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Gulshan kumar Shiv Bhajan: महादेव की भक्ति में खोने के लिए सुने गुलशन कुमार के ये बेस्ट शिव भजन।

Gulshan kumar Shiv Bhajan
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गुलशन कुमार के शिव भजन (Gulshan kumar Shiv Bhajan): सावन का महीना हिंदू धर्म में एक बेहद पवित्र और आध्यात्मिक महीना माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है। सावन के महीने में शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है और वातावरण भक्ति रस से सराबोर हो जाता है। भगवान शिव के भक्तों के लिए सावन का महीना एक अद्भुत अवसर लेकर आता है – अवसर अपने आराध्य की भक्ति में डूब जाने का, अवसर अपने मन को शांति और सकारात्मकता से भर देने का। इस दौरान मंदिर और घरों में भगवान शिव के भजन गाए जाते हैं जो माहौल को भक्तिमय बना देते हैं।

भारतीय संगीत जगत में भगवान शिव पर अनेक भजन रचे गए हैं। इनमें से कुछ भजन इतने लोकप्रिय हुए कि वे हर भक्त की जुबान पर चढ़ गए। ऐसे ही कुछ यादगार शिव भजनों को गाया है स्वर सम्राट गुलशन कुमार ने। उनकी मधुर आवाज़ ने इन भजनों को अमर बना दिया है। गुलशन कुमार (Gulshan kumar Shiv Bhajan) के गाए शिव भजन आज भी उतने ही प्रासंगिक और प्रेरणादायक हैं जितने पहले थे। इनमें निहित भाव और संदेश सावन के इस पावन अवसर पर हमें भगवान शिव के प्रति समर्पण और श्रद्धा का एहसास कराते हैं। आइए, इस लेख में हम गुलशन कुमार जी के कुछ प्रसिद्ध शिव भजनों के बोल समझने का प्रयास करते हैं और सावन के इस पावन महीने में श्रद्धा और भक्ति का रस पीते हैं…

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Table Of Content :-Gulshan kumar Shiv Bhajan

S.NOभजन
1चल रे कावडिया शिव के धाम
2शिव शंकर को जिसने पूजा
3सुबह सुबह ले शिव का नाम
4हे भोले शंकर पधारो हे भोले शम्भू पधारो
5जय भोले, जय भंडारी, तेरी है महिमा न्यारी

1.चल रे कावडिया शिव के धाम (Chal re Kanwariya Shiv ke Dham)

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कावड़ कान्धे धर के बना तू,
शिव नाम को जोगी,
मन में रख भरोसा तुझ पे,
शिव की करुणा होगी,
शिव की करुणा होगी,
कावड़ साधना है न्यारी,
कावड़ शिव को बहुत प्यारी,
चल रे कावडिया शिव के धाम,
चल रे कावडिया शिव के धाम,
बोल बम बोल बम बोल बम बोल,
तेरा कुछ ना लगेगा मोल ॥

कावड़ के इस तप से तूने,
ऐसा पारस होना,
मिट्टी को तेरा हाथ लगे तो,
वो भी बन जाये सोना,
वो भी बन जाये सोना,
आगे बढ़ता जा तु प्यारे,
बाबा तेरी बाट निहारे,
चल रे कावडिया शिव के धाम,
चल रे कावडिया शिव के धाम,
बोल बम बोल बम बोल बम बोल,
तेरा कुछ ना लगेगा मोल ॥

गंगा जी का पावन जल जो,
शिव को अर्पण करता,
अश्वमेध के यज्ञ बराबर,
उसको फल है मिलता,
उसको फल है मिलता,
शिव है तीन लोक का दाता,
शिव है सिरजनहार विधाता,
चल रे कावडिया शिव के धाम,
चल रे कावडिया शिव के धाम,
बोल बम बोल बम बोल बम बोल,
तेरा कुछ ना लगेगा मोल ॥

चाहे छाय हो बादल काले,
चाहे पाँव में पड़ जाय छाले,
चल रे कावड़िया शिव के धाम,
चाहे आग गगन से बरसे,
चाहे पानी को मन तरसे,
चल रे कावडिया शिव के धाम,
चल रे कावडिया शिव के धाम,
बोल बम बोल बम बोल बम बोल,
तेरा कुछ ना लगेगा मोल ॥

2. शिव शंकर को जिसने पूजा (Shiv Shankar ko Jisne Pooja)

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शिव शंकर को जिसने पूजा,
उसका ही उद्धार हुआ ।
अंत काल को भवसागर में,
उसका बेडा पार हुआ ॥

भोले शंकर की पूजा करो,
ध्यान चरणों में इसके धरो ।
हर हर महादेव शिव शम्भू,
हर हर महादेव शिव शम्भू ।
हर हर महादेव शिव शम्भू…

डमरू वाला है जग में दयालु बड़ा
दीन दुखियों का देता जगत का पिता ॥
सब पे करता है ये भोला शंकर दया
सबको देता है ये आसरा ॥

इन पावन चरणों में अर्पण,
आकर जो इक बार हुआ,
अंतकाल को भवसागर में,
उसका बेडा पार हुआ,
हर हर महादेव शिव शम्भू,
हर हर महादेव शिव शम्भू ।
हर हर महादेव शिव शम्भू…

नाम ऊँचा है सबसे महादेव का,
वंदना इसकी करते है सब देवता ।
इसकी पूजा से वरदान पातें हैं सब,
शक्ति का दान पातें हैं सब।

नाथ असुर प्राणी सब पर ही,
भोले का उपकार हुआ ।
अंत काल को भवसागर में,
उसका बेडा पार हुआ॥

शिव शंकर को जिसने पूजा,
उसका ही उद्धार हुआ ।
अंत काल को भवसागर में,
उसका बेडा पार हुआ ॥

भोले शंकर की पूजा करो,
ध्यान चरणों में इसके धरो ।
हर हर महादेव शिव शम्भू,
हर हर महादेव शिव शम्भू ।
हर हर महादेव शिव शम्भू…

3. सुबह सुबह ले शिव का नाम (Subah Subah le shiv ka Name)

सुबह सुबह ले शिव का नाम,
कर ले बन्दे यह शुभ काम ।
सुबह सुबह ले शिव का नाम,
शिव आयेंगे तेरे काम ॥
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय…

खुद को राख लपेटे फिरते,
औरों को देते धन धाम ।
देवो के हित विष पी डाला,
नीलकंठ को कोटि प्रणाम ॥
॥ सुबह सुबह ले शिव…॥

शिव के चरणों में मिलते है,
सारी तीरथ चारो धाम ।
करनी का सुख तेरे हाथों,
शिव के हाथों में परिणाम ॥
॥ सुबह सुबह ले शिव…॥

शिव के रहते कैसी चिंता,
साथ रहे प्रभु आठों याम ।
शिव को भजले सुख पायेगा,
मन को आएगा आराम ॥
॥ सुबह सुबह ले शिव…॥

सुबह सुबह ले शिव का नाम,
कर ले बन्दे यह शुभ काम ।
सुबह सुबह ले शिव का नाम,
शिव आयेंगे तेरे काम ॥

4.हे भोले शंकर पधारो हे भोले शम्भू पधारो (Hey Bhole Shankar Padharo)

हे भोले शंकर पधारो हे भोले शम्भू पधारो
बैठे छिप के कहाँ जटा धारी पधारो
बैठे छिप के कहाँ, गंगा जटा में तुम्हारी
गंगा जटा में तुम्हारी, हम प्यासे यहाँ ॥
महा सती के पति मेरी सुनो वंदना ।
हे भोले शंकर पधारो बैठे छिप के कहाँ
आओ मुक्ति के दाता पड़ा संकट यहाँ ॥
महा सती के पति बोलो छुपे हो कहाँ हे॥
भोले शंकर पधारो ॥

बगीरथ को गंगा प्रभु तुमने दी थी,
सगर जी के पुत्रों को मुक्ति मिली थी ।
इच्छा तुम्हारी बिना कुछ भी नहीं होता ॥
हे भोले शम्भू पधारो हे गौरी शंकर पधारो
किस ने रोके वहां,आयो भसम रमयिया
सब को तज के यहाँ सब को तज के यहाँ ॥
भोले शंकर पधारो ॥

मेरी तपस्या का फल चाहे लेलो,
गंगा जल अब अपने भक्तो को दे दो ।
प्राण पखेरू कहीं प्यासा उड़ जाए ना,
कोई तेरी करुना पे उंगली उठाए ना ॥
भिक्षा मैं मांगू जन कल्याण की,
भिक्षा मैं मांगू जन कल्याण की,
इच्छा करो पूरी गंगा स्नान की ॥
अब ना देर करो, आके कष्ट हरो,
मेरी बात रख लो, मेरी लाज रख लो ॥
हे भोले गंगधर पधारो, हे भोले विषधर पधारो,
डोरी टूट जाए ना, मेरा जग में नहीं कोई
तेरे बिना मेरा जग में नहीं कोई तेरे बिना ॥
भोले शंकर पधारो ॥

नंदी की सौगंध तुमे, वास्ता कैलाश का,
बुझ ना देना दीया मेरे विशवास का ।
पूरी यदि आज ना हुई मनोकामना,
फिर दीनबंधू होगा तेरा नाम ना ।
भोले नाथ पधारो, उमा नाथ पधारो
तुमने तारा जहां,आओ महा सन्यासी
अब तो आ जाओ ना आओ महा सन्यासी अब तो आ जाओ ना ॥
भोले शंकर पधारो ॥

5. जय भोले, जय भंडारी, तेरी है महिमा न्यारी (Jai Bhole, Jai Bhandari, Teri Hai Mahima Nyari)

जय भोले, जय भंडारी, तेरी है महिमा न्यारी
जय भोले, जय भंडारी, तेरी है महिमा न्यारी
तेरी मोहनी मूरत लगे है प्यारी
जय भोले, जय भंडारी, तेरी है महिमा न्यारी
तेरी मोहनी मूरत लगे है प्यारी
जय भोले, जय भंडारी, तेरी है महिमा न्यारी
कण-कण में है तेरा वास प्रभु
है तीनों लोक में तू ही तू
जल में है, थल में है, नभ में
पवन में है, तेरी छवि है समाई
डमरू की धुन में है, झूमे है सृष्टि
महिमा ये कैसी रचाई
तेरी जय-जय करे दुनिया सारी
जय भोले, जय भंडारी, तेरी है महिमा न्यारी
जिसने भी तेरा ध्यान किया
उसको सुख का वरदान दिया
दानी है, वरदानी है, भोले बाबा
है भक्तों पे उपकार तेरा
रावण को दे डाली सोने की लंका
किया आप परबत पे डेरा
नहीं दूजा कोई तुमसा है उपकारी
जय भोले, जय भंडारी, तेरी है महिमा न्यारी
जय भोले, जय भंडारी, तेरी है महिमा न्यारी
तेरी मोहनी मूरत लगे है प्यारी
जय भोले, जय भंडारी, तेरी है महिमा न्यारी
जय भोले, जय भंडारी, तेरी है महिमा न्यारी

Conclusion:-Gulshan kumar Shiv Bhajan

सावन (Sawan) के महीने में गुलशन कुमार (Gulshan Kumar) जी के शिव भजनों की अमर धुनें आज भी भक्तों को भक्ति में लीन कर देती हैं। उनके भजनों ने पीढ़ियों को शिव भक्ति से जोड़ा है। ईश्वर की भक्ति और प्रेम का संदेश देते ये भजन आने वाले समय में भी लोगों को प्रेरित करते रहेंगे। गुलशन कुमार जी की दिव्य आवाज में शिव भजनों की अमर धरोहर हमेशा अमर रहेगी और सावन के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं के मन-मंदिर में शिव प्रेम की ज्योति जगाती रहेगी। भगवान शिव और सावन के इस पावन माह से संबंधित और भी विशेष लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करें।

FAQ’s:-Gulshan kumar Shiv Bhajan

Q.सावन मास का क्या महत्व है?

Ans. सावन मास का हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्व है। यह भगवान शिव को समर्पित होता है और इस महीने में शिव भक्त व्रत, पूजा और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का पालन करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में शिव की आराधना से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।

Q.सावन के महीने में कौन से त्योहार मनाए जाते हैं?

Ans. सावन (Sawan) के महीने में मुख्य रूप से नाग पंचमी, हरियाली तीज, और रक्षाबंधन जैसे त्योहार मनाए जाते हैं। इन त्योहारों का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है और इन्हें बड़े उत्साह और श्रद्धा से मनाया जाता है।

Q. सावन सोमवार व्रत का क्या महत्व है?

Ans. सावन सोमवार (Sawan Somvar) व्रत का विशेष महत्व है क्योंकि यह भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन शिव भक्त उपवास रखते हैं और शिव मंदिरों में जाकर जलाभिषेक करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

Q. कांवड़ यात्रा क्या है और इसका सावन से क्या संबंध है?

Ans. कांवड़ यात्रा एक धार्मिक यात्रा है जिसमें शिव भक्त गंगाजल लेकर शिव मंदिरों में अर्पित करते हैं। यह यात्रा मुख्य रूप से सावन महीने में होती है और इसे भगवान शिव की आराधना और भक्ति का प्रतीक माना जाता है।

Q.सावन मास में कौन-कौन से धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं?

Ans. सावन मास में शिवलिंग पर जलाभिषेक, बेलपत्र अर्पण, रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय मंत्र का जाप जैसे धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। इन अनुष्ठानों का उद्देश्य भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना और समृद्धि की कामना करना होता है।

Q. सावन में बेलपत्र का क्या महत्व है?

Ans. बेलपत्र (Belpatra) का सावन मास में अत्यधिक महत्व है क्योंकि यह भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। ऐसा माना जाता है कि बेलपत्र अर्पण करने से शिव भक्तों को विशेष आशीर्वाद मिलता है और उनकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।