Purnima 

शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागरी पूर्णिमा और रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह दिन विशेष होता है क्योंकि पूरे वर्ष में केवल इसी दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है। हिंदू धर्म में इस शुभ तिथि पर कोजागर व्रत का महत्व है, जिसे कौमुदी व्रत भी कहा जाता है। यह पवित्र पर्व 2025 में 5 अक्टूबर को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा।

  • दिनांक- 5 अक्टूबर 2025
  • दिन- रविवार 

7. कार्तिक स्नान | Kartik snan 

कार्तिक स्नान, हिंदू धर्म की एक पवित्र परंपरा है, जो कार्तिक मास में पवित्र नदियों में स्नान करने से जुड़ी है। यह महीना भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है और इसे धर्म, भक्ति और आत्मिक शुद्धि का प्रतीक कहा जाता है। मान्यता है कि कार्तिक स्नान से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि, आरोग्य, और मानसिक शांति का वरदान मिलता है। साथ ही, यह स्नान जाने-अनजाने किए गए पापों को धो देता है और भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। 2025 में कार्तिक स्नान का आरंभ 7 नवंबर से होगा, जब श्रद्धालु इस पावन अनुष्ठान को श्रद्धा और आस्था के साथ करेंगे।

  • दिनांक- 7 अक्टूबर 2025
  • दिन- hai मंगलवार 

8. परगट दिवस | Pargat Diwas 

परगट दिवस, जिसे वाल्मीकि जयंती के नाम से भी जाना जाता है, भारत का एक प्रमुख उत्सव है, जिसे प्राचीन भारतीय कवि और महान दार्शनिक महर्षि वाल्मीकि के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। महर्षि वाल्मीकि, जिन्हें आदि कवि कहा जाता है, लगभग 500 ईसा पूर्व में रहे थे और उन्होंने रामायण की रचना की थी। इस दिन बाल्मीकि समुदाय और अन्य श्रद्धालु उनके जीवन और शिक्षाओं को स्मरण करते हैं। 2025 में यह विशेष दिवस 7 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जब श्रद्धा और उत्साह के साथ उनकी जयंती का पर्व मनाया जाएगा।

  • दिनांक- 7 अक्टूबर 2025
  • दिन- मंगलवार 

9. करवा चौथ | Karva Chauth 

करवा चौथ का व्रत त्याग, प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। इस दिन महिलाएं अपने पति और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हुए निर्जल व्रत रखती हैं। देवी करवा और शिव परिवार की विधि-विधान से पूजा कर, चंद्रमा के दर्शन के बाद ही वे जल और अन्न ग्रहण करती हैं। यह पर्व न केवल पति-पत्नी के अटूट प्रेम को दर्शाता है, बल्कि तपस्या और भक्ति की अद्भुत मिसाल भी पेश करता है। 2025 में यह शुभ पर्व 10 अक्टूबर को धूमधाम से मनाया जाएगा।

  • दिनांक- 10 अक्टूबर 2025
  • दिन- शुक्रवार 

10. रोहिणी व्रत | Rohini Vrat 

रोहिणी व्रत, 27 नक्षत्रों में से एक विशेष नक्षत्र, रोहिणी के सम्मान में किया जाता है। यह केवल एक साधारण व्रत नहीं, बल्कि एक उत्सव की तरह मनाया जाता है। जब सूर्योदय के बाद रोहिणी नक्षत्र अपनी पूरी शक्ति से प्रकट होता है, उसी दिन यह व्रत किया जाता है। 2025 में यह व्रत 11 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन का महत्व और पूजा विधि विशेष रूप से श्रद्धा और आस्था से जुड़ी होती है।

  • दिनांक- 11 अक्टूबर 2025
  • दिन- शनिवार 

11. कालाष्टमी | Kalashtami 

कालाष्टमी, हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण धार्मिक पूजा है, जो खासकर भगवान काल भैरव की आराधना के लिए समर्पित है। इसे भैरवाष्टमी भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान काल भैरव ने अपने रूप में प्रकट होकर संसार को अभय दिया। इस दिन पूजा, पाठ और दान करने से भगवान काल भैरव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सारी परेशानियों से मुक्ति मिलती है। इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव और उनके रूप काल भैरव की पूजा करने से इच्छाएं पूरी होती हैं। 2025 में यह पर्व 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

  • दिनांक- 13 अक्टूबर 2025
  • दिन- सोमवार 

12. अहोई अष्टमी | Ahoi Ashtami 

अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। नारद पुराण के अनुसार, इस व्रत को पूरी श्रद्धा और भक्ति से करने वाला व्यक्ति समृद्धि, सुख-शांति और दीर्घकालिक आनंद प्राप्त करता है। यह व्रत विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है, जिसमें महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और स्वास्थ्य की कामना करती हैं। 2025 में यह व्रत 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

  • दिनांक- 13 अक्टूबर 2025
  • दिन- सोमवार 

13. रमा एकादशी | Rama Ekadashi 

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी के रूप में मनाया जाता है। यह विशेष दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है। 2025 में यह व्रत 17 अक्टूबर को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भक्तों द्वारा पूजा और दान करने से धन-लाभ के अवसर उत्पन्न होते हैं और श्री विष्णु की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। रमा एकादशी का व्रत, विशेष रूप से धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है।

  • दिनांक- 17 अक्टूबर 2025
  • दिन- शुक्रवार 

14. धनतेरस | Dhanteras 

धनतेरस, दिवाली महापर्व की शुरुआत का प्रतीक है, जो 18 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन सोने-चांदी की खरीदारी और लक्ष्मी-कुबेर पूजा की परंपरा के साथ-साथ, सबसे महत्वपूर्ण कार्य देव धन्वंतरि की आराधना है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस के दिन ही समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन उनके पूजन का विशेष महत्व है। यह दिन न केवल समृद्धि की कामना के लिए, बल्कि स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति के लिए भी बेहद शुभ माना जाता है।

  • दिनांक- 18 अक्टूबर 2025
  • दिन- शनिवार 

15. नर्क चतुर्दशी | Narak Chaturdashi 

यह पर्व नरक चौदस या नर्क चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है, जो कार्तिक माह की कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन प्रातः काल तेल लगाकर अपामार्ग की पत्तियों को जल में डालकर स्नान करने से व्यक्ति को नरक से मुक्ति मिलती है। जो व्यक्ति इस दिन विधिपूर्वक पूजा करता है, वह अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है और स्वर्ग का सुख प्राप्त करता है। यह पर्व 2025 में 19 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जो आत्मशुद्धि और धर्म की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।

  • दिनांक- 19 अक्टूबर 2025
  • दिन- रविवार 

16. दीपावली | Deepawali 

दीपावली, जिसे दीवाली भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और उल्लासपूर्ण पर्व है, जो हर साल कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है। यह त्योहार अंधकार से प्रकाश की ओर और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। इस दिन भगवान राम के अयोध्या आगमन, देवी लक्ष्मी के स्वागत और भगवान गणेश की पूजा का आयोजन होता है। लोग अपने घरों को सजाते हैं, दीप जलाते हैं, मिठाइयाँ बांटते हैं और पटाखे फोड़ते हैं। दीपावली खुशियों, समृद्धि और सुख-शांति का पर्व है। इस वर्ष, 2025 में, यह विशेष पर्व 19 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

  • दिनांक- 19 अक्टूबर 2025
  • दिन- रविवार 

17. भौमवती अमावस्या | Bhomvati Amavasya

जब अमावस्या मंगलवार के दिन आती है, तो इसे भौमवती अमावस्या कहा जाता है। मंगलवार को भौमवार भी कहा जाता है, क्योंकि मंगल ग्रह को भौम के नाम से जाना जाता है। इस दिन का विशेष धार्मिक महत्व है, खासकर पितृ दोष और मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव को समाप्त करने के लिए। इस दिन भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा करने से इन दोषों से मुक्ति मिलती है। भौमवती अमावस्या का आयोजन 21 अक्टूबर 2025 को होगा, और यह दिन विशेष रूप से पवित्र और शुभ माना जाता है।

  • दिनांक- 21 अक्टूबर 2025
  • दिन- मंगलवार 

18. गोवर्धन पूजा | Govardhan Puja 

गोवर्धन पूजा दीपावली के दूसरे दिन मनाई जाती है, जो विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाने की याद में होती है। मान्यता है कि जब इन्द्रदेव ने गोकुलवासियों से नाराज होकर मूसलधार बारिश शुरू कर दी थी, तब भगवान श्री कृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर गांववासियों को बारिश से बचाया। इस दिन लोग गोवर्धन पर्वत की पूजा करते हैं और घरों में पकवान बनाकर उन्हें भगवान को अर्पित करते हैं। यह पर्व प्रकृति और उसके संरक्षण का प्रतीक है। 2025 में गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

  • दिनांक- 22 अक्टूबर 2025
  • दिन- बुधवार 

19. भाई दूज | Bhai Dooj 

भाई दूज, दीपावली के दूसरे दिन मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। यह भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत करने का दिन है। इस दिन, बहन अपने भाई को तिलक कर भोजन देती है और उसकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती है। भाई अपनी बहन को उपहार देता है और उसे अपनी सुरक्षा का वचन देता है। भाई दूज का महत्व खासकर भाई-बहन के रिश्ते को संजोने और प्रेम बढ़ाने में है। यह दिन परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और एकता को बढ़ावा देता है। 2025 में 23 अक्टूबर को मनाई जाएगी

  • दिनांक- 23 अक्टूबर 2025
  • दिन- गुरुवार 

20. वरद चतुर्थी | Varad Chaturthi 

वरद चतुर्थी, जिसे गणेश चतुर्थी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण त्योहार है जो भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। गणेश जी को विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है, और इस दिन उनकी मूर्ति स्थापित कर विशेष विधि से उनकी पूजा की जाती है। यह व्रत विशेष रूप से भगवान गणेश के आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए किया जाता है। वरद चतुर्थी को वरद वरद चतुर्थी भी कहा जाता है। वर्ष 2025 में यह पर्व 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा, और यह दिन भक्तों के लिए एक महान आध्यात्मिक अनुभव लेकर आता है।

  • दिनांक- 25 अक्टूबर 2025
  • दिन- शनिवार 

21. लाभ पंचमी | Labh Panchami 

लाभ पंचमी, कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाने वाला एक खास पर्व है, जिसे सौभाग्य पंचमी और ज्ञान पंचमी भी कहा जाता है। यह त्योहार दिवाली के बाद आता है और नए साल का पहला कार्य दिवस होता है, जिसे विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दिन लोग न केवल घर में पूजा-अर्चना करते हैं, बल्कि नए कार्यों की शुरुआत भी करते हैं। माना जाता है कि लाभ पंचमी के दिन की पूजा से जीवन में सौभाग्य और समृद्धि का वास होता है, और यह दिन व्यवसाय और व्यापार में सफलता की प्राप्ति का संकेत देता है। 2025 में यह पर्व 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

  • दिनांक- 26 अक्टूबर 2025
  • दिन- रविवार 

22. छठ पर्व | Chhat Puja

छठ पर्व, जिसे छइठ या षष्ठी पूजा भी कहा जाता है, कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह सूर्योपासना से जुड़ा एक अद्भुत लोक पर्व है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इसे मैथिल, मगही और भोजपुरी समुदायों का सबसे प्रमुख पर्व माना जाता है। इस दिन श्रद्धालु सूर्य देवता और उनकी उपास्य देवी उषा और प्रत्यूषा की पूजा करते हैं। 2025 में यह पर्व 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा, और यह दिन श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक बनकर परिवारों में समृद्धि और सुख-शांति लाता है।

  • दिनांक- 27 अक्टूबर 2025
  • दिन- सोमवार 

23. मासिक दुर्गाष्टमी | Masik Durgashtami 

मासिक दुर्गाष्टमी, हिंदू धर्म का एक विशेष व्रत है, जो प्रत्येक महीने की अष्टमी तिथि को बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है, और माना जाता है कि इस व्रत को करने से देवी दुर्गा की अपार कृपा प्राप्त होती है। खास बात यह है कि मासिक दुर्गाष्टमी की पूजा का फल नवरात्रि के व्रत के समान होता है। इस दिन श्रद्धालु अपनी श्रद्धा और भक्ति से मां दुर्गा को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। 2025 में यह पवित्र पर्व 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा, और भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने का वचन देता है।

  • दिनांक- 30 अक्टूबर 2025
  • दिन- गुरुवार 

24. अक्षय नवमी | Akshay Navami

अक्षय नवमी, जो कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है, एक अत्यंत शुभ और पवित्र पर्व है। इसे आंवला नवमी भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन विशेष रूप से आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और भगवान शिव की पूजा की जाती है, और व्रत रखने के साथ-साथ कथा-वार्ता का आयोजन किया जाता है। माना जाता है कि इस दिन दान-पुण्य करने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। आंवले के पेड़ की छांव में बैठना और उसके नीचे भोजन बनाना भी विशेष रूप से शुभ माना जाता है। साथ ही, इस दिन किए गए जप-तप और दान से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। 2025 में यह पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा, और यह दिन पुण्य और आशीर्वाद का संगम बनकर जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाने का प्रतीक होता है।

  • दिनांक- 31 अक्टूबर 2025
  • दिन- गुरुवार 

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Conclusion

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (अक्टूबर 2025 के व्रत एवं त्यौहार) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद 

FAQ’s

Q. महानवमी का पर्व कब मनाया जाता है?

Ans. महानवमी नवरात्रि के नौवें दिन मनाया जाता है, जो 2025 में 1 अक्टूबर को होगा।

Q. विजयादशमी का क्या धार्मिक महत्व है?

Ans. विजयादशमी बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है, जिसमें भगवान राम ने रावण का वध किया और देवी दुर्गा ने महिषासुर का संहार किया था।

Q. गांधी जयंती कब मनाई जाती है?

Ans. गांधी जयंती 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाई जाती है और इसे ‘अहिंसा दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है।

Q. पापांकुशा एकादशी का व्रत कब मनाया जाता है?

Ans. पापांकुशा एकादशी आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है, जो 2025 में 3 अक्टूबर को होगी।

Q. प्रदोष व्रत कब और क्यों मनाया जाता है?

Ans. प्रदोष व्रत हर महीने के त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है, जिसमें भगवान शिव की पूजा से सभी दोष समाप्त होते हैं और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

Q. शरद पूर्णिमा का महत्व क्या है?

Ans. शरद पूर्णिमा आश्विन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है, जब चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है, और इसे कोजागर व्रत भी कहते हैं।